Madhumeh Vani

Madhumeh Vani हमारा प्रयास सरल भाषा में मधुमेह के बारे में वैज्ञानिक रूप से सही ज्ञान प्रदान करना है।
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भारत एक उष्णकटिबंधीय देश होने के बावजूद, लगभग 490 मिलियन लोगों में विटामिन डी की कमी  पाई गई है। अधिक आश्चर्य की बात यह ...
09/05/2023

भारत एक उष्णकटिबंधीय देश होने के बावजूद, लगभग 490 मिलियन लोगों में विटामिन डी की कमी पाई गई है। अधिक आश्चर्य की बात यह है कि एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि भारत में टाइप 2 मधुमेह वाले लगभग 32% और 35% लोगों में क्रमशः विटामिन डी की कमी और अपर्याप्तता पाई गई।

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मधुमेह एक पुरानी, ​​लंबे समय तक चलने वाली स्वास्थ्य स्थिति है जो प्रभावित करती है कि शरीर भोजन को ऊर्जा में कैसे बदलता ह...
09/05/2023

मधुमेह एक पुरानी, ​​लंबे समय तक चलने वाली स्वास्थ्य स्थिति है जो प्रभावित करती है कि शरीर भोजन को ऊर्जा में कैसे बदलता है और उच्च रक्त शर्करा के स्तर का कारण बनता है।

यह तब होता है जब शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं करता है जैसा कि इसे करना चाहिए। अपर्याप्त इंसुलिन होने पर या जब कोशिकाएं इंसुलिन का जवाब देना बंद कर देती हैं और समय के साथ दृष्टि हानि, हृदय रोग और गुर्दे की बीमारी जैसे गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों को जन्म दे सकती हैं, तो अत्यधिक रक्त शर्करा रक्तप्रवाह में रहता है।

आवश्यकतानुसार मधुमेह की दवा लेना, मधुमेह स्व-प्रबंधन शिक्षा और सहायता प्राप्त करना, और स्वास्थ्य देखभाल नियुक्तियाँ करना आपके जीवन पर मधुमेह के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।

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हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर मानक सीमा से कम हो जाता है। ग्लूकोज आपके शरी...
31/03/2023

हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर मानक सीमा से कम हो जाता है। ग्लूकोज आपके शरीर का मुख्य ऊर्जा स्रोत है और जब वे 70 mg/dL से नीचे गिर जाए, तो इसे लो ब्लड शुगर या निम्न रक्त शर्करा कहा जाता है।

हाइपोग्लाइसीमिया अक्सर मधुमेह के उपचार से संबंधित माना जाता है। लेकिन मधुमेह के अतिरिक्त लो ब्लड शुगर की कई अन्य वजहें हो सकती है जैसे अन्य दवाइयों का सेवन, कम खाना, ज्यादा परिश्रम करना इत्यादि।

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सतत ग्लूकोज निगरानी (सीजीएम) एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके रक्त में ग्लूकोज़ (शर्करा) की आपके शरीर से जुड़ी बाहरी डिवाइस क...
12/10/2022

सतत ग्लूकोज निगरानी (सीजीएम) एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके रक्त में ग्लूकोज़ (शर्करा) की आपके शरीर से जुड़ी बाहरी डिवाइस के माध्यम से लगातार निगरानी करती है, ताकि आपके रक्त ग्लूकोज़ पैटर्न का रीयल-टाइम अपडेट दिया जा सके।

एक सीजीएम आम तौर पर हर मिनट एक नया ग्लूकोज रीडिंग उत्पन्न करता है, और हर 15 मिनट में 14 दिनों की रीडिंग रिकॉर्ड करता है।

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मधुमेह से निपटने के दौरान, लोगों को उन जटिलताओं को देखना चाहिए जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में नहीं रखने पर उत्पन...
18/09/2022

मधुमेह से निपटने के दौरान, लोगों को उन जटिलताओं को देखना चाहिए जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में नहीं रखने पर उत्पन्न हो सकती हैं। मधुमेह एक गंभीर समस्या है जो मधुमेह रोगियों के गुर्दे को प्रभावित करती है। गुर्दे महत्वपूर्ण अंग हैं जो रक्त को छानने और हमारे शरीर से अपशिष्ट को हटाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। अनियंत्रित मधुमेह से गुर्दे के कार्य प्रणाली में गड़बड़ी हो जाती है, जो कई बार गुर्दे की विफलता का कारण बनती है।

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प्राचीन काल से ही हर समुदाय में खान पान रहन सहन और दैनिक क्रियाकलापों को संयमित और अनुशासित रखने पर जोर दिया जाता रहा है...
15/09/2022

प्राचीन काल से ही हर समुदाय में खान पान रहन सहन और दैनिक क्रियाकलापों को संयमित और अनुशासित रखने पर जोर दिया जाता रहा है, आधुनिक युग में हमारी जीवन शैली में नाटकीय ढंग से परिवर्तन हुआ है एवं इसने हर समुदाय, हर वर्ग को प्रभावित किया है। मशीनों पर निर्भरता ने शारीरिक श्रम एवं तेजी से होते विकास ने मानसिक शांति को छीन लिया है, इस परिवर्तन में अनेक स्वास्थ्य संबंधी नकारात्मक प्रभाव शरीर पर पड़े हैं जो कि बीमारियों के रूप में प्रकट होते हैं जैसे मधुमेह, हृदय रोग आदि।
इस विकासशील युग में शारीरिक, मानसिक समस्याएं भी तेजी से फल-फूल रही है, मधुमेह रोगियों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि इसका सूचक है। टाइप 2 मधुमेह के लिए सबसे बड़ा कारण आराम तलब जीवन शैली है। अनेक शोधों के अनुसार जीवन तलब (sedentary) शैली का सीधा संबंध बढ़ते हुए मधुमेह रोगियों की संख्या से है, उन्ही शोधों में यह भी पाया गया है कि ग्रामीणों की अपेक्षा शहरी लोगों में मधुमेह रोगियों की संख्या दोगुनी है। गांवों में किसान एवं मजदूर रहते हैं जिनकी जीवन शैली में शारीरिक श्रम का निश्चित समावेश होता है। पहले आराम तलब जीवन शैली के लिए कोई पैमाना नहीं था हाल ही में प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि किसी व्यक्ति का 24 घंटे में कितना समय कुर्सी पर बैठे या बिस्तर पर लेटे व्यतीत होता है इसका सीधा संबंध डायबिटीज होने से है। ग्रामीणों के कार्य में शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है परंतु शहरी लोगों में अधिकांश कार्य कुर्सी पर बैठने वाले होते हैं जिसमें श्रम की आवश्यकता नहीं होती है, अतः इस स्थिति में से व्यायाम के लिए समय निकालना आवश्यक है। यह कैसा विकास है? जो शारीरिक स्वास्थ्य के सापेक्ष है हमें इसे बदलना होगा एवं स्वास्थ्य के सापेक्ष लाना होगा, यह असंभव नहीं है अपनी कार्यशैली में श्रम के अवसर ढूंढे एवं उपयोग करें।

डॉ सुशील जिंदल

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हमारे मेटाबॉलिज्म में विभिन्न प्रकार की जैव रासायनिक प्रक्रियाएं होती रहती है, इन प्रक्रियाओं को सम्पन्न कराने के लिए हम...
14/09/2022

हमारे मेटाबॉलिज्म में विभिन्न प्रकार की जैव रासायनिक प्रक्रियाएं होती रहती है, इन प्रक्रियाओं को सम्पन्न कराने के लिए हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रसायन जैसे हार्मोन और एंजाइम आदि निर्मित होते रहते हैं। हमारे मेटाबॉलिज्म से संबंधित विकार होने के कारण अनेक हो सकते हैं, यदि शरीर में ये हार्मोन और एंजाइम ना बने या कम बने, तब शरीर में बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।

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प्रश्न- मैने अक्सर ऐसा देखा है कि ग्लूकोमीटर और लैब से करवाए ब्लड शुगर में अंतर आता है? कौन सी रीडिंग सही रहती है? क्या ...
13/09/2022

प्रश्न- मैने अक्सर ऐसा देखा है कि ग्लूकोमीटर और लैब से करवाए ब्लड शुगर में अंतर आता है? कौन सी रीडिंग सही रहती है? क्या ग्लूकोमीटर भरोसेमंद है?

उत्तर- रक्त जब हृदय से निकलकर धमनियों में आता है तब उसमें ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है जब यह कैपिलरी में पहुंचता है तब उसमे से ऊतक (tissues) ग्लूकोज निकलने लगते हैं, अतः ग्लूकोज की मात्रा रक्त में कम होनें लगती है। जब कैपिलरी से रक्त हृदय की ओर जानें लगता है तो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा सबसे कम हो चुकी होती है।
जब हम ग्लूकोमीटर से जांच करने के लिए रक्त इकट्ठा करते हैं तब रक्त कैपिलरी से लेते हैं जबकी लैब में रक्त धमनियों से लिया जाता है, अतः यह तो साफ है की कुछ अंतर तो रहेगा ही, प्रायः यह देखा गया है की यह अंतर 5%-7% तक हो सकता है।
लैब में की जाने वाली जांच की विधि में रासायनिक क्रिया को अंत तक किया जाता है, जबकि ग्लूकोमीटर में बीच में ही रीडिंग ले ली जाती है, इसलिए जाहिर तौर पर दोनो रीडिंग में फर्क होता होता है, इसलिए लैब की रीडिंग ज्यादा सही और त्रुटिहीन मानी जाती है। इन सब के बावजूद आधुनिक और अच्छी कंपनियों के ग्लूकोमीटर सही रीडिंग देते हैं और अंतर 10% तक ही होता है।

डॉ. सुशील जिंदल

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12/09/2022

मधुमेह के मरीज किडनी की बीमारी व डायलिसिस से कैसे बचें?

मधुमेह का अपर्याप्त इलाज व अनियंत्रित शुगर किडनी खराब होने का मुख्य कारण होता है,

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले 50-60 वर्षों के रिसर्च एवं प्रयोगों के अनुसार मधुमेह की बीमारी में किडनी खराब होने से बचाव के दो दीर्घकालिक उपाय ही असरदार पाए गए!

1-खाने के दो घंटे बाद की रक्त शर्करा-180 मि.ग्रा. से कम, एवं खाली पेट-130 मि.ग्रा. से कम रखें।

2-रक्तचाप (ब्लड प्रेशर)130/85 से कम रखें।

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यदि आप डायबिटिक हैं और इस समस्या से ग्रसित हैं तो आपको चि‌कित्सक के पास अवश्य जाना चाहिए। डायबिटीज के कारण आपके घाव भरने...
11/09/2022

यदि आप डायबिटिक हैं और इस समस्या से ग्रसित हैं तो आपको चि‌कित्सक के पास अवश्य जाना चाहिए। डायबिटीज के कारण आपके घाव भरने में मुश्किल आती है, खासकर यदि आपकी डायबिटीज नियंत्रण में न हो।

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मधुमेह आज एक आम बीमारी बन गई है। अगर आपको मधुमेह है,तो आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसे में आपको बहुत सी सल...
10/09/2022

मधुमेह आज एक आम बीमारी बन गई है। अगर आपको मधुमेह है,तो आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसे में आपको बहुत सी सलाह भी मि‍लती होंगी जैसे शुगर से बचें, बहुत ज्यादा आलू न खाएं, वजन कम करें ,चीनी की जगह शुगर फ्री का इस्तेमाल करें या ऐसी ही कई सलाहें हर मधुमेह रोगी को आमतौर पर सुनने को मि‍लती रहेगी। तो अब सोचने वाली बता यह होती है क‍ि कौन सी सलाह मानी जाए और कौन सी नहीं!
यदि मधुमेह अनावरत बना रहे तो इसकी कई दीर्घकालिक गंभीर जटिलताओं हृदय रोग, किडनी की विफलता, तथा आंखों को नुकसान भी हो सकता है।लेकिन मधुमेह के बारे में गलत धारणाएं हैं जो मानव क्षेत्र में भी बहुत लंबे समय से फैल रही हैं।
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09/09/2022

हमारा प्रयास सरल भाषा में मधुमेह के बारे में वैज्ञानिक रूप से सही ज्ञान प्रदान करना है जो रोगी आसानी से समझ सकते हैं। हम मरीजों के दिमाग में मिथकों और भय को दूर करना चाहते हैं। हमारे रोगियों के साथ एक आम समस्या वैकल्पिक दवाइयों के लिए उपचार और आकर्षण का अभाव है। हम इस पत्रिका के विभिन्न लेखों के जरिए रक्त ग्लूकोज, रक्तचाप और लिपिड के नियंत्रण के महत्व पर जोर देना चाहते हैं।
हम रोगियों को एक मंच प्रदान करना चाहते हैं, जहां वे अपनी बीमारी के बारे में पूछताछ, संदेह और चिंताएं पूछते हैं। पत्रिका नियमित रूप से शामिल होगा और उनका उत्तर देगी।
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06/09/2022

मधुमेह वाणी भारत की प्रीमियर हिंदी पत्रिका है जो मधुमेह के बारे में वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित है। मधुमेह वाणी के प्रत्येक अंक में हजारों नियमित पाठकों की चिंताओं को संबोधित किया गया है जो इस वैश्विक महामारी पर अधिक जानकारी चाहते हैं। मधुमेहवानी के हर अंक मधुमेह के जीवन की गुणवत्ता में सुधार पर जोर देने के साथ मधुमेह के नियंत्रण पर केंद्रित है।
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14/08/2022

डायबिटीज की बीमारी दोनों आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है. अगर लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए तो यह आँखों की रोशनी या अंधापन का कारण बन सकता है. इससे जुड़े सामान्य लक्षण में कलर ब्लाइंडनेस, खराब नाइट विजन, और दूर की वस्तुओं को देखने में परेशानी होना शामिल हैं.
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