02/10/2024
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस🙏समाज का कड़वा सच 💐
चार किताबे पढ़ मेरा बेटा समझदार हो गया....
मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ कर फरार हो गया....
जिस पौधे को गुलाब समझ के सींचा था उम्र भर..
बड़ा होकर वो बबूल जैसा कांटेदार हो गया....
सोचा था बूढ़ा होने पर सहारा होगा मेरा
शायद उसे अपनी माँ से भी ज्यादा किसी ओर लड़की से प्यार हो गया.....
जिसके बिन कहे भी हर बात समझ लिया करता था मैं....
जब वो खुद काबिल हुआ तो मुझे बेसहारा कर गया....
मीठी नदियां दी थी जिसे तोहफे में.....
जाने क्यों उसकी आँखों का पानी खारा हो गया.....