29/06/2024
Please sign the petition
~ दीक्षाभूमि वह स्थल जहाँ 14 अक्टूबर 1956 को डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर ने अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी आज अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है. हालात यही रहे तो यहाँ धम्मचक्र पवत्तन दिवस पर आने वाले जनसमूह का प्रवेश हमेशा के लिये प्रतिबंधित हो जाएगा.
कारण यह है कि इस स्थल पर महाराष्ट्र सरकार के आदेशानुसार पिछले कुछ महीनों से इस परिसर की ज़मीन खोद कर वाहनों के लिये तीन मंज़िली पार्किंग का निर्माण शुरु हो गया है. अब तक इतनी ज्यादा मिट्टी खोदी जा चुकी है कि उसका ढेर दीक्षाभूमि के स्तूप की बराबरी कर चुका है.
इस भीषण खुदाई से नागपुर के आम्बेडकरवादियों में रोष है और उन्होने अपने प्रयास से इस खुदाई और निर्माण कार्य को रुकवाने में सफलता हासिल की है. किंतु अब तक महाराष्ट्र सरकार या महानगर पालिका नागपुर ने इसे रोकने के लिये कोई आदेश जारी नहीं किया है. ~
0 0 Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email Read Time:2 Minute, 48 Second मिनल शेंडे (Minal Shende) दीक्षाभूमि वह स्थल, जहाँ 14 अक्टूबर 1956 को डॉ. बाबासाहेब आम्बेड....