09/12/2024
क्या आपने हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म पुष्पा 2 देखी और अगर फिल्म देखकर आप भी यह सोच रहे हैं कि कैसे अल्लू अर्जुन यानी फिल्म का हीरो लाल चंदन की तस्करी करके अमीर बन गया?
तो आपके सभी सवालों का जवाब और लाल चंदन लकड़ी से जुड़ीं हर जरूरी बात जानें –
1.अपने आप में अनोखा और बेशकीमती है यह दुर्लभ पेड़ जिसे "रक्त चंदन' के नाम से जाना जाता है। ये पेड़ सिर्फ आंध्र प्रदेश की शेषाचलम पहाड़ियों में ही उगते हैं।
2. इस पेड़ की लकड़ी चटक लाल रंग की होती है जिसमें कई औषधीय गुण तो होते ही हैं। साथ में यह लक्जरी फर्नीचर, संगीत वाद्ययंत्र और पारंपरिक चिकित्सा में भी खूब इस्तेमाल होता है।
3.चीन के आखिरी शाही राजवंश, किंग वंश के दौरान रक्त चंदन के फायदों और उपयोगों को उजागर किया गया। आज भी पूर्वी एशिया में सुंदरता और उपयोगिता के कारण इसकी डिमांड बहुत है।
4.दरअसल,यह बेशकीमती पेड़ बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है और इसे पूरी तरह से बढ़ने में 50-60 साल लगते हैं। शायद यही कारण है कि इसकी लकड़ी बेहद दुर्लभ और महंगी हो जाती है।
5.एक किलो रक्त चंदन की कीमत आज 90,000 से डेढ़ लाख तक होती है। इसी वजह से यह लकड़ी पूरे एशिया के अवैध व्यापारियों के बीच चर्चा में रहती है।
6.रक्त चंदन को CITES (कंसर्वेशन ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज) के तहत लिस्टेड रखा गया है। इतना ही नहीं इसे भारतीय कानूनों के तहत संरक्षित भी किया जाता है।
7.इसके निर्यात पर सख्त रूप से प्रतिबंधित है ताकि इसके अत्यधिक उपयोग को रोका जा सके। बावजूद इसके तस्कर कभी इस लकड़ी को ग्रेनाइट की स्लैब्स के रूप में छिपा कर बाहर बेचते हैं, तो कभी टॉयलेटरीज़ के रूप में। लेकिन, DRI (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) जैसी एजेंसी इन तस्करी नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई कर रही है।
आज यह पेड़ सिर्फ एक लकड़ी नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जिसे सुरक्षा और संरक्षण की विशेष जरूरत है।
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