राष्ट्रपति अभिभाषण पर संसद में अखिलेश यादव
राष्ट्रपति अभिभाषण पर संसद में अखिलेश यादव
चुनावों से दुनिया में उभर रही है किस तरह की सियासत
इस वर्ष 40 से भी ज्यादा देशों में आम चुनाव हो रहे हैं। इसी कारण 2024 को चुनावों का वर्ष कहा गया है। पहले छह महीनों में अनेक महत्त्वपूर्ण देशों में चुनाव हो चुके हैं। आखिर उन चुनावों से क्या रुझान दिखे हैं? उनसे किस तरह की राजनीति को बल मिला है और भविष्य के लिए क्या संकेत मिले हैं? इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र रंजन और एसो. प्रोफेसर शशिकांत बातचीत कर रहे हैं।
एससीओ मीटिंग में शी जिनपिंग के सामने क्यों नहीं बोलते मोदी?
एससीओ मीटिंग में शी जिनपिंग के सामने क्यों नहीं जाकर सीधे बोलते मोदी?
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस,मनीष तिवारी
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस,मनीष तिवारी
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में बहस
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में बहस
धन्यवाद प्रस्ताव पर संसद में राहुल गांधी
धन्यवाद प्रस्ताव पर संसद में राहुल गांधी
कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस
कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस
बीजेपी और आरएसएस का दामन नहीं रहा है पाक
विपक्ष ने जब से संविधान को मुद्दा बनाया है उसके बाद से ही सत्ता पक्ष यानि बीजेपी ने इमरजेंसी के मामले को उठाना शुरू कर दिया है। और कोई भी ऐसा मौका नहीं है जब वह इसका राग न अलाप रहा हो। स्पीकर से लेकर राष्ट्रपति तक की निष्पक्ष संवैधानिक संस्थाओं को भी इसमें शामिल कर लिया गया है। लेकिन बीजेपी और उसका पितृसंगठन आरएसएस इमरजेंसी के मामले में भी कितना साफ-पाक रहे हैं लगातार यह बात सवालों के घेरेे में रही है। वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र रंजन इसके बहाने कर रहे हैं उस दौर की पड़ताल।
संसद की कार्यवाही
संसद की कार्यवाही
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस
घिसा पिटा वही पुराना भाषण
संसद के संयुक्त अधिवेशन में आज माननीया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण हुआ है। इसमें उन्होंने सरकार की तमाम किस्म की उपलब्धियां गिनाई हैं। हालांकि पूरे भाषण को देखा जाए तो उसमें कोई नई बात नहीं है। पीएम मोदी और बीजेपी चुनाव के दौरान जो बातें सरकार को लेकर कह रहे थे उन्हीं सब को एक बार फिर से दोहरा दिया गया है। पूरे भाषण का विश्लेषण कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद रंजन।
संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण
संसद में राष्ट्रपति अभिभाषण
जूलियन असांज: अमेरिका से समझौता किए और आजाद हुए
जूलियन असांजे को ब्रिटेन की जेल से रिहा कर दिया गया है। और 12 साल बाद आस्ट्रेलिया लौट रहे हैं। इस मामले में उनको लेकर अमेरिका के साथ भी समझौता हो गया है। विकीलीक्स के जरिये असांजे ने अमेरिका से संबंधित बहुत सारे खुलासे किए थे। जिसके चलते अमेरिका उनके पीछे पड़ा था। क्या है पूरा मामला बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र रंजन।
संसद या सड़क जनता के सामने आखिर रास्ता क्या है?
भारत के लोकसभा चुनाव के बाद अब सरकार बन गई है। इस सरकार ने क्या जनता के संदेश को इग्नोर कर दिया है या तो इसे पढ़ नहीं पा रही है। क्योंकि इस बार 303 से 240 सीटों पर गिर जाने के बाद भी सरकार की हनक में कोई बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है और जो कई पार्टियों की वैशाखी पर टिकी है। विपक्ष इस बार एकजुट है और पलड़े पर बराबर और हमलावर तेवर में है। अब प्रश्न है कि विपक्ष संसद में सरकार पर लगाम लगा पाएगा या जनता के साथ सड़क पर मुकाबले में आएगा? या फिर जनता अपने बुनियादी मुद्दों पर विपक्ष को सड़कों पर साथ लाएगी? कुल मिलाकर अब जनता के पास आगे का रास्ता क्या है? इसी मुद्दे पर एसो. प्रोफेसर शशिकांत बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र रंजन के साथ।
फ्रांस का चुनाव: रेडकिल लेफ्ट का हस्तक्षेप
फ्रांस में चुनाव होने जा रहा है। लेकिन चुनाव में दक्षिणपंथी फासीवादी ताकतें भी पूरा जो लगा रही हैं। मैक्रा के लिए यह चुनाव बेहद कठिन है। इसके अलावा लेफ्ट भी इस बार नये तरीके से चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है। क्या है चुनाव की पूरी तस्वीर बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार और विदेशी मामलों के जानकार सत्येंद्र रंजन।
पुतिन की उत्तर कोरिया और वियतनाम यात्रा से दुनिया में बढ़ा तनाव?
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया और विएतनाम की यात्रा पर हैं। कोरिया की यात्रा 24 साल बाद हुई है। इस यात्रा से पश्चिम के देश और खासकर अमेरिका चिंतित दिखाई दे रहे हैं। जाहिर है उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच लगातार उच्च स्तर पर तनाव बना हुआ है। इस यात्रा से पूरी दुनिया में तनाव बढ़ा है। क्या मायने हैं इस यात्रा के और इसका पूरी दुनिया पर क्या असर पड़ने वाला है बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र रंजन।
कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस, राहुल गांधी, दिल्ली
कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस, राहुल गांधी, दिल्ली
अब आतंकवादियों को भी किया जा रहा है सम्मानित
पिछले एक साल से कनाडा और भारत के रिश्ते बेहद तल्ख होते जा रहे हैं। कनाडा के नागरिक निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगा और इसे लेकर दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ी। अब कनाडा के संसद में निज्जर को उसकी मौत की बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई। जबकि यह साफ है कि भारत उसे आतंकवादी मानता है। इधर अमेरिका में पन्नू के हत्या की कोशिश में एक भारतीय नागरिक नीरज गुप्ता का चेक गणराज्य से प्रत्यर्पण हुआ है जहां न्यूयार्क में उसपर मुकदमा चलेगा। आखिर कनाडा इस स्तर पर क्यों उतर आया है? इसी विषय पर आज बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र रंजन।
क्या जनादेश से कोई सबक लेगी मोदी सरकार
90 के दशक में उदारीकरण लागू होने के बाद 2012 तक आते आते मनमोहन सिंह ने कह दिया था कि इसकी उपयोगिता अब नकारात्मक हो चुकी है। फिर 2014 में भाजपा की सरकार में मोदी ने और भी तेजी से कॉरपोरेट की ओर पूरी आर्थिक नीति को मोड़ दिया जिससे कुछेक चुनिंदा घरानों को तेजी से लाभ पहुंचा और आम जनता गरीबी महंगाई और बेरोजगारी के दलदल में धंसती चली गई। 2024 के चुनाव में मोदी सरकार को जनता ने बहुमत न देकर एक संकेत दिया है। क्या मोदी सरकार जो वैशाखी पर है कोई सबक लेने वाली है? ऐसा लगता तो नहीं। इसी मुद्दे पर जाने-माने अर्थशास्त्री अरुण कुमार वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र रंजन से बातचीत कर रहे हैं।
पन्नू मामलाः निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण और जेक सुलिवन का भारत आना
खालिस्तानी की मांग करने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू जिसे अमेरिकी नागरिकता प्राप्त है, की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। कुछ समय पहले निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था । और क्या यह संयोग है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन का भारत दौरा ठीक इसी समय हुआ है? बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र रंजन।