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09/14/2024
वैश्विक बाजार में और मजबूती दिलाने के लिए मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
किसानों की आमदनी बढ़ाने और राष्ट्र के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में और मजबूती दिलाने के लिए मोदी गवर्नमेंट ने बड़ा कदम उठाया है. बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम मूल्य सीमा को हटाकर गवर्नमेंट ने किसानों और निर्यातकों को राहत दी है. साथ ही रिफाइंड ऑयल पर ड्यूटी बढ़ाने और प्याज के निर्यात पर से रोक हटाने जैसे फैसलों से कृषि क्षेत्र में एक नयी दिशा देने की प्रयास की गई है. गौरतलब है कि आने वाले महीनों में हरियाणा के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी चुनाव होने हैं, ऐसे में गवर्नमेंट के इस निर्णय से इन राज्यों के क्षेत्रीय किसानों को बड़ा लाभ मिलने वाला है.
मोदी गवर्नमेंट ने बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की सीमा को हटाने का बड़ा निर्णय किया है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए इस निर्णय की जानकारी दी. गवर्नमेंट का यह कदम किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे हिंदुस्तान के प्रमुख जीआई-टैग वाले बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिल सके.
इस निर्णय को घरेलू चावल की पर्याप्त उपलब्धता और व्यापारिक चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है. गवर्नमेंट ने अगस्त 2023 में बासमती चावल के निर्यात के लिए प्रति मीट्रिक टन 1200 अमेरिकी $ की न्यूनतम सीमा तय की थी, ताकि घरेलू आपूर्ति में कमी और बढ़ती कीमतों को रोका जा सके. इसके साथ ही, गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक के चलते बासमती के नाम पर गलत निर्यात को भी रोकने का कोशिश किया गया था. लेकिन, व्यापारिक संगठनों और हितधारकों की अपील के बाद इस सीमा को अक्टूबर 2023 में घटाकर 950 अमेरिकी $ प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया था.
उल्लेखेनीय है कि एपीडा (APEDA) अब निर्यात अनुबंधों पर कड़ी नजर रखेगा ताकि बासमती चावल की कीमतों में पारदर्शिता बनी रहे और अवास्तविक मूल्य निर्धारण को रोका जा सके.
इसके अलावा, किसानों के भलाई में गवर्नमेंट ने रिफाइंड ऑयल पर बेसिक ड्यूटी बढ़ाकर 32.5% कर दी है, जिससे सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी और किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल सकेगा. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “सरकार ने रिफाइंड ऑयल पर बेसिक ड्यूटी बढ़ाकर 32.5% कर दी है. इससे किसानों को उनकी फसलों के लिए बेहतर कीमतें मिलेंगी और छोटे और ग्रामीण इलाकों में रिफाइनरियों के विकास से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.”
सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क को भी बढ़ाकर 20% कर दिया है, जिससे कुल कारगर ड्यूटी 27.5% हो जाएगी. इसका उद्देश्य सोयाबीन उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देना है, जिससे निर्यात में भी बढ़ोत्तरी होगा. शुक्रवार को गवर्नमेंट ने प्याज के निर्यात पर से भी एमईपी को हटाने का निर्णय लिया. गवर्नमेंट के इस कदम से किसानों को सीधा लाभ होगा, क्योंकि अब प्याज का निर्यात बिना किसी सीमा के हो सकेगा.
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