25/04/2024
बहुत हुआ मन, अब तुम सीखो,
गर्म सड़क पर पग भर चलना,
दोष नहीं कुछ समय काल का,
तुमको करना है जो करना।
कहीं पुष्प और कहीं कंटकों
की माला तो सदा मिलेगी,
कहीं धूप और कहीं छांव तो,
सदा मिली है, सदा मिलेगी,
फूलों की छाया लोगे या ?
कांटों भरी धूप तुम लोगे ?
जो है चुनना, तुमको चुनना।।
स्वपन अगर देखा है तुमने,
और कोई साकार करे क्यों?
बड़े जतन से पल पल सींचे,
पौध कोई तैयार करे क्यों,
माली बिन नही फूल खिलेंगे,
स्वपन तुम्हारा, जीवन से प्रिय
सच करना है गर,तुमको करना।
रुचि सिंह