Gaurav Shrivastava

Gaurav Shrivastava हम दरिया है ,हुनर मालूम है हमे अपना ,
जि?

बदले नही है बस खुद को अपडेट कर लिया है🥰🥰🥰🥰
10/04/2023

बदले नही है बस खुद को अपडेट कर लिया है🥰🥰🥰🥰

होली के रंग बच्चो के संग
08/03/2023

होली के रंग बच्चो के संग

आप सभी को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
07/03/2023

आप सभी को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

बेवजह भी खुश रहिए..😊वजह की तलाश में तो जिंदगी गुजर जाती है...🙃 Lavkush Kumar Sharma
21/02/2023

बेवजह भी खुश रहिए..😊
वजह की तलाश में तो
जिंदगी गुजर जाती है...🙃 Lavkush Kumar Sharma

30/01/2023

मेरे पड़ोस गांव की बिटिया ने ,जनपद उन्नाव के साथ साथ पूरे देश का नाम रोशन किया ,
म्हारी छोरिया छोरो से कम है के👍👍👍👍👍

ठंड बहुत है री बाबा ,सुप्रभात🙏
21/01/2023

ठंड बहुत है री बाबा ,
सुप्रभात🙏

19/01/2023

एक अति सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं🤔
उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है जिसके दोनों ही हाथ नहीं हैं 🤔
महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई.,..
उस 'सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस से कहा:- मै इस सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पाऊँगी क्योंकि साथ की सीट पर जो व्यक्ति बैठा हुआ है उसके दोनों हाथ नहीं हैं😎और उस महिला ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया😎
असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा:- मैम क्या मुझे कारण बता सकती है..❓
महिला ने जवाब दिया:- मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती। मैं ऐसे व्यक्ति के पास बैठकर यात्रा नहीं कर पाउंगी😎
दिखने में पढी लिखी और विनम्र प्रतीत होने वाली महिला की यह बात सुनकर एयरहोस्टेस अचंभित हो गई🤔

महिला ने एक बार फिर एयरहोस्टेस से जोर देकर कहा:- मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती। अतः मुझे कोई दूसरी सीट दे दी जाए😎
एयरहोस्टेस ने खाली सीट की तलाश में चारों ओर नजरघुमाई पर कोई भी सीट खाली नहीं दिखी

एयरहोस्टेस ने महिला से कहा:- मैडम इस इकोनोमी क्लास में कोई सीट खाली नहीं है किन्तु यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है🙏अतः मैं विमान के कप्तान से बात करती हूँ। कृपया तब तक थोडा धैर्य रखें...
ऐसा कहकर होस्टेस कप्तान से बात करने चली गई।

कुछ समय बाद लोटने के बाद उसने महिला को बताया:- "मैडम! आपको जो असुविधा हुई,उसके लिए बहुत खेद है🙏इस पूरे विमान में,केवल एक सीट खाली है और वह प्रथम श्रेणी में है। मैंने हमारी टीम से बात की और हमने एक असाधारण निर्णय लिया🤔
एक यात्री को इकोनॉमी क्लास से प्रथम श्रेणी में भेजने का कार्य हमारी कंपनी के इतिहास में पहली बार हो रहा है....
महिला अत्यंत प्रसन्न हो गई😀ज्ञकिन्तु इसके पहले कि वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती और एक शब्द भी बोल पाती... ❓🤔
एयरहोस्टेस उस अपाहिज और दोनों हाथ विहीन व्यक्ति की ओर बढ़ गई और विनम्रता पूर्वक उनसे पूछा:- सर, क्या आप प्रथम श्रेणी में जा सकेंगे..❓🙏क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक अशिष्ट यात्री के साथ यात्रा कर के परेशान हों😎
यह बात सुनकर सभी यात्रियों ने ताली बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वह अति सुन्दर दिखने वाली महिला तो अब शर्म से नजरें ही नहीं उठा पा रही थी😎

तब उस अपाहिज व्यक्ति ने खड़े होकर कहा:- मैं एक भूतपूर्व सैनिक हूं और मैंने एक ऑपरेशन के दौरान कश्मीर सीमा पर हुए बम विस्फोट में अपने दोनों हाथ खोये थे.....
सबसे पहले, जब मैंने इन देवी जी की चर्चा सुनी, तब मैं सोच रहा था कि मैंने भी किन लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और अपने हाथ खोये..❓😎
लेकिन जब आप सभी की प्रतिक्रिया देखी तो अब अपने आप पर गर्व हो रहा है कि मैंने अपने देश और देशवासियों के लिए अपने दोनों हाथ खोये... और इतना कह कर, वह प्रथम श्रेणी में चले गए
महिला पूरी तरह से अपमानित होकर सर झुकाए सीट पर बैठ गई😀
अगर विचारों में उदारता नहीं है तो ऐसी सुंदरता का कोई मूल्य नहीं है।
मैरे पास ये कहानी आई थी....मैंने इसे पढ़ा तो हृदय को छू गई इसलिये पोस्ट कर रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों भी बहुत पसंद आएगी।
🇮🇳🇮🇳🙏🏻जय हिन्द🙏🇮🇳🇮🇳

12/01/2023

जिंदगी है तो तकलीफ तो देगी ही ,
वरना मरने के बाद तो जलने का भी एहसास नहीं होता,

08/01/2023

🆒☮*पिताजी* बीमार पड़ गये, उन्हें आनन-फानन में नज़दीक के अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
अस्पताल पहुँचते ही उसनें अस्पताल के बेड पर उनकी फोटो खींची और फेसबुक पर "Father ill admitted to hospital" स्टेटस के साथ अपलोड कर दी।
फेसबुकिया यारों ने भी 'Like' मार-मार कर अपनी 'ड्यूटी' पूरी कर दी।

वह भी अपने मोबाइल पर पिताजी की हालत 'Update' करता रहा।
पिताजी व्याकुल आँखों से अपने 'व्यस्त' बेटे से बात करने को तरसते रहे...!
आज देखा कि पिताजी की हालत कुछ ज्यादा ख़राब है....!
पुराना वक्त होता तो...बेटा भागता हुआ डाक्टर को गुहार लगाता.....पर...उसने झट से 'बदहवास' पिता की एक-दो फोटो और खींच कर...
'Condition critical' के स्टेटस के साथ अपलोड कर दी...फेसबुकिया यारों ने हर बार की तरह इस बार भी अपनी ज़िम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा दी।

दो-चार घनिष्ठ मित्रों ने बेहद मार्मिक कमेंट कर अपने संवेदनशील होने का प्रमाण दिया।
'वाह! इनकी आँख का आँसू भी साफ दिख रहा है।'
'फोटो मोबाइल या कैमरे से लिया है?'
तभी नर्स आई - 'आप ने पेशेंट को दवाई दी?'

'दवाई?'
बिगड़ी हालत देख, नर्स ने घंटी बजाई
'इन्हें एमरजेंसी में ले जा रहे हैं!'
थोड़ी देर में 'बेटा' लिखता है -
'पिताजी चल बसे!
सॉरी...नो फोटो...
मेरे पिताजी का अभी-अभी देहांत हो गया!
ICU में फोटो खींचनी अलाउड नहीं थी....'
कुछ कमेंट्स आए -
'ओह, आखरी वक्त में आप फोटो भी नहीं खींच पाए!'
'अस्पताल को अंतिम समय पर यादगार के लिए फोटो खींचने देना चाहिए था!'
'RIP'
'RIP'
'अंतिम विदाई की फोटो जरूर अपलोड करना'
पिताजी चले गए थे...
वो खुश था....
इतने 'लाइक' और 'कमेंट्स' उसे पहले कभी नहीं आए थे....
कुछ खास रिश्तेदार अस्पताल आ गए थे...कुछ एक ने उसे गले लगाया...
गले लगते हुए भी बेटा मोबाइल पर कुछ लिख रहा था।
बेटा कितना कर्त्तव्यनिष्ठ था!
बाप जाने के समय भी.... सबको
'थैंक्स टू ऑल' लिख रहा था...!
*रिश्ते अपना नया अर्थ खोज चुके थे !*

यह मैसेज वैसे तो व्हाट्सएप्प पर किसी ने भेजा था लेकिन पढ़कर मुझे भी लगा कि कई लोगों की दुनिया सिर्फ और सिर्फ "facebook और whatsapp" के जाल में ही उलझकर रह गई है और अपने परिवार को समय तक नहीं दे रहे हैं..
अतः काल्पनिक दुनिया को छोड़कर अपनी वास्तविक दुनिया को भी समय दीजिये..
कोई है जो आपसे दो घड़ी बात करने के लिए तरस रहा है....😪🙏🏻

ज़िन्दगी की राह मे तजुर्बा कच्चा ही रह गया; हम सीख न पायें 'फरेब' दिल बच्चा ही रह गया ।बचपन मे जहाँ चाहा हंस लेते थे ; ज...
01/01/2023

ज़िन्दगी की राह मे तजुर्बा कच्चा ही रह गया; हम सीख न पायें 'फरेब' दिल बच्चा ही रह गया ।
बचपन मे जहाँ चाहा हंस लेते थे ; जहाँ चाहा रो लेते थे ्
अब मुस्कान को तहज़ीब चाहिये और आंसुओं को तन्हाई ।
कभी हम भी मुस्कुराते थे बेपरवाह अन्दाज मे ;देखा है हमने खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों मे ।
चलो मुस्कुराने की वजह ढूँढते हैं ज़िन्दगी तुम मुझे ढूंढों ् हम तुम्हें ढूँढते हैं।

प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी की माता जी हीरा बेन जी के निधन की सूचना अत्यंत दुखद है। दुख की इस घड़ी में प्रधानमंत्...
30/12/2022

प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी की माता जी हीरा बेन जी के निधन की सूचना अत्यंत दुखद है।

दुख की इस घड़ी में प्रधानमंत्री जी और उनके पूरे परिवार के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ।

ॐ शांति 🙏🏻

हर किसी का ग्लैमर एक दिन मिट्टी में मिल जाता है,
28/12/2022

हर किसी का ग्लैमर एक दिन मिट्टी में मिल जाता है,

28/12/2022

*"बहुत ही आसान है, ज़मीं पर...*
*आलीशान मकान बना लेना..."*

*दिल में जगह बनाने में ...*
*ज़िन्दगी गुज़र जाया करती है..!!!*
💞💞💞💞

25/12/2022

उगते हुए सूरज या दौड़ते हुए घोड़े का चित्र लगाने से सफलता नहीं मिलती,अगर जिंदगी में सफलता चाहते हो तो सूरज के उगने से पहले जागना होगा और घोड़ों से तेज दौड़ना पड़ेगा #गौरव कायस्थ Shrivastava

24/12/2022

चुरा लेना खूबसूरत लम्हें जिंदगी से ,
वरना जिम्मेदारियां फुरसत नहीं लेने देती,

ये मत पूछना कि जिंदगी, खुशी कब देती है? क्योंकि शिकायतें तो उन्हें भी है, जिन्हें जिंदगी सब कुछ देती है।
23/12/2022

ये मत पूछना कि जिंदगी,
खुशी कब देती है?
क्योंकि शिकायतें तो उन्हें भी है,
जिन्हें जिंदगी सब कुछ देती है।

19/12/2022

हाय रे पैसा तूने क्या कर डाला ,
खुदा की बनाई दुनिया को ही बदल डाला,
सुबह जब अखबार का नजारा देखते है,
सैकड़ों लोग पैसे के लिए ही मरते है ,
भाई ने भाई को ,बेटे ने बाप को मार डाला ,
हाय रे पैसा तूने क्या कर डाला,खुदा की बनाई दुनिया को ही बदल डाला,

19/12/2022

I've received 800 reactions to my posts in the past 30 days. Thanks for your support. 🙏🤗🎉

रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर,मंजिल भी मिलेगी...और मिलने ...
18/12/2022

रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,

प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,

थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर,

मंजिल भी मिलेगी...

और मिलने का मज़ा भी आयेगा।

06/12/2022

लेकिन ये पोस्ट आज बेटियों के लिए है

खुद MBBS रोहिणी के तीन छोटे बच्चे हैं उनके पति समरेश सिंह सिंगापुर में ही एवरकोर्स पार्टनर नामक एक कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं ऐसी परिस्थिति में कोई अपने जर्जर हो चुके 75 वर्ष के बूढ़े पिता को किडनी दान दे तो यह साहस केवल बेटियां ही कर सकती है रोहिणी ने अपने पिता से कहा की अपने पिता को मैं केवल मांस का टुकड़ा दे रही हूं जरूरत पड़ने पर मैं अपने पिता के लिए जान भी दे सकती हूं दरअसल बेटियों के रहते बेटो की चाहत में बच्चा पैदा करने वाले लोगो के लिए यह एक सबक है,कि बेटे ही अधिक विश्वसनीय है, बेटे भी होते हैं लेकिन बेटियों को पराई समझना कोरी मूर्खता से अधिक कुछ नहीं है।
बधाई रोहिणी जी पिता को दूसरा जन्म देने के लिए, विश्व की सारी बेटियां आप पर हमेशा गर्व करती रहेंगी
आप सभी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेंगी।
हर पिता आप जैसी बेटी चाहेगा🙏🏻🙏🏻
🫡 सैल्यूट है आपको 🙏🏻

आज मेरी बिटिया रानी एक महीने की हो गई😘😘😘😘♥️♥️🥰🥰 happy birthday beta
02/12/2022

आज मेरी बिटिया रानी एक महीने की हो गई😘😘😘😘♥️♥️🥰🥰 happy birthday beta

02/12/2022

अमीरी भी नशा है मित्रों ..
अमीर लोग खुद कुत्ता,बिल्ली,तोता,कबूतर पालते हैं,
इनके स्वयं के बच्चों को आया पालती है, और स्वयं इनको बुढ़ापे में वृद्धाआश्रम वाले पालते हैं..!!🙏

टाइम मिले तो पढ़ लीजियेगा #बचपन में हम देखते थे कि  #हल चलाते में अगर  #बैल गोबर मूत्र आदि करे तो  #किसान कुछ देर के लिए ...
01/12/2022

टाइम मिले तो पढ़ लीजियेगा
#बचपन में हम देखते थे कि #हल चलाते में अगर #बैल गोबर मूत्र आदि करे तो #किसान कुछ देर के लिए हल रोक देते थे ताकि बैल आराम से नित्यकर्म कर सके।

जीवों के प्रति यह गहरी संवेदना उन महान #पुरखों में जन्मजात होती थी जिन्हें आजकल हम अशिक्षित कहते हैं! यह सब अभी 25-30 वर्ष पूर्व तक होता रहा!

उस जमाने का #देसीघी यदि आजकल के हिसाब से मूल्य लगाएं तो इतना शुद्ध होता था कि 2 हजार रुपये किलो तक बिक सकता है ! उस देसी घी को किसान विशेष कार्य के दिनों में हर दो दिन बाद आधा-आधा किलो घी अपने #बैलों को पिलाता था!

#टिटहरी नामक पक्षी अपने अंडे खुले खेत की मिट्टी पर देती है और उनको सेती है...हल चलाते समय यदि सामने कहीं कोई टिटहरी चिल्लाती मिलती थी तो किसान इशारा समझ जाता था और उस अंडे वाली जगह को बिना हल जोते खाली छोड़ देता था! उस जमाने में #आधुनिकशिक्षा नहीं थी!

सब आस्तिक थे! दोपहर को किसान जब आराम करने का समय होता तो सबसे पहले बैलों को पानी पिलाकर चारा डालता और फिर खुद भोजन करता था...यह एक सामान्य नियम था !

बैल जब बूढ़ा हो जाता था तो उसे #कसाइयों को बेचना शर्मनाक #सामाजिकअपराध की श्रेणी में आता था!
#बूढाबैल कई सालों तक खाली बैठा चारा खाता रहता था...मरने तक उसकी सेवा होती थी!

उस जमाने के तथाकथित अशिक्षित किसान का मानवीय तर्क था कि इतने सालों तक इसकी माँ का दूध पिया और इसकी कमाई खाई है...अब बुढापे में इसे कैसे छोड़ दें? कैसे कसाइयों को दे दें काट खाने के लिए?

जब बैल मर जाता तो किसान फफक-फफक कर रोता था और उन भरी दुपहरियों को याद करता था जब उसका यह वफादार मित्र हर कष्ट में उसके साथ होता था! माता-पिता को रोता देख किसान के बच्चे भी अपने बुड्ढे बैल की मौत पर रोने लगते थे!

पूरा जीवन काल तक बैल अपने स्वामी किसान की मूक भाषा को समझता था कि वह क्या कहना चाह रहा है?

वह पुराना भारत इतना #शिक्षित और #धनाढ्य था कि अपने #जीवनव्यवहार में ही #जीवनरस खोज लेता था । वह करोड़ों वर्ष पुरानी संस्कृति वाला वैभवशाली भारत था !

वह #अतुल्य भारत था!

पिछले 30-40 वर्ष में #लार्ड_मैकाले की शिक्षा उस गौरवशाली सुसम्पन्न भारत को निगल गई!

30/11/2022

जैसे दुल्हन ही दहेज है।🤔

वैसे ही
लड़का ही 15 बीघा जमीन और सरकारी नौकरी है🤨🤨

तराशिए खुद को इस जहां में इस कदर ,की पाने वाले को नाज़ और खोने वालों को अफसोस लगे,
30/11/2022

तराशिए खुद को इस जहां में इस कदर ,
की पाने वाले को नाज़ और खोने वालों को अफसोस लगे,

29/11/2022

मुस्कुराने की भी कोई वजह हो ,ये जरूरी तो नहीं🙂🙂

29/11/2022

मेरी बेटी

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