Press Club Hazaribagh

Press Club Hazaribagh This page is for all the members of press association of hazaribagh and all other related people.

20/04/2021
15/04/2021

आदरनिए परधानमंतरी जी
वालेकुम परनाम !
आगे सभे ख़ुशल मंगल है उम्मीद है आपका भी खर सलाह बढ़िए होगा ।परधान मंतरी जी आप एगो गरीब घर से एतना ऊँचा जगह पर पहचे । लेकिन एतना ऊपर जाय के बाद नीचे ताकना भुला गए ।हमलोग यही ख़ातिर दुखी होते है ।आप तो एतना कपड़ा चसमा घड़ी बदलते है की पहले का राईस बोलल जाए वाला परधानमंतरी भी पीछे छूट गया ।आपका जैसा ईमानदार आदमी देश के नही गुण सका । भला बतायिये की आप एगो —- मुंडी के शिक्षा मंतरी काहे बनाए इसमें हम आगे वाला शब्द छोड़ दिए है ।आपका सबसे बड़ा कमजोरी है दूसर घर के खाना खाना चखना स्वाद लेना बढ़ जाना । इसमें आप लेहरु जी से एको इंच कम नही है इंदिरा गांधी से भी कम नही । इ आदत तो बाजपेयी जी के भी था लेकिन वू एके घर का खाना स्वाद लेने में विस्वास रखते थे । उनका जैसा निस्छल तो खैर होना मुस्किल है आज का तारीख़ में । यही कमजोरी देशवा के कमजोरी बन गया है ।आप एतना इमामदार आदमी है आप रैली सभा में जाते है लेकिन सभा में एगो बात नही बोल सके की
भाइयों एवं बहनों -मास्क ज़रूर पहनो ।।
मतलब आप जनता के लिए नही समाज के लिए नही देश के लिए नही सिर्फ़ सत्ता कुर्सी और पार्टी के लिए राजनीति कर रहे है ।उसके लिए पाकिस्तान बंगलादेश चीन जापान सभी जगह जा सकते है ।और इसमें यह मत कहिए की मोमता पप्पू इटालियन ने का कहा ? वो लोग तो चुतियम सल्फ़ेट है सरकार , क्या आप ??
हर जगह आपको अपना फ़ोटो चाही लगता है की एगो फोकना जे अस्पताल में फ़्री बाँटता है उसमें भी आप फ़ोटो न छपवा दे !
आपसे देशवा को बदलने की कामना थी लेकिन आप सात साल में एगो माय के प्लास्टिक वाला कुर्सी नाय बदले सके देश का का बात करें ?
हाँ जो आपको हेलिकोपटर चढ़ाया बढ़िया बढ़िया माल खिलाया उसको मालामाल कर दिए वही लोग सब लूट रहा है ।
कोरोना पर आप उदासीन है घड़ी घंटा सबको पकड़वा दिए अब का पकड़ायिएगा ! आप चाहते है की कोई विपक्ष नही रहे और आप मनमानी करते रहे । कौनो आदमी आपका पीठ पर हाथ नही रखने का हिम्मत रखता है लेकिन जेकर होम मिनिस्टर का हाथ आप अपना हाथ में लेते है वह आपका कही भी हाथ गोड़ रख देता है ।अभी भी आपका पार्टी में एक से एक रतन बुद्धिमान आदमी लोग है लेकिन आप उसको नही बनाएँगे मंतरी । हमलोग के संसदवा के काहे ख़ातिर मंतरी बनाए थे नेता लोग का पैसा बाहर का देश में खपाने के लिए ? और कोयला माफिया ज़मीन माफ़िया दारू माफ़िया तबेला चलनेवालो को टिकट काहे देते है ? मतलब दिल में खोंट है ।झाखंडे में देखिए कैसन माहौल बनाए है ? आपका पास एकासी गो उम्मीदवार नही है ।देश पर परवचन देनेवाला लोग मैकाले को शिक्षा पद्दती को दोषी मानता है और आपका जो देन है उसपर कोई नही बोलता है कि — मुंडी को शिक्षा मंतरी बनाकर आप का करना चाहते थे ? है ? सबसे बड़ा बात है कि आपको अपना नज़दीकी वाला लोग ख़ाली हाँ में हाँ मिलाता है कभी यह नही बोलता की हजुर अपने आज यह ग़लत बात बोल दी तो लगाम लगता लेकिन आप दिन को रात बोल दे तबो सब कहता है सही कहे बादल है न यही रात है ।जिस राजा के दरबारी चारण चाटुकार दलाल होता था उसको ग़लत दिशा में ले जाता था आज भी ऐसा ही हो रहा है ।आप जरा इसपर लगाम लगायिए हजुर । देश का दशा दिशा बढ़िया नाहीं है ।आपसे हथजोड़ि बिनती है कुछ अपने सुधरिए कुछ देश के सुधारिए आपका माय क़सम है ।
आगे आपका
भोलूवा उर्फ़ भोलानाथ
माँसीपीढ़ी , हज़ारीबाग़ ।

13/04/2021
12/04/2021

भाजपा के राजकुमार लाल का श्राधकर्म आज सम्पन्न हो गया । राजकुमार सबके चहेते थे यही कारण है कि पक्ष विपक्ष के बहुत सा....

19/03/2021

निर्मल चंद्र indiabol Desk हज़ारीबाग़ में पत्रकार सह RTI कार्यकर्ता राजेश मिश्रा को तीन मार्च को अफ़ीम केस में फँसा दिया गया...

13/03/2021

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है. उन्होंने हजारीबाग से अपना राजनीतिक कै.....

01/02/2021

संघे शक्ति कलियुगे -सही बात हैकोई सच बोलता वही खड़ा रह गयाझूठा झूठ बोलकर आगे बढ़ गयायही है आधुनिक भारत -वर्तमान भारत 192...

25/01/2021
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हजरिबगिया युवा बुल्लेट से भारत भ्रमण पर । झारखण्डी संस्कृति को फैलाने की सोच ।

07/01/2021
हज़ारीबाग़ नगवाँ में टोल पर राजनीति

हज़ारीबाग़ नगवाँ में टोल पर राजनीति

हज़ारीबाग़ के NH ३३ पर नगवाँ में टोल प्लाज़ा बना है पर यह नोर्मस के विरुद्ध है लिहाज़ा इसे शुरू करने से पहले हाई बंद क...

14/12/2020
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भाजपा हंगामा
हज़ारीबाग़ टाटी झरिया और विष्णुगढ़ मंडलो ने अध्यक्ष चयन का बिरोध किया । सभी को लिखे पत्र । बीस दिसम्बर तक का टाईम निर्धारित किया वरना इस्तीफ़ा ।

29/11/2020

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कर्जनी -रत्ती -गुंजा को जाने
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सुमन सिंह indiabol
जंगल झाड़ी बग़ानो में लत्तर से निकले ये फलियाँ मामूली नही बल्कि बहुत कुछ है । आइए आपको बताते है नज़दीक से समझाते है ।
ये हैं 'रत्ती के दाने' जिनसे कभी सोना-जवाहर मापा जाता था और यहीं से निकला था मुहावरा, 'रत्ती भर'

भारतीय घरों में जहां हिंदी बोली जाती है, वहां इस लाइन का बड़ा इस्तेमाल होता है... 'रत्ती भर'. आपने कई लोगों के मुंह से यह सुना होगा भी होगा या ख़ुद भी बोला होगा. जैसे किसी पर गुस्सा करते हुए हम कह देते हैं, 'रत्ती सी भी शर्म नहीं आई'. लेकिन, शायद ही हमने इस शब्द, 'रत्ती' के मायने ढूंढने की कोशिश की होगी.
कई लोगों ने अपने आप रत्ती का अर्थ 'ज़रा' या 'थोड़ा' निकाल लिया होगा. लेकिन, असल में 'रत्ती' इससे बिलकुल अलग होती है.

सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि फली की आयु कितनी भी क्यों ना हो उसके अंदर उपस्थित बीजों का वजन हमेशा एक समान रहता है. एक मिलीग्राम का भी फर्क नहीं होता. ठोस मान्यता है कि इंसान द्वारा बनाई गई मशीन है एक बार ग़लती कर सकती हैं परंतु प्रकृति द्वारा निर्धारित किए गए गुंजा नामक पौधे के बीज 'रत्ती' का वज़न कभी परिवर्तित नहीं हो सकता. वज़न मापने की मॉडर्न मशीन के अनुसार, 1 रत्ती लगभग 0.121497 ग्राम की होती है.

कहा यह भी जाता है कि रत्ती के पत्ते चबाने से मुंह के बुरे से बुरे छाले भी ठीक हो जाते हैं. इसकी जड़ भी सेहत के लिए अच्छी होती है. कई लोग रत्ती/ गुंजा की माला भा पहनते हैं. कहा जाता है कि यह Positivity के लिए अच्छी होती है.

कुछ दिनों पहले जब मुझे यह दाने दिखे, तो मैंने इनके बारे में जांच-पड़ताल करने की सोची. सामने आया कि पुराने समय में माप का कोई तय पैमाना न होने की वजह से 'रत्ती' का इस्तेमाल सोने या बाकी ज़ेवरात का भार मापने के लिए होता था. और वहीं से 7 रत्ती सोना या मोती माप के चलन की शुरुआत हुई. ऐसा सिर्फ़ भारत में नहीं, बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप में हो रहा था. और अभी तक रत्ती के वज़न मापन को किसी भी आधुनिक यंत्र से बढ़िया, ज़्यादा विश्वसनीय माना जाता है. इस बात की पुष्टि आपके जानने वाला कोई सुनार-जौहरी भी कर देगा.

रत्ती के पौधे को 'गूंजा' कहा जाता है. इसी के अंदर मटर जैसी फली में रत्ती के दाने होते हैं.

सोना मापने के लिए होता था रत्ती का इस्तेमाल
जितनी हैरानी आपको यह तस्वीर देख कर हो रही है, उतनी ही मुझे भी हुई थी, जब मैंने इसे पौधे पर लगे देखा था. रत्ती दरअसल एक पौधा है और रत्ती के दाने लाल-काले रंग के रंग के होते हैं. छूने में किसी बीड या मोती की तरह हार्ड होते हैं और पूरी तरह पकने के बाद पेड़ से झड़ जाते हैं. यह ज़्यादातर पहाड़ी और ऊंचे इलाके पर ही पाए जाते हैं.

लाल रंग के गुंजा पर काला दाग होता है, इसकी बेल होती है, इसके पत्ते बारीक़ और लम्बे होते है। लाल गुंजा माला पर विशेष रूप से मां लक्ष्‍मी की कृपा बरसती है। लाल गुंजा समृद्धि और शांति का प्रतीक है।

लाल गुंजा में औषधीय गुण होते है, कहते हैं कि लाल गुंजा के मोती स्‍वयं ही अपने स्‍वामी को चुनते हैं। यह मोती कभी भी किसी बेईमान व्‍यक्‍ति के साथ नहीं रहते।

लाल गुंजा माला के लाभ
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लाल गुंजा माला को अपने पास रखने से व्‍यक्‍ति को किसी भी तरह की शारीरिक हानि नहीं होती है। साहस तथा पराक्रम में वृद्धि होती है।

लाल गुंजा माला के शुभ प्रभाव से भाग्‍य में वृद्धि होती है। घर में सुख-शांति का आगमन होता है।
लाल गुंजा माला को धारण करने और इसका प्रयोग करने से धन की प्राप्‍ति होती है और धन आगमन के मार्ग प्रशस्‍त होते हैं।
व्यापार में वृद्धि के लिए भी लाल गुंजा माला प्रभावकारी है। नौकरी व्यवसाय में आनेवाली रूकावटे भी इस गुंजा के प्रभाव से ख़त्म होती है।
कर्ज से मुक्‍ति पाने के लिए इस माला को अवश्य धारण करना चाहिए ।
कैसे करें प्रयोग

लाल गुंजा माला को स्‍थापित करने से पहले इस माला को अपने हाथ में लेकर ध्‍यान करें। उन चीज़ों के बारे में सोचें जो आप इस माला में संचारित या इससे प्राप्‍त करना चाहते हैं। तत्पश्चात माता लक्ष्मी का स्मरण करते हुए इस माला को धारण करे।

अपने गले में जरुर पहनें ये चमत्कारी माला, रंग बदलकर आने वाली मुसीबतों का देती है संकेत
गुंजा का प्रयोग तांत्रिकों के उपयोग में आता है। तांत्रिक अघोड़ कहते हैं की गुंजा का उपयोग दीपावली, ग्रहण काल, होली, पूर्णिमा, अमावस्या पर करना सबसे ज्यादा प्रभावकारी होता है। गुंजा में बहुत ही ज्यादा आकर्षक शक्तियां होती है। जिससे की वयक्ति को अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है। कभी सोने की तौल में उपयोग की जाने वाली गुंजा यानी गुंचू के बीजों में बहुत ही गजब की वशीकरण शक्ति होती है। इसके उपयोग से दुश्मनों को वश में किया जा सकता है। गुंजा का प्रयोग प्राचीन काल से तांत्रिक क्रियाओं में किया जा रहा है।

दोनों गुंजा, वीर्यवर्द्धक (धातु को बढ़ाने वाला), बलवर्द्धक (ताकत बढ़ाने वाला), ज्वर, वात, पित्त, मुख शोष, श्वास, तृषा, आंखों के रोग, खुजली, पेट के कीड़े, कुष्ट (कोढ़) रोग को नष्ट करने वाली तथा बालों के लिए लाभकारी होती है। ये अन्यंत मधूर, पुष्टिकारक, भारी, कड़वी, वातनाशक बलदायक तथा रुधिर विकारनाशक होता है। इसके बीज वातनाशक और अति बाजीकरण होते हैं। गुन्जा से वासिकर्न भि कर सक्ते ही यदि आपको नजरदोष की दिक्कत है और आपको बार-बार नजर लग जाती है तो आप गुंजा का ब्रेसलेट पहल लें, इससे नज़र नहीं लगती है।
2. शायद आप ये बात नहीं जानते होंगे की गुंजा आप पर आने वाली मुसीबतों का संकेत देता है। जब भी व्यक्ति पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो इसका रंग अपने आप ही बदलने लगता है। काली गुंजा की माला पहनकर रखने से जैसे ही मुसीबत आने वाली होती है, उसका रंग बदलने लगता है। इससे व्यक्ति को आने वाली समस्याओं का पहले से ही पता लग जाता है।
3. तांत्रिक क्रियाओं में काम आने वाले गुंजा को पहनकर आप अपने दुश्मन को शांत व वश में कर सकते है। किसी को वश में करने के लिए गंजा का प्रयोग कैसे किया जाता है आइए जानते हैं...

4. अगर कोई स्त्री और पुरुष अपने पति या पत्नी को अपने कहने अनुसार काम करवाना चाहते हैं तो आप गुंजा का उपयोग कर सकते हैं। जी हां, इसके लिए आपको पति का नाम अन्यथा पत्नी का नाम लेकर मिट्टी के एक दीपक में शहद डालकर उसमें गुंजा के पांच दाने डालकर रख दें।
5. अभिमंत्रित किए हुए गुंजा के दानों को रूमाल में बांधकर उस व्यक्ति के कपड़ों में रख दें जिसे आप वश में करना चाहते हैं। व्यक्ति पर वशीकरण का प्रभाव होने लगेगा।
6. लाल और काले गुंजा की माला को पहनकर उस व्यक्ति के पास जाएं और अपने गले से माला उतारकर जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं उसके गले में पहना दें। माला पहनने के कुछ समय बाद ही व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा। इन उपायों को करने से पहले आप किसी जानकार से सलाह जरुर लें, इसके साथ ही ये बात ध्यान रखें की किसी बुरी नियती से इसका प्रयोग ना करें।

गुंजा या रत्ती (Coral Bead) लता जाति की एक वनस्पति है। शिम्बी के पक जाने पर लता शुष्क हो जाती है। गुंजा के फूल सेम की तरह होते हैं। शिम्बी का आकार बहुत छोटा होता है, परन्तु प्रत्येक में 4-5 गुंजा बीज निकलते हैं अर्थात सफेद में सफेद तथा रक्त में लाल बीज निकलते हैं। अशुद्ध फल का सेवन करने से विसूचिका की भांति ही उल्टी और दस्त हो जाते हैं। इसकी जड़े भ्रमवश मुलहठी के स्थान में भी प्रयुक्त होती है।

गुंजा गुंजा दो प्रकार की होती है।

विभिन्न भाषाओं में नाम
अंग्रेजी- Bead
हिन्दी- #गुंजा, चौंटली, घुंघुची, रत्ती
संस्कृत - #सफेद केउच्चटा, कृष्णला, रक्तकाकचिंची
बंगाली - #श्वेत कुच, लाल कुच
मराठी - #गुंज
गुजराती - #धोलीचणोरी, राती, चणोरी
तेलगू - #गुलुविदे
फारसी - #चश्मेखरुस

24/11/2020

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देवोत्थान एकादशी की कथा
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हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियां होती हैं. जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है. आषाढ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाने के बाद से प्रारम्भ हुए चातुर्मास का समापन कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन देवोत्थान-उत्सव होने पर होता है. इस दिन वैष्णव ही नहीं, स्मार्त श्रद्धालु भी बडी आस्था के साथ व्रत करते हैं.
देवोत्थान एकादशी समय
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देवउत्थान एकादशी बुधवार, नवम्बर 25, 2020 को
एकादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर २5, 2020 को 02:42 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 26, 2020 को 05:10 बजे
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तुलसी विवाह का है विधान
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भगवान शालिग्राम ओर माता तुलसी के विवाह के पीछे की एक प्रचलित कहानी है. दरअसल, शंखचूड़ नामक दैत्य की पत्नी वृंदा अत्यंत सती थी. शंखचूड़ को परास्त करने के लिए वृंदा के सतीत्‍व को भंग करना जरूरी था. माना जाता है कि भगवान विष्‍णु ने छल से रूप बदलकर वृंदा का सतीत्व भंग कर दिया और उसके बाद भगवान शिव ने शंखचूड़ का वध कर दिया. इस छल के लिए वृंदा ने भगवान विष्‍णु को शिला रूप में परिवर्तित होने का शाप दे दिया. उसके बाद भगवान विष्‍णु शिला रूप में तब्‍दील हो गए और उन्‍हें शालिग्राम कहा जाने लगा.
देवउठनी एकादशी व्रत एवं पूजन विधि
प्रोबोधिनि एकादशी या देवउठनी या देवोत्थानी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है. भगवान विष्णु से जागने का आह्वान किया जाता है.
1. इस दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें.
2. घर के आंगन में भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाएं. लेकिन धूप में चरणों को ढक दें.
3. इसके बाद एक ओखली में गेरू से चित्र बनाकर फल, मिठाई, ऋतुफल और गन्ना रखकर डलिया से ढक दें.
4. इस दिन रात्रि में घरों के बाहर और पूजा स्थल पर दीये जलाए जाते हैं.
5. रात में पूरे परिवार के साथ भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें.
6. शाम की पूजा में सुभाषित स्त्रोत पाठ, भगवत कथा और पुराणादि का श्रवण व भजन आदि गाया जाता है. इसके बाद भगवान को शंख, घंटा-घड़ियाल आदि बजाकर उठाना चाहिए.

18/11/2020

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पोल खोल का इंडियाबोल हुआ एक साल का
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पोल खोल इंडियाबोल संस्करण का एक साल आज हो गया । इसके सभी टीम मेम्बर तकनीशियन शुभेच्छुओं को साधुवाद । आप सभी के स्नेह, सहयोग, आशीर्वाद के हम आभारी भी हैं और आकांक्षी भी है ।
धन्यवाद ।

12/11/2020
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हज़ारीबाग़ के युवा लोगों ने आज शहीद स्मारक पर एक दिया शहीदों के नाम पर जलाने का कार्यक्रम किया कार्यक्रम का आग़ाज़ हज़ारीबाग़ के विधायक मनीष जायसवाल के हाथों हुवा ।दीपावली के शूरवात पर अच्छा कार्यक्रम अच्छी पहल शहीदों के नाम पर साधुवाद टीम रंजन ।

04/11/2020
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ड़ा प्रदीप IAS की घूसखोर नीति ने मेरे साथ सौतेला व्यवहार किया ।
लोग मेरे साथ सौतेला व्यवहार कर रहे है ।

21/10/2020

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शहर के मिज़ाज को बदलने की तमन्ना
ट्रेंद्स इंडिया का उद्घाटन
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हज़ारीबाग़ के मालवीय मार्ग में ट्रेंडस इंडिया का भव्य उद्घाटन किया गया । यह दुकान वैवाहिक अवसर पर पसंद किए जा रहे परिधाणो को परोशने का काम किया है । शूट शेरवानी पजामा कुर्ता सहित अन्य पार्टी वियर का शो रूम है । पूरे झारखंड बिहार में यह शो रूम है लिहाज़ा लोगों के मन मिज़ाज और पसंद को बदलकर एक नया लुक देने की तमन्ना रखते है इसके संचालक कृष्णा कुमार शाह ।

17/10/2020

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मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने देवघर में नवनिर्मित देवघर नगर निगम कार्यालय का उद्घाटन, देवघर शहरी जलापूर्ति परियोजना का शिलान्यास, मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत जॉब कार्ड एवं पी.एम स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण का वितरण लाभुकों के बीच किया।

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