02/02/2025
एक भारतीय महिला सलवार-कमीज पहनकर WWE की चमचमाती रिंग में उतरती है और पूरी दुनिया उसकी ताकत और साहस को सलाम करती है। यह कहानी है हरियाणा के जिंद जिले की बेटी कविता देवी की, जो न केवल WWE की रेसलर हैं, बल्कि भारतीय परंपरा और ताकत की प्रतीक भी हैं।
सपने का सफर: गांव से WWE तक
कविता देवी ने अपने सपने की शुरुआत द ग्रेट खली की "कॉन्टिनेंटल रेसलिंग अकादमी" से की। यहां उन्होंने न केवल कुश्ती के गुर सीखे, बल्कि अपने आत्मविश्वास और जुनून को एक नई दिशा दी।
2017 में, कविता ने "मे यंग क्लासिक टूर्नामेंट" में अपने WWE करियर का आगाज किया। लेकिन उनका डेब्यू सिर्फ उनके रेसलिंग कौशल की वजह से खास नहीं था—उन्होंने सलवार-कमीज पहनकर रिंग में उतरकर एक ऐसी छाप छोड़ी, जिसने पूरे विश्व को दिखा दिया कि भारतीय परंपरा और महिला शक्ति क्या होती है।
संघर्षों का सामना, सपनों का पीछा
हरियाणा की मिट्टी से उठी यह बेटी तमाम संघर्षों और बाधाओं के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही। जब दुनिया कहती थी कि WWE जैसे मंच पर महिलाओं के लिए जगह नहीं है, तब कविता ने यह साबित कर दिया कि हौसले और मेहनत से हर दरवाजा खोला जा सकता है।
भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा
कविता देवी का सफर न केवल उनकी, बल्कि हर भारतीय महिला की कहानी है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत और साहस का रास्ता चुनती है। उन्होंने दिखा दिया कि परंपरा और आधुनिकता को साथ लेकर भी ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।
कविता की लहर: गर्व का परचम
कविता देवी आज WWE में सिर्फ एक रेसलर नहीं हैं; वह भारतीय गौरव और महिला सशक्तिकरण की जीती-जागती मिसाल हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सपनों की रिंग में जीतने के लिए साहस और दृढ़ संकल्प सबसे बड़े हथियार हैं।
तो सलाम करें इस बहादुर बेटी को, जिसने न केवल WWE की रिंग में, बल्कि हमारे दिलों में भी अपनी जगह बनाई है। 🙌🇮🇳
कविता देवी, तुम हमारी सच्ची हीरो हो! 🌟❤️