21/04/2024
रोहतक, मूल्य आधारित जनसंपर्क प्रक्रिया अपनाने तथा जन- केंद्रित जनसंप्रकीय प्रणाली विकसित करने का आह्वान आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के उपलक्ष्य में प्रतिष्ठित मीडिया विशेषज्ञ, गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के प्रोफेसर डा. विक्रम कौशिक ने व्यक्त किए। राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम का आयोजन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग तथा जनसंपर्क कार्यालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा सृजित सामग्री की विश्वसनीयता तथा दुष्प्रचार की चुनौतियों की ओर इंगित करते हुए प्रो. विक्रम कौशिक ने कहा कि विश्वास जीतना, विश्वसनीयता, तथा सत्य-तथ्य आधारित सामग्री का संप्रेषण जनसंपर्क का फोकस होना चाहिए।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने कहा कि भारत में प्राचीन समय से वाचिक परंपरा रही है। जनसंप्रकीय कार्य वाचिक परंपरा के तहत संचालित किया जाता रहा। प्रो. हरीश कुमार ने कहा कि राज व्यवस्था से लेकर धार्मिक-सामाजिक मूल्य प्रचार व्यवस्था में जनसंपर्क का विशेष महत्व रहा।
कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन प्राध्यापक तथा निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने किया। राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस मनाने के इतिहास तथा लोकतंत्र में जनसंपर्क के योगदान को सुनित मुखर्जी ने रेखांकित किया। आभार प्रदर्शन प्राध्यापक डा. नवीन कुमार ने किया। उन्होंने जनसंपर्क कार्य में ईमानदारी और मूल्यों के महत्व पर बल दिया।
इस अवसर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मताधिकार करने की शपथ भी सामूहिक रूप से ली गई।