29/08/2020
उत्तर प्रदेश के तमाम आइएएस अधिकारियों से मिलकर मैने पता किया है कि विगत 20 सालों मे लगभग 2500 से ज्यादा भृष्ट आइएएस अधिकारियों के पास लगभग 2 लाख करोङ का ब्लैक मनी है।
ये अवैध काला धन मिड डे मील, स्कूली ड्रेस, किताबों के फर्जी बिल, बिजली विभाग, जल निगम, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, खनन विभाग, आबकारी, नगर निगम, लखनऊ, गोरखपुर, गाजियाबाद, नोयडा एथारिटी, इलाहाबाद, बनारस, कानपुर, आगरा, मेरठ, फैजाबाद, मुरादाबाद, बरेली, झांसी, आजमगढ़ के विकास प्राधिकरण, आरईएस, पशु पालन, स्वास्थय विभाग, बेशिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, सोलर, कुंभ, व्यापार कर, मेडिकल कॉलेज, पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, चकबंदी विभाग, परिवहन विभाग, आरटीओ जैसे विभागों से बनाया गया है।
इन भृष्ट अधिकारियों ने अपनी 20 साल की सेवा मे बहुत ही सुनियोजित ढंग से लूट को अंजाम दिया है। इनकी लूट मे सभी सरकारे भी शामिल है।
एक मामला बताता हू मैने लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी से एक जमीन के सेटेलमेट की बात की उसने लेनदेन के लिए अपने साले को लगा दिया साला बोला मुआवजे का 50% देना होगा। जमीन का प्राधिकरण ने मुआवजा बनाया 50 करोङ और उसमे से 50% मतलब 25 करोङ सीधे रिश्वत मजे की बात इस घूस का बाकायदा एग्रीमेंट कराया।
भृष्ट आइएएस ज्यादातर अपने जानने वालो के माध्यम से घूस लेते है। अपने रिश्तेदारों के एनजीओ ट्रस्ट या कंपनियों का इस्तेमाल करतेस है। इन भृष्ट अधिकारियों की देश और विदेशों मे तमाम अवैध संपत्तिया है।
अगर कभी मुख्यमंत्री बना तो ये सारे चोर लुटेरे अधिकारी एक ही दिन मे जेल के अंदर होंगे और इनकी सारी अवैध संपत्तिया राज्य सरकार के खजाने मे राजस्व बढायेगी।