Social worker -Divya pandey

Social worker -Divya pandey ╰❥�॥ अंतः अस्ति प्रारंभ ||�︵�
꧁•⊹٭�लगाव ही पीड़ा है, करुणा ही क्रूरता है, और अंत ही प्रारंभ٭⊹•꧂�
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30/10/2023

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25/10/2023
05/10/2023

डॉक्टर जो जानवरो से बात करते है

04/10/2023

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता लाल बहादुर शास्त्री का 2 अक्तूबर को जन्म हुआ था। गा...
02/10/2023

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता लाल बहादुर शास्त्री का 2 अक्तूबर को जन्म हुआ था। गांधी जयंती के साथ ही इस दिन शास्त्री जी की भी जयंती मनाई जाती है। लाल बहादुर शास्त्री का जीवन सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता का आदर्शपूर्ण उदाहरण है। जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद जब देश को एक नए प्रधानमंत्री की जरूरत थी, तो लाल बहादुर शास्त्री का नाम सामने आया। उन्हें देश का प्रधानमंत्री रहते हुए अपना कर्तव्य बखूबी निभाया।
आजादी की जंग के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी, महज 17 साल की उम्र में वह जेल गए थे। आजादी का नारा दिया, जो देशवासियों की जुबां पर एक जुमले की तरह रहता। उनके सिद्धांत, उनका संपूर्ण जीवन ही प्रेरणा बन गई। लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद उनके परिवार के पास न तो अपना घर था और न संपत्ति। वह एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपने पद से लाभ लिया नहीं, बल्कि सरकार और देश को सेवा दी।
लाल बहादुर शास्त्री के विचार और मूल्य भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं और उनके कार्य और योगदान को समर्थन देने का संकल्प आज भी हमारे बीच बना हुआ है। प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर उनके दिए अनमोल वचनों को पढ़िए, ताकि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।

भारत के राष्ट्रपिता और स्वतंत्रता संग्राम प्रमुख महात्मा गांधी का पूरा जीवन ही शिक्षा की तरह है। बापू ने अहिंसा और सत्य ...
02/10/2023

भारत के राष्ट्रपिता और स्वतंत्रता संग्राम प्रमुख महात्मा गांधी का पूरा जीवन ही शिक्षा की तरह है। बापू ने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलना सिखाया। उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। बापू एक सूती धोती तन पर लपेटे, लाठी के बल पर पूरे स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई लड़ गए। उनके पीछे पूरा देश कदम ताल करता हुआ स्वतंत्रता की मांग पर निकल पड़ा। भारतीयों को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए विलासिता की जीवन छोड़ गांधी जी आश्रम में रहने लगे।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनका दिया नारा, उपदेश हर किसी के लिए आदर्श और मार्गदर्शक बन गया। 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की जयंती के मौके पर महात्मा गांधी के अनमोल वचनों को पढ़ें। गांधी के प्रेरणादायक विचार हर किसी को आदर्श मार्ग पर चलने की प्रेरित करते हैं।

29/09/2023

@----ईमानदारी का फल ---@
नमस्कार दोस्तो आप सभी का स्वागत है 🎉
आज की ये motivational story
@ईमान का ज्ञान बताएगी
तो चलिए शुरू करते है..
काफी समय पहले की बात है प्रतापगढ़ नाम का एक राज्य था वहाँ का राजा बहुत अच्छा था
मगर राजा को एक सुख नही था वह यह कि उसके कोई भी संतान नही थी और वह चाहता था कि अब वह राज्य के अंदर किसी योग्य बच्चे को गोद ले ताकि वह उसका उत्तराधिकारी बन सके और आगे की बागडोर को सुचारू रूप से चला सके
और इसी को देखते हुए राजा ने राज्य में घोषणा करवा दी की सभी बच्चे राजमहल में एकत्रित हो जाये ऐसा ही हुआ राजा ने सभी बच्चो को पौधे लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के बीज दिए
और कहा कि अब हम 6 महीने बाद मिलेंगे और देखेंगे कि किसका पौधा सबसे अच्छा होगा ..
महीना बीत जाने के बाद भी एक बच्चा ऐसा था जिसके गमले में वह बीज अभी तक नही फूटा था
लेकिन वह रोज उसकी देखभाल करता था और रोज पौधे को पानी देता था देखते ही देखते 3 महीने बीत गए बच्चा परेशान हो गया तभी उसकी माँ ने कहा कि बेटा धैर्य रखो कुछ बीजो को फलने में ज्यादा वक्त लगता है और वह पौधे को सींचता रहा 6 महीने हो गए राजा के पास जाने का समय आ चुका था लेकिन वह डर हुआ था कि सभी बच्चो के गमलो में तो पौधे होंगे और उसका गमला खाली होगा लेकिन वह बच्चा ईमानदार था और सारे बच्चे राजमहल में आ चुके थे कुछ बच्चे जोश से भरे हुए थे क्योंकि उनके अंदर राज्य का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल लालसा थीअब राजा ने आदेश दिया सभी बच्चे अपने अपने गमले दिखाने लगे मगर एक बच्चा सहमा हुआ था क्योंकि उसका गमला खाली था तभी राजा की नजर उस गमले पर गयी उसने पूछा तुम्हारा गमला तो खाली है तो उसने कहा लेकिन मैंने इस गमले की 6 महीने तक देखभाल की है
राजा उसकी ईमानदारी से खुश था कि उसका गमला खाली है फिर भी वह हिम्मत करके यहाँ आ तो गया सभी बच्चों के गमले देखने के बाद राजा ने उस बच्चे को सभी के सामने बुलाया बच्चा सहम गया और राजा ने वह गमला सभी को दिखाया सभी बच्चे जोर से हसने लगे राजा ने कहा शांत हो जाइये इतने खुश मत होइए आप सभी के पास जो पौधे है वो सब बंजर है आप चाहे कितनी भी मेहनत कर ले उनसे कुछ नही निकलेगा लेकिन असली बीज यही था राजा उसकी ईमानदारी से बेहद खुश हुआ और उस बच्चे को राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया गया🙏

28/09/2023

@ --- परिस्थितियों को दोष देना---@
काफी समय पहले की बात है दोस्तों एक आदमी रेगिस्तान में फंस गया था वह मन ही मन अपने आप को बोल रहा था कि यह कितनी अच्छी और सुंदर जगह हैअगर यहां पर पानी होता तो यहां पर कितने अच्छे-अच्छे पेड़ उग रहे होते और यहां पर कितने लोग घूमने आना चाहते होंगे मतलब ब्लेम कर रहा था कि यह होता तो वो होता और वो होता तो शायद ऐसा होता ऊपरवाला देख रहा था अब उस इंसान ने सोचा यहां पर पानी नहीं दिख रहा है उसको थोड़ी देर आगे जाने के बाद उसको एक कुआं दिखाई दिया जो कि पानी से लबालब भरा हुआ था काफी देर तक विचार-विमर्श करता रहा खुद से फिर बाद उसको वहां पर एक रस्सी और बाल्टी दिखाई दी इसके बाद कहीं से एक पर्ची उड़ के आती है जिस पर्ची में लिखा हुआ था कि तुमने कहा था कि यहां पर पानी का कोई स्त्रोत नहीं है अब तुम्हारे पास पानी का स्रोत भी है अगर तुम चाहते हो तो यहां पर पौधे लगा सकते हो वह चला गया दोस्तों तो यह कहानी हमें क्या सिखाती है यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आप परिस्थितियों को दोष देना चाहते हो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आप परिस्थितियों को दोष देते हो कि अगर यहां पर ऐसा हो और आपको वह सोर्सेस मिल जाए तो क्या परिस्थिति को बदल सकते हो इस कहानी में तो यही लगता है कि कुछ लोग सिर्फ परिस्थिति को दोष देना जानते हैं अगर उनके पास उपयुक्त स्रोत हो तो वह परिस्थिति को नहीं बदल सकते सिर्फ वह ब्लेम करना जानते हैं लेकिन हमे ऐसा नहीं बनना है दोस्तों इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप चाहते हो कि परिस्थितियां बदले और आपको अगर उसके लिए उपयुक्त साधन मिल जाए तो आप अपना एक परसेंट योगदान तो दे ही सकते हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि अगर आपके साथ ऐसी कोई घटना घटित होती है आप अपना योगदान जरूर देंगे यह कहानी आपको अच्छी लगी होगी !

दोस्तों मेने आपका ज्यादा समय खराब नहीं किया और इस motivational story को मैंने कम से कम शब्दों में समेटने की कोशिश की है जो कि मैं कर पाया अगर आपके कोई सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से मुझे जरूर बताएं और अगर आपको यह motivational story अच्छी लगी हो तो इस कहानी को और लोगों से
आपके दोस्तों के साथ आप शेयर करिए
शुक्रिया!!

@ --हार गया लेकिन खुद से जीत गया--@दोस्तों नमस्कार आप सभी का स्वागत हैआज मैं आपको एक ऐसी motivational stories बता रही हु...
27/09/2023

@ --हार गया लेकिन खुद से जीत गया--@

दोस्तों नमस्कार आप सभी का स्वागत है
आज मैं आपको एक ऐसी motivational stories बता रही हु जिसे पढ़ने के बाद आपकी ऊर्जा पहले जैसी नही रहेगी तो चलिए बिना आपका समय गवाये motivational story को शुरू करते है।।
हरीश नाम का एक लड़का था उसको दौड़ने का बहुत शौक था वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था
परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था
एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा अब रेस शुरू हुई
हरीश ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे 2 सारे धावक आगे निकल रहे थे मगर अब हरीश थक गया था वह रुक गया फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो कम से कम चल तो सकता हु उसने ऐसा ही किया वह धीरे 2 चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था
अब वह बहुत ज्यादा थक गया था और नीचे गिर पड़ा। उसने खुद को बोला की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा वह जिद करके वापस उठा लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया माना कि वह रेस हार चुका था लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से पहले race को कभी पूरा ही नही कर पाया था वह जमीन पर पड़ा हुआ था क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था लेकिन आज वह बहुत खुश था क्योंकि आज वह हार कर भी जीता था।
दोस्तों हम भी तो इस तरह की गलती करते है हमारी life में
कभी भी अगर कोई परेशानी होती है तो उस काम को नही करते और छोड़ देते है
अगर आप एक student हो और रोज 10 hr की study करते हो
और किसी दिन कोई परेशानी की वजह से आप पढ़ाई नही करते मगर आपको भले ही 5 hr मिले पढ़ना जरूर चाहिए
हरीश की कहानी से हमे यही सीखने को मिलता है कि अगर हम लगातार आगे बढ़ते रहे तो एक दिन हम हारकर भी जीत जाएंगे छोटे छोटे कदम बढ़ाते जाओ और आगे बढ़ते जाओ यही सफलता का नियम है
👉👉👉 अगर आपको भी ये motivational story अच्छी लगी हो तो नीचे कमेंट जरुर करे।।👇

वित्तीय साक्षरता
27/09/2023

वित्तीय साक्षरता

27/09/2023

झांसी। जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग में इलाज कराने के लिए आई युवती अस्पताल की दूसरी मंजिल कूद गई। युवती के कूदते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। अस्पताल कर्मचारियों ने युवती को तुरंत ही इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज शुरू किया। गंभीर होने पर युवती को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। यहां युवती की हालत में सुधार बताया जा रहा है।
चिरगांव के ग्राम बरल निवासी लता (22) का पिछले आठ साल से मानसिक रोगी होने के चलते ग्वालियर के एक चिकित्सक के यहां इलाज चल रहा है। पिछले तीन दिन से नींद नहीं आने पर मंगलवार को परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए। अस्पताल के दूसरी मंजिल स्थित डॉ. शिकाफा जाफरीन को दिखाने के बाद युवती ने अचानक ही दौड़ लगाते हुए नीचे की ओर छलांग लगा दी। गनीमत रही कि वह अस्पताल के टिन शेड के ऊपर गिर पड़ी। युवती के टिन शेड पर गिरने की जोरदार आवाज आते ही अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी बाहर की ओर दौड़े। सभी ने बाहर आकर देखा तो युवती गंभीर रूप से घायल हो गई थी। आननफानन इमरजेंसी में भर्ती कर युवती का इलाज शुरू किया। हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मंडलीय प्रमुख अधीक्षक डॉ. प्रमोद कटियार ने बताया कि मानसिक रोगी होने के कारण युवती डॉक्टर को दिखाने के बाद अचानक नीचे कूद गई थी। युवती मेडिकल कॉलेेज रेफर कर दिया गया है।

आप इस फोटो में क्या देख रहे है ....
26/09/2023

आप इस फोटो में क्या देख रहे है ....

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