11/03/2022
पंजाब की सुनामी हरियाणा में आने के प्रबल आसार
पंजाब की तरह हरियाणा में भी कर सकती है आम आदमी पार्टी बड़ा उलटफेर
कुलदीप श्योराण
चंडीगढ़। पंजाब के विधानसभा चुनाव में आई आम आदमी पार्टी की सुनामी के हरियाणा में भी आने के प्रबल आसार अभी से नजर आने लगे हैं।
पंजाब में 92 सीटों के साथ सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ करके आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की सियासत में भी एकदम खलबली मचा दी है।
अभी तक हरियाणा की सियासत में कहीं नजर नहीं आ रही आम आदमी पार्टी 2024 के चुनाव में हरियाणा में भी जोरदार बहुमत हासिल करने की जोरदार संभावना एक ही झटके में पैदा कर गई है।
क्यों हैं हरियाणा में पंजाब जैसे सुनामी आने के आसार??
कांग्रेस में भारी गुटबाजी
जिस तरह से पंजाब में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी ने ही उसका बंटाधार करने का काम किया उसी तरह से हरियाणा में भी कांग्रेस गुटबाजी में फंसी हुई है।
गुटबाजी के चलते हरियाणा में पिछले 8 साल से कांग्रेस पार्टी का संगठन भी नहीं बन पाया है।
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के अलावा किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अजय यादव और रणदीप सुरजेवाला सभी अलग- अलग मोर्चाबंदी करके अपनी सियासत कर रहे हैं। इस खेमेबाजी का फायदा आम आदमी पार्टी को मिल सकता है क्योंकि भाजपा को हराने के लिए हरियाणा की जनता भी खेमेबाजी में फंसी कांग्रेस की बजाए आम आदमी पार्टी को विकल्प के तौर पर चुन सकती है।
अकाली दल जैसे इनैलो के हालात
जिस तरह से पंजाब की राजनीति में लंबे समय से अकाली दल का दबदबा रहा है, उसी तरह हरियाणा में देवीलाल परिवार का भी डंका बजता रहा है। 2 विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब में अकाली दल लगातार कमजोर होता गया है। इस बार के विधानसभा में अकाली दल महज 3 सीटों पर सिमट गया है।
इसी तरह हरियाणा में भी चौटाला परिवार सियासी विभाजन के बाद कमजोर हो गया है और इनेलो सिर्फ एक सीट पर ही सिमट कर रह गई है। दुष्यंत चौटाला की जेजेपी 10 सीटों के साथ बीजेपी के साथ सत्ता में हिस्सेदारी लिए हुए है।
सत्ता विरोधी माहौल
जिस तरह से पंजाब में कांग्रेस के प्रति जनता में सत्ता विरोधी माहौल था, उसी का हरियाणा में भी गठबंधन सरकार के प्रति के खिलाफ माहौल नजर आ रहा है।
पंजाब में 5 साल में ही कांग्रेस के खिलाफ पैदा हुए माहौल ने उसे 77 सीटों से 18 सीटों पर लुढ़का दिया उसी तरह हरियाणा में भी 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी।
2024 में भाजपा का ग्राफ और भी नीचे जाने की आशंका दिख रही है। भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए पंजाब की तरह हरियाणा में आम आदमी पार्टी को भारी जनसमर्थन मिल सकता है
आप के प्रति नहीं कोई नेगेटिविटी
जैसे पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रति वहां की जनता में किसी तरह की कोई नेगेटिविटी नहीं थी उसी तरह हरियाणा की जनता में भी आम आदमी पार्टी के प्रति किसी तरह की कोई नकारात्मक छवि नहीं है।
अरविंद केजरीवाल हरियाणा से संबंधित होने का आम आदमी पार्टी के लिए हरियाणा में पंजाब का परिणाम दोहराना पूरी तरह से संभव नजर आता है।
हरियाणा के सत्ताधारी गठबंधन और दूसरी पार्टियों ने पंजाब के चुनाव परिणाम से सबक नहीं सीखा तो 2024 के चुनाव में हरियाणा में आम आदमी पार्टी पंजाब की तरह सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ करती हुई नजर आएगी और पंजाब की सुनामी हरियाणा में भी कहर बरपा कर बाकी सभी पार्टियों का नामोनिशान मिटा देगी।
पंजाब की सुनामी हरियाणा में आने के प्रबल आसार
पंजाब की तरह हरियाणा में भी कर सकती है आम आदमी पार्टी बड़ा उलटफेर
कुलदीप श्योराण
चंडीगढ़। पंजाब के विधानसभा चुनाव में आई आम आदमी पार्टी की सुनामी के हरियाणा में भी आने के प्रबल आसार अभी से नजर आने लगे हैं।
पंजाब में 92 सीटों के साथ सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ करके आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की सियासत में भी एकदम खलबली मचा दी है।
अभी तक हरियाणा की सियासत में कहीं नजर नहीं आ रही आम आदमी पार्टी 2024 के चुनाव में हरियाणा में भी जोरदार बहुमत हासिल करने की जोरदार संभावना एक ही झटके में पैदा कर गई है।
क्यों हैं हरियाणा में पंजाब जैसे सुनामी आने के आसार??
कांग्रेस में भारी गुटबाजी
जिस तरह से पंजाब में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी ने ही उसका बंटाधार करने का काम किया उसी तरह से हरियाणा में भी कांग्रेस गुटबाजी में फंसी हुई है।
गुटबाजी के चलते हरियाणा में पिछले 8 साल से कांग्रेस पार्टी का संगठन भी नहीं बन पाया है।
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के अलावा किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अजय यादव और रणदीप सुरजेवाला सभी अलग- अलग मोर्चाबंदी करके अपनी सियासत कर रहे हैं। इस खेमेबाजी का फायदा आम आदमी पार्टी को मिल सकता है क्योंकि भाजपा को हराने के लिए हरियाणा की जनता भी खेमेबाजी में फंसी कांग्रेस की बजाए आम आदमी पार्टी को विकल्प के तौर पर चुन सकती है।
अकाली दल जैसे इनैलो के हालात
जिस तरह से पंजाब की राजनीति में लंबे समय से अकाली दल का दबदबा रहा है, उसी तरह हरियाणा में देवीलाल परिवार का भी डंका बजता रहा है। 2 विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब में अकाली दल लगातार कमजोर होता गया है। इस बार के विधानसभा में अकाली दल महज 3 सीटों पर सिमट गया है।
इसी तरह हरियाणा में भी चौटाला परिवार सियासी विभाजन के बाद कमजोर हो गया है और इनेलो सिर्फ एक सीट पर ही सिमट कर रह गई है। दुष्यंत चौटाला की जेजेपी 10 सीटों के साथ बीजेपी के साथ सत्ता में हिस्सेदारी लिए हुए है।
सत्ता विरोधी माहौल
जिस तरह से पंजाब में कांग्रेस के प्रति जनता में सत्ता विरोधी माहौल था, उसी का हरियाणा में भी गठबंधन सरकार के प्रति के खिलाफ माहौल नजर आ रहा है।
पंजाब में 5 साल में ही कांग्रेस के खिलाफ पैदा हुए माहौल ने उसे 77 सीटों से 18 सीटों पर लुढ़का दिया उसी तरह हरियाणा में भी 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी।
2024 में भाजपा का ग्राफ और भी नीचे जाने की आशंका दिख रही है। भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए पंजाब की तरह हरियाणा में आम आदमी पार्टी को भारी जनसमर्थन मिल सकता है
आप के प्रति नहीं कोई नेगेटिविटी
जैसे पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रति वहां की जनता में किसी तरह की कोई नेगेटिविटी नहीं थी उसी तरह हरियाणा की जनता में भी आम आदमी पार्टी के प्रति किसी तरह की कोई नकारात्मक छवि नहीं है।
अरविंद केजरीवाल हरियाणा से संबंधित होने का आम आदमी पार्टी के लिए हरियाणा में पंजाब का परिणाम दोहराना पूरी तरह से संभव नजर आता है।
हरियाणा के सत्ताधारी गठबंधन और दूसरी पार्टियों ने पंजाब के चुनाव परिणाम से सबक नहीं सीखा तो 2024 के चुनाव में हरियाणा में आम आदमी पार्टी पंजाब की तरह सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ करती हुई नजर आएगी और पंजाब की सुनामी हरियाणा में भी कहर बरपा कर बाकी सभी पार्टियों का नामोनिशान मिटा देगी।