11/08/2023
विवेक सांगानेरिया
गुवाहाटी, 10 अगस्त। पैसे के लेनदेन को लेकर महानगर के बोंदा इलाके में हुए छात्र की नृशंस हत्याकांड ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। यहां तक कि पुलिस महकमा भी इस तरह की घटना को लेकर काफी चिंतित है। गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बोरा ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे लोग अपने बच्चों की हरकतों पर नजर रखें अन्यथा इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
छात्र नितेश कुमार हत्याकांड की जांच में कई विस्फोटक खुलासे हुए, जिसके बाद पुलिस आयुक्त ने भी इस तरह की घटनाओं पर चिंता जताते हुए अभिभावकों को सचेत रहने की अपील की। जांच में पता चला कि मृतक छात्र नितेश व अभिषेक के बीच वर्ष 2019 में ऑनलाइन गेमिंग एप ‘फ्रीफायर’ के जरिए दोस्ती हुई थी। तब नितेश की उम्र करीब 11 वर्ष थी, जबकि अभिषेक की उम्र 19 वर्ष। दोनों के बीच करीब 8 साल का फासला होने के बावजूद दोनों अच्छे दोस्त बन गए और उनके बीच रुपयों का लेने देन शुरू हो गया।
छात्र हत्याकांड के आरोपी अभिषेक ने खुलासा किया कि नितेश अक्सर उससे तथा अन्य लोगों से रुपए लेकर बिटकॉन व क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करता था। अपने मित्रों को नितेश उधार की रकम सूद तथा दोगुना लौटाने की बात कहकर पैसा लिया करता था।
इसी तरह नितेश ने अभिषेक से भी 90 हजार रुपए ॠण लिए थे और पैसे लौटाने की बजाय नितेश ने अभिषेक को ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर दिया, जो अंत में नितेश की मौत का कारण बन गया। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इस हत्याकांड के पीछे कई पहलू हैं, जिस पर हर अभिभावक को सचेत होने की जरूरत है। पहला मोबाइल फोन के माध्यम से बच्चे तेजी से अनजान लोगों के संपर्क में आ जाते हैं, जिसका अंत नितेश हत्याकांड उदाहरण है। तेजी से बच्चे ऑनलाइन गेम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया साइट के जरिए अनजान लोगों के साथ दोस्ती कर बैठते हैं, जो बेहद घातक है। दूसरा बच्चे कहां जा रहे हैं, किससे मिलते-जुलते हैं, किससे फोन पर बात करते हैं, इसकी जानकारी भी अभिभावकों को रखनी चाहिए। बच्चे स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन नियमित रूप से जा रहे हैं या नहीं, बच्चों के पास अगर अधिक पैसे आ रहे हैं तो उसके स्रोत का पता अभिभावक जरूर लगाएं।
इस तरह की कई छोटी-छोटी अहम बातें हैं, जिनकी जानकारी अभिभावकों को रखनी चाहिए।