पुरानी किताब

पुरानी किताब . महफ़िल जज्बातों की
कारवां ख्वाबों का!! "Those.days15" blog page

03/12/2024

कभी आओ किसी रोज़ हमसे यूँ ही मिलने..!!
पाबंदियां शहर में है हमारे ख्वाबों में नहीं..!!

29/11/2024

मुस्कुराते हुए चेहरे,
सबसे ज्यादा झूठ बोलते हैं .....

लोग मर जाते है पहले ही अक्सर...खुदकुशी बाद में होती है
29/11/2024

लोग मर जाते है पहले ही अक्सर...

खुदकुशी बाद में होती है

गर्व है मुझे मेरे बुरे होने पर ..अगर अच्छे तुम्हारे जैसे है तो....
25/11/2024

गर्व है मुझे मेरे बुरे होने पर ..
अगर अच्छे तुम्हारे जैसे है तो....

पुरषों को उनकी एक पसंदीदा स्त्री नहीं मिलती,ये ज़माना कहता रहता है ये पुरुष प्रधान देश है .
24/11/2024

पुरषों को उनकी एक पसंदीदा स्त्री नहीं मिलती,
ये ज़माना कहता रहता है ये पुरुष प्रधान देश है .

अभी ना जाओ छोड़कर.........दिल....अभी भरा नहीं.....
17/11/2024

अभी ना जाओ छोड़कर.........
दिल....अभी भरा नहीं.....

कब तलक ख़ुद को समेटा जाये,___चल कोई ख़्वाब निचोड़ा जाये. _______!!
09/11/2024

कब तलक ख़ुद को समेटा जाये,___
चल कोई ख़्वाब निचोड़ा जाये. _______!!

चुप चाप सहते रहो तो आप अच्छे हो,बोल पड़ो तो आपसे बुरा कोई नहीं!💯
09/11/2024

चुप चाप सहते रहो तो आप अच्छे हो,
बोल पड़ो तो आपसे बुरा कोई नहीं!💯

24/09/2024

तुम याद भी आओ तो चुप रहते है

के आंखों को खबर हुई तो बरस जायेगी।

💔🥀

12/09/2024

उसने भी हाल पूछ लिया मेरा,

उसे तो मालूम होना चाहिए था !
Following Love

10/09/2024

आदमी के पास अगर दिमाग़ है
तो अपना दर्द भी बेच सकता है।

कुछ गलत पते लोगों को आजीवन यात्री बना देते हैं
09/09/2024

कुछ गलत पते लोगों को

आजीवन यात्री बना देते हैं

“स्त्री एक पुरुष को नहीं बदल सकती हैं। एक पुरुष स्वयं को बदल देता है क्योंकि वह उससे प्रेम  करता है .. ”ख़ैर
09/09/2024

“स्त्री एक पुरुष को नहीं बदल सकती हैं। एक पुरुष स्वयं को बदल देता है क्योंकि वह उससे प्रेम करता है .. ”
ख़ैर

अब तो कहीं भी रुक के भीग जाता हूँ मैं अब तो ये बारिश सिर्फ़ गिरता हुआ पानी है
09/09/2024

अब तो कहीं भी रुक के भीग जाता हूँ मैं

अब तो ये बारिश सिर्फ़ गिरता हुआ पानी है

एक तारीख मुकर्रर पे तू हर माह मिले...जैसे दफ्तर में किसी शख्स को तनख्वाह मिले...!! ❤️
09/09/2024

एक तारीख मुकर्रर पे तू हर माह मिले...

जैसे दफ्तर में किसी शख्स को तनख्वाह मिले...!! ❤️

अपने अल्फाज़ो से चुका रहे हैं किराया उसका,हम किसी के दिल में यूँ मुफ्त में नहीं रहा करते।
08/09/2024

अपने अल्फाज़ो से चुका रहे हैं किराया उसका,
हम किसी के दिल में यूँ मुफ्त में नहीं रहा करते।

08/09/2024

भीगी हुई इक शाम की दहलीज़ पे बैठे...

हम दिल के सुलगने का सबब सोच रहे हैं...

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