पंच मत उद्घोष

पंच मत उद्घोष English language expert, editor, motivational speaker, writer,orator ,talk show organiser, keen
(3)

I m basically an English Teacher with a keen interest in cultural, religious, social, historical and day to day activities of People. The purpose of this page is to show the culture,of Karauli and elsewhere with a view to create social harmony and aquaint the younger generation with many things which they don't know.

प्रतिद्वंदियों के सहयोग से "अजातशत्रु "बनेंगे मोदी ? लगभग सभी  एग्जिट पोल्स  मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ( NDA) के विजेता...
02/06/2024

प्रतिद्वंदियों के सहयोग से "अजातशत्रु "बनेंगे मोदी ?

लगभग सभी एग्जिट पोल्स मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ( NDA) के विजेता होने का अनुमान लगा रहे हैं। चार जून नजदीक ही है , यदि मोदी अपनी तिकड़ी लगाते हैं तो वे "अपराजेय" होने का तमगा हासिल कर लेंगे। वे नेहरू के बाद लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले करिश्माई नेता बन जाएंगे।

मोदी की इस संभावित जीत में उनके सहयोगियों से अधिक उनके प्रतिद्वंदियों के योगदान को याद किया जाएगा। राहुल गांधी ने अपनी अपरिपक्वता , अपने करियर को सीरियसली न लेने की विचित्र दीवानगी और कभी न सीखने की अदभुत कला से तो केजरीवाल ने अपने काइयांपन से उन मतदाताओं को भी मोदी की ओर पुनः मोड़ दिया जो महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त होकर इस बार मोदी के विरुद्ध मतदान करने का मानस बना चुके थे।

वास्तव में मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व और स्वतः-स्फूर्त वक्तृता ने अपनी नाकामियों को बखूवी ढक दिया और सत्ता की आस लगाए बैठे अपने प्रतिद्वंदियों को उन्हीं के तीर से चित्त कर के अजातशत्रु बन गए।

तुलसी दास मुद्गल "पंच"
करौली (राजस्थान)

02/06/2024

ये काम ऐसा जो आदमी को अमर बना देता है

गौसेवा में धन का सदुपयोग कर रहे रामस्वरूप कंपाउंडरधन - दौलत ईश्वर अनेक लोगों को देता है लेकिन व्यक्ति या तो उस धन को खर्...
02/06/2024

गौसेवा में धन का सदुपयोग कर रहे रामस्वरूप कंपाउंडर

धन - दौलत ईश्वर अनेक लोगों को देता है लेकिन व्यक्ति या तो उस धन को खर्च ही नहीं करता , उससे चिपक कर बैठ जाता है ,या अविवेकी होने की स्थिति में वित्त का व्यसनों में अपव्यय करता है अथवा कपूत संतान होने की स्थिति में धन की बर्बादी हो जाती है। धन्यभागी हैं वे लोग जिनमें उपरोक्त वर्णित कोई दोष नहीं होता और वे अपनी धन - संपत्ति का सत्कार्यों में उपयोग कर पाते हैं।

ऐसे ही " उपकारी की संपत्ति " वाले सज्जन हैं श्री राम स्वरूप जी कंपाउंडर जिन्होंने अपने धन का सदुपयोग गोरक्षा और गौसेवा के लिए करते हुए करौली की प्रसिद्ध यादव वाटी गोशाला में एक लाख इक्यावन हजार रुपए का दान किया। राम स्वरूप जी का यह पुण्य कार्य न केवल अनुकरणीय है बल्कि प्रेरणास्पद भी है। कंपाउंडर साहब इससे पूर्व भी रणगवां ताल, केसरिया धाम बाला जी, पाताली हनुमान जैसी करौली की धरोहरों और मोक्षधाम जैसे सर्वोपयोगी स्थलों के संरक्षण,संवर्धन और विकास में अपना यथाशक्ति योगदान कर चुके हैं।

राम स्वरूप जी कंपाउंडर का संबंध करौली के धनाढ्य परिवार से रहा है ।इनके पिता स्व प्रभु लाल जी अंग्रेजों के जमाने के चिकित्सा कर्मी रहे हैं। स्वयं राम स्वरूप जी ने नर्सिंग कर्मी होते हुए भी अपनी अदभुत प्रतिभा से करौली में डॉक्टर जैसी प्रतिष्ठा अर्जित की है। इनके के अनुज पुष्पेंद्र नाथ शर्मा और ज्येष्ठ पुत्र अशोक शर्मा भी डॉक्टर हैं जबकि कंपाउंडर जी के मझले पुत्र विनोद शर्मा मेडिकल व्यवसायी तथा कनिष्ठ पुत्र अनिल शर्मा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष है। शर्मा जी के सुपौत्र सनी शर्मा समाजसेवी हैं ।

गौसेवा के पुनीत कार्य में योगदान करने के लिए राम स्वरूप जी कंपाउंडर का साधुवाद।

तुलसी दास मुद्गल "पंच"
करौली (राजस्थान)

कृतघ्नता से नहीं उतरेगा " ब्राह्मणत्व " का कर्ज़          ( विश्व ब्राह्मण दिवस विशेष)ब्राह्मण संगठनों द्वारा आज" विश्व ...
01/06/2024

कृतघ्नता से नहीं उतरेगा " ब्राह्मणत्व " का कर्ज़

( विश्व ब्राह्मण दिवस विशेष)

ब्राह्मण संगठनों द्वारा आज" विश्व ब्राह्मण दिवस " मनाया जा रहा है। आज के सांकेतिक महत्त्व को ध्यान में रखकर लिखे इस लेख का उद्देश्य ब्राह्मणत्व के शाश्वत मूल्यों को रेखांकित करना है। 'जिसे ब्रह्म का ज्ञान है , जो ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न हुआ है ,तथा जो सम्पूर्ण चराचर जगत को अपना अभिन्न अंग मानता है वह ब्राह्मण है। '

ब्राह्मणत्व स्वयं में पूरी सृष्टि को समाहित किए हुए है। इस विराट ब्राह्मणत्व के पालनकर्ता ' ब्राह्मण ' सृष्टि के आदि से ही प्राणीमात्र के हित में निस्वार्थ लगे हुए हैं। ब्राह्मणों ने ईश्वर प्रदत्त ज्ञान को लोक हितार्थ वेदों में सन्निहित किया। अपने मनोभावों को व्यक्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्कृत भाषा सहित अनेक भाषाओं की रचना की; संसार को ध्वनि विज्ञान का सर्वप्रथम ज्ञान पाणिनि ने दिया जिससे उत्प्रेरित होकर इंग्लिश भाषा में Phonetics का विकास हुआ;रोग निदान व रोग मुक्ति के लिए प्रामाणिक आयुर्वेद का विकास किया जिसके सामने आज विश्व नतमस्तक है ; गणित शास्त्र व खगोल विज्ञान की दुर्लभ खोजें की जो आज भी हमें विस्मित करती हैं। धातुविज्ञान, शास्त्र विद्या, शस्त्र विद्या, नाट्य शास्त्र, केश अलंकार, काम शास्त्र, मूर्ति कला ,युद्ध विद्या ,अर्थशास्त्र, नीतिशास्त्र, विधि विज्ञान; आदि अनंत विद्याओं के विकास में प्रमुख योगदान निस्वार्थ ब्राह्मणों का है जिन्होंने इतनी सारी विद्याओं का विकास किया पर कभी अपने नाम और व्यक्तिगत समृद्धि की कामना नहीं की।ब्राह्मण सदैव परम ज्ञानी किन्तु धनहीन रहे।

सृष्टि के रहस्यों को ब्राह्मणों ने अपनी सूक्ष्म मेधा से उजागर किया और प्राणीमात्र को उपकृत किया। इस विराट ब्राह्मणत्व के ऋण से कोई तभी उऋण हो सकता है जब वह भी उसी निस्वार्थ भाव से जीवमात्र की भलाई के काम करे। कृतघ्नता प्रदर्शन व मान और अपमान के जंजाल के मुक्त ब्राह्मणों के अपमान की कुचेष्टा किसी को ब्राह्मणत्व के ऋण से किसी को मुक्ति नहीं दिला सकता।

अनादि काल से ब्राह्मणों की बहुमुखी प्रतिभा विभिन्न क्षेत्रों में देखने को मिलती है। आज पूरे विश्व में ब्राह्मण अपने पूर्वजों से प्राप्त सेवा संस्कारों का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न रूपों में अपना महत्त्व बनाए हुए हैं। आज ब्राह्मण श्रेष्ठ वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजिनियर, ब्यूरोक्रेट, मिलिट्री जनरल, नेता ,अभिनेता, सब कुछ हैं जबकि उन्हें राज्याश्रय नाम पर कुछ नहीं है।

ब्राह्मणों की इस अद्भुत प्रतिभा से अयोग्य मानुसों का भुन - भुन कर जलना स्वाभाविक ही है। भारत के मानसिक दरिद्रो की ब्राह्मणत्व से पार न पाने की अक्षमता एक असहाय प्राणी की तरह ब्राह्मणों को गाली देने के रूप व्यक्त में होती है।भेदभावपूर्ण कानूनों का सहारा लेकर ब्राह्मणों व सवर्णों को झूंठे केसों में फसाना , गंदी टिप्पणी करके ब्राह्मणों को अपमानित करने की कोशिश करना, जैसे लाचार उपायों द्वारा कुछ भ्रमित जीव ब्राह्मणत्व के अनंत काल से चले आ रहे प्रगति रथ को रोकने की व्यर्थ कोशिश करते हैं, जो हास्यास्पद भी है और निंदनीय भी ।

वर्तमान में ब्राह्मणों व सवर्णों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। बेहतर होता कि ब्रह्मद्वेषी बौद्धिक दरिद्र ब्राह्मण सवर्णों को कानूनी पेचों में फंसाने के निकृष्ट हथकंडों को अपनाने के बजाय स्वयं के आत्मोत्थान के लिए ब्राह्मणों की तरह मेहनत करके आगे बढ़ने का मार्ग अपनाते, बैसाखियों का परित्याग करते !!

जय ब्राह्मणत्व ,जय परशुराम।

तुलसी दास मुद्गल "पंच"
करौली ( करौली )

वेदार्थ की शानदार सफलतासामान्य चिकत्सालय में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत राघवेंद्र शुक्ला और  मल्टी -  टैलेंटेड अध्या...
31/05/2024

वेदार्थ की शानदार सफलता

सामान्य चिकत्सालय में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत राघवेंद्र शुक्ला और मल्टी - टैलेंटेड अध्यापिका अमिता वशिष्ठ के सुपुत्र वेदार्थ शुक्ला ने शानदार एकेडमिक प्रदर्शन करते हुए दसवीं कक्षा में 94.17 प्रतिशत अर्जित करके अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्साही स्वयंसेवक, संस्कारित माता - पिता की संतान और इंटरनेट की बारीकियों के गुरु वेदार्थ शुक्ला सृजनात्मक कौशल के धनी हैं। वेदार्थ आम चलन को देखते हुए या आत्मीय जनों की प्रसन्नता के लिए भले ही मेडिकल या इंजीनियरिंग की ढर्रे वाली पढ़ाई की ओर उन्मुख हो जाय किंतु उसका अंतर्निहित टैलेंट उसके लिए एक अलग ही करियर का निर्माण करेगा।

बहुत बहुत बधाई

31/05/2024

सरकारी स्कूल भी कर रहे अच्छा परफॉर्म , निखर रहीं प्रतिभाएं

"परमुखापेक्षी" हिंदी पत्रकारिता मौलिक लेखन में बाधा                  ( हिंदी पत्रकारिता दिवस पर विशेष)आज हिंदी पत्रकारित...
30/05/2024

"परमुखापेक्षी" हिंदी पत्रकारिता मौलिक लेखन में बाधा

( हिंदी पत्रकारिता दिवस पर विशेष)

आज हिंदी पत्रकारिता दिवस है।आज ही के दिन , दिनांक ३० मई १८२६ को पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने कलकत्ता ( तत्कालीन ) से "उदंत मार्तंड" नामक साप्ताहिक अखबार का प्रकाशन प्रारंभ कर के हिंदी पत्रकारिता की नींव डाली थी।

निसंदेह दयानंद सरस्वती और महात्मा गांधी जैसे गैर हिंदी भाषियों के अथक प्रयासों से आधुनिक हिंदी लेखन के विकास को गति मिली तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिंदी का व्यापक प्रसार और प्रचार हुआ। हिंदी समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का हिंदी के विकास में अतुलनीय योगदान रहा है। आज पूरे विश्व में हिंदी पढ़ाई जाती है। यहां तक कि विदेशी विद्वानों ने भी हिंदी के विकास में महती भूमिका निभाई है। इन सब प्रयासों का परिणाम है कि अंग्रेजी के अनपेक्षित बोलबाले के चलते हुए भी हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित परीक्षा परिणामों में हिंदी माध्यम से आई ए एस बनने वाले अभ्यर्थियों की संख्या सर्वाधिक है।

पर दुख की बात है कि आज की हिंदी पत्रकारिता में मौलिक लेखन को बढ़ावा नहीं दिया जाता। प्रदेश के दो बड़े दैनिक हिंदी अखबारों- राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर - में तो विदेशी लेखकों के लिखे बासे लेखों के हिंदी अनुवाद प्रकाशित करने की होड़ सी मची हुई है। गाहे - बगाहे इन अखबारों में भारतीय लेखकों के लेख भी प्रकाशित होते हैं किंतु उनमें से अधिकांश लेख अंग्रेजी लेखों का हिंदी अनुवाद होते हैं। ऐसा लगता है मानो इन दोनो अखबारों के संपादक मंडलों ने तो यह मान लिया है कि हिंदी में मौलिक लेखन करने वाले बचे ही नहीं या फिर हिंदी दैनिकों के हुक्काम गुलाम मानसिकता से पीड़ित हैं जिन्हें हिंदी पाठकों को अंग्रेजी उच्छिष्ट परोसने में कोई कोफ्त नहीं।

अपार दुःख का विषय है कि आज कोई हिंदी प्रेमी व्यक्ति हिंदी दैनिकों के भरोसे लेखन में स्थापित होना चाहे तो उसे निराशा ही हाथ लगेगी। मौलिक हिंदी लेखों को ' उचित कतर ब्योंत ' के साथ हमारे इन महान हिंदी समाचार पत्रों में "संपादक के नाम पत्र " या "पाठक पीठ " में तो स्थान मिल सकता है पर मुख्य लेख के तौर पर कभी नहीं। शायद ऐसा इसलिए हो कि अखबारों का यह कथित स्पेस अंग्रेजी लखकों अथवा अभिजात्य भारतीय अंग्रेजीदां लेखकों के अनुवाद के लिए जो आरक्षित है !!
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के कथित " कोलेजियम सिस्टम " की तरह अखबारों का भी एक "प्रिय वर्ग " है जिसमे संपादकों एवं लेखकों के प्रियजनों को ही अखबारों में स्थान मिल सकता है किसी अन्य दीन - हीन को नहीं। हिंदी समाचार पत्रों की स्थिति शोचनीय है।

तुलसी दास मुद्गल "पंच"
करौली (राजस्थान)

30/05/2024

दर्शन गुर्जर ने किया कमाल
सरकारी स्कूल के छात्र दर्शन गुर्जर ने आर्थिक तंगी का सामना करते हुए मेहनत की और टॉपर बना। निजी संस्थान ने दर्शन का किया सम्मान।

29/05/2024

अग्रवाल महिलाऐं कर रहीं हैं ग्रीष्मकाल का सदुपयोग

करौली के रौनक व्यास पुत्र श्री भगवान व्यास ने केंद्रीय विद्यालय ,सूरत ( गुजरात) में 12th Class कॉमर्स शानदार अंकों से उत...
28/05/2024

करौली के रौनक व्यास पुत्र श्री भगवान व्यास ने केंद्रीय विद्यालय ,सूरत ( गुजरात) में 12th Class कॉमर्स शानदार अंकों से उत्तीर्ण की।

28/05/2024

कनाडा में भी श्री राधा मदन मोहन जी मंदिर
कनाडाई दंपती ने अपनाया सनातन वैष्णव धर्म , "पोप लीला " छोडी और धर्म परिवर्तन के ठेकेदारों को दिया झटका ।

Does Nehru deserve all this Denigration ?The most - vibrant fad among today's youths is to say all evil things against J...
27/05/2024

Does Nehru deserve all this Denigration ?

The most - vibrant fad among today's youths is to say all evil things against Jawahar Lal Nehru and post his fabricated pictures on social media depicting Nehru in amorously indulging with the charmig women his time or cheekily emiting curls of smoke from the half- burnt fag in his mouth. The question is : was Nehru all this as depicted by his baiters ; anti - Hindu, anti - national, womanizer , hypocrite , sycophant and power - grabber or did he really do any good to his country?
Let's consider some facts .

Jawahar Lal Nehru was born in an aristocratic Brahmin family of British India. He received his higher education from Cambridge England. He was a genius and a multi-talented person of his time. He left his aristocratic ways of living after coming in contact with Gandhiji. He adopted compulsory wearing of khadi even after he became the Prime Minister of Independent India and never fell from grace as some modern leaders do to wear expensive dresses on their foreign tours.

He was a devout patriot a strong believer in the principals of Hinduism.He never criticised or hated Hinduism . He spent nine years of his life in the British prison and suffered all the hardships which he could have easily avoided by siding with the British . No doubt he was a sharp and scheming fellow as Netaji has described him in his book " The Indian Struggle" but Netaji was all praise for his patriotism and deep learning.

He had differences with Patel and spoilt the case of Kashmir and blindly overlooked Chinese advances , for these reasons he deserves bitter criticism but these fact can't overshadow his constructive works he did as a freedom fighter before Independence and as Prime Minister after Independence. No one can deny the facts thet Nehru did his best to make India a modern democratic country by establishing IITs and AIIMS , expanding railways, opening airports and launching new Universities.

He was a strong believer in Lord Krishna's karmayog and wrote many authentic books while serving long terms in jail. By sheer talent he earned the tag of a world leader even when India was regarded as a backward nation.

We can criticise Nehru for his many faults but he has enough traits to be praised as well.
Tulsi Das Mudgal "Panch"
Karauli ( Rajasthan)




श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11 बजे से 12 बजे तक , आरती दर्शन 12 : 15 से 12:30 बजे, तक
26/05/2024

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11 बजे से 12 बजे तक , आरती दर्शन 12 : 15 से 12:30 बजे, तक

याद रहेगा ' ये आइटम वॉटर ऑफ इंडिया'( जादूगर टी सी की तृतीय पुण्यतिथि पर विशेष)करौली के महान नवाचार कर्ताओं की जब भी बात ...
24/05/2024

याद रहेगा ' ये आइटम वॉटर ऑफ इंडिया'

( जादूगर टी सी की तृतीय पुण्यतिथि पर विशेष)

करौली के महान नवाचार कर्ताओं की जब भी बात चलेगी तो उनमें जादूगर सम्राट टी सी सरकार का नाम बड़े सम्मान से लिया जाएगा। जादूगर टी सी सरकार का असली नाम टीकम चंद शर्मा था। एक साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्मे टीकम चंद ने जादू व सम्मोहन कला का ज्ञान अपनी मां श्रीमती धप्पो देवी से प्राप्त किया था। बड़े होकर उन्होंने जादू कला को निखारा और व्यावसायिक स्तर पर लोगों के सामने उसका प्रदर्शन किया। एक बार उन्होंने यह जादू शो संस्कृत स्कूल में , दूसरी बार तत्कालीन प्रेम कोटिया स्कूल अनाज मण्डी में किया तथा एक बार बागुर में किया। करौली के बाहर हिंडौन , गंगापुर व भरतपुर आदि में भी उन्होंने अपने जादू के शो किए थे ।उनके जादू शो को देखने के लिए अपार जन समूह उमड़ पड़ता था।

जादू शो में टी सी सरकार जादू की छड़ी बनाना ,हवा में तैरती हुई लड़की, तलवार पर लेटा हुआ बालक, इन्द्र जाल, नोटों की बरसात , तलवार गर्दन के आर - पार करना, स्टेज से देखते ही देखते व्यक्ति को गायब करके दर्शकों के पीछे से प्रकट करना , जैसे अनेक रोचक कारनामे दिखाते थे। हर आयटम के बीच उनका एक जादुई जमुला चलता था ' और ये आइटम वॉटर ऑफ इंडिया' इसमें टी सी सरकार बार - बार एक कलश को उठाते थे और उसके पानी को दर्शकों के सामने उड़ेल देते , थोड़ी देर बाद कलश में फिर से पानी आ जाता और वे फिर उसे खाली करते और हर बार कहते जाते : ' ये आइटम वॉटर ऑफ इंडिया' टी सी सरकार के जादुई शो में उनके ज्येष्ठ पुत्र सुधीर शर्मा, मझले पुत्र दिनेश शर्मा व कनिष्ठ पुत्र राजेश शर्मा भी अपनी - अपनी निर्धारित भूमिका निभाते। दो आवाज़ में गाने वाले गायक कलाकार मोहम्मद बशीर " साथी चल चल चलें करौली में " और " म्हारी जिंदगानी धूर में मिलादी अनपढ़ सूं करादी म्हारी शादी " जैसे मजेदार गीत सुनाते जिन्हें सुनकर दर्शक लोट पोट हो जाते।

टीकम चंद शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। जादू के अलावा वे एक माहिर शतरंज उस्ताद , कुशल पतंगबाज़ , उत्साही क्रिकेट प्रेमी व बैडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी भी थे साथ ही वे ज्योतिष व तंत्र के भी सिद्ध पुरुष थे। लोग अपनी समस्याएं लेकर उनके पास आते और वे ताश के पत्तों के माध्यम से खोई चीजें बता देते अथवा क्या करना क्या न करना आदि की सटीक सलाह देते।

टी सी सरकार की तृतीय पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन।

तुलसी दास मुद्गल " पंच"
करौली ( करौली )

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11 बजे से 12 बजे तक , आरती दर्शन 12 : 15 से 12:30 बजे तक
24/05/2024

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11 बजे से 12 बजे तक , आरती दर्शन 12 : 15 से 12:30 बजे तक

सर्व समाज के सेवक और ऊर्जा से भरे युवा हैं सनी शर्मा              ( जन्म दिन पर विशेष)सनी शर्मा करौली के  एक ऐसे ऊर्जावा...
23/05/2024

सर्व समाज के सेवक और ऊर्जा से भरे युवा हैं सनी शर्मा

( जन्म दिन पर विशेष)

सनी शर्मा करौली के एक ऐसे ऊर्जावान और उभरते हुए युवा समाज सेवी हैं जिनके सामाजिक , राजनीतिक और धार्मिक सरोकार बहुत व्यापक हैं। वर्तमान में ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष और अजय होटल में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत सनी शर्मा का हृदय मानव मात्र की सेवा के लिए लालायित रहता है।

घटना कुछ समय पूर्व की है । शिमला जाटव नामक एक युवती के पिता की कुछ समाज कंटकों ने हत्या कर दी। शिमला की शादी निकट थी किंतु उसके सर से पिता का साया उठ गया , ऐसे में सनी शर्मा ने पहल की और अपने साथियों के साथ मिलकर धन एकत्रित किया और शिमला जाटव को समर्पित किया। इसी प्रकार सनी शर्मा ने अनेक अवसरों पर मरणासन्न मरीजों को रक्तदान करके उनकी जान बचाई है।

कोरोना के भीषण काल में भी सनी की सेवाएं प्रशंसनीय रहीं जब अपनी जान की परवाह न करके उन्होंने अपने साथियों के साथ जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री की किट्स पहुंचाई।

अपनी पुत्री को अनन्य प्रेम करने वाले सनी शर्मा करौली के ख्यातनाम चिकित्साकर्मी राम स्वरूप जी कंपाउंडर के सुपौत्र और विनोद शर्मा के पुत्र हैं। होटल मैनेजमेंट में स्नातक और MBA क्वालिफाइड सनी शर्मा साधारण से लेकर खास व्यक्तियों तक से संपर्क रखते हैं। स्व किरोड़ी सिंह बैंसला, स्थानीय विधायक दर्शन सिंह गुर्जर, विजय बैंसला, अरुण चतुर्वेदी जैसे गणमान्य जनों के साथ सनी के अच्छे संपर्क हैं।

जन्म दिन के इस शुभ अवसर पर सनी शर्मा को अनंत बधाई और शुभकामनाएं।

तुलसी दास मुद्गल "पंच"
करौली (राजस्थान)

23/05/2024

श्री राम के कुल में जन्मे थे बुद्ध
न वेद विरोधी , न विद्रोही बल्कि रोम रोम से हिंदू थे महात्मा बुद्ध ,

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11बजे से 12 बजे तक, आरती दर्शन 12: 15 से 12:30 बजे तक
23/05/2024

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11बजे से 12 बजे तक, आरती दर्शन 12: 15 से 12:30 बजे तक

22/05/2024

कमाल की ओपनिंग
बैंगलोर में वैदिक मंत्रोच्चार से हुआ बहुराष्ट्रीय कंपनी का उद्घाटन

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11 बजे से 12 बजे तक, आरती दर्शन 12:15 pm से 12 : 30 दोपहर तक
22/05/2024

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11 बजे से 12 बजे तक, आरती दर्शन 12:15 pm से 12 : 30 दोपहर तक

21/05/2024

मजदूर माता - पिता की बेटी बनी टॉपर , माता पिता के संघर्ष की जीत,

21/05/2024

ब्रज से एक रती कम नहीं ये कल्याणपुरी नगरी
क्या कहने हैं इस दिव्य आनंद के

ये भीषण वज्रपात हैदशरथ सिंह राजावत नाम आते ही आंखों के सामने एक अत्यंत विनम्र सजीले युवा की तस्वीर सामने आ जाती है, साथ ...
20/05/2024

ये भीषण वज्रपात है

दशरथ सिंह राजावत नाम आते ही आंखों के सामने एक अत्यंत विनम्र सजीले युवा की तस्वीर सामने आ जाती है, साथ ही दशरथ सिंह से हुईं पिछली कुछ मुलाकातों के दृश्य आंखों के सामने तैर जाते हैं। लेकिन कोई ये कह दे कि छोटे से छोटे उपकार को याद रखने वाला और सबका भला सोचने वाला दशरथ सिंह एक सड़क दुर्घघटना में दिवंगत हो गया तो ऐसा लगता है कि आंखों में किसी ने न जाने कितने शूल चुभो दिए । मन ये मानने को तैयार नहीं होता कि हमारा प्यारा दशरथ हमें निराश, हताश उदास छोड़ कर चला गया।

दसवीं और बारहवीं कक्षा में मेरे शिष्य रहे दशरथ सिंह ने अपना दायित्व बखूबी निभाया। मेरे और मेरे बेटे के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की फीस स्वयं दशरथ ने भरी , लाइसेंस बन जाने पर उन्हें स्वयं घर देने आया, इतना कृतज्ञ व्यक्ति तो निश्चय ही उच्च कुल में ही पैदा होता है।

विडंबना है कि दशरथ सिंह ने लड़कपन में ही अपने पिता को खो दिया था अब अब वही त्रासद क्षण दशरथ के छोटे - छोटे बच्चों के जीवन में आ गया है।

हे ईश्वर दशरथ सिंह की पत्नी , मां और बच्चों को इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति देना और दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करना।

ॐ शांति ।

तुलसी दास मुद्गल "पंच"
करौली (राजस्थान)

20/05/2024

यहां रोज होती है आनंद और प्रेम की वर्षा
श्री मदन मोहन जी मंदिर में दिव्यता का निरंतर अनुभव

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11 बजे से 12 बजे तक, आरती दर्शन अपराह्न 12 : 15 से 12:30 बजे तक
20/05/2024

श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज छप्पन भोग, झांकी दर्शन 11 बजे से 12 बजे तक, आरती दर्शन अपराह्न 12 : 15 से 12:30 बजे तक

श्री मदन मोहन जी के आज के दर्शन
19/05/2024

श्री मदन मोहन जी के आज के दर्शन

19/05/2024

अदभुत है ये पोशाकोत्सव
श्री मदन मोहन जी मंदिर में आज तीन - तीन पोशाक अर्पित

19/05/2024

अविश्वसनीय शोभायात्रा
भगवान परशुराम जी की भव्य शोभायात्रा एवं कलश यात्रा

19/05/2024

ड्रोन से निगरानी

आज भगवान परशुराम शोभायात्रा एवं कलश यात्रा निकलेगी। किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन कर रहा ड्रोन से निरीक्षण

श्री परशुराम शोभायात्रा व कलश यात्रा आज निकलेगी
19/05/2024

श्री परशुराम शोभायात्रा व कलश यात्रा आज निकलेगी

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