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ब्रेकिंग न्यूज !जम्मू  कश्मीर  में  आगामी  विधानसभा चुनाव  होने  वाले  है  जिसमें कॉंग्रेस  और  उसके  सहयोगी  ने  90  सी...
26/08/2024

ब्रेकिंग न्यूज !
जम्मू कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव होने वाले है जिसमें कॉंग्रेस और उसके सहयोगी ने 90 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई है
नैशनल कॉन्फ्रेंस 51
कॉंग्रेस 32
Fredil fight 5
Cpim 2

नंद के  आनंद भयों जय कन्हैया लाल  की  हाथी  घोड़ा  पाल  की  जय कन्हैया लाल  की  श्री कृष्ण जन्माष्टमी की  आपको  और  आपके...
26/08/2024

नंद के आनंद भयों जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पाल की जय कन्हैया लाल की श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आपको और आपके पूरे परिवार को ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाईयाँ भगवान श्री कृष्ण जी की कृपा। आप लोगों पर बनी रहे
राधे राधे.

Rewa News: वाराणसी से रीवा व खजुराहो के लिए चलाई जाएंगी वातानुकूलित ई-बसें, दोनों ओर के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावाउत्तरप्रदे...
30/07/2024

Rewa News: वाराणसी से रीवा व खजुराहो के लिए चलाई जाएंगी वातानुकूलित ई-बसें, दोनों ओर के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उत्तरप्रदेश परिवहन की ई-बसों के जरिये दोनों तरफ से यात्रियों को मिलेगी सुगम सुविधा
उत्तरप्रदेश परिवहन के द्वारा रीवा वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी दी गई है। दरअसल विश्वप्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन क्षेत्र वाराणसी से प्रदेश के रीवा व खजुराहो के लिए नई ई बस चलाने का फैसला किया गया है। जानकारी के अनुसार यात्रियों की सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर यह व्यवस्था की जाएगी। यहां से मध्य प्रदेश के रीवा, खजुराहो और बिहार के लिए पटना और गया रूट चिह्नित किया गया। इन सभी शहरों के लिए वातानुकूलित ई-बसों का संचालन किया जाएगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र अब अंतरराज्यीय ई-बसों का संचालन शुरू करने जा रहा है। मुख्यालय स्तर से मांगे गए प्रस्ताव के तहत एमपी के रीवा, खजुराहो और बिहार के पटना और गया रूट के लिए ई-बसों का प्रस्ताव भेजा गया है। अच्छी बात यह है कि इन दोनों राज्यों के बीच बस सेवा शुरू करने के लिए परमिट की आवश्यकता भी नहीं है। ई-बसों के जरिये दोनों तरफ से यात्रियों को सुगम सुविधा मिलेगी।

रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि रोडवेज के बेड़े में 120 ई-बसें जुड़ रही हैं, जो एक बार फुल चार्ज होने पर 450 किमी का सफर तय कर सकती हैं। इसी के तहत अंतर्राज्यीय ई-बसों के संचालन के लिए मुख्यालय से रूट का प्रस्ताव मांगा गया था। जिसके आधार पर वाराणसी से एमपी के रीवा, खजुराहो और बिहार के लिए पटना और गया रूट चिह्नित किया गया।
बता दें कि मध्य प्रदेश के रीवा की दूरी वाराणसी से लगभग 223 किमी है। वाराणसी से चुनार, लालगंज, हनुमना होते हुए ई-बस रीवा जाएगी। इसके अलावा खजुराहो का भी रूट तैयार किया गया है। माना जा रहा है कि वाराणसी से रीवा व खजुराहो तक बसों के संचालन से पर्यटन को रफ्तार मिलेगी।
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सीआईएससीई बोर्ड आईएससी, आईसीएसई, 12वीं परिणाम: स्कोरकार्ड 6 मई की सुबह जारी होंगेआईसीएसई 2024 परिणाम लिंक: जो छात्र परीक...
06/05/2024

सीआईएससीई बोर्ड आईएससी, आईसीएसई, 12वीं परिणाम: स्कोरकार्ड 6 मई की सुबह जारी होंगे
आईसीएसई 2024 परिणाम लिंक: जो छात्र परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे, वे अपना परिणाम सीआईएससीई की आधिकारिक वेबसाइट - सिससी.ओआरजी पर देख सकते हैं। सीआईएससीई ने आईसीएसई कक्षा 10 परीक्षा 2024 को 28 मार्च को समाप्त कर दिया था, जबकि कक्षा 12 के लिए परीक्षा 3 अप्रैल को समाप्त हुई थी। बोर्ड परीक्षाएं पेन-एंड-पेपर प्रारूप में आयोजित की गईं।

आईसीएसई कक्षा 10, 12 परिणाम 2024: दिनांक और समय
आधिकारिक घोषणा के अनुसार, CISCE 6 मई को सुबह 11 बजे कक्षा 10, 12 बोर्ड के परिणाम घोषित करेगा। जैसे ही परिणाम घोषित होगा, छात्र इसे आधिकारिक वेबसाइट – cisce.org या results.cisce.or से एक्सेस कर सकेंगे।

Council For The Indian school Certificate Examinations CISCE as a Premier National Board of Education inculcates a sensitive and compassionate spirit towards all its stakeholders, prioritising the needs of its students Council for the Indian School Certificate Examinations CISCE adopts a progressive...

28/04/2024

BJP के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे अरविंदर सिंह लवली? प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद कांग्रेस नेता ने दिया जवाबअरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मेरे बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है कि मैंने लोकसभा का टिकट नहीं मिलने की नाराजगी को लेकर इस्तीफा दिया है. यह गलत है. मैं किसी पार्टी में नहीं जा रहा हूं. मेरी लड़ाई उसूलों को लेकर के है.दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली रविवार को मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मैंने अपने मन की पीड़ा और अपने कार्यकर्ताओं की पीड़ा कांग्रेस आलाकमान को त्यागपत्र में भेज दी. लवली ने कहा, 'मैं किसी पार्टी में नहीं जा रहा हूं. मेरी लड़ाई उसूलों को लेकर के है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मन में जो पीड़ा है, मैंने उसको ध्यान में रखकर इस्तीफा दिया है.'

अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मेरे बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है कि मैंने लोकसभा का टिकट नहीं मिलने की नाराजगी को लेकर इस्तीफा दिया है. यह गलत है. दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि अरविंदर सिंह लवली बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा, 'मैं सौरभ भारद्वाज को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं. मुझे लगता है कि वह अन्य पार्टियों की ओर से निर्णय लेते हैं. मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि मैंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है.'

उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है. दिल्ली के 30 से 35 पूर्व कांग्रेस विधायक मुझसे मिलकर गए हैं. मैं अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलता रहूंगा. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने और पूर्व दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं. आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने X पोस्ट में लिखा, 'क्या भाजपा पूर्वी दिल्ली से अपना उम्मीदवार बदलने जा रही है?'

16/03/2024

लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज:दोपहर 3 बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस; 7 फेज में वोटिंग संभव2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा आज होगी। दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 3 बजे मुख्य चुनाव आयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी आज तय होंगी।लोकसभा की 543 सीटों पर 7 फेज में वोटिंग हो सकती है। 15 से 18 अप्रैल के बीच पहले फेज के लिए, जबकि आखिरी फेज में 19 मई को वोटिंग हो सकती है। 23 मई को रिजल्ट संभव है।

चुनाव आयोग ने लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के लिए 3.4 लाख केंद्रीय बलों की मांग की है। आयोग 97 करोड़ मतदाताओं के लिए देशभर में करीब 12.5 लाख मतदान केंद्र बना सकता है।

तारीखों की घोषणा के साथ देश में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी, जो चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक रहती है। तीन जरूरी बातें...

नेता/उम्मीदवार सरकारी गाड़ी या फिर सरकारी बंगले का इस्तेमाल नहीं कर सकते। किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं/उद्घाटन नहीं किए जा सकते।
सांसद निधि से नया फंड जारी नहीं कर सकते। विज्ञापन सरकारी खर्च पर नहीं दिया जा सकता। अफसरों/कर्मचारियों के ट्रांसफर/पोस्टिंग पर प्रतिबंध रहता है।
कोई भी उम्मीदवार या पार्टी चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य पूजा स्थलों का इस्तेमाल नहीं कर सकता।2024 में 97 करोड़ वोटर्स, 2 करोड़ नए मतदाता जुड़े
2024 लोकसभा में 97 करोड़ लोग वोटिंग कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने 8 फरवरी को सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के वोटर्स से जुड़ी स्पेशल समरी रिवीजन 2024 रिपोर्ट जारी की थी।

आयोग ने बताया कि वोटिंग लिस्ट में 18 से 29 साल की उम्र वाले 2 करोड़ नए वोटर्स को जोड़ा गया है। 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या में 6% की बढ़ोतरी हुई है। चुनाव आयोग ने कहा- दुनिया में सबसे ज्यादा 96.88 करोड़ वोटर्स लोकसभा चुनावों में वोटिंग के लिए रजिस्टर्ड हैं। साथ ही जेंडर रेशो भी 2023 में 940 से बढ़कर 2024 में 948 हो गया है।Quiz banner
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज:दोपहर 3 बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस; 7 फेज में वोटिंग संभव
नई दिल्ली2 घंटे पहले

2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा आज होगी। दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 3 बजे मुख्य चुनाव आयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी आज तय होंगी।

लोकसभा की 543 सीटों पर 7 फेज में वोटिंग हो सकती है। 15 से 18 अप्रैल के बीच पहले फेज के लिए, जबकि आखिरी फेज में 19 मई को वोटिंग हो सकती है। 23 मई को रिजल्ट संभव है।

चुनाव आयोग ने लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के लिए 3.4 लाख केंद्रीय बलों की मांग की है। आयोग 97 करोड़ मतदाताओं के लिए देशभर में करीब 12.5 लाख मतदान केंद्र बना सकता है।

तारीखों की घोषणा के साथ देश में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी, जो चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक रहती है। तीन जरूरी बातें...

नेता/उम्मीदवार सरकारी गाड़ी या फिर सरकारी बंगले का इस्तेमाल नहीं कर सकते। किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं/उद्घाटन नहीं किए जा सकते।
सांसद निधि से नया फंड जारी नहीं कर सकते। विज्ञापन सरकारी खर्च पर नहीं दिया जा सकता। अफसरों/कर्मचारियों के ट्रांसफर/पोस्टिंग पर प्रतिबंध रहता है।
कोई भी उम्मीदवार या पार्टी चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य पूजा स्थलों का इस्तेमाल नहीं कर सकता।

2024 में 97 करोड़ वोटर्स, 2 करोड़ नए मतदाता जुड़े
2024 लोकसभा में 97 करोड़ लोग वोटिंग कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने 8 फरवरी को सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के वोटर्स से जुड़ी स्पेशल समरी रिवीजन 2024 रिपोर्ट जारी की थी।

आयोग ने बताया कि वोटिंग लिस्ट में 18 से 29 साल की उम्र वाले 2 करोड़ नए वोटर्स को जोड़ा गया है। 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या में 6% की बढ़ोतरी हुई है। चुनाव आयोग ने कहा- दुनिया में सबसे ज्यादा 96.88 करोड़ वोटर्स लोकसभा चुनावों में वोटिंग के लिए रजिस्टर्ड हैं। साथ ही जेंडर रेशो भी 2023 में 940 से बढ़कर 2024 में 948 हो गया है।

चुनाव आयोग की एडवाइजरी- राजनीतिक दल प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल न करें
चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी है कि चुनाव प्रचार अभियानों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें, चार बातें..

राजनीतिक दलों के नेता और उम्मीदवार को प्रचार के दौरान बच्चों को गोद में लेने, गाड़ियों में बैठाने और रैली में शामिल न करने की अपील की है।
आयोग ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान बच्चों से पोस्टर और पर्चे बांटने और नारेबाजी करने जैसे काम भी ना करवाने का निर्देश दिया है।
प्रतिबंध कविता, गाने, बोले गए शब्दों, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल के अलावा किसी भी तरीके से बच्चों के उपयोग पर भी लागू होगा।
हालांकि, किसी बच्चे के माता-पिता या अभिभावक राजनेता के करीबी हैं और वे अपने साथ बच्चे को ले जाते हैं तो इसे दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा, बशर्ते वे उनकी पार्टी के चुनाव प्रचार में शामिल न हों।

The Madhya Pradesh Vidhan Sabha or the Madhya Pradesh Legislative Assembly is the unicameral state legislature of Madhya...
16/03/2024

The Madhya Pradesh Vidhan Sabha or the Madhya Pradesh Legislative Assembly is the unicameral state legislature of Madhya Pradesh state in central India. The seat of the Vidhan Sabha is at Bhopal, the capital of the state. It is housed in the Vidhan Bhavan, an imposing building located at the centre of the Capital Complex in Arena Hill locality of Bhopal city. The term of the Vidhan Sabha is five years, unless dissolved sooner. Presently, it comprises 230 members, who are directly elected from single-seat constituencies and one nominated member. Ishwar Das Rohani is the current speaker of the house.

The history of Madhya Pradesh legislature can be traced back to 1913, as the Central Provinces Legislative Council was formed on 8 November of this year. Later, the Government of India Act 1935 provided for the elected Central Provinces Legislative assembly. The first elections to the Central Provinces Legislative Assembly were held in 1937. After Indian independence in 1947, the erstwhile province of Central Provinces and Berar along with a number of princely states merged with the Indian Union, became a new state, Madhya Pradesh. The strength of the legislative assembly of this state was 184. The present-day Madhya Pradesh state came into existence on 1 November 1956 following the reorganization of states. It was created by merging the erstwhile Madhya Pradesh (without the Marathi speaking areas, which were merged with Bombay state), Madhya Bharat, Vindhya Pradesh and Bhopal states. The strengths of the legislative assemblies of Madhya Bharat, Vindhya Pradesh and Bhopal were 79, 48 and 23 respectively. On 1 November 1956 the legislative assemblies of all four erstwhile states were also merged to form the reorganized Madhya Pradesh Vidhan Sabha. The tenure of this first Vidhan Sabha was very short, it was dissolved on 5 March 1957. The first elections to the Madhya Pradesh Vidhan Sabha were held in 1957 and the second Vidhan Sabha was constituted on 1 April 1957. Initially, the strength of the Vidhan Sabha was 288 which was later enhanced to 321, including one nominated member. On 1 November 2000, a new state, Chhattisgarh was carved out of Madhya Pradesh state. As a result, the strength of the Vidhan Sabha was reduced to 231, including a nominated member.[1] The present house, the Thirteenth Vidhan Sabha was constituted on 11 December 2008.

09/01/2024

Ram Mandir: दिल्ली में हर मंदिर अयोध्या का बनेगा साक्षी, 51 हजार दीपों की माला के साथ भव्य आयोजन की तैयारी[09/01, 08:23] Suman Singh: दिल्ली के सभी मंदिरों और बड़े-बड़े ग्राउंड में अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम को दिखाने की जमकर तैयारी चल रही है। मंदिर प्रांगण के साथ ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों में दशहरा ग्राउंड में भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है
दिल्ली का हर मंदिर अयोध्या मैसेज के साथ राम भक्तों को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को स्थानीय मंदिरों बुलाया जा रहा है। मोबाइल पर व्हाट्सएप ग्रुप और बल्क मैसेज से संदेश भेजा जा रहा है कि अयोध्या कार्यक्रम को सपरिवार मंदिर में ही देखे, घरों में बैठकर नहीं। अपने नजदीकी मंदिर को अयोध्या मानकर सामूहिक दर्शन करें। मैसेज में इसे ऋषि मनीषियों का आदेश बताया गया है। इसमें अपील है कि सभी पूरे परिवार के साथ ऋषि मनीषियों का आदेश माने और मंदिर पहुंचे। मोबाइल पर यह भी संदेश पहुंच रहा है कि 22 जनवरी का दिन न ऑफिस, न व्यापार, केवल प्रभु श्री राम के लिए है।

12/11/2023
यूट्यूबर मनीष कश्यप को राहत... कोर्ट से मिली जमानत, NSA का आरोप भी हटाबिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को ब...
11/11/2023

यूट्यूबर मनीष कश्यप को राहत... कोर्ट से मिली जमानत, NSA का आरोप भी हटा
बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को बड़ी राहत मिली है. मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने मनीष के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के आरोप को खारिज कर दिया है. कश्यप पर अपने यूट्यूब चैनल पर तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी श्रमिकों की पिटाई के फर्जी वीडियो चलाने का आरोप लगा था.बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को बड़ी राहत मिली है. मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने मनीष के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (National Security Act) के आरोप को खारिज कर दिया है. साथ ही जमानत भी दे दी है. कश्यप पर अपने यूट्यूब चैनल पर तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी श्रमिकों की पिटाई के फर्जी वीडियो चलाने का आरोप लगा था.

बीते महीने पटना कोर्ट में पेशी के दौरान यूट्यूबर मनीष कश्यप का सब्र टूटता दिखा था. उन्होंने गुस्से में लालू परिवार पर भड़ास निकाली थी. मनीष ने कहा था, '6 महीने से चुप था, लेकिन अब तो हद हो गई है. मुझे गंजेड़ी, नशेड़ी के बीच बैठा दिया जाता है. वो लोग मेरे मुंह पर फूंकते हैं. मेरा सिर दर्द होने लगता है. मगर, ये लोग (पुलिस) कुछ नहीं करते हैं'.मनीष ने कहा था, एक दिन हम सरकार बनाएंगे और बताएंगे कैसे सरकार चलती है. उन्होंने यह भी कहा मुझे झुकाने का प्रयास किया गया है लेकिन मैं फौजी का बेटा हूं, चारा चोर नहीं. इन लोगों के आगे झुकूंगा नहीं. यह हथकड़ी ईमानदार आदमी के हाथ लगी है. मेरे दादा चीन से युद्ध में लड़े, मेरे पिता पाकिस्तान से युद्ध में लड़े थे.

Good moring
06/11/2023

Good moring

अधिकांश अन्य क्षेत्रों के इतिहास की तरह रीवा का इतिहास भी कई महान राजवंशों और साम्राज्यों के उत्थान और पतन की विशेषता है...
04/11/2023

अधिकांश अन्य क्षेत्रों के इतिहास की तरह रीवा का इतिहास भी कई महान राजवंशों और साम्राज्यों के उत्थान और पतन की विशेषता है। इन महान राजवंशों और साम्राज्यों ने वास्तुकला, कला, संगीत और धार्मिक योगदान के रूप में विशाल विरासत और विरासत को पीछे छोड़ दिया है। बढ़ते आधुनिकीकरण और शहरीकरण के बीच उनकी विशाल विरासत और विरासत आज भी रुकी हुई है। यह एक तरह से इस बात का संकेत है कि रीवा का इतिहास कितना जीवंत और समृद्ध है, क्योंकि केवल अत्यंत समृद्ध इतिहास ही समय की कसौटी पर खरा उतर सकता है। तो आइए इस क्षेत्र के दिलचस्प इतिहास पर नजर डालते हैं, जो आज बाघों की भूमि के रूप में जाना जाता है और मध्य प्रदेश राज्य के महत्वपूर्ण जिलों में से एक है।
रीवा का प्राचीन इतिहास
रीवा का प्राचीन इतिहास वास्तव में अच्छी तरह से प्रलेखित नहीं है और इसलिए इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन यह निश्चित है कि महान मौर्य साम्राज्य ने रीवा क्षेत्र पर काफी लंबे समय तक शासन किया था। हालाँकि, पुरातात्विक और दस्तावेजी साक्ष्यों की कमी के कारण रीवा में मौर्य साम्राज्य की सटीक घटनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं है। माना जाता है कि मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद, कल्चुरी राजवंश के स्थानीय स्वदेशी शासकों ने 9वीं से 12वीं शताब्दी तक रीवा पर शासन किया था। लेकिन दुर्भाग्य से कल्चुरल्स ने भी इस क्षेत्र में कोई विरासत और विरासत नहीं छोड़ी और उनका इतिहास आज भी काफी हद तक एक रहस्य बना हुआ है।
रीवा का मध्यकालीन इतिहास
रीवा का इतिहास वास्तव में मध्यकालीन युग में अपने आप अस्तित्व में आया। इस युग में बाघेल वंश का उदय और सुदृढ़ीकरण देखा गया, जो योद्धा राजपूत कुलों से थे। वे एक समय गुजरात प्रांत के शासक थे, लेकिन 13वीं शताब्दी में मुस्लिम साम्राज्य के उदय ने उन्हें बाहर कर दिया और वे अंततः एक नया राज्य स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश क्षेत्र में पहुंचे। इस महत्वपूर्ण चरण के दौरान बाघेल साम्राज्य राजा राजा व्याघ्रदेव के शासन के अधीन था, जिन्होंने अंततः मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में शक्तिशाली बाघेल साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने सबसे पहले चित्रकूट (अब छत्तीसगढ़ राज्य में) पर अधिकार कर लिया और वहां से अपने नए राज्य का तेजी से विस्तार करना शुरू कर दिया। इस विस्तार अभियान के तहत रीवा अंततः इस गौरवशाली साम्राज्य का हिस्सा बन गया। हालाँकि, रीवा के इस राज्य में विलय की सही तारीख और वर्ष अभी भी ज्ञात नहीं है।
रीवा में ब्रिटिश शासन
18वीं शताब्दी के अंत तक बाघेल राजवंश के अंत की शुरुआत हो गई। सिंहासन की विरासत के लिए निरंतर पारिवारिक झगड़े इस गौरवशाली साम्राज्य के धीमी गति से पतन का प्रमुख कारण थे। मुगल सम्राट अकबर, जो उस समय तक बड़े पैमाने पर बाघेल राजाओं के साथ अच्छे संबंध में था, ने इस अवसर का लाभ उठाया और रीवा और बाघेल साम्राज्य के कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की। लेकिन अकबर बहुत उदार साबित हुआ और उसने सभी विजित क्षेत्र बाघेल राजाओं को वापस दे दिये। यह स्पष्ट रूप से अकबर द्वारा बाघेल राजवंश के सभी पूर्व राजाओं के साथ साझा की गई मित्रता थी जिसने उसे उदार बनने के लिए प्रेरित किया।हालाँकि, इससे बाघेल साम्राज्य के पिछले वर्चस्व को बहाल करने में मदद नहीं मिली और इसमें और गिरावट जारी रही। इस साम्राज्य का अंतिम अंत तब हुआ जब 19वीं शताब्दी के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य ने मध्य और उत्तरी भारत में अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी। 20वीं सदी के अंत तक ब्रिटिश साम्राज्य, जैसा कि हम सभी जानते हैं, पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का एकमात्र शासक बन गया था। हालाँकि ब्रिटिश शासन के तहत भी बाघेल साम्राज्य के राजा शाही व्यवहार का आनंद लेते रहे, लेकिन उनका शासन केवल नाममात्र का था और उनका अपनी प्रजा पर कोई प्रशासनिक नियंत्रण नहीं था।
स्वतंत्रता के बाद रीवा
रीवा का आधुनिक इतिहास वर्ष 1956 में शुरू हुआ माना जा सकता है, जब आधिकारिक तौर पर मध्य प्रदेश राज्य का गठन किया गया था और रीवा जिले को स्पष्ट रूप से राज्य का अभिन्न अंग बनाया गया था। तब से कई बड़ी और छोटी घटनाएं घटीं जो अंततः रीवा के आधुनिक लोककथाओं का हिस्सा बन गईं। लेकिन रीवा के आधुनिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना निर्विवाद रूप से वर्ष 1951 में सफेद बाघ को पकड़ना था। यह पूरी दुनिया में पहला सफेद बाघ था जिसका सफलतापूर्वक शिकार किया गया था। यह ऐतिहासिक उपलब्धि रीवा के तत्कालीन महाराजा गुलाब सिंह ने हासिल की थी। तब से रीवा को 'सफेद बाघ की भूमि' के रूप में जाना जाने लगा।

उपरोक्त जानकारी से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि रीवा का स्वर्ण युग इसका मध्यकालीन युग था। वह युग जिस पर पूर्णतः शक्तिशाली बाघेल साम्राज्य का आधिपत्य था। इस मध्ययुगीन साम्राज्य ने कला, प्रशासन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने महत्वपूर्ण योगदान से रीवा के इतिहास में अपना नाम गहराई से स्थापित कर लिया। इसलिए रीवा के इतिहास के बारे में कोई भी चर्चा इस साम्राज्य के उल्लेख के बिना अधूरी होगी।
rewamadhyapradesh

09/10/2023

आज दोपहर 12 बजे 5 राज्यों में होगा चुनाव का एलान 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेगी चुनाव आयोग 2023

MP ELECTION 2023: एमपी विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर बड़ा अपडेट, इस दिन लागू हो सकती है आचार संहिताMP में चुनाव आयोग...
03/10/2023

MP ELECTION 2023: एमपी विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर बड़ा अपडेट, इस दिन लागू हो सकती है आचार संहिताMP में चुनाव आयोग की तैयारी पूरी
चुनाव आयोग ने आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. आयोग के अधिकारी 4 सितंबर को ही मध्य प्रदेश का दौरा कर चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं. 3 अक्टूबर को आयोग की टीम तेलंगाना का तीन दिवसीय दौरा करेगी. वर्तमान में आयोग के अधिकारी राजस्थान के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. छत्तीसगढ़ और मिजोरम का दौरा भी टीम पहले ही कर चुकी है. ऐसे में राजस्थान और तेलंगाना दौरे के बाद चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है.10 अक्टूबर को हो सकता है एलान
अब तक सामने आ रही जानकारी के मुताबिक 10 अक्टूबर से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है. साथ ही प्रदेश भर में 6 अक्टूबर के आस-पास आचार संहिता लग सकती है. विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है.

मतदाता सूची का प्रकाशन
चुनाव आयोग की इस ओर से इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 4 अक्टूबर को फाइनल सूची का प्रकाशन किया जाएगा. आयोग ने नए वोटर्स के नाम जोड़ना, हटाना और वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम पूरा कर लिया है.

MP में चुनाव आयोग की तैयारी पूरी
चुनाव आयोग ने आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. आयोग के अधिकारी 4 सितंबर को ही मध्य प्रदेश का दौरा कर चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं. 3 अक्टूबर को आयोग की टीम तेलंगाना का तीन दिवसीय दौरा करेगी. वर्तमान में आयोग के अधिकारी राजस्थान के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. छत्तीसगढ़ और मिजोरम का दौरा भी टीम पहले ही कर चुकी है. ऐसे में राजस्थान और तेलंगाना दौरे के बाद चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है.

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