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15/11/2024

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Mihirbhoj ji
30/10/2024

Mihirbhoj ji

Prithviraj Chauhan (c. 1166-1192) was a king of the Chauhan dynasty who ruled Delhi and much of northern India during th...
28/10/2024

Prithviraj Chauhan (c. 1166-1192) was a king of the Chauhan dynasty who ruled Delhi and much of northern India during the 12th century. He is considered one of the most famous and legendary rulers of India's medieval period.

*Early Life and Reign:*

Prithviraj was born in Ajmer, Rajasthan, to King Someshwar Chauhan and Queen Karpuri Devi. He succeeded his father as king at a young age and expanded his kingdom through military conquests.

*Military Campaigns:*

Prithviraj is known for his military prowess and bravery. He fought several battles against neighboring kingdoms, including the Ghurids, the Paramaras, and the Chandelas. His most notable victory was against the Ghurid ruler, Muhammad Ghori, in the First Battle of Tarain (1191).

*Defeat and Death:*

However, Prithviraj was defeated and killed by Muhammad Ghori in the Second Battle of Tarain (1192). Ghori's forces were better equipped and trained, and Prithviraj's army was weakened by internal conflicts and rivalries.

*Legacy:*

Despite his defeat, Prithviraj Chauhan is remembered as a hero and a symbol of Indian resistance against foreign invasions. He is celebrated in folklore, literature, and art for his bravery, chivalry, and patriotism.

*In Popular Culture:*

Prithviraj's life and exploits have inspired numerous literary works, films, and television series, including the famous Hindi poem "Prithviraj Raso" and the Bollywood film "Prithviraj" (2022), starring Akshay Kumar.

*Historical Significance:*

Prithviraj's reign marked the end of the Chauhan dynasty and the beginning of Muslim rule in India. His defeat paved the way for the establishment of the Delhi Sultanate, which had a profound impact on Indian history and culture.
Prithviraj Chauhan was a king of the Chauhan dynasty, which was a Rajput clan. The Chauhans were a powerful and influential Rajput dynasty that ruled over much of northern India, particularly in the regions of Rajasthan, Delhi, and parts of Madhya Pradesh.

_Chauhan Dynasty:_

The Chauhans were a branch of the Agnivanshi Rajputs, who claimed descent from the fire god, Agni. They were known for their bravery, military prowess, and cultural achievements. The Chauhans ruled from the 8th to the 12th centuries and built several notable cities, including Ajmer, Delhi, and Ranthambore.

_Rajput Heritage:_

As a Rajput, Prithviraj Chauhan was part of a larger cultural and social identity that emphasized:

1. _Kshatriya dharma_: The duty to protect and defend the kingdom and its people.
2. _Bravery and military honor_: Rajputs were known for their martial skills and bravery in battle.
3. _Loyalty and duty_: Rajputs were expected to be loyal to their kingdom, family, and community.
4. _Cultural and artistic patronage_: Rajputs were patrons of art, literature, and architecture.

_Prithviraj's Rajput Lineage:_

Prithviraj Chauhan's family tree is as follows:

- Father: Someshwar Chauhan
- Mother: Karpuri Devi
- Grandfather: Arnoraja Chauhan
- Great-grandfather: Ajayaraja Chauhan

Prithviraj's Rajput heritage and lineage played a significant role in shaping his identity, values, and actions as a king.

नीलाम हुआ इतिहास मेरा, सत्ता के ठेकेदारों से।बाल ना बांका हुआ मेरा उन अरबों की तलवारों से।। #दो तरफ समुद्र, एक तरफ हिमाल...
18/10/2024

नीलाम हुआ इतिहास मेरा, सत्ता के ठेकेदारों से।
बाल ना बांका हुआ मेरा उन अरबों की तलवारों से।।

#दो तरफ समुद्र, एक तरफ हिमालय
चौथी और स्वयं राजपूत प्रतिहार थे,
हर बार हर युद्ध मे अरबो को हराया
प्रतिहार मिहिर भोज ऐसे प्रहार थें.🙏

साहस, शोर्य, पराक्रम, वीरता की मिसाल 🚩
#राजपूत_सम्राट_मिहिरभोज_प्रतिहार जयंती पर कोटि कोटि नमन !🙏🙏


दशहरे के इस दिन भगवान राम का दिव्य आशीर्वाद आपके जीवन को प्रेम, आनंद और सफलता से भर दे। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं !   ...
12/10/2024

दशहरे के इस दिन भगवान राम का दिव्य आशीर्वाद आपके जीवन को प्रेम, आनंद और सफलता से भर दे। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं !

इंसान क्या लेकर आया ये महत्वपूर्ण नहीं.क्या देकर जा रहा है, ये महत्वपूर्ण है🫡✌🏼It is the end of an era. Bharat has lost ...
10/10/2024

इंसान क्या लेकर आया ये महत्वपूर्ण नहीं.
क्या देकर जा रहा है, ये महत्वपूर्ण है🫡✌🏼
It is the end of an era.
Bharat has lost Real Ratan.
Om Shanti 🙏🙏🙏
🙏🏼💐

😊😊
09/10/2024

😊😊

क्षत्रिय समाज की बेटी दीपिका राठौड़ सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर रहते हुए 3 बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली इकलौती...
04/10/2024

क्षत्रिय समाज की बेटी दीपिका राठौड़ सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर रहते हुए 3 बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली इकलौती महिला है!!
बहन को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं!

#राजपूत

जय माता दी🙏🚩🚩 #नवरात्रि          ♥️
03/10/2024

जय माता दी🙏🚩🚩
#नवरात्रि ♥️

चाहे परेशानियां हजार हो..और सर पर महादेव का हाथ हों.. ादेव 🚩  #शम्भु❣️📿
30/09/2024

चाहे परेशानियां हजार हो..
और सर पर महादेव का हाथ हों..
ादेव 🚩
#शम्भु❣️📿

सभी को राम राम 🙏🚩🚩राधे राधे 🙏🙏🚩🚩
27/09/2024

सभी को राम राम 🙏🚩🚩
राधे राधे 🙏🙏🚩🚩

परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के जयंती पर उन्हें शत शत नमन।।            ._.69
20/09/2024

परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के जयंती पर उन्हें शत शत नमन।।

._.69

महाराज अनंगपाल तोमर के बाद दिल्ली को मिला राजपूत शासक। हालाँकि वो उतनी ही राजपूत है जितने राहुल गांधी ब्राह्मण है। 823 व...
17/09/2024

महाराज अनंगपाल तोमर के बाद दिल्ली को मिला राजपूत शासक। हालाँकि वो उतनी ही राजपूत है जितने राहुल गांधी ब्राह्मण है। 823 वर्ष के बाद दिल्ली में राजपूत सरकार। इनके पिता विजय सिंह तोमर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और पति प्रवीण सिंह IIT दिल्ली और IIM अहमदाबाद से पढ़े है।

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं fans
14/09/2024

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
fans

जय बाबा की🙏🙏❣️❣️
09/09/2024

जय बाबा की🙏🙏❣️❣️

कृतिका सिंह राजपूत को बेंगलुरु में CISCE शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने की बधाई....         fans Rajput's Of IND...
08/09/2024

कृतिका सिंह राजपूत को बेंगलुरु में CISCE शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने की बधाई....
fans Rajput's Of INDIA

"May Lord Ganesha bless you and your family with peace and happiness."
07/09/2024

"May Lord Ganesha bless you and your family with peace and happiness."

माँस मदिरा और शराब हम क्षत्रियों का पारम्परिक भोजन नही था, केवल 400 साल पहले ये बुराई क्षत्रियो के अंदर घुसी है, क्षत्रि...
30/08/2024

माँस मदिरा और शराब हम क्षत्रियों का पारम्परिक भोजन नही था, केवल 400 साल पहले ये बुराई क्षत्रियो के अंदर घुसी है, क्षत्रिय रक्षक होता था, लेकिन जब से वो भक्षक बना है, डूब गया है, इस बात पर हमें विचार करना चाहिए, हमारे प्राचीन शास्त्र भी यही कहते हैं कि शराब सेवन और माँस भक्षण क्षत्रिय समाज में कभी प्रचलित नहीं था।

#अशोक वाटिका में सीता जी हनुमान जी से कहती है भगवान राम जंगल में शिकार करते हैं, कहीं वे माँस का सेवन तो नहीं करने लगे हैं? इसके उत्तर में हनुमान जी कहते हैं___
कोई भी रघुवंशी न तो माँस खाता है और न मधु का सेवन करता है। फिर भगवान श्री राम उन वस्तुओं का सेवन क्यों करते? वे सदा चार समय उपवास करके पांचवें समय शास्त्र विहित जंगली फल, मूल और नीवार आदि का भोजन करते हैं।

वाल्मीकि रामायण, सुंदरकांड श्लोक - - 36
#महाभारत के युद्ध में भी जितने लोगों ने प्रतिज्ञाएं की है, उन सभी ने यह कहा है कि यदि प्रतिज्ञा पूरी नहीं करे तो उनकी वह दुर्गति हो जो मदिरा पीने वाले की होती है। इससे स्पष्ट है कि उस काल में भी क्षत्रियों में मदिरा-माँस का सेवन नहीं था, भीष्म पितामह ने तो स्पष्ट कहा है कि मदिरा-माँस का सेवन धूर्तो द्वारा प्रचलित किया गया है। इस संबंध में महाभारत के निम्न अंश यहां प्रस्तुत करना चाहूंगी।

दुसरा प्रसंग हम महाभारत से लेते हैं, क्या कहीं भी इस बात का जिक्र आता है क्या कि दुर्योधन ने कहीं भी मासाहार ग्रहण किया हो, शायद दुर्योधन से कुटिल चरित्र किसी पांडव पुत्र का भी नहीं था, तो उनकी बात तो है अलग जब गलत चरित्र ने हीं नहीं खाया, तो दुसरो की बात ही क्यों करें, फिर भी हम देखते हैं बहुत से प्रसंगो में इसकी निंदा की गयी है, जैसे अर्जुन ने अपने पुत्र अभिन्यु के मरने के बाद जयद्रथ वध के समय प्रतिज्ञा करता है कि जो पाप परस्त्री गमन सुरा पान मांसाहार से धर्म की मर्यादा तोड़ने से जो दुर्गति प्राप्त होती है, वो मेरी हो अगर में जयद्रथ वध नहीं कर पाया, तो (दोर्न्न पर्व श्लोक 52 -53 ) ऐसी ही प्रतिज्ञा तिर्ग्तराज के वध के समय भी अर्जुन करते है। (ड्रोन पर्व 29 से 34)

#भीष्म_पितामह ने भी कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है की सुरा से स्पर्श किया हुआ अन्न भी ग्रहण करने योग्य नहीं है (शांति पर्व सर्ग 159 श्लोक 32 )

#भगवान्_श्री_कृष्ण ने भी आरण्य पर्व के 14 सर्ग के 7 श्लोक में कहा है कि जो मनुष्य शारब सेवन पर स्त्री गमन जुवा और मांसाहार करता है उसका श्री यानि लक्ष्मी नस्ठ ही जाती है और भी बहुत से प्रसंग है जिनसे ये सिद्ध होता है की हमारे पूर्वजों ने इसको आहार नहीं माना था।

्रीराम ानी ाजपुताना #क्षात्र_धर्म_युगे_युगे #क्षत्रिय

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