08/04/2021
प्रधान मंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री सहित सभी राजनेता कोरोना कहर के लिए कम जिम्मेदार नहीं
एक ओर देश में चल रहे पांच विधानसभा चुनावों की गहमागहमी है तो दूसरी ओर कोरना की पूर्व की तुलना में और भी विकराल वापसी। सात अप्रैल को तो संक्रमितों की संख्या का सवा लाख पार कर जाना हदसा दे रहा है।
कहा जा रहा है कि इस दूसरी लहर का कारण आमजन की घोर लापरवाही है। न तो लोग मास्क लगा रहे हैं और न ही सामाजिक दूरी का पालन हो रहा है। देश की केन्द्र और राज्य सरकारें हों या मीडिया सभी सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं, इसमें संदेह नहीं। लेकिन सवाल यह उठता है कि विधानसभा चुनावों के दौरान देश के पीएम, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री सहित तमाम सत्तापक्ष और विपक्ष के राजनेता रैलियों और जनसभाओं में कोविड-19 की गाइडलाइंस को लेकर क्या कभी एक शब्द भी बोलते नजर आए ? लाखों की जुटी भीड देख कर उनकी ओर से कहा जा रहा कि मैदान छोटे पड़ चुके हैं, आप आगे आने की कोशिश न करें। लोग एक दूसरे से सट कर बैठे या रैलियों में एक दूसरे का कंधा छीलते- चलते हुए नजर आ रहे हैं।
औरों की तो बात छोडिए, स्वयं प्रधान मंत्री जी ने भी कभी अपनी चुनावी सभाओं के दौरान कोरोना से बचाव के बारे में अभी तक एक शब्द भी नहीं बोला। यह कैसी चिन्ता है आपकी कोरोना विस्फोट को लेकर ?
चार राज्यों में मतदान समाप्त हो चुका है छह अप्रैल को लेकिन बंगाल में अभी मतदान के पांच चरण बाकी हैं, जो 29 अप्रैल तक चलेंगे। ऐसे में नरेन्द्र मोदी सहित सभी नेतागण जनसभाओं और रैलियों के आयोजकों से यही आग्रह है कि वे सभी कोविड दिशा- निर्देशों का पालन करने की लोगों से सख्त ताकीद कर एक आदर्श उपस्थित करें। क्योंकि फिलहाल जब सडक पर जमा भीड़ को पुलिस-प्रशासन समझाने की कोशिश करता है तब उनको जवाब मिलता है- जाइए पहले चुनावी रैलियों और जनसभाओं में जुटे लोगों से कोरोना महामारी से बचाव के लिए बोलिए और उन पर कार्रवाई कीजिए फिर हमारे पास आइएगा।