India sandesh

India sandesh इंडिया संदेश के फेसबुक पेज को फॉलो करें और शेयर करें। धन्यवाद

प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला 2025 के दौरान सरकारी कॉटेज या होटल बुक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन ...
10/01/2025

प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला 2025 के दौरान सरकारी कॉटेज या होटल बुक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. **आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं**: महाकुंभ मेला 2025 के लिए आधिकारिक बुकिंग वेबसाइट [mahakumbh.in](https://mahakumbh.in/) है। अपने वेब ब्राउज़र में इस वेबसाइट को खोलें।

2. **आवास विकल्प चुनें**: वेबसाइट पर विभिन्न प्रकार के आवास विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे डीलक्स कैंप, रॉयल और लग्जरी कैंप, होमस्टे और होटल। अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार उपयुक्त विकल्प चुनें।

3. **तिथियां दर्ज करें**: चयनित आवास के विवरण पृष्ठ पर जाकर, अपनी चेक-इन और चेक-आउट तिथियां दर्ज करें। इससे आपको उन तिथियों पर उपलब्धता की जानकारी मिलेगी।

4. **आरक्षण की पुष्टि करें**: उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाद, "Confirm Reservation" बटन पर क्लिक करें।

5. **व्यक्तिगत विवरण भरें**: अपना पूरा नाम, संपर्क नंबर, ईमेल आईडी, और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज करें। यदि आप अतिरिक्त सेवाएं जैसे 'नागा एक्सपीरियंस टूर' जोड़ना चाहते हैं, तो उन्हें भी चुनें।

6. **भुगतान करें**: भुगतान विधि चुनें, जैसे PhonePe, Paytm, या बैंक ट्रांसफर, और भुगतान प्रक्रिया पूरी करें।

7. **पुष्टिकरण प्राप्त करें**: बुकिंग पूर्ण होने पर, आपको ईमेल के माध्यम से पुष्टि प्राप्त होगी। साथ ही, 12 घंटों के भीतर महाकुंभ टीम से एक पुष्टि कॉल भी आएगा।

**धोखाधड़ी से बचने के लिए सुझाव**:

- **आधिकारिक स्रोतों का उपयोग करें**: हमेशा आधिकारिक वेबसाइटों या मान्यता प्राप्त ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से ही बुकिंग करें।

- **समीक्षाएं पढ़ें**: बुकिंग से पहले, अन्य यात्रियों की समीक्षाएं और रेटिंग्स देखें।

- **सुरक्षित भुगतान करें**: सुरक्षित और विश्वसनीय भुगतान गेटवे का उपयोग करें।

- **संपर्क जानकारी सत्यापित करें**: बुकिंग पुष्टि के बाद, आवास प्रदाता से सीधे संपर्क करके अपनी बुकिंग की पुष्टि करें।

इन चरणों और सुझावों का पालन करके, आप महाकुंभ मेला 2025 के दौरान अपने आवास की सुरक्षित और सुविधाजनक बुकिंग सुनिश्चित कर सकते हैं।

 सुप्रीम कोर्ट से आसाराम बापू जी को मिली अंतरिम जमानत.. मिशनरीज़ के काल वापस आ गए , 31 मार्च तक के लिए मिली बेल।
07/01/2025



सुप्रीम कोर्ट से आसाराम बापू जी को मिली अंतरिम जमानत.. मिशनरीज़ के काल वापस आ गए , 31 मार्च तक के लिए मिली बेल।

  के द्वारा बनाई गई भगवान शिव जी की तस्वीर कैलाश पर्वत की है। हम कल्पना कर रहे है और    उसे हकीकत बना कर दे रहा है।
05/01/2025

के द्वारा बनाई गई भगवान शिव जी की तस्वीर कैलाश पर्वत की है। हम कल्पना कर रहे है और उसे हकीकत बना कर दे रहा है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, विनम्र श्रद्धांजलि
26/12/2024

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, विनम्र श्रद्धांजलि

22/12/2024

Mayor Pramila restores 5 Hindu temples from occupation in Kanpur.

17/12/2024

संभल मंदिर खुलने के बाद भव्य आरती | दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु

तबला वादक जाकिर हुसैन जी ने 73 वर्ष की उम्र में अमेरिका ली अंतिम सांस, विनम्र श्रद्धांजलि
15/12/2024

तबला वादक जाकिर हुसैन जी ने 73 वर्ष की उम्र में अमेरिका ली अंतिम सांस, विनम्र श्रद्धांजलि

15/12/2024

CM Yogi Adityanath's Bold Statement on Hanuman Ji's Temple in Sambhal

आत्महत्या करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी गिरफ़्तार
15/12/2024

आत्महत्या करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी गिरफ़्तार

14/12/2024

संभल में 46 साल पुराना शिव मंदिर खोला गया
DM-SP बिजली चेकिंग के दौरान अचानक पहुंचे शिव मंदिर
1978 के बाद इस मंदिर में पूजा पाठ नहीं हुआ
हिंदूओं के पलायन के बाद से बंद था मंदिर
पूजा पाट नहीं कर पा रहे थे रह रहे हिंदू
कुएं को ढक कर बना दिया गया था समतल

13/12/2024

The Genius Behind the World's Tallest Statues: Ram V. Sutar Ji's Legacy। Art & Culture|StatueOfUnity

*दत्त जयंती - एक सांप्रदायिक जन्मोत्सव !*मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मृग नक्षत्र  पर सायंकाल के समय दत्त भगवान का जन्म हु...
12/12/2024

*दत्त जयंती - एक सांप्रदायिक जन्मोत्सव !*

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मृग नक्षत्र पर सायंकाल के समय दत्त भगवान का जन्म हुआ, इसलिए इस दिन दत्त का जन्मोत्सव सभी दत्त क्षेत्रों में मनाया जाता है l इस वर्ष 14 दिसम्बर को दत्त जयंती मनाई जाएगी।

*1. दत्त जयंती का महत्त्व* - दत्त जयंती के दिन दत्त तत्त्व पृथ्वी तल पर सर्वसामान्य दिन की अपेक्षा 1000 गुना अधिक कार्यरत रहता है l इस दिन दत्त की मनोभाव से नाम जप आदि उपासना करने से दत्त तत्त्व का अधिकाधिक लाभ मिलने में सहायता होती है l

*2. जन्मोत्सव मनाना -* दत्त जयंती मनाने के संबंध में शास्त्रोक्त कोई विशिष्ट विधि नही है l इस उत्सव से सात दिन पूर्व गुरुचरित्र ग्रंथ का पारायण करने की पद्धति है l इसे ही गुरुचरित्र सप्ताह ऐसे कहा जाता है l भजन, पूजन और विशेष रूप से कीर्तन वगैरह भक्ति के प्रकार चलन में है l महाराष्ट्र में औदुंबर, नरसोबा की वाडी, गाणगापुर इत्यादि दत्त क्षेत्रों में इस उत्सव का विशेष महत्त्व है l तमिलनाडु में भी दत्त जयंती की प्रथा है l दत्त जयंती के दिन कई स्थान पर दत्तयाग किया जाता है l

*दत्तयाग :* दत्तयाग में पवमान पंचसूक्त की आवृत्ति (जप) और इसके दशांश अथव तृतियांश घृत से हवन किया जाता है l दत्तयाग के लिए करने वाले जप की संख्या निश्चित नही है l स्थानिक पुरोहितों के आदेशानुसार जप और हवन किया जाता है l

*पुराणों के अनुसार जन्म का इतिहास -* अत्री ऋषि की पत्नी अनसूया पतिव्रता थी l पातिव्रत्य के कारण उसमें इतना सामर्थ्य आया कि, इंद्रादि देव भी भयभीत हो गए और ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास जाकर उन्होंने कहा कि, ‘‘उनके वर के कारण किसी को भी देवताओं का स्थान मिल सकता है अथवा कोई भी देवताओं को मार सकता है ; इसलिए आप इस पर कुछ उपाय करो, अन्यथा हमें उनकी सेवा करनी पड़ेगी ’’ यह सुनकर त्रिमूर्ती ने कहा , ‘‘कितनी बडी पतिव्रता सती है, वह हम देखते हैं ’’

एक बार अत्रि ऋषी अनुष्ठान के लिए बाहर गए तब अतिथि के वेश में त्रिमूर्ती उनके घर आए और उन्होंने अनुसूया से भिक्षा मांगी l उस पर अनुसूया ने बताया, ‘‘ऋषी अनुष्ठान के लिए बाहर गए है l उनके आने तक रुके’’ तब त्रिमूर्ती ने अनुसूया को कहा, ‘‘ऋषियों को लौटने में समय लगेगा l हमें बहुत भूख लगी है l तुरंत भोजन दो, अन्यथा हम दूसरी जगह जाएंगे l `आश्रम में आने वाले अतिथियों को आप इच्छानुसार भोजन देते हैं', ऐसे हमने सुना है; इसलिए इच्छा भोजन करने के लिए हम आए है ’’अनुसूया ने उनका स्वागत किया और उनको भोजन के लिए बैठने की विनती की l वे भोजन के लिए बैठे l जब वो भोजन परोसने आई तब उन्होंने कहा, ‘‘तुम्हारा सुंदर रूप देखकर हमारे मन में इच्छा हुई की, तुम विवस्त्र हो कर हमें भोजन परोसो। ’’ उसपर ‘अतिथी को विन्मुख भेजना अयोग्य होगा l मेरा मन निर्मल है l मेरे पति का तपोबल मुझे तारेगा ’, यह विचार कर, रसोई में जा कर उसने पति का चिंतन कर के, ‘अतिथी मेरे बच्चे है’ यह भाव रखा और निर्वस्त्र होकर भोजन परोसने आई l उसने देखा अतिथियों के स्थान पर रोते हुए तीन छोटे बच्चे थे ! उनको गोदी में लेकर उन्होंने उनको स्तनपान करवाया और बच्चों का रोना रुक गया l इतने में अत्रि ऋषि आए l अनुसूया ने उनको सभी वृत्तान्त बताया l उसने कहा, ‘‘स्वामिन् देवेन दत्तं ।’’ इसका अर्थ ऐसा है - ‘हे स्वामी, भगवान द्वारा दिए हुए (बालक)।’ इस प्रकार अत्रि जी ने उन बच्चों का नामकरण ‘दत्त’ किया l बच्चे झूले में रहे और ब्रह्मा, विष्णु और महेश उनके सामने खडे होकर प्रसन्न हो कर कहा ‘वर मांगो’ l अत्रि और अनुसूया ने ‘बालक हमारे घर रहे ’, ऐसे वर मंगा l आगे ब्रह्मदेव से चंद्र, विष्णु से दत्त और शंकर से दुर्वासा हुए l तीनों में से चंद्र और दुर्वासा तप करने के लिए अनुमति लेकर चंद्रलोक और तीर्थक्षेत्र चले गए l तीसरे देवता दत्त विष्णु कार्य के लिए भूतल पर रह गए l

*दत्त अवतार*

*दत्त के परिवार का भावार्थ -* दत्त के पीछे जो गाय खडी है अर्थात पृथ्वी और चार श्वान अर्थात चार वेद l औदुंबर का वृक्ष दत्त का पूजनीय रूप है ; क्योंकि उसमें दत्त तत्त्व अधिक प्रमाण में है l

भगवान दत्त गुरू ने पृथ्वी को गुरु माना और हमें पृथ्वी जैसी सहनशील और सहिष्णु होना चाहिए ऐसी सीख ली l अग्नि को भी गुरु मान कर, यह देह क्षणिक है, ऐसी सीख अग्नि की ज्वाला से ली l इस प्रकार से चराचर के प्रत्येक वस्तु में ईश्वर का अस्तित्व देखने के लिए दत्तगुरू ने चौबीस गुरु किए l `श्रीपाद श्रीवल्लभ' दत्त का प्रथम अवतार,`श्री नृसिंह सरस्वती' दूसरा अवतार,`माणिकप्रभु' तीसरा और `श्री स्वामी समर्थ महाराज' यह चौथा अवतार रहा l यह चार पूर्ण अवतार है इनके अतिरिक्त अंशात्मक अवतार अनेक है l जैन पंथी `नेमिनाथ' को दत्त गुरु के रूप में देखते है और मुसलमान `फकीर के वेश में ' देखते है l

भगवान दत्त प्रतिदिन बहुत भ्रमण करते है l वे स्नान के लिए वाराणसी व चंदन लगाने के लिए प्रयाग जाते है, तो दोपहर की भिक्षा के लिए कोल्हापुर जाते है और दोपहर का भोजन पांचालेश्वर, बीड जिले में गोदावरी नदी के पात्र में लेते है l तांबुल भक्षण के लिए मराठवाडा में बीड जिले में राक्षसभुवन जाते है, तो प्रवचन और कीर्तन सुनने के लिए नैमिष्यारण्यात बिहार जाते है l निद्रा के लिए मात्र माहूरगड पर जाते है और योग गिरनार पर करते है l

दत्तपूजा के लिए सगुण मूर्ति की अपेक्षा चरण पादुका और औदुंबरवृक्ष की पूजा की जाती है l पूर्व के काल में मूर्ति अधिकतर एकमुखी रहती थी l परन्तु अभी त्रिमुखी मूर्ति अधिक प्रचलित है l भगवान दत्त `गुरुदेव' है l भगवान दत्तात्रेय जी को परमगुरु माना जाता है l उनकी उपासना गुरु स्वरूप में ही करनी होती है l `श्री गुरुदेव दत्त', `श्री गुरुदत्त' ऐसे उनका जयघोष करते है l `दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा' यह नाम धुन है l

भगवान दत्तात्रेय के कंधे पर एक झोली रहती है l उसका भावार्थ इस प्रकार से है - झोली मधुमक्खी का प्रतीक है l मधुमक्खियां जैसे जैसे जगह-जगह पर जा कर शहद एकत्रित करती है और उसका संग्रह करती है, वैसे ही श्री दत्त जगह-जगह घूम कर झोली में भिक्षा एकत्रित करते है l जगह -जगह घूमकर भिक्षा मांगने से अहं शीघ्र कम होता है; इसलिए झोली यह अहं नष्ट होने का प्रतीक है l

*दत्त जयंती उत्सव भावपूर्ण होने के लिए यह करे !*

स्त्रियों ने साडी और पुरुषों ने कुर्ता -धोती / पायजमा ऐसे सात्त्विक वस्त्र परिधान कर के उत्सव में सहभाग लेना चाहिए l छात्र ‘श्रीदत्तात्रेयकवच’ का पठन करें व दत्त का नामजप करें l उत्सव के स्थान पर जोर शोर से संगीत ना लगाएं, विद्युत रोशनी जैसे रज-तम निर्माण करने वाली कृति ना करे l दत्त जयंती की फेरी में मंजरी, मृदुंग ऐसे सात्विक वाद्य का उपयोग करें

थोड़ी देर में बेंगलुरु IT इंजिनियर की आत्महत्या मामले में Live है, सभी लोग जरूर जुड़े
11/12/2024

थोड़ी देर में बेंगलुरु IT इंजिनियर की आत्महत्या मामले में Live है, सभी लोग जरूर जुड़े

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Shout out to my newest followers! Excited to have you onb...
11/12/2024

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Kuldeep Sharma, Manoj Bhardwaj, Soni Kaur

06/12/2024

What is LIC's new scheme Bima Sakhi, which PM Modi will launch on 9 December in Karnal

02/12/2024

02/12/2024

01/12/2024

Hi everyone! 🌟 You can support me by sending Stars - they help me earn money to keep making content you love.

Whenever you see the Stars icon, you can send me Stars!

Address

Sector-22, Block-e Noida
Noida
201301

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when India sandesh posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to India sandesh:

Videos

Share