बिहारी संस्कृती बिहार सहित पुरे भारत के लोगों के लिए
एक सांस्कृतीक मंच बनकर निखरा है !
यहाँ बिहार से जुङी हर अपडेट के साथ बिहार कि संस्कृती से भारतीय लोगों को जोङे रखने में अबतक पुरी तरह कामयाब हुआ है!
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बिहार खास क्यों हैं ????
जैसा हिंदी फिल्मो में दिखाया जाता है
मेरा बिहार वैसा नहीं.
हिंदी सिनेमा जगत में बिहार को माफिया लोगो का अड्डा,
गुंडा र
ाज दिखा कर बिहार की ऐसी छवि लोगो ने बना दिया
जैसे बिहार में लड़की रोड पर नहीं निकल सकती,
एक शरीफ इन्सान यहाँ नहीं रह सकता,
बिहारी हर बात में गाली का इस्तेमाल करता हैं.
लेकिन सच तो सच है..............
१. हमारे राज्य में बलात्कार के मामले १/१० है डेल्ही के मुकाबले जबकि आवादी डेल्ही से कई गुनी अधिक..
२. दंगो में जितने लोग गुजरात में मारे गए हैं उसके १/७५ भी बिहार में नहीं.
३. murder rate १/२ है मुंबई से.
४. हमें बेब्कुफ़ समझा जाता है तो दोस्तों.. हमारा बिहार अकेले इतने IAS देश देता है जितना केरला, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात मिलकर भी नहीं दे पाते..
५. IIT में अकेले बिहारी इतने हैं की महाराष्ट्र और गुजरात मिलाने से भी बराबरी नहीं कर सकते.
७. बिहार अकेला ऐसा राज्य है जहाँ किसान आत्महत्या नहीं करते न ही कर्ज तले दबे हैं.
८. आज भी बिहार में सबसे ज्यादा संयुक्त परिवार है.
९. हम एक रिक्शा चलने वालो को भी आप कह कर बुलाते है. मैं बिहारी हूँ और बिहार से ज्यादा महफूज अपने आप को कही नहीं पाती हमारे लोगो ने कभी किसी राज्य के लोगो का विरोध नहीं किया किसी सम्पर्दाए को दबाया नहीं.
१०. यहाँ संस्कार बसते है... मुझे नाज है मैं बिहार से हूँ, बिहारियत मेरे रगों में बसता है... बिहारी होने के लक्षण- टेंशन नहीं लेते हमारे यहाँ, क्योंकि "लोड नहीं लेना चाहिये".
जान से नहीं मारते किसी को, मार के "मुआ" देते हैं।
सरप्राइज पसंद नहीं काहे कि "अलबला" जाते हैं। शॉपिंग नहीं करने जाते, सामान "कीनने" जाते हैं ।
इडियट और डम्ब ऐस क्या होता है?
सब भकलोल होता है। बोरोलीन लगाते हैं ,
डेटौल नहीं काहे कि डेटौल से "परपराने" लगता है।
टेंशन में हमलोग "हदस" जाते हैं।
हमारे यहाँ शर्ट नहीं बुशर्ट होता है।
हमारे यहाँ awesome और epic कुछ नहीं होता,
सब "गरदा" होता है। फ़ालतू का show off
हमारे यहाँ "सुक्खल फुटानी" होता है।
हमारे यहाँ बच्चा नहीं "बुतरू" होता है।
हर ट्रेक्टर और ट्रक के पीछे लिखा होता है-
"लटकल त गेल बेटा" ज्यादा कम कुछ नहीं होता
सब "तन्नी मन्नी" होता है। बिजली क्या होती है,
हमारे यहाँ तो लाइन आती है। Bad Day हमारे यहाँ नहीं होता,
केवल "जतरा" खराब होता है।
"लहरिया कट" हमारा फेवरेट बाइक स्टंट होता है।
हमलोग रोड दो साइड नहीं " चारों पट्टी" देख के पार करते हैं।
हमारे यहाँ कपड़ा को धोया नहीं "फींचा" जाता है।
हमलोग गला नहीं दबाते "नरेटी चीप देते हैं"।
हमारे यहाँ कुत्ता भगाता नहीं, "रगेद" देता है।
कम्पटीशन का चीज है, हम लोग के आगे कोई नहीं "सकेगा" ।
हमलोग नाराज़ नहीं होते, हम लोग को "खीस बरता है"।
हमलोग को मच्छर काटता नहीं "भम्भोर" लेता है।
हमलोग ताकत नहीं "बरियारी" दिखाते हैं ।
हमलोग इरिटेट नहीं होते , हम लोगों को "अन्नस" लगता है।
धत तोरा के जै रहो महाराज तैहन के। पेश हैं
कुछ ऐसे शब्द और बातें जो सिर्फ बिहार के लोग या बिहार
से बहार रह रहे सिर्फ बिहारी ही सही से बोल पायेंगे:-
1.बलवा काहे नहीं कटवाते हो बे .
2.मिज़ाज लहरा दिया
3.तनी-मनी तरकारी दे दो
4.अभरी गेंद ऐने आया तो ओने बीग देंगे
5.बिस्कुटिया चाय में बोर-बोर के खाओ जी
6.छुच्छे काहे खाना खा रहे हो
7.काम लटपटा गया है
8.बड़ी भारी है-दिमाग में कुछो नहीं ढ़ूक रहा है
9.बदमाशी करबे त नाली में गोत देबौ
10.सत्तू घोर के पी लो
1.तखनिए से ई माथा खराब कैले है !