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बहुत बहुत धन्यवाद बॉलीवुड।  तुमने अपनी नीचता की हदें पार करदी। अभी तक तो तुमने बीते हुए कल के लिए ही लोगो मे गलत प्रचार ...
29/06/2024

बहुत बहुत धन्यवाद बॉलीवुड। तुमने अपनी नीचता की हदें पार करदी। अभी तक तो तुमने बीते हुए कल के लिए ही लोगो मे गलत प्रचार किया था। अब इस बार तो तुमने नीचता की हद पार करदी। हमे होने वाले भगवान कल्की अवतार को तुमने लेब में रेड्डी की जाने बाली एक experiment बना दिया है और बो भी उसकी मां उस औरत को बनाया जो पठान मूवी में भगवा रंग की बिग्नी पहन के भगवा का मजाक बनाने बाली एक नीच औरत को तुमने भगवान की मां बना दिया। धिक्कार है। बॉलीवुड तुम पर कल्की अवतार कोई लेब में बनाया गया experiment नही है। सब से ताकत बर। अवरात हैं।

पता नही ये गंदी नाली के कीड़े कब सुधरेंगे

निवेदन है सनातनियो से की कोई भी इस मूवी को सपोर्ट ना करे।



सोच समझ के फेसला लो  संतो पर गोली या सनातनीयो का 500 साल का सपना राम मंदिर।   वोट फॉर मोदी जी
22/04/2024

सोच समझ के फेसला लो संतो पर गोली या सनातनीयो का 500 साल का सपना राम मंदिर।

वोट फॉर मोदी जी

Radhe Radhe
22/03/2024

Radhe Radhe

Radhe Shyam
09/03/2024

Radhe Shyam

आप भली भांति इनसे परिचित होगे dr b,r Ambedkar जिन्होंने जातिगत आरक्षण को बढ़ावा दिया है ये दुर्भाग्य ही है की हमारे देश ...
30/01/2024

आप भली भांति इनसे परिचित होगे dr b,r Ambedkar

जिन्होंने जातिगत आरक्षण को बढ़ावा दिया है
ये दुर्भाग्य ही है की हमारे देश को बाटने वाले दोनो ही लोगों b,r Ambedkar और गांधी को भारतीय मुद्रा पर लगाया गया है

और वही हमारे देश को जोड़ने वाले आजादी के लिए जान देने वाले चंद्र शेखर , सुभाष चंद्र बोस, जैसे महान क्रांतिकारी हुए है उन्हे आज तक किताब के पन्नो के अलावा कही नही दिखाया गया मुझे लगता है इस देश को उनकी जरूरत नहीं जिन्होंने इसके लिए जान दी उनकी जरूरत है जिन्हो ने इसका बटवारा किया है

धिक्कार है

भाई चारा गया भाड़ मे।  योगी जी ने निवेदन है जल्दी ऐसे लोगों को बीच रोड पर गोली मरने का ऐलान करे नही तो परशुराम का फरसा उ...
15/01/2024

भाई चारा गया भाड़ मे। योगी जी ने निवेदन है जल्दी ऐसे लोगों को बीच रोड पर गोली मरने का ऐलान करे नही तो परशुराम का फरसा उठेगा //

जै श्री राम

पश्चिम बंगाल में मुस्लिम द्वारा हिंदू संतों पर हमला, पीट-पीटकर खून बहा।
उल्लेखनीय है ये साधु गंगासागर मेले में गोता लगाने जा रहे थे

पंजाब पठानकोट शाहपुर मंडी में चल रही श्रीमद भागवत कथा।
02/12/2023

पंजाब पठानकोट शाहपुर मंडी में चल रही श्रीमद भागवत कथा।

गणेश विसर्जन :- ( गोबर गणेश ) यह यथार्थ है कि जितने लोग भी गणेश विसर्जन करते हैं उन्हें यह बिल्कुल पता नहीं होगा कि यह ग...
21/09/2023

गणेश विसर्जन :- ( गोबर गणेश )

यह यथार्थ है कि जितने लोग भी गणेश विसर्जन करते हैं उन्हें यह बिल्कुल पता नहीं होगा कि यह गणेश विसर्जन क्यों किया जाता है और इसका क्या लाभ है ??
हमारे देश में हिंदुओं की सबसे बड़ी विडंबना यही है कि देखा देखी में एक परंपरा चल पड़ती है जिसके पीछे का मर्म कोई नहीं जानता लेकिन भयवश वह चलती रहती है ।

आज जिस तरह गणेश जी की प्रतिमा के साथ दुराचार होता है , उसको देख कर अपने हिन्दू मतावलंबियों पर बहुत ही ज्यादा तरस आता है और दुःख भी होता है ।

शास्त्रों में एकमात्र गौ के गोबर से बने हुए गणेश जी या मिट्टी से बने हुए गणेश जी की मूर्ति के विसर्जन का ही विधान है ।

गोबर से गणेश एकमात्र प्रतीकात्मक है माता पार्वती द्वारा अपने शरीर के उबटन से गणेश जी को उत्पन्न करने का ।

चूंकि गाय का गोबर हमारे शास्त्रों में पवित्र माना गया है इसीलिए गणेश जी का आह्वाहन गोबर की प्रतिमा बनाकर ही किया जाता है ।

इसीलिए एक शब्द प्रचलन में चल पड़ा :- "गोबर गणेश"
इसिलिए पूजा , यज्ञ , हवन इत्यादि करते समय गोबर के गणेश का ही विधान है । जिसको बाद में नदी या पवित्र सरोवर या जलाशय में प्रवाहित करने का विधान बनाया गया ।

अब आईये समझते हैं कि गणेश जी के विसर्जन का क्या कारण है ????

भगवान वेदव्यास ने जब शास्त्रों की रचना प्रारम्भ की तो भगवान ने प्रेरणा कर प्रथम पूज्य बुद्धि निधान श्री गणेश जी को वेदव्यास जी की सहायता के लिए गणेश चतुर्थी के दिन भेजा ।
वेदव्यास जी ने गणेश जी का आदर सत्कार किया और उन्हें एक आसन पर स्थापित एवं विराजमान किया ।
( जैसा कि आज लोग गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की प्रतिमा को अपने घर लाते हैं )

वेदव्यास जी ने इसी दिन महाभारत की रचना प्रारम्भ की या "श्री गणेश" किया ।
वेदव्यास जी बोलते जाते थे और गणेश जी उसको लिपिबद्ध करते जाते थे । लगातार दस दिन तक लिखने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन इसका उपसंहार हुआ ।

भगवान की लीलाओं और गीता के रस पान करते करते गणेश जी को अष्टसात्विक भाव का आवेग हो चला था जिससे उनका पूरा शरीर गर्म हो गया था और गणेश जी अपनी स्थिति में नहीं थे ।

गणेश जी के शरीर की ऊष्मा का निष्कीलन या उनके शरीर की गर्मी को शांत करने के लिए वेदव्यास जी ने उनके शरीर पर गीली मिट्टी का लेप किया । इसके बाद उन्होंने गणेश जी को जलाशय में स्नान करवाया , जिसे विसर्जन का नाम दिया गया ।

बाल गंगाधर तिलक जी ने अच्छे उद्देश्य से यह शुरू करवाया पर उन्हें यह नहीं पता था कि इसका भविष्य बिगड़ जाएगा ।
गणेश जी को घर में लाने तक तो बहुत अच्छा है , परंतु विसर्जन के दिन उनकी प्रतिमा के साथ जो दुर्गति होती है वह असहनीय बन जाती है ।

आजकल गणेश जी की प्रतिमा गोबर की न बना कर लोग अपने रुतबे , पैसे , दिखावे और अखबार में नाम छापने से बनाते हैं ।
जिसके जितने बड़े गणेश जी , उसकी उतनी बड़ी ख्याति , उसके पंडाल में उतने ही बड़े लोग , और चढ़ावे का तांता ।
इसके बाद यश और नाम अखबारों में अलग ।

सबसे ज्यादा दुःख तब होता है जब customer attract करने के लिए लोग DJ पर फिल्मी अश्लील गाने और नचनियाँ को नचवाते हैं ।

आप विचार करके हृदय पर हाथ रखकर बतायें कि क्या यही उद्देश्य है गणेश चतुर्थी या अनंत चतुर्दशी का ?? क्या गणेश जी का यह सम्मान है ??
इसके बाद विसर्जन के दिन बड़े ही अभद्र तरीके से प्रतिमा की दुर्गति की जाती है ।
वेदव्यास जी का तो एक कारण था विसर्जन करने का लेकिन हम लोग क्यों करते हैं यह बुद्धि से परे है ।
क्या हम भी वेदव्यास जी के समकक्ष हो गए ??? क्या हमने भी गणेश जी से कुछ लिखवाया ?
क्या हम गणेश जी के अष्टसात्विक भाव को शांत करने की हैसियत रखते हैं ??????????

गोबर गणेश मात्र अंगुष्ठ के बराबर बनाया जाता है और होना चाहिए , इससे बड़ी प्रतिमा या अन्य पदार्थ से बनी प्रतिमा के विसर्जन का शास्त्रों में निषेध है ।

और एक बात और गणेश जी का विसर्जन बिल्कुल शास्त्रीय नहीं है ।
यह मात्र अपने स्वांत सुखाय के लिए बिना इसके पीछे का मर्म , अर्थ और अभिप्राय समझे लोगों ने बना दिया ।

एकमात्र हवन , यज्ञ , अग्निहोत्र के समय बनने वाले गोबर गणेश का ही विसर्जन शास्त्रीय विधान के अंतर्गत आता है ।

प्लास्टर ऑफ paris से बने , चॉकलेट से बने , chemical paint से बने गणेश प्रतिमा का विसर्जन एकमात्र अपने भविष्य और उन्नति के विसर्जन का मार्ग है ।
इससे केवल प्रकृति के वातावरण , जलाशय , जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र , भूमि , हवा , मृदा इत्यादि को नुकसान पहुँचता है ।

इस गणेश विसर्जन से किसी को एक अंश भी लाभ नहीं होने वाला ।
हाँ बाजारीकरण , सेल्फी पुरुष , सेल्फी स्त्रियों को अवश्य लाभ मिलता है लेकिन इससे आत्मिक उन्नति कभी नहीं मिलेगी ।

इसीलिए गणेश विसर्जन को रोकना ही एकमात्र शास्त्र अनुरूप है ।
चलिए माना कि आप अज्ञानतावश डर रहे हैं कि इतनी प्रख्यात परंपरा हम कैसे तोड़ दें तो करिए विसर्जन । लेकिन गोबर के गणेश को बनाकर विसर्जन करिए और उनकी प्रतिमा 1 अंगुष्ठ से बड़ी नहीं होनी चाहिए ।

मुझे पता है मेरे इस पोस्ट से कुछ कट्टर झट्टर बनने वालों को ठेस लगेगी और वह मुझे हिन्दू विरोधी घोषित कर देंगे ।

पर मैं अपना कर्तव्य निभाऊँगा और सही बातों को आपके सामने रखता रहूँगा ।
बाकी का - सोई करहुँ जो तोहीं सुहाई ।
कृपया विचार करें और हो सके तो लोगों को जागरूक करें...
धन्यवाद
- पं सुमित भारद्वाज जी महाराज

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