His Guru was Ramanand and one of his well known disciple was Dharam Das. Satguru Kabir Saheb had passed on 42 names (Nam) for the Panth,known to us as Acharya or Hajur Saheb. When an Acharya is inaugurated they give up their name and take on the name allocated by Satguru Kabir Saheb. Vijay Das Shastri was appointed as the eighteenth Acharya and took on the nam of Panth Shri Hajur 1008 Ardhnam Sahe
b. His Guru is His Holiness Panth Shri 1008 Uditnam Saheb. His Holiness Panth Shri Hajur 1008 Uditnam Saheb was the sixteenth name allocated by Satguru Kabir Saheb, It was his vision to build and renovate the birth place of Kabir Saheb, known today as Sadguru Prakatya Dham, Kabir Bagh, Lahartara. As Acharya(Hajur Saheb) they hold the highest seat of all, all of the Mahants are inaugurated by an Acharya in a ceremony known as Chadar Vidhi,where they are given a hat, a certificate and blessings.
“सत्य”
सत्य के रहस्य को समझने के लिए निम्नाकित प्रकरण को समझना एवं मार्ग-दर्शन लेना आवश्यक है :
1. संसार
2. धर्म
3. जीव
4. कर्म और कर्ता
5. विवेक
6. सत्संग
7. मन-शक्ति इन्द्रियां
8. प्रेम
9. त्याग
10. संतोष सुख
11. अहिंसा
12. मृदु व्यवहार
13. समत्व ज्ञान
14. मार्ग दर्शन
15. सत्य
16. अमरत्व
17. सहज समाधी
18. साधना-शान्ति
19. देश सेवा भाव
20. आत्मज्ञान
21. परमात्मवाद
“सत्य”
जैसे का तैसा, सदा-‘सत्य’, जो बनता है, वह, नश्वर है,
जैसे, शब्दों, में व्यंजन है, व्यंजन में, व्याप्त, सदा स्वर है |
है वाक्य, शब्द से संयोजित, व्यंजन ने, स्वर से नियम लिया,
स्वर गुप्त रूप से व्यंजन में,-मिल, शब्द, वाक्य को, व्यक्त किया |
जो, रहकर भी हो स्पस्ट नहीं, पर, होता वह आधार वहीं,
साकार, कहीं, है निराकार, सब बिखर जाएँ, यदि, ‘सार’ नहीं |
यों, जो ‘सत् है’ जल, थल, नभ में, अस्तित्व गुप्त दे, नियमन है,
यह, बिना मार्ग-दर्शन, ‘रहस्य’, अनबूझ निरंकुश-जीवन है |..