17/08/2024
5000 करोड़ की प्रॉपर्टी के मलिक हैं सैफ अली खान, लेकिन बच्चों को नहीं मिलेगी एक फूटी कोडी! जानिए वजह👇
बॉलीवुड में कई ऐसे खानदान मौजूद हैं, जिनका फैमिली बैकग्राउंड काफी बेहतर है। जी हां उनका फैमिली बैकग्राउंड राजा- महाराजाओं जैसा नजर आता है। उन अभिनेताओं को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी फिल्में हिट साबित होती हैं या फिर फ्लॉप, क्योंकि उन अभिनेताओं के पास उनके बुजुर्गों की अरबों की प्रॉपर्टी मौजूद है। उन्ही बॉलीवुड एक्टरों में से सैफ अली खान का नाम भी मशहूर है, जो बॉलीवुड के एक्टर होने के साथ-साथ पटौदी खानदान के छोटे नवाब भी हैं, इसके साथ-साथ उन्हे बॉलीवुड का नवाब भी कहा जाता हैं। रिपोर्ट्स की माने तो सैफ अली खान के पास लगभग 5000 करोड़ की प्रॉपर्टी है, लेकिन खबर है कि इतनी प्रॉपर्टी होने के बावजूद वह अपने चारों बच्चों में किसी को भी इस प्रॉपर्टी का हिस्सेदार नहीं बना सकते, अगर वह चाहे तब भी वह ऐसा करने में असमर्थ हैं। आइए आज इस आर्टिकल के जरिए आखिर इस राज के पीछे छुपे खास कारण के बारे में जानते हैं।
सैफ अली खान के चार बच्चे हैं, जिनमें सारा अली खान, इब्राहिम, तैमूर और जेह का नाम शामिल है। लेकिन चार बच्चे होने के बावजूद भी वह अपने बच्चों को कुछ भी नहीं दे सकते हैं, कारण जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो उठेंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्टर सैफ अली खान के पास हरियाणा स्थित पटौदी पैलेस और भोपाल स्थित पैतृक प्रॉपर्टी को मिलाकर लगभग 5000 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन इस दौरान सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इतनी बड़ी संपत्ति का मालिक होने के बावजूद भी सैफ अली खान अपनी प्रॉपर्टी बच्चों को नहीं दे सकते, जी हां इसके पीछे कोई पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि कुछ और ही कारण बताया जा रहा है, जिसके चलते वह अपनी प्रॉपर्टी का बंटवारा अपने बच्चों में करने में असमर्थ हैं। सैफ अली खान की प्रॉपर्टी का बंटवारा ‘ऐनिमी डिस्प्यूट एक्ट 1968’ के अनुसार नहीं किया जा सकता। इसके चलते सैफ अली खान की जितनी भी पैतृक संपत्ति है वह सभी भारत सरकार के ‘ऐनिमी डिस्प्यूट एक्ट’ के अंतर्गत आ जाती है।
करोड़ों की संपत्ति होने के बाद भी सैफ अली खान अपने बच्चों को कुछ नहीं दे सकते। इसके पीछे का मुख्य कारण ‘ऐनिमी डिस्प्यूट एक्ट’ बताया जा रहा है, जिसके अंतर्गत आने वाली पैतृक संपत्ति भारत सरकार के ऐनिमी डिस्प्यूट एक्ट के अंतर्गत आती है। इसके मुताबिक किसी भी इंसान द्वारा प्रॉपर्टी पर अपना हक नहीं जमाया जा सकता।
ऐनिमी डिस्प्यूट एक्ट 1965 के इंडो -पाकिस्तान वार के समय पारित हुआ था, जिसमें 2016 में संशोधन किया गया। जिसके मुताबिक अगर किसी को इस एक्ट का विरोध करना हो अथवा फिर संपत्ति पर अपनी दावेदारी पेश करनी हो ,तो उसे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। अगर वहां भी उनकी बात नहीं सुनी जा सकी तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट में भी उसकी बात पर कोई गौर नहीं किया गया तो फिर देश के राष्ट्रपति ही फाइनल निर्णय ले सकते हैं।
सैफ अली खान के ग्रेट ग्रैंडफादर हमीदुल्लाह खान पटौदी ब्रिटिश शासन में नवाब थे, जिन्होंने अपनी संपत्तियों के लिए किसी प्रकार की कोई वसीयत नहीं बनाई, क्योंकि उनके मन में यह डर छुपा हुआ था, कि इस संपत्ति को लेकर उनके परिवार के अंदर ही किसी प्रकार का विवाद खड़ा ना हो जाए।
सैफ अली खान के दादा हमीदुल्लाह खान की दो बेटियां थी एक अबीदा सुल्तान और दूसरी साजिदा सुल्तान। आबिदा के पाकिस्तान चले जाने के बाद नवाब हमीदुल्लाह खान की मौत हो गई और नई मालकिन साजिदा खान बन गई। इसके साथ-साथ यह भी कहा जाता है कि पाकिस्तान में रह रहे इस पटौदी परिवार की इस मामले को लेकर कोई अनबन चल रही है जिसका ताल्लुक प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ है।