Rezgaari रेज़गारी ریز گاری

Rezgaari रेज़गारी ریز گاری रेज़गारी ریز گاری - कुछ अपनी, कुछ पराई ! खनकती हुई?

11/12/2024

तुम बेवफाई के उसूलों से वाकिफ नहीं हो
बिछड़ने के बाद भी खैरियत पूछ लिया करते हैं.

02/12/2024

ऊंची थी
उड़ान
तुम्हारी
ख़ाब
मुझसे
रईस थे
चमकती
आंखों में
मैं खुद को
चमकता
पा न
सका
कह देता गर
रुक जाती
सब छोड़
तुम
मैं तुम्हें,
तुम्हारे
पंख छीन
आंगन
अपने
ठहरा न सका,
ये
ज़िन्दगी
अब
तुम और
बीतीं
तुम्हारी
बातें ही हैं,
मैं टूटकर
तुम से,
तुम से दूर
जा न सका
ये तंग सड़कें
ये सुनसान गलियां
जानते हैं
वो हर बात जो
मैं तुम्हें
बता न सका
खो गए हम
ज़िम्मेदारियों के
भंवर में
तुम्हें न खो सका मन
और तुम्हें मैं
पा न सका

01/12/2024

मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफ़र
रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा
~ वसीम बरेलवी

30/11/2024

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे
~ वसीम बरेलवी

19/11/2024

नाकाम हसरतों का जनाज़ा लिए हुए
हम जी रहे हैं क़ल्ब ये टूटा लिए हुए

इक दिन क़रीब लायेगी तक़दीर है यकीं
ज़िन्दा हैं जिससे वस्ल का सपना लिए हुए

29/10/2024
घर की तक़सीम में अँगनाई गवां बैठे हैंफूल गुलशन से शनाशाई गंवा बैठे हैं।बात आँखों से समझ लेने का दावा मत करहम इसी शौक में ...
23/10/2024

घर की तक़सीम में अँगनाई गवां बैठे हैं
फूल गुलशन से शनाशाई गंवा बैठे हैं।
बात आँखों से समझ लेने का दावा मत कर
हम इसी शौक में बीनाई गंवा बैठे हैं।
-अबरार काशिफ़

17/10/2024

बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस कदर है, वो बरसता उधर है, और मेरा दिल धड़कता इधर है !

26/09/2024

प्रेम चाहता है ठौर,

ठहरकर सुस्ताने के लिए...

23/09/2024

वो लफ्ज़ कहां से लाऊं जो तुझको मोम कर दे
मेरा वजूद पिघल रहा है तेरी बेरुखी से…!!
-अज्ञात

22/09/2024

एक अच्छी जिंदगी
बुरे वक्त से गुजर कर आती है!

Address

Kampong Eunos
400001

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Rezgaari रेज़गारी ریز گاری posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Videos

Share

Category