06/11/2023
#लोक_सिजनहर_यूनियन (LSU) के उद्देश्य
( ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत पंजीकरण करने हेतु प्रस्तावित उद्देश्य के बिंदु...)
1) छत्तीसगढ़ के संगठित- असंगठित उद्यम-कार्य क्षेत्र में कार्यरत वर्करों-चावल, दाल, तेल मिल, रोलिंग मिल, गैस, दवाई, लोहा ढलाई, अल्युमिनियम, प्लास्टिक, वानिकी उद्यानिकी, कृषि उद्योग, ईट खनिज उद्योग, नर्सिंग होम, स्वायत्त शासी संस्था, विविध उद्योगों के नियमित व ठेका श्रमिकों के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों/श्रमिकों विशेष कर सड़क, भवन आदि निर्माण कार्य वर्करों-रेजा, कुली, मिस्त्री, बढ़ई, प्लंबर पथेरा, कौड़िहार, ट्रांसपोर्ट वर्कर, हमाल, दिहाड़ी वर्कर आदि को एक सूत्र में करना एवं सेवायोजक के साथ उनके आपसी संबंध नियमानुकूल रहें, ऐसी व्यवस्था करना।
2) प्रवासी श्रमिकों के श्रम कानून लागू कराने व्यापक स्तर पर कार्य करना।
3) संस्था के सदस्यों के नौकरी तथा जीवन यापन की स्थिति सुधारना एवं उनकी कठिनाइयों का निराकरण करने का प्रयत्न करना।
4) पारिश्रमिक की कमी को रोकना और महंगाई अनुरूप भत्ता दिलाने की समयानुसार व्यवस्था करना।
5) सेवायोजक व सेवायुक्त के बीच उत्पन्न विवादों के काल में काम के अवरोध को टालना और चौहार्द्र आपसी हल निकालने का प्रयत्न करना।
6) बीमारी, बेकरी, निर्बल, वृद्धावस्था तथा मृत्यु के समय सदस्यों के लिए सहायता प्राप्त करना।
7) दुर्घटना के समय सदस्यों के लिए क्षतिपूर्ति (विधान के अधीन क्षतिपूर्ति) प्राप्त करना।
8) नौकरी या उससे संबंधित प्रकरणों में सदस्यों को वैधानिक सहायता देना।
9) तालाबंदी या हड़ताल, जो संस्था की स्वीकृति द्वारा की गई हो, के समय सदस्यों को सहायता दिलाने का प्रयत्न करना।
10) उन श्रम संगठनों से जिनके उद्देश्य संस्था के उद्देश्य की समान हों, के साथ सह कार्य करना तथा संस्था को उस संबद्ध करना।
11) भारतीय व्यावसायिक संघ विधान में निहित नीति के अनुसार श्रमिक वर्ग की सहायता करना।
12) साधारण सदस्यों के सामाजिक, आर्थिक, पारस्परिक तथा राजनीतिक जीवन में सुधार करने का प्रयत्न करना।
13) औद्योगिक विवादों में श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करना एवं संस्था के सदस्यों के व्यक्तिगत व सामूहिक हितों की रक्षा करने सरकारी/ गैर सरकारी सेवाएं सेवायोजक, प्रशासनिक- न्यायालयिन कार्यों में प्रतिनिधित्व प्रदान करना।
14) सदस्यों के शिक्षा- चिकित्सा, सामाजिक- सांस्कृतिक कल्याण के लिए जमीनी पहलकदमी करना व अमलीकरण हेतु शासकीय/ शासकीय विभागों- संस्थाओं के साथ सहयोग विकसित करना।
15) सदस्यों को राजनैतिक सामाजिक, साहित्यिक- सांस्कृतिक रूप से शिक्षित करने विशेष कर ट्रेड यूनियन शिक्षा दिलाने हेतु केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड या अन्य शासकीय या अशासकीय संस्थाओं से आर्थिक अनुदान लेकर श्रमिक बाहुल्य क्षेत्र में तथा मुख्य कार्यालय में समय-समय पर शिक्षण कार्यक्रम चलाना।