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28/03/2024
24/02/2024

अंग्रेजों को धूल चटाने वाली जिद का
नाम था #टंट्या_भील 🏹✊

15/11/2023
04/11/2023

23/10/2023

1930, टुरिया जंगल सत्याग्रह - आजादी की लड़ाई में पुरुष ही नहीं महिलाओं ने भी रानी दुर्गावती, फुलकुँवर की परंपरा को बढ़ाते हुए बढ़-चढ़कर अपनी शहीदी दी।

1927 में जब अंग्रेजों ने इंडियन फारेस्ट ऐक्ट लागू किया तो उसकी वजह से आदिवासायों की आजीविका के सारे स्त्रोत समाप्त हो गये। सब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस जंगल कानून की आड़ में अंग्रेज आदिवासी समाज पर कई प्रकार के जुल्म ढाने लगे।

अंग्रेजों के शोषण और अत्याचार से त्रस्त आदिवासायों के सब्र का बांध टूटने लगा था। जब गांधीजी ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध नमक कानून तोड़ा, तब देश भर में इस तरह के आन्दोलनों का प्रारंभ हुआ था। इसी क्रम में मध्यप्रदेश में जंगल कानून भंग करने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। तब गंजन सिंह कोरकू के नेतृत्व में "जंगल सत्याग्रह " का शंखनाद हुआ। जिसमें महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और देश के लिये अपना बलिदान दिया ।

सिवनी जिले का यही गाँव "टुरिया" उस समय जंगल सत्याग्रह का केंद्र बिंदु बना हुआ था। अक्टूबर 1930 को "टुरिया" गाँव के आसपास के लोग भारी संख्या में सत्याग्रह करने के लिए यहाँ एकत्रित थे जिसमें बहुत बड़ी संख्या में महिलाऐं भी थीं। उस दिन जब जंगल सत्याग्रह कर अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करते हुए लोग गाँव से 1 किमी दूर गोंडी नाले की ओर नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। तब इन आंदोलनकारियों के आगे बंदूकधारी गोरे सिपाही भी चल रहे थे जो इस आंदोलन को कुचलने के लिए आये थे। अंग्रेजों से आजादी दिलाने में आदिवासियों ने दुरिया में जंगल सत्याग्रह करते हुये जंगल का घास काटकर विरोध के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन का बिगुल बजाया था ।

मुड्डे बाई ने जंगल सत्याग्रह के माध्यम से सिवनी जिले एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में जन-जन के मन में स्वतंत्रता की अलख जगाई थी। पुलिस दरोगा सदरुद्दीन और रेंजर मेहता ने सत्याग्रहियों और उनकी हौसला अफजाई करने आए लोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया। जिससे लोग उत्तेजित हो गए। सिवनी के डिप्टी कमिश्नर सीमन ने आदेश दिया टिच देम ए लैशन। जिस पर पुलिस ने गोली चला दी।

इस गोलीकांड में घटनास्थल पर ही तीन महिलाएं- मुड्डो बाई, रैना बाई, देबो बाई और एक पुरुष बिरजू गोंड शहीद हो गए। चारों शहीद गोंड आदिवासी थे। इन शहीदों के शव भी अंतिम संस्कार के लिए परिवार वालों को नहीं दिए गए।

इन शहीदों की स्मृति में ग्राम टुरिया में शहीद स्मारक बना है, जो आगे आने वाली पीढ़ियों को देश के लिए बलिदान होने की प्रेरणा देता रहेगा।

28/09/2023

😳

16/05/2023

अपने बच्चो को सबसे पहले काबिल बान जाने दो तभी marriage की बात करनी चाहिए

11/04/2023

76K Likes, 231 Comments - Motivational | Psychologist () on Instagram

09/04/2023

विगत 60 वर्षों में जो कुछ भी घटित, सृजित, रचित और निर्मित हुआ, महज़ पिछले 10 वर्षों में सबकुछ उसका दुगुना हुआ। वह भी अधिकांश विपरीत दिशा में। मैँ केवल महंगाई की ही बात नहीं कर रहा बल्कि बेरोजगारी, सम्प्रदायिकता, नफ़रत, जातिवाद, शोषण, गरीबी, अमीरी से लेकर देश के ऊपर कर्ज़ा और विदेशों में जमा कालाधन तक सबकुछ दोगुना हुआ।

यह वृद्धि एक कुशल प्रशासक की नहीं हो सकती है क्योंकि यह चहुं ओर के सूचकांक में नाकामी है और समाधान के नाम पर केवल कुतर्क हैं। बहुसंख्यक लोगों की खामोशी का कारण कुछ आधारहीन अपेक्षाएं हैं, जो व्यवस्थापकों से मिली मगर इन्हींअपेक्षाओं के नीचे ही दबे रह सकेंगे शासकों, व्यवस्थापकों के राज, पाप, कुकृत्य भी

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