The Credible History

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Credible History is an endeavour to preserve authentic history as gleaned through the lens of established, respected historians who have spent their lives researching it via reliable sources.

किसी से नफ़रत मत करो और डरो मत -*जवाहरलाल नेहरू
29/10/2024

किसी से नफ़रत मत करो और डरो मत
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*जवाहरलाल नेहरू

बुराई को न रोको तो वह बढ़ जाती है, सहन करो तो पूरे सिस्टम को ज़हरीला बना देती है। जवाहरलाल नेहरू
15/10/2024

बुराई को न रोको तो वह बढ़ जाती है, सहन करो तो पूरे सिस्टम को ज़हरीला बना देती है।

जवाहरलाल नेहरू

बापू और उनके परम शिष्य शास्त्री जी के जन्मदिन पर उन्हें सादर प्रणाम। हिंसा, घृणा और आवारा पूँजी के शिकार इस देश को आज आप...
02/10/2024

बापू और उनके परम शिष्य शास्त्री जी के जन्मदिन पर उन्हें सादर प्रणाम।

हिंसा, घृणा और आवारा पूँजी के शिकार इस देश को आज आप दोनों के आदर्शों की ज़रूरत सबसे ज़्यादा है।

24/09/2024

आर्टिफिशल इनेटलिजेंस (AI) एक क्रांतिकारी तकनीक तो है ही साथ ही साथ AI डेवलपमेंट एक गंभीर बहस का मुद्दा भी है।

परंतु हमारे देश के प्रधानमंत्री , विदेश जाकर AI की परिभाषा ही बदल दे रहे है।

ओपनहाइमर, श्रीमदभगवत  गीता और परमाणु विस्फोट ----------------------------------दूसरे विश्वयुद्ध में जर्मनी-जापान-इटली के...
13/09/2024

ओपनहाइमर, श्रीमदभगवत गीता और परमाणु विस्फोट
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दूसरे विश्वयुद्ध में जर्मनी-जापान-इटली के खिलाफ़ दो कदम आगे निकलने के लिए अमरीका ने मैनहटन प्रोजेक्ट के लॉस एलमास लैब के डायरेक्टर रॉबर्ट जे ओपनहाइमर को परमाणु बम बनाने की ज़िम्मेदारी दी थी।

युवावस्था में कम्युनिस्ट रहे रॉबर्ट घोर पढ़ाकू थे और फिलोसोफी में उनका दिल बसता था। ग्रीक माइथालजी घोंट गए थे फिर अंग्रेज़ी में अनूदित हिन्दू ग्रंथ पढे। गीता ने बहुत प्रभावित किया।

जब बम का परीक्षण सफल हुआ तो उस क्षण की याद करते हुए लिखते हैं -

अब दुनिया पहले जैसी नहीं रह जानी थी। कुछ लोग हंसे, कुछ लोग रोए, लेकिन ज्यादातर लोग चुप रहे।

मुझे हिंदू शास्त्र भगवद गीता की एक पंक्ति याद आई। भगवान विष्णु राजकुमार (अर्जुन) को यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि उसे अपना कर्तव्य निभाना चाहिए, और उसे प्रभावित करने के लिए विष्णु ने अपना बहु-भुजाओं वाला रूप धारण कर कहा, 'अब मैं मृत्यु बन चुका हूं, संसारों का संहारक।'

मुझे लगता है कि हम सबने किसी न किसी रूप में ऐसा ही सोचा था।

वह गीता के अध्याय 11 के 32 वें श्लोक की प्रथम पंक्ति का जिक्र कर रहे हैं -कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः

और सच में जब 6 और 9 अगस्त को हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिरे तो वे बम साक्षात मृत्यु थे-- संसार के संहारक
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ओपनहाइमर ने भी शायद मौत का ऐसा तांडव नहीं सोचा था।

महात्मा गांधी गीता से युद्ध नहीं शांति की शिक्षा लेते थे। महाभारत के शांति पर्व में कलपते युधिष्ठिर से सीखा तो यही जा सकता है कि संहार सृजन से बेहतर नहीं हो सकता। युद्ध हमेशा मानवता का विनाश करते हैं।

ओपनहाइमर युद्धों के विरोधी हो गए। अभियान चलाया विज्ञान के दुरुपयोग के बारे में। उनका कम्युनिस्ट इतिहास खंगालकर उनका सिक्युरिटी क्लेयरेन्स खत्म कर दिया गया। अमरीका की नीतियों में दखल नहीं दे सकते थे वह, कोई सरकारी पद नहीं मिल सकता था।

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गीता उन्हें याद आई थी। परमाणु बम उन्हें भगवान के रौद्र रूप जैसा लगा था। लेकिन शायद दर्शन समझ पाए होते तो जानते कि भगवान के पास संहार के अलावा निर्माण की भी शक्ति होती है।

लेकिन बम सिर्फ़ संहार कर सकता है, निर्माण नहीं कर सकता। बम बनाने वाला भी नहीं।

सरदार अजीत सिंहस्मृति दिवस सरदार अजीत सिंह शहीद भगत सिंह के चाचा थे।  पंजाब में जब दो किसान विरोधी क़ानून लाए गए तो उसका...
15/08/2024

सरदार अजीत सिंह
स्मृति दिवस

सरदार अजीत सिंह शहीद भगत सिंह के चाचा थे।

पंजाब में जब दो किसान विरोधी क़ानून लाए गए तो उसका विरोध करने वालों में सबसे आगे थे। 2 जून 1907 को गिरफ़्तार कर मांडले की जेल में भेज दिया गया। छूटे तो फिर आज़ादी की लड़ाई में जुट गए। दबाव बढ़ा तो 2008 के अंत में सूफ़ी अंबा प्रसाद और ज़िया-उल-हक़ के साथ ईरान चले गए।

सारी उम्र विदेशों में कटी, आज़ादी की लड़ाई में अपनी तरह से सहयोग करते। आज़ादी दरवाज़े पर थी तो वतन लौटना चाहते थे लेकिन ब्रिटिश सरकार राज़ी न थी। जवाहरलाल नेहरू की कोशिशों से 1946 में वापस आए।

सांप्रदायिक दंगों को लेकर बेहद परेशान रहे, बँटवारे से दुखी। शायद आज़ादी देखने के लिए ही ज़िन्दा थे।आज़ादी 15 अगस्त को मिली और उसी दिन डलहौजी में दम तोड़ दिया। चाचा-भतीजा कभी मिल तो न सके लेकिन देश की आज़ादी की लड़ाई में उनका नाम अमर रहेगा।

डलहौजी में ही उनकी समाधि बनवाई गई। पुण्यतिथि पर उन्हें सादर प्रणाम 🙏

14/08/2024

घर पर तिरंगा लगाने के लिए 50 रुपये खर्च करना काफ़ी है।

दिल में तिरंगा रखने के लिए सर्व धर्म समभाव और संविधान से प्यार सीखना होता है।

एक आसान है, एक मुश्किल। लेकिन दोनों को एक साथ चुनेंगे तो बेहतर। घर पर तिरंगा लगे तो दिल में कोई एक संग नहीं तीनों रंग साथ रहें।

कल राजस्थान में एक भाजपा विधायक ने कह दिया कि सावरकर के पैर छूए थे गांधी ने और कांग्रेस के विधायक-नेता जवाब भी नहीं दे स...
16/07/2024

कल राजस्थान में एक भाजपा विधायक ने कह दिया कि सावरकर के पैर छूए थे गांधी ने और कांग्रेस के विधायक-नेता जवाब भी नहीं दे सके!

खैर,सावरकर भक्त और उनके जीवनी लेखक धनंजय कीर की किताब के पन्ने लगा रहा हूँ, पेज 175-177
1- सावरकर ने खुद गांधी को निमंत्रण दिया था।
2- पैर छूने जैसी कोई बात ही नहीं थी

वैसे जब सावरकर जेल में थे तो उनके भाई गांधी के पास मदद माँगने गए थे।

https://youtu.be/IXyCOnDY_PU?si=_gqBytL9WSh5jCac
23/06/2024

https://youtu.be/IXyCOnDY_PU?si=_gqBytL9WSh5jCac

मुस्लिम महिला को घर मिलने पर घमासान, गुजरात में हिंदू राष्ट्र लागू करने का प्लान? - Iqbal Ahmed For queries mail @👉 deals.cr...

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