भक्तिसंगीत, गीत and News peg, janrnliest: Jitesh Patil

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भक्तिसंगीत, गीत and News peg, janrnliest: Jitesh Patil Deploma in Journalism and mass Commission

25/11/2023
24/11/2023
22/11/2023
22/11/2023
21/11/2023

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11/11/2023
09/11/2023
05/11/2023

Happy birthday🎂

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04/11/2023
04/11/2023

🌺जय गणेश🌺
🙏✨️
🌸

01/11/2023

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तुलजा भवानी मंदिर
#जोगवा

01/11/2023

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तुलजा भवानी मिदीर #गोंधळ

 🇮🇳7 घोड़ो की तस्वीर के वास्तु शास्त्र रहस्य...सात( 7 ) घोड़ो की फोटो कहां और कैसे लगाएं ? घर या दफ्तर में दौड़ते हुए घो...
29/10/2023

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7 घोड़ो की तस्वीर के वास्तु शास्त्र रहस्य...

सात( 7 ) घोड़ो की फोटो कहां और कैसे लगाएं ? घर या दफ्तर में दौड़ते हुए घोड़े की तस्वीर लगाते हैं, तो यह आपके कार्य में गति प्रदान करता है। दौड़ते हुए घोड़े सफलता, प्रगति और ताकत के प्रतीक होते हैं। खासकर 7 दौड़ते हुए घोड़े व्यवसाय की प्रगति का सूचक माने गए हैं, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार 7 अंक सार्वभौमिक है, प्राकृतिक है।

अगर सात घोड़े के रथ पर सवार सूर्यदेव हों तब यह तस्वीर और भी शुभ फलदायी होती होती है। इस तस्वीर को लगाने के लिए पूर्व दिशा को शुभ माना गया है। दौड़ते हुए घोड़ों की तस्वीर, पोस्टर या कोई मूर्ति घर की उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। इसे लगाने से ही प्रोमोशन जल्दी होता है। इसके साथ ही जीवन में धन लाभ के योग बनने लगते हैं।

अगर जीवन में नाम, यश और सम्मान पाना चाहते हैं तो घर की दक्षिण दिशा में दौड़ते हुए घोड़ों की तस्वीर लगा सकते हैं। इसके साथ सकारात्मकता आती है और इसके बाद जीवन में भी तरक्की आती है और किसी काम के लिए तारीफ मिल सकती है। यदि घर में किसी कारण से दक्षिण दिशा में घोड़ों की मूर्ति नहीं रख पा रहें हैं तो घर की खिड़की के सामने दौड़ते हुए घोड़े की मूर्ति या तस्वीर रखें। मूर्ति को ऐसे रखें कि घोड़े का मुंह खिड़की से बाहर देख रहा हो।

इससे नाम,यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होने लगेगी। आपके घर में यदि पहले से ही दौड़ते घोड़ों की तस्वीर या मूर्ति है तो इसके लिए एक बात हमेशा अपने ध्यान में रखें कि इन घोड़ों पर किसी तरह की रस्सी ना बंधी हो। यदि इस तरह से आपके घर में पोस्टर या तस्वीर है तो इससे घर में आने वाले धन-धान्य पर रोक लगती है। इसके साथ एक बात ध्यान रखें कि कभी किसी एक घोड़े की फोटो या तस्वीर ना लगाएं, ये आपके घर में धन आने से रोकता है...

27/10/2023

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28-29 अक्टूबर आंशिक चंद्र ग्रहण

26/10/2023

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26/10/2023

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Spiritual Adhyatmik Baba Maharaj Satarkar Passes Away Latest News Who Is Baba Maharaj Satarkar

ज्येष्ठ किर्तनकार बाबामहाराज सातारकर काळाच्या पडद्याआड, असा आहे त्यांचा जीवन प्रवास

26/10/2023
Baba Maharaj Satarkar बाबामहाराज सातारकर यांचा जन्म 5 फेब्रुवारी 1936 रोजी साताऱ्यात झाला. इंग्रजांच्या काळात त्यांनी इंग्रजीत मॅट्रीकपर्यंत शिक्षण घतले होते. बाबामहाराज सातारकर यांच्या घरी शेकडो वर्षांची वारकरी सांप्रदायाची परंपरा आहे. बाबामहारांचे किर्तन ऐकण्यासाठी राज्यातूनच नाही तर देशभरातून भाविक गर्दी करायचे.

ज्येष्ठ किर्तनकार बाबामहाराज सातारकर काळाच्या पडद्याआड, असा आहे त्यांचा जीवन प्रवास
बाबा महाराज सातारकर

ज्येष्ठ कीर्तनकार बाबामहाराज सातारकर (Baba Maharaj Satarkar) यांनी आज वयाच्या 89 व्या वर्षी शेवटचा श्वास घेतला. नवी मुंबईच्या नेरूळ येथे त्यांची प्रणज्योत मालवली. त्यांचे पार्थिव शरीर आज नेरूळ येथील विठ्ठल रूक्मिणी मंदिरासमोर अंत्य दर्शनासाठी ठेवण्यात येणार आहे. शुक्रवारी 27 ऑक्टोबरला संध्याकाळी पाच वाजता नेरूळ येथे त्यांच्या पार्थीवावर अंत्यसंस्कार करण्यात करण्यात येणार आहे. आध्यात्मासाठी सर्वस्व अर्पण केलेले बाबामहाराज सातारकर यांचे खरं नाव, निळकंठ ज्ञानेश्वर गोरे असे आहे. विठ्ठलाचे कीर्तन आणि ज्ञानेश्वरीचे विविध पैलू सर्वसामान्यांपर्यंत पोहचवण्यात त्यांचा मोलाचा वाटा आहे.

असा आहे त्यांचा जीवन परिचय
बाबामहाराज सातारकर यांचा जन्म 5 फेब्रुवारी 1936 रोजी साताऱ्यात झाला. इंग्रजांच्या काळात त्यांनी इंग्रजीत मॅट्रीकपर्यंत शिक्षण घतले होते. बाबामहाराज सातारकर यांच्या घरी शेकडो वर्षांची वारकरी सांप्रदायाची परंपरा आहे. बाबामहारांचे कीर्तन ऐकण्यासाठी राज्यातूनच नाही तर देशभरातून भाविक गर्दी करायचे. बाबामहाराजांच्या घरात गेल्या तीन पिढ्यापासून किर्तनाचा वारसा जोपासला जातोय. बाबामहाराजांचे वडील ज्ञानेश्वर दादामहाराज गोरे उत्कृष्ट मृदूंगवादक होते. त्यांची आई लक्ष्मीबाई यांना संत वाड्ःमयाची आवड होती. बाबामहाराज यांच्या घडण्यामागे चुलते अप्पामहाराज आणि अन्नामहाराज यांचा मोठा वाटा आहे.

वयाच्या आठव्या वर्षापासून बाबामहाराज हे दादामहाराज यांच्या कीर्तनाला चाली लावायचे. तिथूनच त्यांच्यावर कीर्तनावर संस्कार रूजत गेले. वयाच्या अकराव्या वर्षापासून त्यांनी पुरोहितबुवा, आग्रा घराण्याचे लताफत हुसेन खाँ साहाब यांच्याकजे गायनाचे धडे घेतले.

कधीकाळी बाबामहाराजांनी फर्निचरचा व्यावसायदेखील केला होता. समाजप्रबोधन कार्य म्हणून डिसेंबर 1983 पासून दरवर्षी संतांच्या गावी कीर्तन सप्ताह आयोजित करण्याची परंपरा बाबामहाराजांनी सुरू केली. पैठण, पंढरपूर, पिंपळनेर, भंडारा डोंगर, देहू, त्र्यंबकेश्वर, नेवासे आदी ठिकाणी बबामहाराजांनी कीर्तन सप्ताहांचे आयोजन केलं होतं. बाबामहाराजांनी सुमारे 15 लाख लोकांना वारकरी संप्रदायाची दिक्षा देत व्यसनमुक्त केले. समाजासाठी त्यांनी केलेले हे कार्य अमुल्य आहे.

 🇮🇳   वारकरी संप्रदायातील आदरणीय व सर्वांचे लाडके बाबा महाराज सातारकर हे अनंतात विलीन झाले आहे त्यांच्या आत्म्यास शांती ...
26/10/2023

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वारकरी संप्रदायातील आदरणीय व सर्वांचे लाडके बाबा महाराज सातारकर हे अनंतात विलीन झाले आहे त्यांच्या आत्म्यास शांती लाभो ही माऊलींच्या चरणी प्रार्थना.

24/10/2023
24/10/2023
23/10/2023

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कन्या-पूजन के उपरांत कन्याओं को भोजन कराते गोरक्षपीठाधीश्वर श्री Yogi Adityanath जी महाराज

 🇮🇳  Yatra 2023केदारनाथ यात्रा में गहराया सांसों का संकट, अब तक 10 हजार यात्रियों को दी गई ऑक्सीजन21/10/2023Kedarnath Ya...
21/10/2023

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Yatra 2023

केदारनाथ यात्रा में गहराया सांसों का संकट, अब तक 10 हजार यात्रियों को दी गई ऑक्सीजन

21/10/2023
Kedarnath Yatra 2023 केदारनाथ यात्रा के दौरान अब तक साढे 10 हजार से अधिक यात्रियों को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया ने बताया कि केदारनाथ धाम में दर्शन करने आ रहे यात्रियों स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से स्वास्थ्य परीक्षण कर रहा है। शुकव्रार को आकस्मिक एवं ओपीडी सहित 863 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा के दौरान अब तक साढे 10 हजार से अधिक यात्रियों को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। साथ ही ओपीडी एवं आकस्मिक सुविधाओं सहित 2,41,629 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया गया। स्वास्थ्य विभाग की ओर यात्रा में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया ने बताया कि केदारनाथ धाम में दर्शन करने आ रहे यात्रियों स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से स्वास्थ्य परीक्षण कर रहा है। यात्रा मार्ग से केदारनाथ धाम तक चिकित्सकों की तैनाती कर स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया जा रहा है। बताया कि शुकव्रार को आकस्मिक एवं ओपीडी सहित 863 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

 🇮🇳 नवरात्र के शुरुआत में ही घट स्थापना की जाती है। घट स्थापना के बाद नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाई जाती है।
15/10/2023

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नवरात्र के शुरुआत में ही घट स्थापना की जाती है। घट स्थापना के बाद नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाई जाती है।

 🇮🇳 #राम_मंदिर_निर्माणरामलला की मूर्ति 8.5 फीट होगी लंबी, धनुष, तीर और मुकुट अलग से बनेगा10/10/2023अयोध्या में राम मंदिर...
10/10/2023

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#राम_मंदिर_निर्माण

रामलला की मूर्ति 8.5 फीट होगी लंबी, धनुष, तीर और मुकुट अलग से बनेगा

10/10/2023
अयोध्या में राम मंदिर (Ram mandir) से एक बड़ी खबर है। रामलला की अचल मूर्ति रामसेवकपुरम में तैयार हो रही है। कर्नाटक (Karnataka) और राजस्थान (Rajasthan) के तीन मूर्तिकार तीन मूर्तियां बना रहे हैं। इनमें से सर्वोत्तम मूर्ति की भूतल यानि गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित की जाएगी।

रामलला की मूर्ति 8.5 फीट लंबी होगी।
अयोध्या में राम मंदिर (Ram mandir) निर्माण के साथ ही रामलला की मूर्ति निर्माण का काम भी तेज कर दिया है। राममंदिर में रामलला के दो विग्रह स्थापित किए करने की योजना है। एक विग्रह की स्थापना चल मूर्ति के रूप में तो दूसरे विग्रह की स्थापना अचल मूर्ति के रूप में होगी। रामलला चल मूर्ति के रूप में पूजित-प्रतिष्ठित होंगे वहीं अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। अचल मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट होगी। इस मूर्ति का निर्माण इसी माह यानी अक्टूबर में पूरा हो जाएगा।

राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि बालक होने के बाद भी धनुष रामलला की पहचान है। मूर्ति में रामलला का धनुष, तीर व मुकुट अलग से बनाकर लगाया जाएगा। मूर्ति की ऊंचाई वैज्ञानिक के मत के आधार पर तय की गई है। हर रामनवमी पर रामलला के मुख पर सूर्य की किरणें पड़ सकें, इसको लेकर वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट तय की गई है, ताकि तकनीकी रूप से रामलला का सूर्य रश्मियों से अभिषेक हो सके।

मंदिर के प्रथम तल का अधिकतर काम पूरा
राममंदिर के प्रथम तक का करीब 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। 3500 मजदूर तीन शिफ्टों में राममंदिर में काम कर रहे हैं। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि स्ट्रक्चर की दृष्टि से प्रथम तल का निर्माण भी 70 फीसदी पूरा हो चुका है। 15 नवंबर तक प्रथम तल भी पूर्ण कर द्वितीय तल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

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