13/09/2024
मैं ठेले पर गोलगप्पे खा रहा था कि पास वाले फ़ास्ट फ़ूड के ठेले पर एक आदमी अपने बीवी बच्चों के साथ आया...
उसके बेटे ने जिद्द की मुझे तो चाउमीन खानी है, मोमोज खाने हैं, बर्गर भी खाना है और फ्रेंच फ्राइज़ भी खाऊंगा...
मैं पास खड़ा सुन रहा था, मैंने बच्चे से कहा बेटा इतना सब एक साथ कैसे खाओगे...?
उसने कहा, ये तो मैं रोज खाता हूं...
उसकी माँ ने बड़े ही गर्व से कहा आज तो फिर भी इसने कम चीजों की डिमांड की है, वरना ये तो रोटी की बजाय पिज़्ज़ा बर्गर ही खाता है...
मैंने कुछ नहीं कहा उस लड़के के पिता की तरफ देखा जो कि दिखने में एक मिडल क्लास आदमी लग रहा था और उसने अपने हाथ मे एक थैला भी उठा रखा था...
उसने मुस्कुराते हुए कहा कि अरे सर कमा किसके लिए रहे हैं.... मैं अपने बच्चे को किसी चीज की कमी नहीं आने देता...
मैंने उत्सुकता वश पूछा इस थैले में क्या है...?
उसने कहा कि बच्चे की दवाइयाँ है, ये बीमार बहुत रहता है...
तब तक उनका ऑर्डर रेडी हो चुका था बच्चा खाने लगा।
मैंने उन दवाइयों की तरफ देखा, फिर बच्चे की तरफ देखा और फिर उस आदमी की तरफ देखते हुए मुस्कुराकर सिर्फ सिर्फ इतना पूछा कि सगा बेटा है या सौतेला है?
और वो मेरी पूरी बात समझ गया...
अपने बच्चे को वहाँ से खड़ा किया और जाकर फ्रूट के ठेले पर अपनी गाड़ी रोकी...
फ़ास्ट फ़ूड हेल्थ खराब करने में कितना फ़ास्ट होता है इसका अंदाजा उसे लग चुका था...
महीने में कभी कभार खाना फिर भी चलता है लेकिन पूरी तरह इसी पर चलना नहीं चलता...
उम्मीद करता हूँ कि आप भी मेरे उस सवाल के उद्देश्य को समझ गए होंगे...