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8th Pay Commission : जानिए, सरकारी अधिकारियों की बेसिक सैलरी पर क्या पड़ेगा प्रभाव…मोदी गवर्नमेंट ने कर्मचारियों का लंबा ...
01/17/2025

8th Pay Commission : जानिए, सरकारी अधिकारियों की बेसिक सैलरी पर क्या पड़ेगा प्रभाव…
मोदी गवर्नमेंट ने कर्मचारियों का लंबा प्रतीक्षा खत्‍म कर दिया और तमाम कयासों पर लगाम लगाते हुए 8वें वेतन आयोग को हरी झंडी दे दी है। इससे एक बात तो साफ हो गई कि वर्ष 2026 में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा बढ़ोत्तरी होने वाला है। वैसे तो वेतन आयोग का गठन अभी नहीं किया गया है और न ही इसे लेकर गवर्नमेंट ने कोई तस्‍वीर साफ की है, लेकिन इतना तय है कि जल्‍द ही आयोग के सदस्‍यों की नियुक्ति हो जाएगी और फिर आयोग अपनी रिसर्च के हिसाब से सैलरी और पेंशन बढ़ाने पर गवर्नमेंट को सुझाव और रिपोर्ट सौंप देगा।
यह बात तो सभी को पता है, लेकिन एक प्रश्न जो हर सरकारी कर्मचारी के मन में उठना प्रारम्भ हो गया है, वह है कि 8वें वेतन आयोग के लगने के बाद उनकी बेसिक सैलरी में कितना बढ़ोत्तरी होगा। इस बारे में अभी स्‍पष्‍ट रूप से तो कुछ नहीं बोला जा सकता है, लेकिन तमाम मीडिया रिपोर्ट और 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद बेसिक सैलरी में हुए इजाफे को देखते हुए बोला जा सकता है कि 8वां वेतन आयोग लगने के बाद चपरासी से लेकर आईएएस ऑफिसरों और सचिवों, मुख्‍य सचिवों तक के बेसिक वेतन में बड़ा बढ़ोत्तरी होगा।

क्‍या कहता है वेतन का मैटिक्‍स
अगर वेतन मैट्रिक्‍स पर निगाह डालें तो 7वां वेतन आयोग लगने के बाद लेवल-1 जिसमें चपरासी, सफाईकर्मी आदि आते हैं, उनका बेसिक वेतन 18,000 रुपये हो गया था। बताया जा रहा है कि 8वां वेतन आयोग लगने के बाद यह 21,300 रुपये हो जाएगा। इसी तरह, लेवल-2 के कर्मचारियों का बेसिक वेतन 19,900 से 23,880 रुपये हो जाएगा तो लेवल-3 वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 21,700 से बढ़कर 26,040 रुपये पहुंच जाएगा। लेवल-4 वाले कर्मचारियों का मूल वेतन भी 25,500 रुपये से बढ़कर 30,600 रुपये हो जाएगा जबकि लेवल-5 वालों की बेसिक सैलरी 29,200 रुपये से 35,040 रुपये हो जाएगी। दरअसल, लेवल 1 से 5 तक के कर्मचारियों का ग्रेड पे 1,800 से 2,800 रुपये रहता है।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आगे आए कांग्रेस नेताओं के हाथटाउन में ज्ञानसिंह कॉल...
12/30/2024

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आगे आए कांग्रेस नेताओं के हाथ
टाउन में ज्ञानसिंह कॉलोनी स्थित जिला कांग्रेस पार्टी कमेटी कार्यालय में सोमवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित कांग्रेसजनों की ओर से पूर्व पीएम डाक्टर मनमोहन सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए.
डीसीसी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने बोला कि पूर्व पीएम डाक्टर मनमोहन सिंह का जीवन सादगी, सेवा और सरेंडर की अद्भूत मिसाल था. वे हिंदुस्तान में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाते हैं. उनकी सुझाई नीतियों से ही आर्थिक सुधार के दरवाजे खुले थे. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को नयी दिशा दी और राष्ट्र को वैश्विक मंच पर मजबूत किया. डाक्टर मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों का ही कमाल था कि दो वर्ष में ही यानी 1993 में राष्ट्र का विदेशी मुद्रा भंडार 1 अरब $ से 10 अरब $ हो गया.

वैश्विक बाजार में और मजबूती दिलाने के लिए मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदमकिसानों की आमदनी बढ़ाने और राष्ट्र के कृषि उत्प...
09/14/2024

वैश्विक बाजार में और मजबूती दिलाने के लिए मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
किसानों की आमदनी बढ़ाने और राष्ट्र के कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार में और मजबूती दिलाने के लिए मोदी गवर्नमेंट ने बड़ा कदम उठाया है. बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम मूल्य सीमा को हटाकर गवर्नमेंट ने किसानों और निर्यातकों को राहत दी है. साथ ही रिफाइंड ऑयल पर ड्यूटी बढ़ाने और प्याज के निर्यात पर से रोक हटाने जैसे फैसलों से कृषि क्षेत्र में एक नयी दिशा देने की प्रयास की गई है. गौरतलब है कि आने वाले महीनों में हरियाणा के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी चुनाव होने हैं, ऐसे में गवर्नमेंट के इस निर्णय से इन राज्यों के क्षेत्रीय किसानों को बड़ा लाभ मिलने वाला है.

मोदी गवर्नमेंट ने बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की सीमा को हटाने का बड़ा निर्णय किया है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए इस निर्णय की जानकारी दी. गवर्नमेंट का यह कदम किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे हिंदुस्तान के प्रमुख जीआई-टैग वाले बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिल सके.

इस निर्णय को घरेलू चावल की पर्याप्त उपलब्धता और व्यापारिक चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है. गवर्नमेंट ने अगस्त 2023 में बासमती चावल के निर्यात के लिए प्रति मीट्रिक टन 1200 अमेरिकी $ की न्यूनतम सीमा तय की थी, ताकि घरेलू आपूर्ति में कमी और बढ़ती कीमतों को रोका जा सके. इसके साथ ही, गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक के चलते बासमती के नाम पर गलत निर्यात को भी रोकने का कोशिश किया गया था. लेकिन, व्यापारिक संगठनों और हितधारकों की अपील के बाद इस सीमा को अक्टूबर 2023 में घटाकर 950 अमेरिकी $ प्रति मीट्रिक टन कर दिया गया था.

उल्लेखेनीय है कि एपीडा (APEDA) अब निर्यात अनुबंधों पर कड़ी नजर रखेगा ताकि बासमती चावल की कीमतों में पारदर्शिता बनी रहे और अवास्तविक मूल्य निर्धारण को रोका जा सके.

इसके अलावा, किसानों के भलाई में गवर्नमेंट ने रिफाइंड ऑयल पर बेसिक ड्यूटी बढ़ाकर 32.5% कर दी है, जिससे सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी और किसानों को उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल सकेगा. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “सरकार ने रिफाइंड ऑयल पर बेसिक ड्यूटी बढ़ाकर 32.5% कर दी है. इससे किसानों को उनकी फसलों के लिए बेहतर कीमतें मिलेंगी और छोटे और ग्रामीण इलाकों में रिफाइनरियों के विकास से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.”

सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क को भी बढ़ाकर 20% कर दिया है, जिससे कुल कारगर ड्यूटी 27.5% हो जाएगी. इसका उद्देश्य सोयाबीन उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देना है, जिससे निर्यात में भी बढ़ोत्तरी होगा. शुक्रवार को गवर्नमेंट ने प्याज के निर्यात पर से भी एमईपी को हटाने का निर्णय लिया. गवर्नमेंट के इस कदम से किसानों को सीधा लाभ होगा, क्योंकि अब प्याज का निर्यात बिना किसी सीमा के हो सकेगा.

Picture Credit: commons.wikimedia.org (Author - w:Government of India)

भारत ने रूस और यूक्रेन जंग को खत्म करने का बनाया एक प्लानRussia-Ukraine War Latest Update:  रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने...
09/08/2024

भारत ने रूस और यूक्रेन जंग को खत्म करने का बनाया एक प्लान
Russia-Ukraine War Latest Update: रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने के लिए दुनिया के तमाम राष्ट्र भारतीय पीएम मोदी की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भी इसको लेकर कई बार अपना नजरिया साफ कर चुके हैं और शांतिपूर्ण निवारण की पैरवी कर चुके हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने के लिए पुतिन और इटली की पीएम मेलोनी पहले से ही हिंदुस्तान पर भरोसा जाता चुके हैं। इसी बीच एक समाचार ने सभी को चौंका दिया है। मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान ने रूस और यूक्रेन जंग को समाप्त करने का एक प्लान बनाया है, इसके लिए राष्ट्र के जेम्स बॉड’ कहे जाने वाले अजित डोभाल को चुना गया है, उन्हें मॉस्को भेजा जाएगा।अजित डोभाल जाएंगे मॉस्को
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के उद्देश्य से चर्चा करने के लिए इस हफ्ते मॉस्को की यात्रा करेंगे। एनएसए डोभाल शांति वार्ता के लिए मॉस्को जाएंगे। इस यात्रा के कार्यक्रम के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक विवरण मौजूद नहीं है।ब्रिक्स सम्मेलन में भी होंगे शामिल
रूस के कजान में ब्रिक्स एनएसए सम्मेलन में भी डोभाल शामिल होंगे। यह सम्मेलन रूस की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा।

पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के दोनों नेताओं से की थी मुलाकात
PM नरेंद्र मोदी पिछले दो महीनों में रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा करने और वहां के नेताओं व्लादिमीर पुतिन और वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से युद्धविराम को लेकर चर्चा की थी। दोनों राष्ट्रों में शांति समझौता के लिए मध्यस्थता को लेकर दुनिया हिंदुस्तान की ओर देख रही है।

पुतिन ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से की बात
यूक्रेन की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मुलाकात के तुरंत बाद प्रधान मंत्री मोदी ने 27 अगस्त को राष्ट्रपति पुतिन से टेलीफोन पर बात की। रूसी दूतावास के एक बयान में बोला गया कि टेलीफोन कॉल के दौरान प्रधान मंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को कीव की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी दी और सियासी और राजनयिक उपायों से यूक्रेन के लिए निवारण लाने की हिंदुस्तान की प्रतिबद्धता पर बल दिया था।

यूक्रेन को हर संभव सहायता की मोदी का वादा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही हमें जब पीएम मोदी यूक्रेन की यात्रा पर गए थे तो उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को आश्वासन दिया था कि हिंदुस्तान अपनी तरफ से हरसंभव सहायता करेगा। इसके बाद पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी टेलीफोन पर बात करके युद्ध समाप्त करने पैरवी की थी।

‌रूस में डोभाल क्या करेंगे? ब्रिक्स सम्मेलन क्यों है जरूरी
डोभाल अपने रूसी समकक्ष और अन्य ब्रिक्स सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों संग भिन्न-भिन्न बैठक की भी आसार है। इससे पहले उन्होंने 2023 में जोहान्सबर्ग में 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में भाग लिया था। पिछले साल पांच नए सदस्य सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, मिस्र और इथियोपिया को समूह में शामिल किया गया था। इसके बाद यह पहली ब्रिक्स एनएसए बैठक होगी। ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक, ब्रिक्स सियासी और सुरक्षा योगदान में एक जरूरी मील का पत्थर है।

2009 से ब्रिक्स राष्ट्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा करते हैं आपस में बात
इस बैठक के तहत, राष्ट्रीय सुरक्षा पर उच्च प्रतिनिधि आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, शांति और स्थिरता, अंतर्राष्ट्रीय संगठित क्राइम के साथ-साथ ब्रिक्स राष्ट्रों की राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करते हैं। ब्रिक्स राष्ट्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सुरक्षा मुद्दों पर संवाद बढ़ाने और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए 2009 से बैठक कर रहे हैं। ब्रिक्स राष्ट्रों ने तेजी से आतंकवाद विरोधी रणनीति विकसित की है। इस रणनीति का उद्देश्य आतंकवाद विरोधी योगदान के साथ-साथ तरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करना और हिंसक आतंकवाद के खतरे को रोकने और उससे निपटने के वैश्विक प्रयासों में सार्थक सहयोग देना है। निपटने के लिए ब्रिक्स के भीतर व्यावहारिक योगदान के प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की।

पैसे पैसे को मोहताज पाकिस्तान अब आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने के लिए बनाया ये प्लानपैसे पैसे को मोहताज पाक अब आर्थिक तंग...
08/28/2024

पैसे पैसे को मोहताज पाकिस्तान अब आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने के लिए बनाया ये प्लान
पैसे पैसे को मोहताज पाक अब आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने के लिए अपने खर्च में कटौती करने का प्लान बनाया है. सरकारी खर्च पर रोक लगाने के एक और कोशिश में पाक की संघीय कैबिनेट ने छह मंत्रालयों में 82 विभागों के विलय और उन्मूलन को स्वीकृति दे दी, जिसे अधिकार योजना के पहले चरण में घटाकर 40 कर दिया गया. यह फैसला तब आया है जब नकदी की कमी से जूझ रहा
घर के चौकीदारी स्टाफ को समाप्त करना
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मितव्ययिता तरीकों की एक श्रृंखला को हरी झंडी दी गई. सबसे जरूरी निर्णयों में सफाई सेवाओं सहित गैर-प्रमुख कार्यों की आउटसोर्सिंग थी. इसका मतलब है कि पाक में सरकारी क्षेत्र जल्द ही घरेलू चौकीदारों से रहित हो जाएगा. पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट, डॉन के अनुसार, सुधार समिति ने लगभग 150,000 रिक्त पदों को समाप्त करने की भी सिफारिश की और आकस्मिक पदों के लिए भर्ती पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया.
नए उपकरण, मशीनरी की खरीदारी रुकी
कैबिनेट ने पिछली पीएमएल-एन गवर्नमेंट द्वारा प्रारम्भ की गई मितव्ययिता नीतियों को भी बढ़ा दिया, जिसमें सार्वजनिक खर्च पर वाहनों की खरीद पर प्रतिबंध, एम्बुलेंस जैसे जरूरी मामलों को छोड़कर और अनावश्यक विदेश यात्रा और विदेश में चिकित्सा इलाज पर रोक जैसे तरीकों को जारी रखा. यहां तक ​​कि नए उपकरण और मशीनरी की खरीदारी भी कम हो जाएगी.
एआई का प्रयोग करें
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एक आधिकारिक बयान में पीएम शरीफ के हवाले से बोला गया है कि राष्ट्र की शासन संरचना को विकसित करने के लिए सरकारी क्षेत्र में नयी स्मार्ट प्रबंधन प्रणाली और डिजिटलीकरण पेश किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त, अधिकारी संवर्ग से अपेक्षा की जाती है कि वे सहायक कर्मचारियों पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल उपकरणों को अपनाएं, जो अधिक तकनीकी रूप से उन्नत और लागत कारगर सार्वजनिक क्षेत्र की ओर गवर्नमेंट के दबाव को दर्शाता है.

जेल से रिहा होने के बाद मनीष सिसोदिया ने किया पदयात्रा शुरूनई दिल्ली, 19 अगस्त . दिल्ली शराब घोटाला मुद्दे में कारावास स...
08/19/2024

जेल से रिहा होने के बाद मनीष सिसोदिया ने किया पदयात्रा शुरू
नई दिल्ली, 19 अगस्त . दिल्ली शराब घोटाला मुद्दे में कारावास से रिहा होने के बाद मनीष सिसोदिया ने पदयात्रा प्रारम्भ की. पदयात्रा के दौरान उन्होंने इल्जाम लगाया है कि उन पर आतंकियों जैसे एक्ट लगाए गए हैं. सिसोदिया के इस बयान पर बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने पलटवार किया.योगेंद्र चंदोलिया ने मनीष सिसोदिया के आरोपों को बकवास बताते हुए बोला कि वह एक अच्छा वकील करें और पूछें कि चोरी, रिश्वतखोरी, ब्लैकमेलिंग पर कौन सा धाराएं लगती हैं? वह आतंकियों की धारा कहते हैं, मुझे उन पर तरस आता है कि उन्हें कितना ज्ञान है. काहे के शिक्षा मंत्री थे, उनको यह ही नहीं पता कि कौन सी धारा कहां लगती है. उन पर भ्रष्टाचार, पैसे के गबन और काला धन से जुड़ी धाराएं लगी हैं.

उन्होंने बोला कि सिसोदिया ने शराब घोटाले में पैसा गबन किया, ऐसे मुद्दे में जो धाराएं लगती है, वह लगाई गई है. वह जनता को बरगला रहे हैं, दिल्ली की जनता की परेशानी पर आम आदमी पार्टी का ध्यान नहीं है. बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रहा, 2018 से लोगों को पेंशन नहीं मिल रही है, रक्षाबंधन का त्योहार उनका फीका रहा. गवर्नमेंट की ढिलाई के कारण दिल्ली में मासूमों की जान जा रही है. केजरीवाल गवर्नमेंट केवल दूसरे पर इल्जाम लगाती है.

वस्तुओं के उत्पादन के मामले में केवल चीन पर निर्भर रहना साबित हो सकता है खतरनाक...भारत की लगातार तेज हो रही आर्थिक प्रगत...
08/07/2024

वस्तुओं के उत्पादन के मामले में केवल चीन पर निर्भर रहना साबित हो सकता है खतरनाक...
भारत की लगातार तेज हो रही आर्थिक प्रगति पर विश्व के कुछ राष्ट्र अब ईर्ष्या करने लगे हैं एवं उन्हें यह आभास हो रहा है कि आगे आने वाले समय में इससे उनके अपने आर्थिक हितों पर उल्टा असर पड़ सकता है. इस सूची में सबसे ऊपर चीन का नाम उभर कर सामने आ रहा है. और फिर, चीन की अपनी आर्थिक प्रगति धीमी भी होती जा रही है. दूसरे, विश्व को भी आज यह आभास होने लगा है कि विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन के मुद्दे में सिर्फ़ चीन पर निर्भर रहना बहुत जोखिम भरा कार्य है. इसका अनुभव विशेष रूप से विकसित राष्ट्रों ने कोविड-19 महामारी के बाद से वितरण चैन में आई भारी कठिनाई से किया है, जिसके चलते इन राष्ट्रों में मुद्रा स्फीति की परेशानी आज भी पूरे तौर पर नियंत्रण में नहीं आ पाई है. साथ ही, चीन की विस्तारवादी नीतियों के चलते उसके अपने किसी भी पड़ोसी राष्ट्र से (पाकिस्तान को छोड़कर) अच्छे सम्बंध नहीं हैं. अतः कई राष्ट्र अब यह सोचने पर विवश हुए हैं कि चीन+1 की नीति का अनुपालन ही उनके भलाई में होगा. अर्थात, यदि किसी उद्योगपति ने चीन में अपनी एक विनिर्माण इकाई स्थापित की है तो जरूरत पड़ने पर उसके द्वारा अब दूसरी विनिर्माण इकाई चीन में स्थापित न करते हुए इसे अब किसी अन्य राष्ट्र में स्थापित किया जाना चाहिए. यह दूसरा राष्ट्र हिंदुस्तान भी हो सकता क्योंकि हिंदुस्तान अब न सिर्फ़ “ईज आफ डूइंग बिजनेस” के क्षेत्र में अतुलनीय सुधार करता हुआ दिखाई दे रहा है बल्कि हिंदुस्तान में बुनियादी ढांचा के विस्तार में भी अतुलनीय प्रगति दृष्टिगोचर है.

केंद्र गवर्नमेंट द्वारा आर्थिक क्षेत्र में लागू की गई कई नीतियों के चलते हिंदुस्तान आज विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तो बन ही गया है और अब यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. अर्थ के कई क्षेत्रों में तो हिंदुस्तान विश्व में प्रथम पायदान पर आ भी चुका है. इससे अब चीन के साथ अमेरिका को भी आने वाले समय में वैश्विक स्तर पर अपने असर में कमी आने की चिंता सताने लगी है. अतः विश्व के कई राष्ट्रों में अब हिंदुस्तान की आर्थिक प्रगति को लेकर ईर्ष्या की भावना विकसित होती दिखाई दे रही है. इस ईर्ष्या की भावना के कारण वे हिंदुस्तान के लिए कई प्रकार की समस्याएं खड़ी करने का कोशिश करते दिखाई देने लगे हैं. यह समस्याएं सिर्फ़ आर्थिक क्षेत्र में खड़ी नहीं की जा रही हैं बल्कि सामाजिक, सियासी एवं आध्यात्मिक आदि क्षेत्रों में भी खड़ी करने के कोशिश हो रहे हैं.
सबसे पहिले तो कुछ राष्ट्र कोशिश कर रहे हैं कि हिंदुस्तान में किस प्रकार सामाजिक अशांति फैलायी जाए. इसके लिए हिंदुस्तान की कुटुंब प्रणाली को तोड़ने के कोशिश किए जा रहे हैं. राष्ट्र में विभिन्न टीवी चैनल पर इस प्रकार के सीरियल दिखाए जा रहे हैं जिससे परिवार के विभिन्न सदस्यों के बीच आपस में छोटी छोटी बातों में लड़ने को बढ़ावा मिल रहा है. इन सीरियल में सास को बहू से, ननद को देवरानी से, छोटी बहिन को बड़ी बहिन से, एक पड़ौसी को दूसरे पड़ौसी से, संघर्ष करते हुए दिखाया जा रहा है. इन सीरियल के माध्यम से हिंदुस्तान में भी पूंजीवाद की तर्ज पर व्यक्तिवाद को हावी होते हुए दिखाया जा रहा है. जबकि भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें संयुक्त परिवार में आपस में मिलजुल कर रहना सिखाती है, त्याग एवं तपस्या की भावना जागृत करती है एवं परिवार के छोटे सदस्यों द्वारा अपने बड़े सदस्यों का आदर करना सिखाती है. इसके ठीक उल्टा पश्चिमी सभ्यता के भीतर संयुक्त परिवार दिखाई ही नहीं देते हैं वे तो पर्सनल स्तर पर सिर्फ़ अपने आर्थिक भलाई साधते हुए नजर आते है. पश्चिमी राष्ट्रों के इन प्रयासों से आज कुछ हद्द तक भारतीय समाज भी पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित होता हुआ दिखाई देने लगा है. आज विकसित राष्ट्रों के परिवारों में बेटे के 18 साल की उम्र प्राप्त करने के पश्चात वह परिवार से अलग होकर अपना परिवार बसा लेता है. अपने बूढ़े माता पिता की देखभाल भी नहीं कर पाता है. इसके चलते इन राष्ट्रों में सरकारों को अपने प्रौढ़ वर्ग के नागरिकों के देखरेख करनी होती है और इनके लिए गवर्नमेंट के स्तर पर कई योजनाएं चलानी पड़ती है. आज इन राष्ट्रों में प्रौढ़ नागरिकों की संख्या के लगातार बढ़ते जाने से गवर्नमेंट के बजट पर अत्यधिक उल्टा असर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. जबकि हिंदुस्तान में संयुक्त परिवार की प्रथा के कारण ही इस प्रकार की कोई परेशानी दिखाई नहीं दे रही है. अतः पश्चिमी राष्ट्रों द्वारा हिंदुस्तान की कुटुंब प्रणाली को अपनाए जाने के जगह पर इसे हिंदुस्तान में भी नष्ट करने का कोशिश किया जा रहा है.
दूसरे, कई राष्ट्र अब हिंदुस्तान में सामाजिक समरसता के तानेबाने को भी उल्टा रूप से प्रभावित करने के कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं. विशेष रूप से हिंदू समाज में विभिन्न मत, पंथ मानने वाले नागरिकों को आपस में लड़ाने के कोशिश किए जा रहे हैं ताकि इन्हें आपस में बांटा जा सके और हिंदुस्तान में अशांति फैलायी जा सके तथा जिससे राष्ट्र की आर्थिक प्रगति उल्टा रूप से प्रभावित हो सके. हिंदुस्तान के इतिहास पर नजर डालने पर ध्यान में आता है कि हिंदुस्तान में जब जब सामाजिक समरसता का अभाव दिखाई दिया है तब तब विदेशी आक्रांताओं एवं अंग्रेजों को हिंदुस्तान में अपना शासन स्थापित करने में सरलता हुई है. उन्होंने “बांटो एवं राज करो” की नीति के अनुपालन से ही हिंदुस्तान के कुछ भू भाग पर अपनी सत्ता स्थापित की थी. अब एक बार पुनः इसी आजमाए हुए नुस्खे को पुनः आजमाने का कोशिश किया जा रहा है. चाहे वह जातिगत जनगणना करने के नाम पर हो अथवा समाज के विभिन्न वर्गों को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर किये जाने वाले आंदोलनों की बात हो.
तीसरे, कई राष्ट्रों द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य राष्ट्रों में भी अस्थिरता फैलाने के कोशिश किए जा रहे हैं. सबसे ताजा उदाहरण बांग्लादेश का लिया जा सकता है जहां हाल ही में सत्ता बदलाव हुआ है. अब बांग्लादेश में अतिवादी दलों के हाथों में सत्ता की कमान जाती हुई दिखाई दे रही है इससे अब बांग्लादेश में भी आर्थिक प्रगति उल्टा रूप से प्रभावित होगी. मालदीव में पूर्व में ही हिंदुस्तान विरोध के नाम पर अतिवादी दलों ने सत्ता हथिया ली है, जो वहां हिंदुस्तान “गो बैक” के नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं एवं चीन के साथ अपने सियासी संबंध स्थापित कर रहे हैं. नेपाल में भी हाल ही में हुए सत्ता बदलाव के बाद वे चीन के करीब जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. श्रीलंका पूर्व में ही सियासी अस्थिरता के दौर से गुजर चुका है. पाक तो घोषित रूप से अपने आप को हिंदुस्तान का शत्रु राष्ट्र कहलाता है. अफगानिस्तान में भी तालिबान की सत्ता स्थापित हो चुकी है, हालांकि अफगानिस्तान ने हिंदुस्तान की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है.
कुल मिलाकर हिंदुस्तान की आर्थिक प्रगति को रोकने हेतु कुछ राष्ट्रों द्वारा भरपूर कोशिश किए जा रहे हैं. हिंदुस्तान में अशांति फैलाकर ये राष्ट्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को हिंदुस्तान में आने से रोकने के कोशिश कर रहे हैं ताकि विदेशी कम्पनियां हिंदुस्तान में विनिर्माण इकाईयों को स्थापित करने के प्रति हत्तोत्साहित हों और राष्ट्र में बेरोजगारी की परेशानी विकराल रूप धारण कर ले. इस प्रकार के माहौल में आज हिंदुस्तान के आम नागरिकों में राष्ट्र प्रेम का रेट जगाने की सबसे अधिक जरूरत है एवं विभिन्न समाजों एवं मत पंथ को मानने वाले नागरिकों के बीच आपस में भाई चारा स्थापित करने की भी महती जरूरत है. अन्यथा, एक बार पुनः विदेशी ताकतें हिंदुस्तान की आम जनता को आपस में लड़ा कर इस राष्ट्र पर अपना शासन स्थापित करने में सफल हो सकती हैं. परंतु, हर्ष का विषय है कि हिंदुस्तान में कई सांस्कृतिक संगठन अब कुछ राष्ट्रों की इन कुटिल चालों से हिंदुस्तान की आम जनता को अवगत कराने के कोशिश करने लगे हैं एवं समाज की सज्जन शक्ति भी अब इन बातों को जनता के बीच ले जाकर उन्हें इस प्रकार के कुत्सित प्रयासों के परिणामों से अवगत कराने लगी हैं और कुछ हद्द तक इसका आभास अब आम जनता को होने भी लगा है.

07/30/2024

एक महिला ने न्यूज़ीलैंड में दो शेर के बच्चों को पाला था। जब वे बच्चे बड़े हो गए, तो न्यूज़ीलैंड की सरकार ने उन शेरों को चिड़ियाघर में रखने का आदेश दे दिया।

एक दिन वह महिला उनसे मिलने चिड़ियाघर गई, और तब जो दृश्य दिखाई दिया, वह दिल छू लेने वाला था।

हिंसक से हिंसक प्राणी भी प्यार और ममता को पहचानता है।

नेशनल हेराल्ड मामले में स्वामी, सोनिया और राहुल संक्षिप्त जवाब दाखिल करें : दिल्ली हाईकोर्टDelhi High Court’s direction ...
07/22/2024

नेशनल हेराल्ड मामले में स्वामी, सोनिया और राहुल संक्षिप्त जवाब दाखिल करें : दिल्ली हाईकोर्ट
Delhi High Court’s direction regarding National Herald case : दिल्ली हाई कोर्ट ने बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस पार्टी नेता सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मुद्दे में संक्षिप्त उत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने इस मुद्दे को बहस के लिए 29 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया है. इस मुद्दे में सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं अन्य आरोपी हैं.

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने तीनों को चार हफ्ते के भीतर दलीलों पर लिखित उत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया और बोला कि इसके बाद लिखित उत्तर 15 हजार रुपए के केस खर्च के साथ स्वीकार किया जाएगा. न्यायालय ने इस मुद्दे को बहस के लिए 29 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया है. उच्च न्यायालय, स्वामी द्वारा नेशनल हेराल्ड मुद्दे में सुनवाई न्यायालय के समक्ष सबूत पेश करने का निवेदन करते हुए दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इस मुद्दे में सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं अन्य आरोपी हैं.अदालत ने 22 फरवरी 2021 को सोनिया, राहुल, नेशनल कांग्रेस पार्टी पार्टी (एआईसीसी) के महासचिव ऑस्कर फर्नांडिज (जिनकी अब मौत हो चुकी है), सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इण्डिया (वाईआई) को नोटिस जारी करते हुए स्वामी की याचिका पर उत्तर देने को बोला था और मुद्दे में आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.

अदालत ने सोमवार को बोला कि कार्यवाही पर रोक का अंतरिम आदेश मुद्दे की अगली सुनवाई की तारीख तक जारी रहेगा. कांग्रेस पार्टी नेताओं का पक्ष न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा ने रखा. स्वामी ने 11 फरवरी 2021 को सुनवाई न्यायालय के उस आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट का रुख किया था जिसमें उन्हें अतिरिक्त सबूत पेश करने की अनुमति देने से इनकार किया गया था.

स्वामी के अनुसार नए सबूतों से सोनिया, राहुल गांधी एवं अन्य को मुद्दे में अभियोजित किया जा सकता है. सुनवाई न्यायालय ने बोला था कि सबूत रखने के लिए भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-244 के अनुसार स्वामी द्वारा दाखिल अर्जी पर विचार मुद्दे में उनकी गवाही होने के बाद किया जाएगा.

स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव (रजिस्ट्री अधिकारी), उप भूमि एवं विकास अधिकारी और इनकम टैक्स विभाग के उपायुक्त सहित कई गवाहों को तलब करने और उन्हें मुद्दे में दाखिल दस्तावेजों को सत्यापित करने का निर्देश देने का निवेदन किया है.

सुनवाई न्यायालय में एक निजी फौजदारी कम्पलेन में सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता ने गांधी परिवार और अन्य पर फर्जीवाड़ा और गबन करने की ‘साजिश’ रचने का इल्जाम लगाया था जिसके माध्यम से यंग भारतीय प्राइवेट लिमिटेड (वाईआई) ने 90.25 करोड़ रुपए वसूलने का अधिकार प्राप्त कर लिया, जो कि ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र के मालिक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड द्वारा कांग्रेस पार्टी को दिया जाना था.

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पीएम मोदी ने भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता की जाहिरनई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अप...
07/20/2024

पीएम मोदी ने भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता की जाहिर
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने न्यूजीलैंड के समकक्ष क्रिस्टोफर लुक्सन को दोबारा निर्वाचित होने पर शुभकामना दी है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके साथ ही भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है. दोनों नेताओं ने व्यापार एवं आर्थिक सहयोग, पशुपालन, शिक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. पीएम कार्यालय द्वारा आज जारी बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने बोला कि भारत-न्यूजीलैंड संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों पर आधारित हैं तथा उन्होंने आने वाले सालों में द्विपक्षीय योगदान को नयी ऊंचाई पर ले जाने की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई.बयान में बोला गया, ‘‘दोनों पक्षों ने व्यापार एवं आर्थिक सहयोग, पशुपालन, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा, अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से फायदेमंद द्विपक्षीय योगदान को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.’’ मोदी ने न्यूजीलैंड में भारतीय समुदाय के हितों की देखभाल के लिए लुक्सन को धन्यवाद दिया, जिस पर उन्होंने भारतीय समुदाय की सुरक्षा और कल्याण के लिए लगातार प्रयासों का आश्वासन दिया. मोदी ने बाद में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं पीएम क्रिस्टोफर लुक्सन को उनके टेलीफोन कॉल और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं.

मोदी भी लगातार तीसरी बार बने हैं पीएम
न्यूजीलैंड के पीएम लुक्सन जहां दूसरी बार चुने गए तो वहीं नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार हिंदुस्तान के पीएम बने हैं. पीए मोदी ने बोला कि लुक्सन ने भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच आपसी संबंधों पर आधारित हैं. न्यूजीलैंड में भारतीय समुदाय की सुरक्षा और कल्याण के लिए उनके प्रयासों की सराहना की.’’ हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटे हैं.
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अनंत अंबानी की शादी में ऐसा था बॉलीवुड सेलेब्स का लुकअनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की विवाह में मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री औ...
07/13/2024

अनंत अंबानी की शादी में ऐसा था बॉलीवुड सेलेब्स का लुकअनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की विवाह में मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री और हॉलीवुड की कई हस्तियां शामिल हुईं. जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में खुश जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए सितारों का हुजूम उमड़ पड़ा.

WWE रेसलर जॉन सीना को हल्के नीले रंग के कोट और सफेद पैंट में बहुत बढ़िया अंदाज में देखा गया. मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री अदाकार जैकी श्रॉफ पारंपरिक धोती पहने विवाह में पहुंचे, उनके हाथ में एक पौधा था, जैसा कि उनका सिग्नेचर स्टाइल है. खूबसूरत जोड़ी रितेश देशमुख और जेनेलिया को मैचिंग आउटफिट में देखा गया, जिसमें जेनेलिया ने सफेद साड़ी पहनी थी और रितेश ने शॉर्ट कुर्ता और हाफ जैकेट के साथ सफेद धोती पहनी थी. युवा अदाकारा शनाया कपूर ने खूबसूरत नीले रंग का लहंगा पहना था, जबकि जाह्नवी कपूर के कथित बॉयफ्रेंड शिखर पहाड़िया लाल रंग के झिलमिलाते कुर्ते में पपराज़ी के लिए पोज़ देते हुए नज़र आए.

बॉलीवुड गायक अनु मलिक अपने परिवार के साथ विवाह में पहुंचे, जबकि अदाकार अर्जुन कपूर ऑफ-व्हाइट शिमरी कुर्ता में बहुत बढ़िया लग रहे थे. प्रतिभाशाली अदाकार राजकुमार राव अपनी खूबसूरत पत्नी पत्रलेखा के साथ विवाह में शामिल हुए. मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री अदाकार संजय दत्त भारी काम वाली नीली शेरवानी पहने हुए देखे गए, जबकि युवा अदाकार वरुण धवन सफेद और सुनहरे रंग की पोशाक में पारंपरिक दिख रहे थे. अदाकारा कृति सनोन ने बहुत बढ़िया बहुरंगी लहंगा पहना था, जबकि युवा अदाकारा सारा अली खान अपने भाई इब्राहिम के साथ विवाह में पहुंचीं, उन्होंने लहंगे के साथ खूबसूरत डीप नेक ब्लाउज पहना था.

शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान ने विवाह में गोल्डन साड़ी पहनी थी, जबकि अदाकारा दिशा पटानी साड़ी में ग्लैमरस दिखीं. अदाकार शाहिद कपूर अपनी पत्नी मीरा राजपूत के साथ विवाह में शामिल हुए और दोनों ने अपने-अपने आउटफिट पहने. अदाकारा विद्या बालन ने बहुत बढ़िया गुलाबी और लाल बनारसी साड़ी पहनी थी, जबकि अदाकार ऋतिक रोशन पूरी तरह से काले रंग के आउटफिट में बहुत बढ़िया दिख रहे थे.

आमिर खान की बेटी इरा खान अपने पति के साथ पारंपरिक परिधान पहनकर विवाह में शामिल हुईं. अमिताभ बच्चन, जया बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन सहित बच्चन परिवार भी इस मौके पर उपस्थित था, ऐश्वर्या अपनी बेटी के साथ अलग से पहुंचीं. अदाकारा जैकलीन फर्नांडीज ने बहुत बढ़िया दक्षिण भारतीय परिधान पहना था, जबकि अदाकारा सोनाली बेंद्रे अपने पति और बेटे के साथ खूबसूरत हरे रंग का सूट पहनकर विवाह में शामिल हुईं.

अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की विवाह एक भव्य कार्यक्रम है, जिसमें कई सितारे इस खुशहाल जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. यह कार्यक्रम भारतीय शादियों की भव्यता और वैभव का प्रमाण है, जिसमें मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री और हॉलीवुड की नामचीन हस्तियाँ शामिल होती हैं.
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मणिपुर की स्थिति में आज भी नहीं हुआ है सुधार : राहुल गांधीनई दिल्ली. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवा...
07/11/2024

मणिपुर की स्थिति में आज भी नहीं हुआ है सुधार : राहुल गांधी
नई दिल्ली. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को बोला कि ‘‘मणिपुर की स्थिति में आज भी सुधार नहीं हुआ है और वह दो टुकड़ों में बंटा हुआ है’’, ऐसे में पीएम नरेन्द्र मोदी को राज्य का दौरा कर लोगों की तकलीफ सुननी चाहिए और शांति की अपील करनी चाहिए. उन्होंने यह भी बोला कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल मणिपुर में शांति की आवश्यकता को संसद में पूरी शक्ति के साथ उठाकर, गवर्नमेंट पर इस त्रासदी को समाप्त करने का दबाव बनाएंगे. राहुल गांधी ने गत सोमवार को मणिपुर का दौरा कर अत्याचार पीड़ितों से मुलाकात की थी.
उन्होंने अपने इस दौरे का एक वीडियो बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया. उन्होंने बोला कि 22 जुलाई से शुरुआत हो रहे संसद के मानसून सत्र में मणिपुर का मामला उठाएंगे. उन्होंने वीडियो साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘‘मणिपुर में अत्याचार प्रारम्भ होने के बाद, मैं तीसरी बार यहां आ चुका हूं, मगर अफसोस स्थिति में कोई सुधार नहीं है – आज भी प्रदेश दो टुकड़ों में बंटा हुआ है. घर जल रहे हैं, मासूम ज़िंदगियां खतरे में हैं और हज़ारों परिवार राहत शिविर में जीवन काटने पर विवश हैं.’’

उन्होंने बोला कि पीएम को स्वयं मणिपुर आ कर प्रदेशवासियों की तकलीफ़ सुनने के साथ ही शांति की अपील करनी चाहिए. राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और ‘इंडिया’ गठबंधन मणिपुर में शांति की आवश्यकता को संसद में पूरी शक्ति के साथ उठाकर, गवर्नमेंट पर इस त्रासदी को समाप्त करने का दबाव बनाएंगे.’’ वीडियो के मुताबिक, जब राहल गांधी ने स्त्रियों के एक समूह के समक्ष प्रश्न किया कि अत्याचार क्यों प्रारम्भ हुई तो उन्होंने बोला कि गहतफहमी के कारण प्रारम्भ हुई और अत्याचार से किसी का लाभ नहीं है.

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों ने दो मुठभेड़ों में छह आतंकवादियों को गिराया मारश्रीनगर. जम्मू और कश्मीर के पुलि...
07/07/2024

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों ने दो मुठभेड़ों में छह आतंकवादियों को गिराया मार
श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरआर स्वैन ने रविवार को कहा कि कुलगाम जिले में दो मुठभेड़ों में छह आतंकियों को मार गिराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि है.
डीजीपी ने कहा, “दो भिन्न-भिन्न एनकाउंटर स्थलों पर छह आतंकियों को मार गिराया गया है. सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है.”

उन्होंने कहा, “लोग आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एकजुट हो रहे हैं और अभियान रफ्तार पकड़ रही है. मौजूदा अभियान अभी भी जारी है. हमें क्षेत्रीय आतंकियों के शामिल होने की भी समाचार मिली है.”
डीजीपी स्वैन ने कहा, “चल रहे ऑपरेशन आतंकी नेटवर्क को समाप्त करने और जम्मू और कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति को बढ़ाने के लिए एक ठोस कोशिश का संकेत देते हैं. क्षेत्रीय आतंकियों की संलिप्तता क्षेत्र में सुरक्षा बलों के सामने आने वाली जटिल चुनौतियों को रेखांकित करती है.”

बता दें कि कुलगाम जिले के दो गांवों चिन्नीगाम और मुदरगाम में चल रही एनकाउंटर में छह आतंकी मारे गए. हालांकि, आतंकियों के साथ एनकाउंटर में एक राष्ट्रीय राइफल्स के पैरा कमांडो लांस नायक प्रदीप नैन और हवलदार राज कुमार शहीद हो गए.

सुरक्षा बलों को कुलगाम जिले में एक-दूसरे से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुदरगाम और चिन्नीगाम गांवों में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. इसके बाद सुरक्षा बलों ने घेराबंदी और तलाशी अभियान प्रारम्भ किया था. इसी दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर प्रारम्भ हुई थी.

अनंत और राधिका की शादी में परफॉर्म करने के लिए मशहूर कनेडियाई सिंगर जस्टिन बीबर पहुंचे भारतAnant-Radhika Wedding: प्रसिद...
07/05/2024

अनंत और राधिका की शादी में परफॉर्म करने के लिए मशहूर कनेडियाई सिंगर जस्टिन बीबर पहुंचे भारत
Anant-Radhika Wedding: प्रसिद्ध बिजनेस टाइकून मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की विवाह में अब बस कुछ ही टाइम रह गया है. ऐसे में विवाह की रस्में भी प्रारम्भ हो गई हैं. सोशल मीडिया पर अंबानी की इस विवाह से कई फोटोज और वीडियो सामने आए हैं. इतना ही नहीं बल्कि अनंत और राधिका की विवाह में परफॉर्म करने के लिए प्रसिद्ध कनेडियाई सिंगर जस्टिन बीबर भी हिंदुस्तान आ चुके हैं.
भारत आए जस्टिन
जी हां, बीते दिन जस्टिन को एयरपोर्ट पर देखा गया. ना केवल जस्टिन बल्कि अनंत और राधिका की प्री-वेडिंग में कई विदेशी सिंगर अपना जलवा दिखा चुके हैं. इस विवाह के लिए विदेशी सितारों पर अंबानी ने करोड़ों खर्च किए हैं. आइए आपको बताते हैं कि किस-किस पर अंबानी ने कितने रुपये खर्च किए हैं?

किसने चार्ज की कितनी फीस?
जस्टिन बीबर
खबर है कि विवाह के संगीत फंक्शन के लिए जस्टिन बीबर इण्डिया आए हैं. हालांकि इस इवेंट के लिए अंबानी ने जस्टिन पर रिहाना से भी अधिक का खर्चा किया है. रिपोर्ट्स की मानें तो बोला जा रहा है कि विवाह के संगीत के लिए जस्टिन बीबर को 10 मिलियन $ यानी लगभग 83 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो रिहाना से भी अधिक है.रिहाना
मशहूर बारबेडियन सिंगर रिहाना भी अंबानी की विवाह में अपना जलवा दिखा चुकी हैं. जी हां, अनंत-राधिका की पहली प्री-वेडिंग में रिहाना हिंदुस्तान आई थी. इस फंक्शन में परफॉर्म करने के लिए रिहाना ने 74 करोड़ रुपये की मोटी फीस चार्ज की थी. हालांकि ये धनराशि जस्टिन से कम है, लेकिन उस टाइम इस धनराशि की वजह से रिहाना ने खूब लाइमलाइट चुराई थी.

शकीरा
रिपोर्ट्स की मानें तो सामने आया था कि अनंत-राधिका के दूसरे प्री-वेडिंग फंक्शन में प्रसिद्ध सिंगर शकीरा ने भी शिरकत की थी. जी हां, बोला जा रहा था कि रिहाना के बाद अब अंबानी की प्री-वेडिंग में शकीरा का जलवा होगा. रिपोर्ट्स की मानें तो सामने आया कि कोलंबियन सिंगर शकीरा ने इस फंक्शन के लिए करीब 10 से 15 करोड़ रुपये चार्ज किए थे.

कौन-कौन करेगा परफॉर्म?
खबरों की मानें तो बोला जा रहा है कि अनंत और राधिका की विवाह में अब मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री और पंजाबी सिंगर बादशाह भी धमाल मचाने वाले हैं. इतना ही नहीं बल्कि बोला ये भी जा रहा है कि इस विवाह में करण औजला भी अपना जलवा दिखाएंगे. इसके अतिरिक्त अनंत और राधिका की विवाह के लिए अडेल, ड्रेक और लाना डेल रे जैसे सितारे भी अपना जलवा दिखा सकते हैं.

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