16/08/2024
ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों के छात्रों, सरकारी इंटर कॉलेजों के छात्रों, पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों, गैर-हाई-फाई स्कूलों के छात्रों को यदि अवसर मिलें, अच्छा स्टडी मैटीरियल सहजता व सरलता से उपलब्ध हो, तो देश के IIT, AIIMS इत्यादि जैसे अनेक प्रकार के संस्थानों, तथा UPSC जैसी प्रतियोगी-छटनी परीक्षाओं में वास्तविक अर्थों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो सकती है।
इस संदर्भ में कुछ प्रयासों के लिए योजनाओं पर चर्चा प्रारंभ की जा चुकी है। देश के गंभीर व ईमानदार भाव वाले शिक्षकों से जुड़ने का काम करना है। देश के उच्च संस्थानों के शिक्षकों को जोड़ने का काम शुरू हो चुका है।
इसके लिए कुछ सामाजिक प्रतिबद्ध लोग आगे आ रहे हैं, और इस संदर्भ में ई-प्लेटफार्म तैयार करने के लिए प्रतिवर्ष एक-डेढ़ करोड़ रुपए के आर्थिक सहयोग की प्रतिबद्धता स्वीकार करने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।
जब तक देश के बच्चों को अवसर नहीं उपलब्ध होंगे, तब तक देश को प्रगति/उन्नति के पथ पर अग्रसर किया ही नहीं जा सकता है। देश के बच्चों को किताबें रटाकर रोबोट बनाने से प्रगति/उन्नति के पथ पर नहीं अग्रसर किया जा सकता है।
कोचिंग्स, महंगे स्कूलों की मोनोपोली व इनके द्वारा शिक्षा व्यवस्था पर स्थापित हिडेन-नियंत्रण से बाहर आए बिना देश के बच्चों को अवसर नहीं उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
आपकी समझ, ईमानदारी, विचारशीलता, सामाजिक-प्रतिबद्धता, सामाजिक-जवाबदेही के स्तर के आधार पर इन प्रयासों में आपके गंभीर व प्रतिबद्ध सहयोग की अपेक्षा रहेगी।
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विवेक उमराव