23/08/2022
यू0पी0 के जनपद श्रावस्ती के अधिकारी RTI अधिनियम 2005 की धारा 6(1) की उल्लघंन करते है। विहित समय पर अधिकारी सूचना का जवाब नही देते हैं।
योगीराज में अधिकारी मस्त है और जनता सब त्रस्त है।
पीड़ित ने जिलाधिकारी श्रावस्ती कार्यालय को एक प्रार्थना पत्र इण्डियन बैंक शाखा मल्हीपुर के खिलाफ दिया था, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई, तब पीड़ित ने जिलाधिकारी कार्यालय से अपने प्रार्थना पत्र पर RTI अधिनियम के अंतर्गत 02 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी जिस पर विहित समय बीत जाने पर जिलाधिकारी महोदया ने कोई जवाब नही दिया है।
जब जिलाधिकारी महोदया ही RTI अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन कर रही है तो अन्य अधिकारी क्यों नही करेंगे।
कुछ अधिकारी तो सूचना मांगने पर गलत सूचना ही पीड़ित को भेज देते हैं।
एक पीड़िता ने बताया कि मैंने एक प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक महोदय श्रावस्ती को दिया था, जिस पर कार्यवाही न होने पर RTI अधिनियम के अंतर्गत सूचना मांगी थी, जिस पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय से गलत सूचना भेज दी गयी।
पीड़िता ने थानाध्यक्ष मल्हीपुर पर विपक्षीगण से मिले होने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने बताया थानाध्यक्ष मल्हीपुर को एक प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर SO मल्हीपुर के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई थी, जिस पर पीड़िता ने SP श्रावस्ती को कार्यवाही के लिए प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर कोई कार्यवाही नही हुई। जिस पर पीड़िता ने SP महोदय श्रावस्ती से सूचना मांगी, जन सूचनाधिकारी द्वारा पीड़िता को गलत सूचना भेज दी गयी।
पीड़िता ने SO मल्हीपुर पर भी आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि विपक्षी गण में कुछ लोग SO मल्हीपुर के दूर के रिश्तेदार है इसलिए मेरे प्रार्थना पत्र पर SO मल्हीपुर द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई है और SP श्रावस्ती को भी मेरे जन सूचना मांगने पर गलत सूचना भेज दी गयी है।
पीड़िता ने बताया कि अधिकारी के विरुद्ध प्रथम अपील कर दी है। अब देखना यह है कि प्रथम अपीलीय अधिकारी श्रावस्ती भी कोई न्याय करते हैं या मुझे जन सूचना आयोग लखनऊ में अपील दायर करनी पड़ती है।
अब देखना यह है कि क्या पीड़ितों को योगीराज में न्याय मिलती है या पीड़ितों को न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।
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