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'' तेजस्वी दुनिया'' अख़बार के साथ हम आपके बीच हाज़िर हैं. यह अख़बार अपने पहले जीवनकाल में कम समय में काफी लोकप्रिय हुआ है य़ह अख़बार न होकर यह एक आंदोलन है गरीब एवं आम आदमी ताकत है। कुछ क
ारणों से यह अखवार हर राज्य में प्रकाशित करने थोड़ी दिक्क़त आ रही है। लेकिन थाना ,मुम्बई, एवं नई मुम्बई में लगातार दो वर्षो से प्रकाशित हो रहा है. हमारे सामने वही सवाल है, आज गांवों में भी टीवी और इंटरनेट की धमक सुनाई पड़ने लगी है. लेकिन समाज की समस्याएं वही हैं, राजनीति का रंग जस का तस है, वही शोषक हैं और वही शोषित हैं. हम आज भी इस आधुनिक दुनिया में अन्याय नहीं मिटा पा रहे है . समाज में मौजूद विरोधाभास का रंग कतई नहीं बदल रहा है. ऐसे में सवालों का जवाब आप को '' तेजस्वी दुनिया'' के माध्यम से मिलेगा, अन्याय के खिलाप देश और दुनिया में आप अपनी आवाज उठा सकते हैं तो आइये आप को तेजस्वी दुनिया मंच प्रदान करता है,अन्याय से लड़ने हत्याचार से लड़ने अन्याय मिटायें, हम आपके साथ है और आपके सहयोग से ऐसा कुछ करना चाहते हैं. कि इस अखवार के माध्यम हम आप आदमी न्याय दिला उनका हक़ उन्हें दिला सकें। फिर भी हम चाहते हैं कि इसका नाम रखने के पीछे की ख़ास बातें आप पाठकों तक हम पहुंचा दें. हम मानते हैं कि अपने जन्म से लेकर आज तक समाज का जो बंटवारा हुआ है, उसे हमेशा सत्ता, साहूकार और सिपाही ने परिभाषित किया है. यही वजह है कि विकसित देशों की पहली दुनिया, पश्चिम के छोटे लेकिन विकसित देशों की दूसरी दुनिया से लेकर विकासशील देशों की तीसरी दुनिया तक, कहीं भी वह आम आदमी शामिल नहीं है जो समाज का निर्माता तो है, नियंता नहीं बन सका. उसके पास कुछ है तो बाजुओं का ज़ोर, आवाज़ नहीं. उसका कोई मुल्क नहीं, लेकिन सारा जहान उसी का है. सत्ता ने बेहद चालाकी से उसे भौगोलिक सीमा में बंद कर दिया है. इन तीनों ही दुनिया का मतलब आज जनता के बजाय वहां की सरकारों में निहित हो गया है.
अपने अख़बार के नामकरण के पीछे हमारी ईमानदार कोशिश बस यही है कि इन तीनों दुनियाओं की सत्ता ने जिन लोगों को हाशिए पर धकेल दिया है, हम उनकी आशा-आकांक्षा, सुख-दुख और उनके संघर्ष का मंच बनें. हम दुनिया के एक और नकली बंटवारे के हिमायती नहीं हैं. न ही हम कोई समांतर दुनिया खड़ी करना चाहते हैं. हम तो बस उन तमाम वंचित और सताए हुए लोगों के हिमायती बनना चाहते हैं, जिनकी आवाज़ इस शोरगुल में कहीं दब कर रह गई है. जो अपने मुल्क में ही कहीं पीछे छूट गए हैं. यही लोग हमारें अखवार के माध्यम दब गयी अपनी आवाज को'' तेज ''और बुलंद कर सकते है. दुनिया को तेजस्वी निरोगी एवं विकासशील बनाना ही हमारा लक्ष् है,'' तेजस्वी दुनिया'' के माध्यम से हमारी कोशिश रहेगी कि अपने हक़ और मर्यादा के लिए लड़ता हुआ आम आदमी इस अख़बार में अपनी सच्ची तस्वीर देख सके और इसे अपने दुख-दर्द का भरोसेमंद साथी समझ सके. आख़िर, किसी भी सच्चे अख़बार का इससे अधिक मतलब भी क्या होगा !!!