18/09/2023
पति पत्नी का दबदबा
दूसरो का डूबता मंसूबा
🤔 लो कर लो बात 🤔
डीआरएम कार्यालय के बाहर ढोल और बैंड बजने की आवाज़ आ रही थी। मैने गाड़ी रोककर देखा तो
एक चच्चा गानों की धुन के बीच में अकेले ही नाच रहे थे। मुझसे रहा नही गया।
मैने पूछ ही लिया। क्या हुआ चच्चा अकेले अकेले नाच रहे हैं। और यह क्या, बैंड ढोल लेकर किसकी शादी पर निकले हैं?
चच्चा जरा जोश में थे। सो ठहाके लगाकर हंसने लगे और फिर नाचने लगे।
मैने कंधे पर हाथ रखकर उनको रोका और कहा की हमे भी तो बताओ किसकी शादी है।
"अरे मियां फर्जी भतीजे, क्या बताएं। यहां तो कई अधिकारियों को लगने लगा है की पति और पत्नी एक ही कैडर में होते तो उनका भी दबदबा हो जाता।"
मुझे कुछ समझ नही आया। फिर चच्चा से पूछा की, आखिर बात क्या है जरा खुलकर बताओ।
" मियां, यहां तो आजकल एक अलग ही कहानी चल रही है। लोग कहते फिर रहे हैं की - पति पत्नी का ही है दबदबा, बाकियों का डूब रहा मंसूबा।"
इतना कहकर चच्चा फिर हंसते हुए नाचने लगे। और गाना बज रहा था।
मन में कौतूहल सा दौड़ गया। मैने चच्चा को रोक कर पूछा जरा खुलकर बताओ।
"मियां, रेल मंडल में दो उच्च पदों पर विराजमान होने के लिए कई लोग जुगाड़ लगा रहे हैं। पर एक जोड़ा के, यहां आ जाने से एक कुर्सी का खेल बिगड़ गया..."
"... तब नज़र गई दूसरी कुर्सी पर, तो यहां एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। इसी बीच पता चला की एक और जोड़ा है (पति पत्नी) जो, इस कुर्सी में बैठने के लिए बोर्ड तक जुगाड़ बनाए हुए है।"
"हालात और परिस्थिति देखकर ऐसा लगता है की दूसरी कुर्सी में दूसरे जोड़े का कब्जा हो जाएगा।"
इसमें समस्या क्या है। जोड़ा थोड़े ही बैठेगा। कोई एक बैठेगा। फिर यह पति पत्नी का दबदबा वाली बात कहां से आ गई?
"मियां, दूसरा जोड़े में पति की बैक डोर एंट्री होने से पत्नी भी यहीं दूसरी जगह टिक जाएगी। मतलब अब दोनों जोड़े यहां टिक जाएंगे तो आने वाले समय में इन दोनों जोड़ों यानी पति पत्नी का दबदबा हो जाएगा।"
तो इसमें समस्या कहां है, यह तो बताइए, चच्चा?
चच्चा ने इसका कोई जवाब तो नहीं दिया बस इतना कहने लगे की...
"मियां भतीजे, समस्या यह है की इन दो कुर्सी के कई दावेदारों को लगने लगा है की, काश उनकी भी पत्नी या पति यहां होते तो शायद उनकी किस्मत भी खुल जाती।"
"यानी जोड़ों का कायम रहेगा दबदबा
बाकी का डूब जाएगा मंसूबा...!"
चच्चा की बात कुछ समझ नही आई। और मैं लौटने लगा, की तभी पीछे से चच्चा ने कहा की, इन दोनो जोड़ो में एक खास बात है -
दोनों को न तो काम आता है और न ही काम करना चाहते हैं, बस चापलूसी से ही तरक्की दिख रही है। प्रमोशन के इंतजार में एक जनाब पति महोदय तो एक साल से बिना काम के ही वेतन ले रहे हैं और उनकी पत्नी महोदया तो अपना काम दूसरे पर डालकर समय व्यतीत कर रही हैं और प्रमोशन का इंतजार कर रही है।
"इसलिए अब दूसरों को लगने लगा है की, उनका जोड़ा अधूरा है। काश शादी सोच समझकर की होती😄"।
चच्चा की बात मुझे तो समझ नहीं आई। और चच्चा की बात पर मुझे तो भरोसा नहीं है। आपकी आप जानिए।
🤔 लो कर लो बात🤔
फर्जी भतीजे से संपर्क करें
9425079785
[email protected]
(नोट: उपरोक्त वाक्य मनोरंजन की दृष्टि से लिखा गया है। दोनों किरदार काल्पनिक हैं। इसका किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति अथवा संस्था से कोई संबंध नहीं है। यदि कहीं समानता है तो वह केवल इत्तेफाक है।)