YUVA the rising YOUTH

YUVA the rising YOUTH Political as well as for Social Causes

14/12/2020

18/10/2020

* कुछ प्रश्न भी हत्यारे होते है *

आज UPPCS की परीक्षा थी अर्पित भईया का सेंटर इलाहाबाद से 20 किमी दूर गया था इस लिए मै सोचा जबतक वो आते है तब तक मै चाय तैयार रखता हूं। अर्पित भईया और हम रसूलाबाद में एक ही लॉज में अगल बगल रूम में रहते है। भईया हमसे सीनियर है और 4 बार मेंस और एक इंटरव्यू दे चुके है पर कभी सीनियर वाला रोब नहीं दिखाया। प्रेम तो जैसे राम लक्ष्मण से करते है वैसा ही कुछ रिश्ता है। हम चाय रख के बन मक्खन सेक रहे थे तभी अर्पित भईया के आने की आहट हुई। दरवाजा पे जूता निकाल रहे थे। उनके चेहरे पे मुस्कान थी जो हमेशा हर परिस्थिति में रहती है।

अर्पित भईया : का गुरु तुम त पूरी व्यस्था कर के रखे हो?

मै : अरे भईया कौन बड़ा काम है जल्दी से नहा के आयिए चाय 20 मिनट से खौल रही है।

भईया : अच्छा ये रखो समोसा एकदम गरम है इसको निकालो तब तक हम 5 मिनट में आते है।

मै समोसा निकाला चाय छान के रखा भईया आए बैठे और चाय के साथ बात होने लगी। हम परीक्षा के बारे में किसी से भी नहीं पूछते क्योंकि हमारे अनुसार परीक्षा और रिज़ल्ट का हाल पूछने वालों पे मानसिक प्रताड़ना का केस हो जाना चाहिए। तभी भईया बोले

भईया : बाबा ये आयोग हम लोगो को नौकरी देना ही नहीं चाहता।

मै : का हुआ भईया सही नहीं रहा का परिक्षवा?

भईया : अरे यार फिर साला वहीं न UP से प्रश्न न जनसंख्या से न बजट से न आर्थिक से और तो और विश्व भूगोल पर्यावरण में पीएचडी करके प्रश्न डाल रहे। करेंट इतना सब्जेक्टिव की करेंट नहीं विषय ही समझो।

मै : अरे भईया का करबो ये आज कल UPSC के पायल अपने पाव में पहन रहे है

भईया : जाए दो बाबा मूड खराब है पेपर देख के की ही ये साला पहला स्टेट पीसीएस है जो ससुरा अपने स्टेट का ही नहीं पूछता। खैर छोड़ो अंसर की आए तब पता चले का होगा।

मै : हां भईया चाय पियो और सो लो बहुत दिन से सोए नही आंख लाल और नीचे काला धब्बा हो गया है।

भईया : हां यार जो होगा देखा जायेगा।

3 दिन बाद....शाम को

भईया : सुनो अंसर की आयी है डाउनलोड करो तो

मै : जी भईया बैठिए हम करते है।

मै अंसर की डाउनलोड किया और फोन उनके हाथ में दे दिया वो मिलाने लगे 2 घंटे तक उसी में खोए रहे कभी निराश हो जाते तो कभी किसी प्रश्न को देख के खुश हो जाते। 2 घंटे बाद फोन मुझे देते हुए बोले इस बार तो गए हम। मै निराश मन से उनको देख रहा था बोलू भी क्या मै? क्योंकि वो ऐसे बहुत से मौके झेल चुके है। मै चुप रहा। वो भी चुप होकर पेपर रोले करके कोने में घुसेड़ दिए। रूम में सन्नाटा था वो जमीन पे एकटक देख रहे थे फिर अचानक से उठे और मुस्कुराते हुए बोले

भईया : यार छोड़ो ये तो होता रहता है इलाहाबाद में कुछ नया नहीं है ज़िन्दगी का हिस्सा है।

मै : उनके चेहरे को देख के बस यही सोच रहा था क्या इंसान है ये किस मिट्टी का है कौन सी चट्टानों से बना है।

भईया : अबे का देख रहे हो हां?..यही ना की मै कितने आसानी से बोल रहा हा हा हा.. बोलना पड़ता है गुरु जीने के लिए।

मै : हां भईया सही कहे बहुत एग्जाम आएंगे छोड़िए

भईया : हां और नहीं तो क्या। चलो मुर्गा लाते है आज पेल के खाते है आज तुमको अपने हाथ का बना के खिलाते है।

मै : अरे भईया गजब आज तो मज़ा आएगा..

शाम को मुर्गा आया भईया बनाए। हसी मजाक के बीच खाया गया। उस दिन भईया तमाम बात बताए । बत्ती वाली गाड़ी का सपना और उनकी ज़िंदगी की सुंदरी ' के बारे में भी। उस दिन बताया पिता जी उनके मोटर बाइडिंग की का काम करते है। वो बोले सोच रहे है सीख ले क्या पता आयोग का नौकरी मिले या ना मिले ये बोलकर जोर जोर से हंसने लगे। हम भी बोले भईया हमको भी सीखा दो अभी उम्र काहे गलाए यहां।
हसी मजाक करते रात के 12 बज गए भईया बोले चाय बना लो पी के सोने जाते है। चाय बनी पिए और हम अपने अपने कमरे में चले गए।

सुबह हुई..
हम उठे देखे की घड़ी में 9 बज गया। मुझे अक्सर भईया जगा देते थे 7 बजे वरना मै रोज 10 बजे तक सोता था। मै उठा देखा भईया का दरवाजा बंद है अभी तक नहीं उठे। मै नहाया, बर्तन धुला और चाय रख के भईया को जगाने गया दरवाजा पीट रहा कोई आवाज नहीं थी, खिड़की भी अंदर से बंद थी मै डर गया था। मै दौड़कर नीचे गया और कुछ लोगो को बुला के लाया सब जोर जोर से बुलाने लगे पर कोई असर नहीं हुआ। दरवाजा तोड़ा गया और सामने वहीं दृश्य था जो सबके दिमाग में चल रहा था। एक विशाल काय शरीर मामूली सी रस्सी पे पेंडुलम की तरह झूल रहा था जैसे बता रहा हो हर पल समय और स्थिति बदल सकती है। मै बेसुध पड़ा था। दिमाग शून्य पड़ चुका था। समझ नहीं आ रहा क्या कहूं, क्या करू, क्या देखू, क्या सुनूं, किसकी मानू, किसपे इल्ज़ामात लगाऊं। आज मैंने पहाड़ों को भी टूटते देख लिया था। पुलिस अवसाद और संघर्स को हत्यारा ठहरा कर कहानी खत्म कर रही थी पर ये गुत्थी कैसे कोई सुलझाए, कैसे समझेगा और कब समझेगा की कुछ चंद प्रश्न एक इंसान की हत्या कर सकते है चाहे वो सिलेबस से हो या बाहर से हो।

* यह लेख काल्पनिक है नाम और जगह बस यथार्थ बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए है *

✍️ Gagan Yadav

10/10/2020
https://twitter.com/APamit_pandey/status/1287271507077378048?s=20
26/07/2020

https://twitter.com/APamit_pandey/status/1287271507077378048?s=20

“महाराष्ट्र में अगर किसीने "जय श्री राम" बोला तो उसपर कार्यवाई होगी- अनिल देशमुख (गृहमंत्री,महाराष्ट्र) "जय श्री राम...

17/06/2020
17/06/2020

एक के बाद एक
छह फिल्में सुशांत से छीन ली गई थी
वो भी छिछोरे जैसी 150 cr वाली हिट के बाद
एक ही आदमी है,
जिसका दखल इंडस्ट्री में इस कदर है
कि विवेक ओबेराय का कॅरियर खतम कर देता है
वहीं एक आदमी बार-बार सामने आता है
सोनू निगम, अभिजीत और उदित नारायण को
घर बैठाने वाला यही आदमी है

वक़्त है इसका बहिष्कार करने का

16/06/2020

Exactly
via - AVPJ

15/06/2020

💔💔💔

Can you help me out by signing this petition?http://chng.it/WZyyJwbm
13/05/2020

Can you help me out by signing this petition?
http://chng.it/WZyyJwbm

Cancelling the examinations of Final semester as well.

01/02/2020

विधानसभा निवडणुकीपूर्वी नवी मुंबईमध्ये मोठ्या प्रमाणात राजकीय बदल घडले.

29/01/2020

🤣🤣🤣

29/01/2020

#बाळासाहेब_ठाकरे🙏🙏🙏

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