31/01/2024
दुनिया में मनको फसाके
हम खुदही दुनिया की ए
चाहतों को दिलमें बसाते
फिर इतना खो जाते हम
निकल न पाते,
लालच, चाहत, कपट व
लोभ में घिरजाते, जोभी
सम्बन्ध होते उनही में रह
और उलझ जाते,
पानी में डूबा जो तैरना न
जाने वह भी हाथ पैर चलाता
पर ऊपर न आता, संसार में
ईश्वर ही डूबने से बचाता हमैं
संसकारों की तैराकी सिखा कर
पार लगाता, हरि ही एक सहायक
वही हमारे जीवन में रास्ते वनाता
जब हमारा नाता गहरा हो जाता
हमें अनुभव भी कराता,