31/03/2024
संविधान में शायद संशोधन कर दिया गया है, कि जब राष्ट्रपति खड़ा हो तो प्रधानमंत्री को बैठे रहना चाहिए।
तन से बीमार लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न घर पहुंच सेवा के तहत दिया गया, माननीय राष्ट्रपति उनके घर सम्मान पहुंचाने गई, लेकिन मन से बीमार व्यक्ति कैसे संविधान की शपथ लेकर संविधान को अपनी तानाशाही की भेंट चढ़ा रहा है यह देखा जा सकता है।
राष्ट्रीय ध्वज का अपमान अब राष्ट्रपति के अपमान तक आ गया है।