25/11/2023
#बिलासपुर/ #यमुनानगर, 25 नवम्बर-मेला श्री कपाल मोचन में देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु आस्था एवं श्रद्धा के साथ इस पवित्र स्थल पर अपनी अरदास लेकर हर वर्ष आते हैं। महर्षि वेद व्यास की कर्म स्थली बिलासपुर में हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाला धार्मिक एवं ऐतिहासिक श्री कपाल मोचन-श्री आदि बद्री मेला एक ऐसा अनोखा मेला है जिसमें सभी धर्मों के यात्री एवं श्रद्धालु आते हैं इससे लोगों में आपसी भाईचारा व सद्भावना बढ़ती है। कपाल मोचन मेले का आयोजन प्राचीन समय से हो रहा है और इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता है। मेला कपाल मोचन में पहुंचने वाले हर श्रद्धालु की यह मान्यता है कि यहां पर स्थित सरोवरों में स्नान करने से बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है। मेला कपाल मोचन में पंजाब के जिला मोगा के गांव बिलासपुर से आई संगत गुरप्रीत सिंह, सीता सिंह, सुखदेव सिंह, सीधा सिंह आदि ने बताया कि वे काफी वर्षों से सेवाभाव से मेला कपाल मोचन में सेवा करने के लिए आते हैं और इस वर्ष भी उन्होंने बाबा भूरेवाला के नाम से मेला कपाल मोचन में 23 नवम्बर से लगातार 27 नवम्बर तक लंगर सेवा पूरी श्रद्धा से करेगें। उन्होंने बताया कि वैसे तो सरकार एवं प्रशासन द्वारा पूर्व के वर्षों में भी यहां पर प्रबंध किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार और अधिक पुख्ता प्रबंध एवं व्यवस्थाएं की गई है। मेला कपाल मोचन में तीर्थ स्थलों पर पूजा करने से मन की मुरादें पूरी होती है। उन्होंने कहा कि सरोवरों में स्वच्छ जल व साफ-सफाई का विशेष प्रबंध मेला प्रशासन द्वारा किया गया है। इसके अलावा सुरक्षा के लिए मेले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मचारी तैनात है। उन्होंने सरकार एवं प्रशासन व श्राईन बोर्ड द्वारा मेला में किए गए प्रबंधों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मेले में बिजली, पानी, साफ-सफाई आदि की बेहतरीन व्यवस्था देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि श्रद्घालुओं की सुविधाओं के लिए किए गए प्रबंध काबिले तारीफ है और उन्हें मेला कपाल मोचन में पहुंचकर लंगर सेवा के रूप में जो अवसर मिला है उससे उन्हें बहुत ही खुशी हो रही है।