19/05/2024
हमने कब नकारा है जो सफाई में इतना रोना-धोना कर रहे हो!
आपकी बात बिल्कुल सत्य है!जैसलमेर के भाटियों का इतिहास ठीक से खंगालते है तो कई इस तरह की कहानियां इतिहास में लिखी पड़ी है!
मामला Religious identity का था उसको हमने Caste identity पर लाकर छोड़ दिया है!
हर कास्ट यानि जाति को अपने इतिहास,संस्कृति व परंपरा पर गर्व करना चाहिए।
धार्मिक पहचान मतलब सबकुछ बर्बाद करके खुद को लुटेरा गैंग के हवाले करना है।
अपने रीति रिवाज,परंपरा,संस्कृति पर डट जाएंगे तो कई नैतिकता के प्रतिमान स्वतः ही ध्वस्त होते जाएंगे!
इनका रोना-धोना परिणाम का एक छोटा सा हिस्सा है!पूरी सीरीज चलनी बाकी है!