30/11/2023
मेरे पिताजी के निधन की इस विकट घड़ी में मेरे परिवार का ढाढस बंधाने वालों का, हम सबको हिम्मत देने वाले सभी लोगों का मैं अपने पूरे परिवार की और से धन्यवाद करता हूं । आपके द्वारा प्रगट की गई असंख्य श्रद्धांजलियों, अगणनीय संवेदनाओं के प्रति मेरा पूरा परिवार खुद को कृतज्ञ मानता है।
दुःख और वेदना के इस भारी समय में हम उन दो प्रकार के खास लोगों के सबसे ज्यादा आभारी हैं पहले वो जो चलने फिरने में असमर्थ होने के बावजूद हमारे घर पहुंचे और दूसरे वो जो अपने घर में चल रहे मांगलिक कार्यक्रमों के बावजूद हमसे मिलने आए और हमारा दुःख बंटाया।
मेरे सभी भाई बंधु मित्र प्यारे चाचा-चाचियां, भाई- भाभियां, बहनें-जीजा, बुआ-फूफा, मामा-मामियां, समस्त ससुराल पक्ष, मोहल्ला-पड़ोस, टीचर साथी, आहुवालिया बिरादरी के साथ साथ शहर की तमाम बिरादरियां, दोस्त, तमाम सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधि, मीडिया के साथी इस दुःख में हमारे साथ शरीक हुए, उन सबके हम आभारी हैं क्योंकि समाज घर परिवार दोस्त रिश्तेदार साथ हों तो बड़े से बड़ा दुख भी बंट जाता है।
दुःख की इस बेला में हमें हमारे पिताजी के उस सामाजिक रसूख, उनकी मिलनसारिता का भी पता चला जिसके चलते असंख्य लोग उनके निधन पर हमसे मिलने पहुंचे और उनमें से कई लोगों ने हमें हमारे पिताजी के उन प्रेरणादायी बातों के बारे में भी बताया जिनमें से कई बातें हमें भी पता नहीं थी।
मैं उन सभी के प्रति कृतज्ञ हूं जिनका उल्लेख भूलवश मैं नहीं कर पा रहा हूं। एक बार पुनः आप सबका धन्यवाद