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*कौन है बनिया?* आओ बताता हूँ .... प्रधानमंत्री जी या मुख्यमंत्री  जी ध्यान से सुनिएगा...बनिया  (General Category) कौन है...
29/08/2024

*कौन है बनिया?*
आओ बताता हूँ .... प्रधानमंत्री जी या मुख्यमंत्री जी ध्यान से सुनिएगा...
बनिया (General Category) कौन हैं ?
जिस व्यक्ति पर एट्रोसिटी_एक्ट 89 के तहत बिना इन्क्वारी
के भी कार्यवाई की जा सकती है, वो बनिया है‼️
जिसको जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करके बेखौफ गाली
दी जा सकती है, वो बनिया है‼️
देश में आरक्षित 131 लोकसभा सीटो और 1225 विधानसभा सीटो पर चुनाव नही लड़ सकता है, लेकिन वोट दे सकता है,
वो बनिया है‼️
जिसके हित के लिए आज तक कोई आयोग नही बना,
वो बनिया है‼️
जिसके लिए कोई सरकारी योजना न बनी हो,
वो बनिया है‼️
जिसके साथ देश का संविधान भेदभाव करता है, वो बनिया है‼️
मात्र जिसको सजा देने के लिए NCSC और
NCST का गठन किया गया वो बनिया है‼️
मात्र जिसे सजा देने के लिए हर जिले में विशेष SCST न्यायालय खोले गए हैं, वो अभागा बनिया है‼️
जो स्कूल में अन्य वर्गों के मुकाबले चार गुनी फीस
दे कर अपने बच्चों को पढाता है, वो बेसहारा बनिया है‼️
नौकरी, प्रमोशन, घर allotment आदि में
जिसके साथ कानूनन भेदभाव वैध है वो बेचारा बनिया है‼️
सरकारों व सविधान द्वारा सबसे ज्यादा
प्रताड़ित किया जाने वाला वो बनिया है‼️
सबसे ज्यादा वोट देकर भी खुद को
लुटापिटा ठगा सा महसूस करने वाला वो बनिया है‼️
सभाओं में फर्श तक बिछा कर एक अच्छी सरकार की चाह में आपको सत्ता सौंपने वाला वो बनिया है ‼️
देश हित मे आपका तन मन धन से साथ देने वाला वो बनिया है‼️
इतने भेदभाव के बावजूद भी,
धर्म की जय हो,अधर्म का नाश हो प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो की भावना जो रखता है,वो बनिया है‼️
सबका साथ सबका विकास में ह
मारी स्थिती क्या है ? विचार अवश्य करें‼️
समस्त बनिया परिवारों की तरफ से भारत सरकार को समर्पित ...
अगर आपको उपरोक्त बातें सही लगी हो तो कम से कम 5 बनिए लोगों को शेयर करें । ये बात माननीय प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जी तक अवश्य पहुँचनी चाहिए....
इस पोस्ट को लिखने व बनाने मे बहुत ही ज्यादा मेहनत (परिश्रम) लगा है, शेयर अवश्य करें 🙏🙏🙏

पति: "बिस्तर पर सोने को केवल चार लोगों की ही जगह है।"पत्नी: "कोई बात नहीं मुझे तो वैसे भी नया गद्दा चुभता है, मैं ज़मीन ...
25/08/2024

पति: "बिस्तर पर सोने को केवल चार लोगों की ही जगह है।"

पत्नी: "कोई बात नहीं मुझे तो वैसे भी नया गद्दा चुभता है, मैं ज़मीन पर ही सो लूँगी, आप और बच्चे बिस्तर पर सो जाओ।"

पति: "इस बार दिवाली पर बोनस नहीं मिलेगा। पूजा तो हो जाएगी मगर नए कपड़े और खिलौने नहीं ला पाऊँगा बच्चों के लिए।"

पत्नी: "आप चिंता मत कीजिए। मैंने कुछ पैसे बचा कर रखे थे आपके पिछले महीनों के बोनस में से। आप थान के कपड़े ले आइयेगा, मैं बच्चों के नए कपड़े सिल दूँगी और खिलौने भी आ जाएंगे उन्ही पैसो से।"

पति: "सुनो, मेरी सैलरी में इजाफ़ा हुआ है। इस बार अपने लिए एक-दो सलवार-सूट सिलवा लेना।"

पत्नी: "मेरे पास पहनने के कपड़ों की कमी नहीं है। आपने अपने जूतों की हालत देखी है? इस बार तो आपके लिए रेड चीफ के शूज़ ही खरीदने हैं। और बड़ी बेटी को फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में भाग लेना था। उसके लिए भी एक प्यारी सी ड्रेस।"

बेटा: "माँ, खाने में तो मटर-पनीर बना था ना। तुम ये कल रात की बासी सब्जी क्यों खा रही हो?"

माता: "अरे, मुझे मटर पनीर नहीं पसंद है बेटा। तेरे पापा और छुटकी को पसंद है। उनको सुबह टिफ़िन में देने के लिए बचा दी है।"

पति: "सुनो, माफ़ करना, मैं इस बार फिर से हमारी शादी की सालगिरह भूल गया।"

पत्नी: "कोई बात नहीं, मैं भी भूल गई थी। मुझे भी अपनी बेटियों ने ही याद दिलाया।" 😍😍

माता: "बेटी, तू दिल्ली रहकर तैयारी कर ले परीक्षा की।"

बेटी: "नहीं, माँ। छुटकी का नए कॉलेज में एडमिशन भी तो कराना है। मैं कोई जॉब ढूँढकर सेटल हो जाती हूँ। एक साल का ड्रॉप लेकर फिर पोस्ट-ग्रेजुएशन कर लूँगी। कोई दिक्कत नहीं है।"

मिडिल क्लास परिवारों में केवल एडजस्टमेंट्स होते हैं। वहां प्यार की जगह नहीं होती मगर शायद प्यार ऐसी जगहों में पलना ही पसंद करता है। तभी तो एडजस्ट करते-करते न जाने कब बड़ा हो जाता है प्यार और फिर ठहर जाता है, साथ ही पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ता जाता है। असल मायने में दूसरों की ख़ुशियों को अपनी खुशी से ऊपर रखना ही तो होता है ये प्यार।

आप सभी मित्रों से अनुरोध है, कि कभी किसी नारी का अपमान नहीं कीजिए। नारी किसी भी रूप में हमसे श्रेष्ठ होती है। चाहे वह माँ, बहन, पत्नी किसी भी रूप में हो, त्याग वही करती है। मैं नारी जाति के जज्बे को नमन करता हूँ। जरूरी नहीं कि महिला की तारीफ सिर्फ महिला दिवस पर ही की जाए।
और अगर आप भी मिडिल क्लास फैमिली से हैं, तो कॉमेंट में बताए 💕😍🙏

 #कडवीसच्चाई #माफीचाहूंगा इस पोस्ट को पहले पूरा पढ़ लेना #जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता कीओर से समर्पि...
25/08/2024

#कडवीसच्चाई
#माफीचाहूंगा इस पोस्ट को पहले पूरा पढ़ लेना #
जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की
ओर से समर्पित :
एक लड़की- को उसके पिता ने iphone गिफ्ट किया..
दूसरे दिन पिता ने लड़की से पुछा, बेटी iphone मिलने के
बाद सबसे पहले तुमने क्या किया?
लड़की :- मैंने स्क्रेच गार्ड और कवर का आर्डर दिया...
#पिता :- तुम्हें ऐसा करने के लिये किसी ने बाध्य किया
क्या?
लड़की :- नहीं किसी ने नहीं।
पिता :- तुम्हें ऐसा नही लगता कि तुमने निर्माता
की बेइज्जती की हैं?
बेटी :- नहीं बल्कि निर्माता ने स्वयं कवर व स्क्रेच गार्ड
लगाने के लिये सलाह दी है...
पिता :- अच्छा तब तो iphone खुद ही दिखने मे खराब
दिखता होगा, तभी तुमने उसके लिये कवर मंगवाया है?
#लड़की :- नहीं, बल्कि वो खराब ना हो इसीलिये कवर
मंगवाया है..
पिता :- कवर लगाने से उसकी #सुन्दरता में कमी आई क्या?
लड़की :- नहीं, इसके विपरीत कवर लगाने के बाद iPhone
ज्यादा #सुन्दर दिखता है..
पिता ने बेटी की ओर स्नेह से देखते कहा....
बेटी iPhone से भी ज्यादा कीमती और सुन्दर तुम्हारा
शरीर है और इस घर की और हमारी इज्जत हो तुम,
उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुन्दरता और
निखरेगी...
बेटी के पास पिता की इस बात का कोई जवाब नहीं था
सिर्फ आँखों में आँसूओं के अलावा ।
लड़कियों से नम्र निवेदन- #भारतीयसंस्कृति, #संस्कार ओर
अस्मिता को बनाए रखे...
इस पोस्ट पर गाली देने भी आएंगे कुछ लोग और कुछ मुझे
अच्छा भी ठहराएंगे.....
और कुछ गालियाँ भी देंगे

कुछ गलती हो गई तो माफ कर देना 🙏🙏🙏🙏

संविधान में संशोधन करके लचीले कानूनों को बदला जाना चाहिए : मिलन अग्रवाल ( प्रदेश अध्यक्ष, बेटी रक्षा दल)भरतपुर । बेटी रक...
23/08/2024

संविधान में संशोधन करके लचीले कानूनों को बदला जाना चाहिए : मिलन अग्रवाल ( प्रदेश अध्यक्ष, बेटी रक्षा दल)

भरतपुर । बेटी रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष मिलन अग्रवाल ने बताया कि देश के संविधान में लचीले कानूनों की वजह से जघन्यतम अपराधों के आरोपी बच निकलते हैं। लिहाजा ऐसे कानूनों को संविधान में संशोधन करके बदला जाना चाहिए ताकि ऐसे अपराध को अंजाम देने वाले दुर्दात अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिल सके। हमारे देश के संविधान में कोई कोई कानून तो दकियानूसी और आम जनता की समझ से परे बने हुए हैं। बतौर उनपर संवैधानिक रुप से अमल होता आ रहा है। जिसमें कानून की शिथिलता और पेंचीदगी के चलते आरोपी साफ तौर पर बच निकलते हैं और पीडितों को इन शिथिल कानून की वजह से मायूसी और बेबसी का शिकार होना पड़ रहा है। हम देश में बने बलात्कार के कानून पर ही नजर डालें तो आप इस बात का अंदाजा लगाइए और सोचिए कि ये कैसा लच्चर कानून हैं कि जब सरकारी या गैर सरकारी बसों में यात्रा करने वाले 10 वर्ष के बच्चे का पूरा टिकट लगता है तो फिर आखिर 17 वर्ष का बलात्कारी नाबालिग कैसे हो सकता हैं? जबकि यही बलात्कारी जघन्य से जघन्यतम अपराध को अंजाम देता है। अगर एक 10 वर्ष के बच्चे का बस में यात्रा करने पर पूरा-पूरा टिकट लिया जाता हैं तो फिर 17 वर्ष के बलात्कारी को नाबालिग समझकर कैसे बरी कर दिया जाता हैं और उसे कानूनी तौर पर कोई कठोर सजा नहीं दी जाती हैं। मिलन अग्रवाल ने कहा कि जबकि वह भी वही अपराध करता है जो बालिग अपराध करता है। जो माफी के नाकाबिल होता है। हकीकत तो यह है कि ऐसे लचीलेपन लिए हुए वो सारे कानून संविधान में संशोधन करके उन्हें बदले जाने चाहिए जिससे कि आम जनता को राहत मिल सके। हमने देखा कि देश की जनता यहां पर घटित बलात्कार की घटनाओं की गवाह बनी जिससे कि पूरा देश सिहर उठा था और आम जनता के रोंगटे खड़े हो गए। जहां पर कई निर्भया का वहशी दरिंदे बलात्कार करके उन्हें मार दिया गया या फिर उन्हें ऐसे ऐसे दंश दे गए जो ताउम्र उन्हें सालते रहे और वो घुट घुट कर जीती रही है या फिर जी रही हैं। और बलात्कारी इस लचीले कानून के चलते जघन्य कृत्य करके भी साफ तौर पर बच कर पीड़िताओं की खिल्ली उड़ाकर खुलेआम घूमते हैं या फिर आजादी की जिंदगी जी रहे हैं। और हां यही नहीं ये बलात्कारी जो कानून की नजर में नाबालिग करार दिया जाकर उन्हें खुली छूट दी जाती हैं। फिर बाद में वो कानून का डर नहीं होने से एक अपराध को करके फिर दुबारा उसी अपराध को अंजाम देते हैं क्योंकि देश की सरकार कानून ने उसे फिर से अपराध करने का नाबालिग का लाइसेंस दे रखा हैं। जो उसे बलात्कार जैसा जघन्यतम अपराध करके भी उसे इस अपराध करने के बाद भी बचाता है। बलात्कार की घटना के उस वक्त का अंदाजा लगाइए जब इन दरिंदो द्वारा एक अबला नारी की इज्जत के साथ खिलवाड व अबोध बालिका के असहनीय पीडा का दर्द कैसा रहा होगा? साथ ही उस बलात्कार की शिकार निर्दोष नारी को उसका दोष नहीं होने के बावजूद उसे समाज में हीन भावना से देखा जाता है। हकीकत तो यह है कि केन्द्र सरकार को संविधान में संशोधन करके इस लचीले कानून को परिवर्तित करके सख्त कानून बने ताकि इस अक्षम्य और जघन्यतम अपराध करने वालों को उम्रकैद या फांसी की सजा का प्रावधान हो और देश में बढ़ते बलात्कार के मामले को देखकर ऐसा बिलकुल होना चाहिए ।
यही संपूर्ण देश की जनता की आवश्यक मांग

मिलन अग्रवाल भरतपुर
प्रदेश अध्यक्ष, बेटी रक्षा दल राजस्थान
8114452455

23/08/2024
*ब्रेकिंग न्यूज़**भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की साँसद संजना की सुरक्षा का जिम्मा सौपा गया उनक...
11/08/2024

*ब्रेकिंग न्यूज़*
*भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की साँसद संजना की सुरक्षा का जिम्मा सौपा गया उनके कांस्टेबल पति को। संजना की सुरक्षा में कांस्टेबल पति कप्तान सिंह को पीएसओ के रूप में सौपी गई ड्यूटी। सांसद की सिफारिश पर पति को बनाया गया पीएसओ। अलवर एसपी आनंद शर्मा ने आदेश किए जारी।*

भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभार...
10/08/2024

भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ शनिवार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तिलक नगर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 गौरव कपूर, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प0क0) डा0 बी.एल.मीना, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तिलक नगर के चिकित्सा अधिकारी डा0 हरिओम पाठक द्वारा बालक बालिकाओं को एलबेण्डाजोल गोली खिलाकर किया गया।

भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर के पक्का बाग मैं शुक्रवार को राष्ट्रीय मीणा युवा महासभा द्वारा विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्...
09/08/2024

भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर के पक्का बाग मैं शुक्रवार को राष्ट्रीय मीणा युवा महासभा द्वारा विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर विश्व आदिवासी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला गया। महासभा के संभाग अध्यक्ष विक्रम मीणा के निर्देशन में संभाग सचिव मोहन मीना व जिलाध्यक्ष हरेंद्र बालोत के नेतृत्व मैं आयोजित इस कार्यक्रम में बताया गया कि समाज की मुख्‍यधारा से कटे होने के कारण आदिवासी समाज आज भी पिछड़े हुए हैं। यही वजह है कि भारत समेत तमाम देशों में इनके उत्‍थान के लिए, इन्‍हें बढ़ावा देने और इनके अधिकारों की ओर ध्‍यान आकर्षित करने के लिए विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन किया जाता है।

एक दिन एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है, "अच्छा, अगर मेरा विवाह किसी और लड़के से हो जाए तो तुम क्या करोगे?"लड़के ने ब...
07/08/2024

एक दिन एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है, "अच्छा, अगर मेरा विवाह किसी और लड़के से हो जाए तो तुम क्या करोगे?"
लड़के ने बिना सोचे-समझे छोटा सा जवाब दिया, "तुम्हें भूल जाऊंगा।"

ये सुनते ही लड़की गुस्से में दूसरी तरफ घूम कर बैठ गई। लड़के ने उसकी नाराजगी को भांपते हुए कहा, "सबसे बड़ी बात तो यह है कि तुम मुझे भूल जाओगी। जितनी जल्दी मैं तुम्हें भुला सकूंगा, उससे ज्यादा जल्दी तुम मुझे भुला दोगी।"

लड़की ने हैरान होकर पूछा, "कैसे?"

लड़के ने बोलना शुरू किया, "सोचो, विवाह का पहला दिन है। तुम एक नए घर में हो, शरीर पर जेवर, चेहरे पर मेकअप, चारों तरफ कैमरों की फ्लैश लाइट और लोगों की भीड़। तुम चाह कर भी मुझे याद नहीं कर पाओगी।"

"और मैं? मैं तुम्हारे विवाह की खबर सुनकर दोस्तों के साथ कुछ उटपटांग पीकर किसी कोने में पड़ा रहूंगा। जब होश आएगा, तो मैं तुम्हें धोखेबाज बेवफा बोलकर गाली दूंगा। फिर जब तुम्हारी याद आएगी, तो दोस्त के कंधे पर सर रखकर रो लूंगा।"

"विवाह के बाद तुम्हारा बिजी टाइम शुरू होगा। तुम अपने पति और हजार तरह की रस्मों में उलझी रहोगी। कभी-कभी तुम्हें मेरी याद आएगी, जब तुम अपने पति का हाथ पकड़ोगी या उसके साथ बाइक पर बैठोगी।"

"और मैं? मैं आवारा की तरह इधर-उधर घूमता रहूंगा, जैसे जिंदगी का कोई मकसद ही नहीं। अपने दोस्तों को समझाऊंगा कि 'कभी प्यार मत करना, कुछ नहीं मिलता, जिंदगी खत्म हो जाती है प्यार के चक्कर में।'"

"कुछ वक्त बाद तुम अपने पति के साथ हनीमून पर जाओगी। नया घर होगा, शॉपिंग होगी, नई जिम्मेदारियां होंगी। तब अचानक तुम्हें मेरी याद आएगी और तुम सोचोगी, 'पता नहीं किस हाल में होगा।' फिर मेरी खुशी की प्रार्थना करते हुए तुम वापस अपने परिवार में बिजी हो जाओगी।"

"इधर मैं? मम्मी, पापा, भाई या फिर दोस्तों से डांट सुन-सुन कर लगभग सुधर गया हूं। सोच लिया है, अब कोई काम करना है, एक अच्छी सी लड़की से विवाह करके तुम्हें भी दिखा देना है। सबको यही बोलूंगा कि भुला दिया है मैंने तुम्हें, लेकिन तब भी मैं तुम्हारे मैसेजेस को आधी रात को निकालकर पढूंगा और सोचूंगा, शायद मेरे प्यार में ही कमी थी जो तुम्हें न पा सका। फिर अपनी तकलीफ को कम करने की कोशिश करूंगा।"

"दो साल बाद तुम माँ बन चुकी हो। अब तुम अपने बच्चे के लिए सोचोगी और मैं तुम्हारी जिंदगी से हमेशा के लिए डिलीट हो जाऊंगा।"

"मुझे भी अब एक अच्छा काम मिल गया है, विवाह की बात चल रही है और लड़की भी पसंद आ गई है। अब मेरा बिजी टाइम शुरू हो गया है। अब मैं तुम्हें सचमुच भूल गया हूं। अगर किसी जोड़ी को देखता हूं तो तुम्हारी याद आती है, लेकिन अब तकलीफ नहीं होती।"

यहां तक सुनने के बाद लड़की की आंखों में आंसू छलक रहे थे। वह भरी आंखों से लड़के की तरफ देखती रही। दोनों बिल्कुल चुप थे, लेकिन उनकी आंखें बरस रही थीं। थोड़ी देर बाद लड़की ने पूछा, "तो क्या सब कुछ यहीं खत्म हो जाएगा?"

लड़के ने जवाब दिया, "नहीं। किसी दिन जब तुम अपने पति से किसी बात पर रूठ जाओगी और तुम्हारे पति आराम से सो रहे होंगे, पर उस रात तुम्हारी आंखों में नींद नहीं होगी। इधर मैं भी अपनी पत्नी से किसी बात पर नाराज होकर तुम्हारी तरह जागूंगा। पूरी दुनिया सो रही होगी सिर्फ हम दोनों के अलावा। फिर हम अपने अतीत को याद करके खूब रोएंगे, एक दूसरे को बहुत महसूस करेंगे, लेकिन इस बात का भगवान के अलावा और किसी को पता नहीं चलेगा।"

एक शादी_शुदा स्त्री, जब किसी पुरूष से मिलती हैउसे जाने अनजाने मे अपना दोस्त बनाती हैतो वो जानती है की न तो वो उसकी हो सक...
05/08/2024

एक शादी_शुदा स्त्री, जब किसी पुरूष से मिलती है
उसे जाने अनजाने मे अपना दोस्त बनाती है
तो वो जानती है की
न तो वो उसकी हो सकती है
और न ही वो उसका हो सकता है
वो उसे पा भी नही सकती और खोना भी नही चाहती..
फिर भी वह इस रिश्ते को वो अपने मन की चुनी डोर से बांध लेती है....
तो क्या वो इस समाज के नियमो को नही मानती?
क्या वो अपने सीमा की दहलीज को नही जानती?
जी नहीं
वो समाज के नियमो को भी मानती है
और अपने सीमा की दहलीज को भी जानती है
मगर कुछ पल के लिए वो अपनी जिम्मेदारी भूल जाना चाहती है
कुछ खट्टा... कुछ मीठा
आपस मे बांटना चाहती है
जो शायद कही और किसी के पास नही बांटा जा सकता है
वो उस शख्स से कुछ एहसास बांटना चाहती है
जो उसके मन के भीतर ही रह गए है कई सालों से
थोडा हँसना चाहती है
खिलखिलाना चाहती हैं
वो चाहती है की कोई उसे भी समझे बिन कहे
सारा दिन सबकी फिक्र करने वाली स्त्री चाहती है की कोई उसकी भी फिक्र करे...
वो बस अपने मन की बात कहना चाहती है
जो रिश्तो और जिम्मेदारी की डोर से आजाद हो
कुछ पल बिताना चाहती है
जिसमे न दूध उबलने की फिक्र हो,न राशन का जिक्र हो....न EMI की कोई तारीख हो
आज क्या बनाना है,
ना इसकी कोई तैयारी हो
बस कुछ ऐसे ही मन की दो बातें करना चाहती है
कभी उल्टी_सीधी ,बिना सर_पैर की बाते
तो कभी छोटी सी हंसीओर कुछ पल की खुशी...
बस इतना ही तो चाहती है
आज शायद हर कोई इस रिश्ते से मुक्त एक दोस्त ढूंढता है
जो जिम्मेदारी से मुक्त हो....❤️

゚2024

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