01/11/2023
चमेली मेला देखने चल रही हैं??
हां रितु ,, थोड़ा बाजरा और कूट लूँ.... फिर बापू को खबरकर चलती हूँ... थोड़ी देर रूक जा...
क्या चमेली,, तू पूरे दिन घर के कामों में ही खटकती रहती हैं... और मैं तो एक ग्लास पानी भी खुद से नहीं लेती ... रितु बोली..
देख रितु ,, सबकी किस्मत एक जैसी नहीं होती ... तू ठहरी प्रधान चाचा की छोरी ... और मैं एक ऐसे किसान की बेटी हूँ जो कहने को किसान हैं पर खुद के नाम की एक हाथ भर की जमीन नहीं हैं उसके पास .... चमेली बाजरा कूटते हुए बोली...
तुझे बड़ा दुख होता होगा ना कि कैसे गरीब परिवार में जन्म हो गया मेरा... रितु चमेली का मजाक बनाते हुए बोली..
अरे नहीं री ,,, मुझे तो अपनी किस्मत पर नाज हैं... दो छोटे छोटे प्यारे भाई ,, दो बड़ी जीजी ,, माँ बापू , दो बखत की रोटी सबकुछ तो हैं ... बापू इतनी तंगी में भी हम सबको पढ़ा रहे हैं... यहीं बहुत हैं.. रही बात ठाठ बांट की वो मैं दिलाऊंगी माँ बापू को... आत्मविश्वास के साथ चमेली बोली...
ठीक हैं देख लिए तेरे ठाठ बांट,, इस जन्म में तो ऐसा होता दिखता नहीं.. अभी तेरा बाजरा कूट गया हो तो मेला चल ,, बहुत अबेर हो जायेगी...
ठीक हैं चल ,, हाथ धोकर आयीं ... दोनों सहेली एक दूसरे के हाथों में हाथ डाले मेला देखने चली गयी...
इंटर कर प्रधान चाचा की बेटी रितु इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए कोटा चली गयी... बस हर महीने पैसों की फरमाइश करती रहती.. कभी कोई बहाना,, कभी कोई...
इधर चमेली माँ बापू का काम में सहयोग करते हुए पटवारी की तैयारी करती रही... ईश्वर की कृपा से चमेली का चयन पटवारी के लिए हो गया .. उसके घर में पूरे गांव में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी...पूरे इतिहास में गांव से पहली लड़की सरकारी नौकरी में जो लगी थी.. प्रधान जी की बेटी रितु कोटा से वापस आ गयी हैं... दो साल ड्रोप भी किया पर जब एक बार बाहर की एशो आराम की ज़िन्दगी की हवा लग जाए तो पेपर निकालना नाकों चने चबवाने जैसा काम हो जाता हैं...
अपनी सहेली को खुद की गाड़ी में आता देख रितु कहती हैं... ए री ,, तूने तो सच में अपनी किस्मत बदल दी... ठाठ बांट कर दिये ताऊ ताई के ...
बस बस ,,,चमेली बोली - अगर ठान लो कि कुछ करना हैं तो कितने भी तूफान आ जायें ,, उसे किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता ... तू भी मेहनत कर ... आज नहीं तो कल तू भी मेरी जगह आ सकती हैं...
रितु मुस्कुरा भर दी ... अपनी सहेली के गले लग गयी ...
मीनाक्षी सिंह