Dr.Br.Ambedkar

Dr.Br.Ambedkar In 1956 he converted to Buddhism, initiating mass conversions of Dalits. Ambedkar's legacy includes numerous memorials and depictions in popular culture.
(1)

(14 April 1891 – 6 December 1956), popularly known as Babasaheb, was an Indian jurist, economist, politician and social reformer who inspired the Dalit Buddhist Movement and campaigned against social discrimination against Untouchables (Dalits), while also supporting the rights of women and labour.[3][4] He was Independent India's first law minister and the principal architect of the Constitution

of India.[5][6][7][8]

Ambedkar was a prolific student, earning doctorates in economics from both Columbia University and the London School of Economics, and gained a reputation as a scholar for his research in law, economics and political science.[9] In his early career he was an economist, professor, and lawyer. His later life was marked by his political activities; he became involved in campaigning and negotiations for India's independence, publishing journals advocating political rights and social freedom for Dalits, and contributing significantly to the establishment of the state of India. In 1990, the Bharat Ratna, India's highest civilian award, was posthumously conferred upon Ambedkar.

29/08/2024
सूरत की 80 साल की बकुलाबेन पटेल ने अपनी उम्र के बावजूद तैराकी में 500 से अधिक मेडल और ट्रॉफी जीतकर एक अद्वितीय मिसाल काय...
27/08/2024

सूरत की 80 साल की बकुलाबेन पटेल ने अपनी उम्र के बावजूद तैराकी में 500 से अधिक मेडल और ट्रॉफी जीतकर एक अद्वितीय मिसाल कायम की है। इसके अलावा, वह भरतनाट्यम में MA कर रही हैं और इसे परफॉर्म करने वाली सबसे उम्रदराज़ महिला बनकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने यह सब 58 साल की उम्र से शुरू किया, जबकि इससे पहले वह एक साधारण गृहिणी थीं।

गुजरात के सूरत की रहने वालीं बकुलाबेन ने छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया, जिससे उनकी पढ़ाई रुक गई। रिश्तेदारों के यहाँ पली-बढ़ी बकुलाबेन ने अपने सपनों को पीछे छोड़ दिया। बचपन से ही उन्हें खेलों में रुचि थी, लेकिन वे उसमें आगे नहीं बढ़ पाईं। 9वीं क्लास में ही उनकी शादी हो गई, और 50 की उम्र तक गाँव में रहते हुए उन्होंने अपने घर-परिवार को बखूबी संभाला।

59 साल की उम्र में उन्हें स्विमिंग में दिलचस्पी हुई और उन्होंने इसकी ट्रेनिंग लेनी शुरू की। इस उम्र में तैराकी सीखना आम बात नहीं थी, उनकी अकादमी में भी कोई हमउम्र नहीं था, लेकिन बकुलाबेन ने इसकी परवाह किए बिना सीखना जारी रखा।

आज 80 साल की उम्र में, वह 16 देशों में स्विमिंग कर चुकी हैं और नैशनल और इंटरनेशनल लेवल पर 500 से अधिक मेडल्स और ट्रॉफी जीत चुकी हैं। बकुलाबेन ने अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर और बंगाल की खाड़ी में भी तैराकी की है, जहाँ उन्होंने 19 किलोमीटर तक तैराकी की।

बकुलाबेन क्लासिकल डांस में भी निपुण हैं। फिलहाल, वह भरतनाट्यम में MA कर रही हैं और 75 साल की उम्र में ढाई घंटे स्टेज पर परफॉर्म करके लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। स्वस्थ रहने के लिए वह रोज सुबह 4 बजे उठती हैं और 5 किलोमीटर पैदल चलकर स्विमिंग करने जाती हैं। इसके अलावा, वह मैराथन, योग और साइकिलिंग भी करती हैं।

आज भी वह घर के सभी काम खुद करती हैं और अपनी दिनचर्या में इतनी व्यस्त हैं कि अकेलापन महसूस करने का सवाल ही नहीं उठता। 50 साल की उम्र तक गृहणी रहने वाली बकुलाबेन अब एक स्विमिंग टीचर भी हैं। उनके कई स्टूडेंट्स हैं, जो उनसे न केवल ट्रेनिंग लेते हैं बल्कि काफी प्रेरणा भी प्राप्त करते हैं

28/07/2024

🫵देश का युवा ऐसा होना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट की बैंड बजा दी 💪💪 अब सुप्रीम कोर्ट का भी बहिष्कार होनी चाहिए 😡😡

राजस्थान हाईकोर्ट को मैं दिल से सलाम करता हूं जिन्होंने दिल्ली संसद भवन के सामने संविधान की प्रतियां जलाने वाले दीपक गौड...
28/07/2024

राजस्थान हाईकोर्ट को मैं दिल से सलाम करता हूं जिन्होंने दिल्ली संसद भवन के सामने संविधान की प्रतियां जलाने वाले दीपक गौड को देशद्रोह के तहत भारत की नागरिकता रद्द करते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई आपलोग यह सुखद समाचार को प्रत्येक भारतीय आमजनों तक पहुंचाएं

19/05/2024

मैं भारत के प्रत्येक नागरिक से आग्रह करता हूं कि इस तीन मिनट की विडियो को शेयर करे। भारत को विनाश से बचाने की लड़ाई में यह आपका व्यक्तिगत योगदान होगा

08/05/2024

जब नास मनुष्य पर छाता है ,
विवेक उसका मर जाता है ।

वो अन्ध भक्त हो जाता है ।
मोदी-मोदी चिल्लाता है ।

जब घड़ा पाप का भरता है ,
जिंदा रहने को विकास बताते हैं।

बात भुखमरी की करो ,
तो विश्व में डंका बजवाते हैं ।

बात महंगाई की करो ,
तो 370 ,370 चिल्लाते हैं ।

काम उनके पुछो ,
तो नेहरु की तरफ घुमाते हैं ।

दाल इनकी ना गले ,
तो मणिपुर ये जलवाते हैं ।

पहलवान बेटियों के शोषक ,
ब्रजभूषण को गले लगाते हैं ।

महिलाओं के शोषक ,
रेवन्ना को बेदाग बताते हैं ।

पीड़ित बेटियाँ खुद की हों ,
तो जमीन आसमान पे उठाते हैं ।

दलित बेटियों के बलात्कार पर ,
जबान इन सुख जाती है ।

जब पानी घड़े से पीने पर ,
हत्या ये करवाते हैं ।

बात इंसाफ की आये ,
तो नानी इनकी मर जाती है ।

देश बेचने को विकास ,
पांच किलो अनाज को खुशहाली बताते हैं ।

किसान मरें ,जले मणिपुर ,
मुहं में दही जम जाती है ।

मुद्दों से ध्यान हटाते हैं ,
सुई पाकिस्तान, मुसलमान की तरफ घुमते हैं ।

खरीदे हुये पत्रकार ,
मोदी मोदी चिल्लाते हैं ।

लुट कर पी.एम केयर फंड ,
देश भक्त कहलवाते हैं ।

मैं ऐसा धर्म मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है,,, बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
07/08/2023

मैं ऐसा धर्म मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है,,, बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर

14/08/2022
शिक्षा के मंदिर में जातिवाद का जहर, आजादी की 75 वर्षगांठ बाद भी अत्याचार ज़ुल्म का दौर जारी*देश आजाद हुए 75 वर्ष बीत गए ...
14/08/2022

शिक्षा के मंदिर में जातिवाद का जहर, आजादी की 75 वर्षगांठ बाद भी अत्याचार ज़ुल्म का दौर जारी
*देश आजाद हुए 75 वर्ष बीत गए लेकिन दलितों पर आज भी भेदभाव के चलते अत्याचार जारी*

सुराणा जालोर जिले के निवासी देवाराम मेघवाल के नव वर्ष का बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा था। स्कूल में प्यास लगी तो मटके से पानी पी लिया। विद्यालय में लगे अध्यापक शैलू सिंह ने गुस्सा होते हुए बच्चे को बेरहमी से पीटा की आज इसकी डेथ हो गयी

इस घटनाक्रम में मैं सभी स्वर्ण वर्ग को दोषी नही मानता, हाँ कुछ ऐसा हिस्सा जरूर है जो संकुचित सोच रखता है, इसका विरोध हर वर्ग को करना चाहिए चाहे वो स्वर्ण हो या कोई अलग वर्ग का

शिक्षा के मंदिर में जातिवाद का जहर, आजादी की 75 वर्षगांठ बाद भी अत्याचार ज़ुल्म का दौर जारी*देश आजाद हुए 75 वर्ष बीत गए ...
14/08/2022

शिक्षा के मंदिर में जातिवाद का जहर, आजादी की 75 वर्षगांठ बाद भी अत्याचार ज़ुल्म का दौर जारी
*देश आजाद हुए 75 वर्ष बीत गए लेकिन दलितों पर आज भी भेदभाव के चलते अत्याचार जारी*

सुराणा जालोर जिले के निवासी देवाराम मेघवाल के नव वर्ष का बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा था। स्कूल में प्यास लगी तो मटके से पानी पी लिया। विद्यालय में लगे अध्यापक शैलू सिंह ने गुस्सा होते हुए बच्चे को बेरहमी से पीटा की आज इसकी डेथ हो गयी

इस घटनाक्रम में मैं सभी स्वर्ण वर्ग को दोषी नही मानता, हाँ कुछ ऐसा हिस्सा जरूर है जो संकुचित सोच रखता है, इसका विरोध हर वर्ग को करना चाहिए चाहे वो स्वर्ण हो या कोई अलग वर्ग का

11/08/2022

गरीब इंसान जो आनाज लेते वक्त भी सोचते है उनको जबरदस्ती झण्डा देना कहां तक जायज है ।

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