14/04/2023
कुल्हड़िया मेले से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘पहले एक दिन में दो हजार की हो जाती थी बिक्री, अब तीन सौ की कमाई बड़ी बात’
पवन कुमार मौर्य। 14 अप्रैल 23
मेले का अपना कौतूहल होता है। मेले की यही सबसे बड़ी खूबी होती है। लेकिन हाल के सालों में कोरोना ने मेले की तस्वीर ही बदल कर रख दी है। कोरोना से पहले के मेलों में सर्कस, हाथी, घोड़ों की दौड़, आसमान छूती चरखी, मौत का कुआं, जादूगर, बहरूपिये, नौटंकी आदि को देखकर लोगों लगता था कि जैसे वो पुराने ज़माने में लौट गए हैं। लेकिन अब छोटे-मोटे फेरी-पटरी वालों को छोड़कर सब कुछ नदारद है। कह सकते हैं कि करीब डेढ़ सौ साल से सजते आ रहे कुल्हड़िया मेला कोरोना की भेंट चढ़ गया है। पेश है रिपोर्ट....
Please click hare 👇👇
कुल्हड़िया, चंदौली। देश में मेले का काफी पुराना और समृद्ध इतिहास है। विशेषकर ग्रामीण परिवेश में लोग उत्सव, दंगल और...