पवन सांजरवासिया

पवन सांजरवासिया Pawan Sanjarwasia Chairman RK Music Company

मैंने ट्रेन के दरवाजे के पीछे लिखे नंबर पर कॉल लगाया,,,"आप रेनू जी बोल रहीं है"डरी ओर सहमी सी आवाज में रिप्लाई आया "जी ह...
18/06/2024

मैंने ट्रेन के दरवाजे के पीछे लिखे नंबर पर कॉल लगाया,,,"आप रेनू जी बोल रहीं है"
डरी ओर सहमी सी आवाज में रिप्लाई आया "जी हां, लेकिन आप कौन ओर आपको मेरा ये नंबर कहा से मिला"
"दरअसल वो ट्रेन,,,, दरअसल वो ट्रेन के डिब्बे में किसी ने आपका नंबर आपके नाम से लिख रखा है, शायद आपका कोई अच्छा दुश्मन या फिर कोई बुरा दोस्त होगा, जो भी हो, मुझे आपसे ये कहना था कि हो सके तो ये नंबर चेंज करवा लीजिये या फिर किसी अच्छे से जवाब के साथ तैयार रहिये, वैसे अब तक जितने कॉल्स आ गए, आ गए,,,,आज के बाद किसी का नही आएगा क्योंकि ये नंबर मैं डिलीट कर चुका हूं।

रेनू जी अब मैं फ़ोन रखता हूं अपना ख्याल रखियेगा।"
तब उसने मुझे बोला कि नए नए अनजाने नंबर और उनपे गंदे ओर भद्दे बातो की वजह से मैं बहुत परेशान थी,,आप जो भी हो आपने मेरी बहुत बड़ी हेल्प की है क्योंकि मुझे तो समझ ही नही आ रहा था कि ऐसे कॉल क्यों आ रहे है।
तभी से मुझे एक ओर दिशा मिली और मैं सार्वजनिक स्थानो पे लिखे ऐसे नंबर को मिटाने में लग गया हूं, ताकि किसी ना किसी को तो बचाया जा सके।
माना कि हम किसी बुराई की वजह नही है पर किसी अच्छाई की वजह तो बन ही सकते है।मेरा आप सभी से निवेदन है कि अगर आप कही भी इस तरह के नंबर ओर नाम देखो तो तुरंत मिटा दो ताकि एक अनजान खतरों से किसी की बहन बेटियो की हेल्प कर सको।
एक अकेले के साथ अगर लाखो का साथ मिल जाएगा तो स्थिती जल्दी बदलने लगेगी
पवन सांजरवासिया
संकल्प-सर्वे भवन्तु सुखिनः

प्यार में सब जायज है, सेक्स, प्रेम एक दूसरे के बदन को नोचना, दुनिया की परवाह ना करना मैं भी नही करती थी और मेरे मन भी तड...
18/06/2024

प्यार में सब जायज है, सेक्स, प्रेम एक दूसरे के बदन को नोचना, दुनिया की परवाह ना करना मैं भी नही करती थी
और मेरे मन भी तड़प उठी हुई थी साथ रहने की, जब मन किया जिस्म की आग एक दूसरे के स्पर्श से बुझा लेने की

हां मैं उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी थी

जानते हैं क्यों? क्योंकि मैंने देखा, सुना कि देश के सारे पढ़े लिखे बुद्धिजीवी, अभिनेता, साहित्यकार आदि लिव इन को ही जीवन जीने का आधुनिक और बढ़िया तरीका बताते हैं।
मेरी मां इस अवैध रिश्ते का विरोध करती थी, क्योंकि लड़का दूसरे सम्प्रदाय का था। पर मुझे माँ की बातें फालतू और दकियानूसी लगती थीं। क्यों? क्योंकि देश के पढ़े लिखे लोग कहते तो हैं- जाति/धर्म तो बकवास बातें हैं।

विवाह के लिए जाति धर्म नहीं, दिल मिलना जरूरी होता है। उसका दिल मिल गया था, सो मैं उसी के साथ रहने लगी थी।
पिछले दिनों मां ने पुलिस केस किया था। पुलिस ने जब लड़के को पकड़ा, तो मैं उसके बचाव में खड़ी हो गयी। बताने लगी कि मेरी माँ ही अत्याचारी है,

वही मुझे मारती-पीटती रहती है। इसी कारण मैं माँ को छोड़ कर अपने बाबू-सोना के साथ रहती हूं पुलिस क्या करती? छोड़ना पड़ा।

हाँ तो अब बात यह है कि एक दिन लड़के का मन भर गया। नकली समान चार दिन नहीं टिकता, तो नकली प्यार कितना टिकेगा? मन भर गया तो प्रेम मारपीट में बदल गया। बेल्टे-बेल्ट! लगभग रोज ही... एक दिन लड़के ने मुझे को खूब मारा।
हाथ पैर बांध कर मारा... पूरे शरीर पर दाग हो गए तो दागों पर नमक छिड़क कर मारा... मिर्च पाउडर छिड़क छिड़क कर... यही वह प्रेम था जिसके लिए मैने ने मां को छोड़ा था।

अभी रुकिये। जब घाव पर मिर्च पाउडर पड़ता तो मैं चीख पड़ती थी। बताइये! कितनी बुरी बात है? कोई बेचारा प्रेम दिखा रहा है और मैं चीख रही हूं
उसे गुस्सा नहीं आएगा? उसे गुस्सा आया। उसने मेरे होठों पर फेवीक्विक लगा दिया। होठ ही चिपक गए। अब चीखो... आवाजे नहीं निकलेगी ससुर! टेंशने खतम... वाह! मोहब्बत जिन्दाबाद...

खैर! मैं हॉस्पिटल में हूं, और मेरे जख्मों पर मरहम वही बूढ़ी माँ लगा रही है, जिसे मैंने पुलिस के सामने बुरा बताया था। क्या करे, माँ है न।

लड़का जेल में है। जानते हैं पुलिस ने जब लड़के को पकड़ा तब वह क्या कर रहा था? वह शराब की तस्करी कर रहा था। 93 हजार की अवैध शराब के साथ पकड़ा गया हीरो।

इस पूरी कहानी में मेन विलेन कौन है जानते हैं? क्या वह लड़का? नहीं जी। वह तो प्यादा है। वह वही कर रहा था जो उसे सिखाया गया था। अब जेल में सड़ेगा कुछ दिन, फिर निकल कर कहीं मजूरी करेगा। बुरी वह लड़की भी नहीं। सिनेमा के नशे में डूबी उस मूर्ख को कभी लगा ही नहीं कि वह जाल में फँस गयी है। उसे विलेन क्या कहेंगे। विलेन हैं वे धूर्त, जो खुद को बुद्धिजीवी बताते हुए लिविंग रिलेशनशिप को जायज ठहराते हैं, जो इसके लिए माहौल बनाते हैं। विलेन हैं वे नीच,
ऐसी घटनाओं की बार-बार, हजार बार चर्चा होनी चाहिये, ताकि यह देश की अंतिम लड़की तक पहुँचे। ऐसी घटनाओं की कोई खबर दिखे तो उसे हजार जगह शेयर कीजिये। यही एकमात्र उपाय है, यही एकमात्र विकल्प है।
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कुछ शब्द, कुछ वाक्यांश मेरी कलम के अनुरूप नहीं। फिर भी पोस्ट की मौलिकता हेतु Share, Copy pest as such without any editing...

26/05/2024

सेक्स और रिलेशनशिप के विषय में आज की पीढ़ी से संवाद करना समुद्र मंथन करने जैसा है।
"प्री वेडिंग शूट" का ट्रेंड यानी रिवाज आज से लगभग सात आठ साल पहले शुरू हुआ था।

कांसेप्ट यह था की होने वाले वर वधु सगाई के बाद और शादी से पहले के समय में किसी सुनसान लोकेशन पर जाते हैं।
उनके साथ कैमरा मैन होते हैं जो उस लोकेशन पर विभिन्न मुद्राओं में उनकी तस्वीरें खिंचते हैं और वीडियो शूट कर के उनके बीच फूट रहे प्रेम को प्रदर्शित करते हैं।

यह ट्रेंड यानी रिवाज़ तब तक सबको बहुत सुहा रहा था जब तक फोटो या वीडियो साधारण हुआ करते थे।

साधारण यानी लड़का लड़की हाथों में हाथ डाले नदिया किनारे टहलते दिखाई देते थे। एक दूजे की आंखों में आखें डाल कर मुस्कुराते दिखाई देते थे।

फिर इस साधारण से ट्रेंड को कुछ जोड़ों ने असाधारण बनाने की ठान ली।
प्री वेडिंग शूट में एक दूजे से लिपटना ....एक दूजे को चूम लेना आदि इत्यादि होने लगा। कुल मिला कर प्री वेडिंग शूट को ........"सेक्सी" बनाने का ट्रेंड चलने लगा।

हालांकि एक दूजे को गले लगाना या चूमने से किसी को क्या आपत्ति हो सकती है।

लेकिन आपत्ति तब होती है जब एक दूजे पर प्रेम वर्षा कर रहे जोड़ों का यह वीडियो शादी के समय मेहमानों के आगे बड़ी स्क्रीन पर चलाया जाता है।

गत वर्ष हमारे एक युवा मित्र की सगाई हुई थी।

इस वर्ष शादी से पहले कन्या (उनकी होने वाली पत्नी) ने आधी रात बंधु को फोन कर के कहा के ऊन्ने "प्री वेडिंग शूट" की लोकेशन और शूट करने वाले कैमरा टीम फाइनल कर ली है।
शूटिंग राजस्थान के एक किले में की जायेगी।

यह सुन के बंधु बिगड़ गया।
ऊन्ने कहा मैडम मुझसे यो प्री वेडिंग शूट वाला चोंचला ना हो पायेगा।

बंधु के मना करने पर दोनों में आधी रात लट्ठ बज गया। मने भयंकर लट्ठ बज गया।

क्या है ना .....आदमी औरत को लड़ने के लिये सारी उम्र मिलती है। परंतु सगाई और शादी के बीच के समय लट्ठ बज जाना .....अच्छी बात नहीं है।

खैर .....मैं अगले दिन बंधु से मिला। इस विषय पर थोड़ी बहुत बात हुई।
मैंने भी उसे कहा के भाई ....होने वाली लुगाई है। जिद ना कर । एक आध दिन घूम फिर आ। फोटू खिंचवा ले....वीडियो बनवा ले।
कन्या भी खुश ....तू भी खुश..... सब खुश.....दिक्कत क्या है?

लडके ने जो जवाब दिया...... कसम से मेरी बोलती बंद हो गई।

बोला...... "भाईसाहब *** और मैं एक दूसरे को हग करते हैं या किस करते हैं या फिर एक दूसरे के साथ किसी लोकेशन पर कुछ टाईम बिताते हैं.....ठीक है। कोई दिक्कत ना है।
लेकिन हम दोनों के बीच जो हो रहा है .....वह पर्सनल है। मेरे और मेरी होने वाली पत्नी के बीच जो हो रहा है .....वह पर्सनल है।
जो पर्सनल है उसे कैमरामैन शूट करेगा और शादी के दिन सारी दुनिया देखेगी?

भाई। लडके का जवाब और तमतमाया हुआ चेहरा देख अपनी तो बोलती बंद हो गई।

बंधु ने कहा..... " मैं *** को बाहों में लेता हूं और उसे बाहों में लेते हुऐ मुझे कैमरा मैन देख रहा है......? यही सब करना है तो सीधा बेडरूम में सीसीटीवी कैमरा लगवा दो ना?"

मैं तो उसी दिन समझ गया था के लडके की अपनी प्राथमिकता हैं और यो ना झुकेगा।

कन्या ( जो अब हमारी परम आदरणीय भाभी जी हैं) ......ने पूरा जोर लगा लिया।
बातचीत बंद हो गई। तलवारें खींच गई। मान मुन्नव्वल हेतु वर और वधू पक्ष तो मध्यस्थता करनी पड़ी।

लेकिन भाई ना माना। सांड के माफिक बीच सड़क खड़ा हो गया। बोला नहीं होगा तो...... नहीं होगा......।

खैर .......ब्याह हुआ.....पूरे धूमधाम से हुआ। ब्याह में खूब फोटो खींची गई।

लेकिन प्री वेडिंग शूट के नाम पर चल रहे ट्रेंड को भाई ने अपने ब्याह से ऐसे फेंक दिया जैसे कोई दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देता है।

कुल मिला कर बंधु की बात काबिले गौर थी।

कुछ बातें कुछ लम्हें .......कुछ तस्वीरें ......पर्सनल होती हैं।
व्यक्तिगत जीवन का एक अटूट हिस्सा होती हैं।

इस दौर में सबकी अपनी पसंद ......नापसंद है। सार्वजनिक कार्यक्रम में व्यक्तिगत तस्वीरों का प्रदर्शन कहां तक सही है इस विषय पर विचार होना चाहिये।

With पवन सांजरवासिया – I just got recognized as one of their top fans! 🎉
25/05/2024

With पवन सांजरवासिया – I just got recognized as one of their top fans! 🎉

25/05/2024

धन्यवाद

18/05/2024

*बदल जाता है BF का अर्थ, समय के अनुसार*

एक नन्हें लड़़के ने नन्हीं लड़की से कहा :-

- I am your BF.! मैं तुम्हारा BF हूं !
- लड़की ने पूछा
- What is BF ?
- लड़का हंसकर बोला...
- BF यानी Best Friend (बेहद अच्छा दोस्त)

कुछ समय बीता, दोनों नवजवान हो गए और लड़की बेहद सुंदर, उस लड़के ने लड़की से फिर कहा :
- I am your BF !!
- लड़की शर्माती सी उसके कंधे पर झुकी और आहिस्ता से पूछा, अब : What is BF?
- लड़का बोला :-
- BF यानी Boy Friend (पुरुष मित्र) ..

कुछ वर्ष के बाद उन्होंने शादी कर ली, उनको प्यारे प्यारे बच्चे हुए, पति मुस्कराया और अपनी पत्नी से बोला :

- I am your BF .!
- पत्नी मुस्कराकर पति से बोली :
- What is BF ? अब BF यानी क्या ?
- पति फिर मुस्कराया और बच्चों की ओर निहारकर बोल पड़ा :-
- आपके बच्चों का पिता (Baby's Father). !!

समय गुज़रता गया दोनों बुजुर्ग हो गए, एक दिन दोनों आंगन में साथ बैठे थे, सूरज की ओर देख रहे थे, बुज़र्ग ने फिर दोहराया :-
- मेरी प्रिय I am your BF .!!
- बुज़र्ग महिला हंस पड़ी, अपने झुर्रियों वाले चेहरे के साथ:
- What is BF ? अब BF यानी क्या ??
बुड्ढा ख़ुशी से हंसा और रहस्यमयी अंदाज में बोल पड़ा :-
- Be Forever .! (हमेशा एक दूजे के लिये)

जब बुजुर्ग जिंदगी की अंतिम सांसें ले रहा था, तब भी बोला :
- I am your BF
- बुढ़िया गम से भरी बोली :
- अब What is BF ..??

- *आंखें बंद करते हुए बुजुर्ग बोला :- BF यानी Bye Forever ! (अलविदा हमेशा के लिए)*

कुछ दिनों में बुजुर्ग महिला भी पंचतत्व में विलीन हो गई, दीवार पर दोनों की साथ-साथ फोटो लगाई गई और उनके बच्चों ने एक सुन्दर सी बात लिखवाई : -

*BF यानी Besides Forever ..!!*

पास हूं हमेशा के लिये ..!!

*Nice Forwarded Post..*
*Probably You May Like It..*
*Then Forward to your*
*"BF" Means to "Beautiful Friends" 🙏*

14/05/2024

प्यार मे g st

14/05/2024

बेटी की विदाई के वक्त बाप ही सबसे आखिरी में रोता है, क्यों, चलिए आज आप विस्तारित रूप से समझिए।

बाकी सब भावुकता में रोते हैं, पर बाप उस बेटी के बचपन से विदाई तक के बीते हुए पलों को याद कर करके रोता है।

माँ बेटी के रिश्तों पर तो बात होती ही है, पर बाप और बेटी का रिश्ता भी समुद्र से गहरा है।

हर बाप घर के बेटे को गाली देता है, धमकाता और मारता है, पर वही बाप अपनी बेटी की हर गलती को नकली दादागिरी दिखाते हुए, नजर अंदाज कर देता है।

बेटे ने कुछ मांगा तो एक बार डांट देता है, पर अगर बिटिया ने धीरे से भी कुछ मांगा तो बाप को सुनाई दे जाता है और जेब में रूपया हो या न हो पर बेटी की इच्छा पूरी कर देता है।

दुनिया उस बाप का सब कुछ लूट ले तो भी वो हार नही मानता, पर अपनी बेटी के आंख के आंसू देख कर खुद अंदर से बिखर जाए उसे बाप कहते हैं।

और बेटी भी जब घर में रहती है, तो उसे हर बात में बाप का घमंड होता है। किसी ने कुछ कहा नहीं कि वो बेटी तपाक से बोलती है, "पापा को आने दे फिर बताती हूं।"

बेटी घर में रहती तो माँ के आंचल में है, पर बेटी की हिम्मत उसका बाप रहता है।

बेटी की जब शादी में विदाई होती है तब वो सबसे मिलकर रोती तो है, पर जैसे ही विदाई के वक्त कुर्सी समेटते बाप को देखती है, जाकर झूम जाती है, और लिपट जाती है, और ऐसे कसके पकड़ती है अपने बाप को जैसे माँ अपने बेटे को। क्योंकि उस बच्ची को पता है, ये बाप ही है जिसके दम पर मैंने अपनी हर जिद पूरी की थी।

खैर बाप खुद रोता भी है, और बेटी की पीठ ठोक कर फिर हिम्मत देता है, कि बेटा चार दिन बाद आ जाऊँगा, तुझको लेने और खुद जान बूझकर निकल जाता है, किसी कोने में और उस कोने में जाकर वो बाप कितना फूट फूट कर रोता है, ये बात सिर्फ एक बेटी का बाप ही समझ सकता है।

जब तक बाप जिंदा रहता है, बेटी मायके में हक़ से आती है और घर में भी ज़िद कर लेती है और कोई कुछ कहे तो डट के बोल देती है कि मेरे बाप का घर है। पर जैसे ही बाप मरता है और बेटी आती है तो वो इतनी चीत्कार करके रोती है कि, सारे रिश्तेदार समझ जाते है कि बेटी आ गई है।

और वो बेटी उस दिन अपनी हिम्मत हार जाती है, क्योंकि उस दिन उसका बाप ही नहीं उसकी वो हिम्मत भी मर जाती हैं।

आपने भी महसूस किया होगा कि बाप की मौत के बाद बेटी कभी अपने भाई- भाभी के घर वो जिद नहीं करती जो अपने पापा के वक्त करती थी, जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया क्योंकि जब तक उसका बाप था तब तक सब कुछ उसका था यह बात वो अच्छी तरह से जानती है।

आगे लिखने की हिम्मत नहीं है, बस इतना ही कहना चाहती हूं कि बाप के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है, पर वो कभी बोलता नहीं, और बेटी के लिए बाप दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और घमंड होता है, पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है।

बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है।
पवन सांजरवासिया

04/05/2024

आज 30-35 साल तक के बच्चों के विवाह नहीं हो रहे है?

कारण क्या है ?

एक 24 वर्षीय लड़की के पिताजी को नजदीक के रिश्तेदार ने शादी के लिए एक रिश्ता बताया कि लड़का शहर में नौकरी करता है।
... दिखने में खूबसूरत है।... अच्छे व्यवहार वाला है।.. माँ बाप भी अच्छे और पैसे वाले हैं

लड़के की उम्र 25 साल है, सबकुछ अच्छा है।

लड़की के पिताजी ने कहा कि वो सब ठीक है पर लड़के की कमाई कितनी है?

बिचौलिए ने बताया की अच्छी है। 30 हजार रुपये है। पैसे वाले परिवार से है।

लड़की के पिताजी ने जवाब दिया कि हूँ !! शहर में 30 हजार से क्या होता है? परिवार की कमाई से हमें क्या लेना-देना!!

बिचौलिए ने कहा कि एक दूसरा लड़का भी है।...

दिखने में ठीक ठाक है।

तनख्वाह अच्छा.... 50 हजार है।

सिर्फ उसकी उम्र थोड़ी ज्यादा है।

वह 28 साल का है।

लडके पिताजी ने कहा कि 50 हजार ?

शहर में 1BHK फ्लैट भी वह खरीद सकता है क्या!

सिर्फ 50 हजार में ?...

तो मेरी बेटी को कैसे खुश रख पायेगा वो!

बिचौलिए ने हिम्मत नहीं हारी और एक बताया कि एक और भी है।
... लड़का दिखने मे ठीक ठाक है। ... सिर्फ थोड़ा मोटा है।
.... थोडे से बाल झड़ गए है
....दिमाग से काम करने के कारण!
.... तनख्वाह भी ज्यादा है।
... 1 लाख महीना है।
... पर उम्र मात्र 32 साल है !!
... देखो अगर आपको जँचता हो तो!*

लड़की के पिताजी ने गुस्से में कहा कि क्या चाटना है 1 लाख पगार को?
... मेरी बेटी को तो खूबसूरत ही लड़का ही चाहिए।
... और वो भी अकेला रहने वाला या बहुत छोटा परिवार।
...कमाई भी ज्यादा होनी चाहिए, वरना लड़की को खुश कैसे रखेगा!
... मेरी लड़की भी कमाती है!
... कोई अच्छा रिश्ता बताइये जी
...लड़का कम उम्र का हो,....

ऐसे ही बातो में 3 से 5 साल निकल गए।
... फिर बिचौलिए को बुलाकर बात की उसने कहा की
अब मेरे पास आपकी लड़की के अनुरूप 30 से 35 साल वाले लड़के ही मेरी नजर में है।

आप बोलो तो बताऊ

लड़की के पताजी : "कोई भी लड़का बताइये!
... इस उम्र में कही शादी हो जाये! ये क्या कम बड़ी बात है!!!
.. लड़की की उम्र भी तो 29/30 हो रही है!!
...अब मेरी लड़की ही बहुत बड़ी हो गयी है
. तो मैं ज्यादा क्या उम्मीद रखूं।
ऐसी बातें करके लड़की और लड़को की जिंदगी के साथ खिलवाड़ रोज देखता हूँ! अंत में समझौता ही करते देखा जाता है!

...आप अपने आस पास देखेंगे,
.. तो बहुत बार शादी के बाद व्यक्ति का सब कुछ चला जाता है
.... इसलिए पैसे को ही एकमात्र आधार नहीं बनाये!
...सिर्फ एक सवाल का उत्तर दें कि जब आपकी शादी हुई थी तब आप कितना कमाते थे?

... आज क्या आपके पास नहीं है!

लड़का-लड़की दोनों बराबर है ऐसे वक़्त मे आप भी थोड़ा लड़की एवं लड़के के पीछे खड़े रहिये।

पर लड़के-लड़कियों की शादी योग्य उम्र में करिये या होने दीजिए।
. और मां-बाप द्वारा शादी की बात करने पर घर में झगड़ा आम हो चुका है।
.अपने माता पिता की भी ख्वाहिशों एवं पसंद का ध्यान रखिए।

.. आप भले ही डिग्री में उनसे ज्यादा हैं।
.. पर आपके माता पिता आपसे बहुत ज्यादा तज़ुर्बेकार हैं।

... और कोई भी अपने बच्चों के लिए गलत रिश्ते नहीं देखता है।

कई जगह तो अच्छे लड़कों को इसलिए छोड़ दिया क्यों कि लड़कियां जॉब कर रही थी और पढ़ाई में लड़कों से ज्यादा थी।
..जबकि लड़के भले ही उनसे कम पढ़े थे .... परंतु उनके जैसी सैलरी वाले तो उनके परिवारिक व्यवसाय में जॉब कर रहे थे।
... शादी के बाद जॉब करने वाली नहीं बल्कि परिवारिक काम में मददगार बहु चाहिए!.
.. उनके माता पिता तो तैयार थे.... पर बच्चे नहीं माने!! उम्रभर पैसा और नौकरीं तो आते-जाते रहेगी....पर "जवानी" और "उम्र" वापस नहीं आएगी...

एक बार सोचे।

दहेज, दिखावा, महँगी शादी ज़िन्दगी जीने का तरीका नही है।

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Near By Rajput Dharamsala Sanjarwas
Charkhi Dadri
127042

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