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*पूर्व सीनियर ब्यूरोक्रेटस ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में चुनाव से पहले समान अवसर की कमी पर चिंता जताई**नई दिल्ली.* ‘कॉन...
12/04/2024

*पूर्व सीनियर ब्यूरोक्रेटस ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में चुनाव से पहले समान अवसर की कमी पर चिंता जताई*

*नई दिल्ली.* ‘कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप’ के तत्वावधान में 87 पूर्व सिविल सेवकों के एक समूह ने गुरुवार (11 अप्रैल) को *भारत के निर्वाचन आयोग* को पत्र लिखकर 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘ *समान अवसर की कमी’* को लेकर चिंता जताई है.रिपोर्ट के मुताबिक, समूह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य *नेताओं की गिरफ्तारी, कांग्रेस के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई,* टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा जैसे अन्य विपक्षी नेताओं के घरों और कार्यालयों पर *छापे और तलाशी* आदि का भी हवाला दिया है.

समूह ने कहा है कि वह इस बात से *‘बेहद चिंतित’* है कि *चुनाव आयोग* इस समय भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा *विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर कार्रवाई नहीं कर रही है.* पत्र में *प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई में आयोग की चुप्पी* का भी उल्लेख किया गया है.

*उनका पत्र इस प्रकार है:*

प्रिय *श्री राजीव कुमार/श्री ज्ञानेश कुमार/डॉ. एसएस संधू,*

हम पूर्व सिविल सेवकों का एक समूह हैं, जिन्होंने विभिन्न पदों पर केंद्र और राज्य सरकारों में सेवाएं दी हैं. *हमारा किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है* , लेकिन हम भारत के संविधान में निहित आदर्शों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं.

11 मार्च 2024 को चुनाव पर्यवेक्षकों के रूप में नामित अधिकारियों के साथ भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए *समान अवसर सुनिश्चित करने* और *चुनावों को डर और प्रलोभन से मुक्त रखने* के महत्व पर जोर दिया था. उनके इस कथन के ठीक दस दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के कठोर प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें जमानत हासिल करना बेहद मुश्किल है.

हम आला पदों पर भ्रष्टाचार की जांच करने और दोषियों को दंडित करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकार पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. हम इस गिरफ्तारी के समय को लेकर चिंतित हैं. आबकारी नीति मामले की जांच तेरह महीने से अधिक समय से चल रही है और आम आदमी पार्टी के दो प्रमुख नेता महीनों से हिरासत में हैं. संजय सिंह को हाल ही में जमानत पर रिहा किया गया है, जबकि पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अभी भी जेल में हिरासत में हैं.

भले ही यह जांच एजेंसी का मामला हो कि केजरीवाल उनके सामने पेश होने के समन से बच रहे थे, लेकिन जरूरत पड़ने पर उनके आवास पर उनसे पूछताछ करने से उन्हें कोई नहीं रोक सका. एक वरिष्ठ विपक्षी राजनीतिक नेता की ऐसे समय में गिरफ्तारी जब लोकसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी थी और आदर्श आचार संहिता लागू थी, इसमें हमें *‘जानबूझकर की गई कार्रवाई’ की बू आ रही है.*

जैसा कि आज कई कानूनी विशेषज्ञ यह कहते नहीं थकते कि कानून को अपना काम करना चाहिए. लेकिन अगर 4 जून 2024 को चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई होती, तो आसमान नहीं गिर जाता! कोई भी इस मामले में यह समझ सकता है किसी नागरिक के जीवन के अधिकार से संबंधित आपराधिक जांच में तत्काल गिरफ्तारी की गारंटी दी जा सकती है. लेकिन ये एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति के मामले में लागू नहीं होती, जिसके भागने का जोखिम शायद ही हो और जिसके मामले में इतने महीनों तक चली जांच के बाद, सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना काफी कम हो.

सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी कोई अलग उदाहरण नहीं है. ये *आम चुनाव के ठीक पहले विपक्षी दलों और नेताओं के उत्पीड़न का एक और परेशान करने वाला पैटर्न लगता है,* जो एजेंसियों की मंशा पर सवाल उठाता है.

यह हैरान करने वाली बात है कि आयकर विभाग को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ-साथ अन्य विपक्षी दलों के पुराने आकलन को फिर से क्यों खोलना पड़ा, वह भी आम चुनाव से ठीक पहले. इस वक्त लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार, तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा से संबंधित परिसरों की तलाशी लेना और अन्य विपक्षी उम्मीदवारों को नोटिस जारी करना फिर से स्पष्टीकरण की अवहेलना करता है.

जांच पूरी करने और आरोप पत्र दाखिल करने में केंद्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सुस्त रिकॉर्ड को देखते हुए इन मामलों को चुनिंदा तरीके से आगे बढ़ाने में अनुचित उत्साह इस संदेह को बढ़ाता है कि इसकी प्रेरणा केवल न्याय लागू करने की इच्छा से परे है.

इससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद राजनीतिक पदाधिकारियों की गिरफ्तारी और राजनीतिक दलों का उत्पीड़न न केवल व्यक्तियों को अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत उनके *मौलिक अधिकार* के प्रयोग से वंचित करता है, बल्कि राजनीतिक दलों का ध्यान भी भटकाता है, जो अपने चुनाव अभियान के संचालन के प्राथमिक कार्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

पिछले महीने की घटनाओं के पैटर्न में ईसीआई द्वारा जनता के बढ़ते संदेह को दबाने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है, लेकिन ईसीआई चुप है जबकि *विपक्षी दलों को चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने की स्वतंत्रता से वंचित करने के लिए प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है.*

यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह जारी न रहे, हमारा विचार है कि जिस तरह राज्यों में पूरी सरकारी मशीनरी ईसीआई के नियंत्रण और पर्यवेक्षण के तहत काम करती है, उसी तरह केंद्र सरकार के स्तर पर मशीनरी की गतिविधियां, विशेष रूप से कानून प्रवर्तन एजेंसियां, भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्तियों के प्रयोग के माध्यम से ईसीआई द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए. अन्यथा, यदि राज्य सरकार की कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​केंद्रीय एजेंसियों के समान दृष्टिकोण अपनाती हैं, तो परिणामी अराजकता पूरी चुनावी प्रक्रिया को गड़बड़ा देगी.

हम इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने में ईसीआई की विफलता से बहुत परेशान हैं. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रमुख विपक्षी दलों के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल 21 मार्च 2024 को सीईसी और चुनाव आयुक्तों से मिला था. हालांकि, इस तरह की मनमानी कार्रवाइयों से सख्ती से निपटना तो दूर चुनाव आयोग ने इस संबंध में सावधानी को लेकर एक नोट भी जारी नहीं किया है.

हमारा समूह 2017 से चुनाव आयोग के साथ बातचीत कर रहा है और आपके पूर्ववर्तियों को कई पत्र भेजे हैं. पिछले पांच वर्षों में आयोग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हमने देखा है कि चुनाव आयोग चुनावी बॉन्ड विरोध में अपने पहले के रुख से पीछे हट गया है. आयोग ने ईवीएम की अखंडता और वोटों की रिकॉर्डिंग में सटीकता सुनिश्चित करने के लिए वीवीपैट का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की आवश्यकता के बारे में विचारशील जनता और राजनीतिक दलों के मन में संदेह को दूर करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है, यह मामला अब विचाराधीन है. *न ही आयोग विशेष रूप से सत्ता में पार्टी द्वारा इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए आदर्श आचार संहिता को लागू करने में प्रभावी रहा है.*

हमारे समूह ने 2019 के लोकसभा चुनावों में ऐसे कई उदाहरण बताए थे, लेकिन हल्की-फुल्की कार्रवाई के अलावा ईसीआई बार-बार उल्लंघन करने वालों पर अपना आदेश लागू करने में विफल रहा. *मौजूदा चुनावों में भी प्रधानमंत्री जैसे व्यक्ति द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर ईसीआई द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है,* भले ही इसे उसके संज्ञान में लाया गया हो.

भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत प्रदत्त विशाल शक्तियों के बावजूद चुनाव आयोग ने हाल के वर्षों में, विशेष रूप से *स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन* को प्रभावित करने वाले कार्यों से निपटने में एक अजीब शर्म दिखा रहा है. हम आयोग से आग्रह करते हैं कि वह पिछले सात दशकों में ईसीआई का नेतृत्व करने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा दी गई शानदार विरासत’ को बनाए रखे.

आपसे उम्मीद की जाती है कि आप दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया की प्रतिष्ठा और पवित्रता बनाए रखने के लिए दृढ़ता और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करेंगे.

*सत्यमेव जयते:*
गौरतलब है कि इन हस्ताक्षरकर्ताओं में पूर्व आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईएफओएस अधिकारी शामिल हैं. इसमें प्रमुख नाम पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, यूके में पूर्व उच्चायुक्त शिव शंकर मुखर्जी, पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक जूलियो रिबेरो, पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विजयलता रेड्डी, पूर्व स्वास्थ्य सचिव के. सुजाता राव, कश्मीर पर पूर्व ओएसडी, पीएमओ, एएस दुलत, दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह आदी के हैं.

चुनाव लड़ने की  की अपनी शैली है। उनके लिए बच्चे अपनी गुल्लक देते हैं तो एक फूल बेचने वाली महिला ने अपनी अंगूठी उतार कर द...
21/03/2024

चुनाव लड़ने की

की अपनी शैली है। उनके लिए बच्चे अपनी गुल्लक देते हैं तो एक फूल बेचने वाली महिला ने अपनी अंगूठी उतार कर दे दी थी। मामा आज डेली अप-डाउनर्स से मिलने ट्रेन में सवार हो गए। स्टेशनों पर स्वागत और लाड़ली को दुलार भी होता रहा। शिवराज की जनसंपर्क शैली उस दौर में और प्रासंगिक है, जब चुनावी चंदे का शोर मचा है।

सवारी पर टिप्पणी करने वाले मामले में उज्जैन पुलिस कार्यवाहीप्रकरण दर्ज कर युवक को किया गिरफ्तारगैर जमानती धारा 505 (2) आ...
30/07/2023

सवारी पर टिप्पणी करने वाले मामले में उज्जैन पुलिस कार्यवाही
प्रकरण दर्ज कर युवक को किया गिरफ्तार
गैर जमानती धारा 505 (2) आईपीसी का अपराध पंजीबद्ध

उज्जैन । सवारी निकाल कर दिखाएं ऐसे कथन कहकर शहर का माहौल खराब करने का प्रयास करने वाले आरोपी के विरुद्ध तुरंत प्रकरण दर्ज कर आरोपी की पतारसी कर गिरफ्तारी करने एवम सख्त कार्रवाई करने हेतु श्री सचिन शर्मा पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा निर्देशित किया था।
अज्ञात युवक द्वारा सवारी निकाल कर दिखाने की बात कही जाने का वीडियो प्राप्त होने पर थाना माधवनगर पर आवेदक महेश तिवारी की रिपोर्ट पर गैर जमानती धारा 505 (2) आईपीसी का अपराध पंजीबद्ध किया गया था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आकाश भूरिया एवं सीएसपी श्री सचिन परते के मार्गदर्शन में आरोपी की पतारसी एवं गिरफ्तारी हेतु टीमें गठित की गई और वीडियो के आधार पर आरोपी की पहचान की गई और गिरफ्तारी हेतु आरोपी के रिश्तेदारों एवं संभावित स्थानों पर दबिश दी गई सूचना के आधार पर नागझिरी से आरोपी को गिरफ्तार किया गया और इस तरह का कथन किए जाने के संबंध में विस्तृत पूछताछ किए जाने के बाद आरोपी को न्यायालय पेश किया जाएगा।
इस कार्य में थाना प्रभारी माधव नगर TI मनीष लोधा, थाना प्रभारी महाकाल TI मुनेंद्र गौतम, SI रविंद्र कटारे, उप निरीक्षक प्रतीक यादव प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र सूर्यवंशी की सराहनीय भूमिका रही

05/06/2023

ब्रेकिंग: प्रशासन ध्यान दे-* क्षिप्रा नदी पर लाउड स्पीकर से जो यात्रियों को निर्देश दिए जा रहे है उसमे कहा जा रहा है कि *"अपने बच्चों और बुढ्ढों को हाथ पकड़कर स्नान कराएं* " जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही है । कृपया इसे "अपने बच्चों और बुजुर्गों को..." करवाए ।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने उज्जैन के नागदा में मारा छापा। चार युवकों को हिरासत में लेकर एनआईए कर रही है पूछताछ। नागद...
21/02/2023

राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने उज्जैन के नागदा में मारा छापा। चार युवकों को हिरासत में लेकर एनआईए कर रही है पूछताछ। नागदा में एनआईए की कार्रवाई की उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने की पुष्टि।

उज्जैन जिले के
नागदा में एनआइए ने छापा मारा है । चार लोंगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। नागदा एनआईए की टीम कार्यवाही कर रही उजैन एसपी ने की पुष्टि ।
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एनआइए ने अपराधिक सिंडिकेट के खिलाफ मध्य प्रदेश समेत 8 राज्यों में 70 स्थानों पर कार्रवाई की है।
उज्जैन ।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआइए) ने अपराधिक सिंडिकेट के खिलाफ मध्य प्रदेश समेत 8 राज्यों में 70 स्थानों पर कार्रवाई की है। प्रदेश में उज्जैन जिले के नागदा के दुर्गापुरा इलाके से चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। एनआईए की टीम गिरफ्तार युवकों से पूछताछ कर रही है इनमें से एक का नाम दीपक भाटी बताया गया है, इससे दिल्ली के गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई से जुड़े मामले में पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस मुख्यालय में राकेट दागने वाले लारेंस बिश्नोई गैंग के 11 आरोपियों में दो फरारी के दौरान उज्जैन और नागदा में रुके थे इसी आधार पर जांच के लिए टीम उज्जैन जिले के नागदा पहुंची और चार युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है । इस मामले में उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने बताया कि एनआईए की टीम उज्जैन जिले के नागदा में पहुंची है और कार्यवाही कर रही है हमसे स्थानीय पुलिस की मदद मांगी थी नागदा बिरलाग्राम थाना एनआईए टीम के साथ में मौजूद है ।

16/02/2023

महाकाल मंदिर में लाखों का घोटाला-फर्जीवाड़ा-भ्रष्टाचार की ख़बर
रैकेट/सिंडिकेट/गिरोह का खुलासा किया मंदिर प्रशासक ने एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल पर....कलेक्टर ने सिरे से नकारा घोटाले को

सिटीटीवी डेस्क न्यूज़
पत्रकार-अर्पण कुमार
उज्जैन । महाकाल मंदिर परिसर में महाकाल लोक बनने के बाद से ही श्रद्धालुओं की संख्या में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है, भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकार ने महाकाल मंदिर व उज्जैन शहर की इंटरनेशनल ब्रांडिग पर भी पिछले कुछ वर्षों में अच्छा काम किया है, जिससे उज्जैन में पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है साथ ही शहर की अर्थव्यवस्था भी सुधरी है ।

विस्तार से -
महाकाल मंदिर में व्यवस्थाओं, प्रचलित निर्माण कार्य, महाकाल लोक, प्रशासनिक निर्णयों को लेकर भी अधिकारियों में श्रेय लेने की होड़ मची है । अधिकारी विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पदस्थ होकर अपने आप को भी प्रसिद्ध करने का मौका नहीं चूक रहे,अधिकारी-कर्मचारियों को अवश्य स्मरण रहना चाहिए कि महाकाल मंदिर में महाकाल ने आपको अपनी सेवा का अवसर दिया है, पर कल जिस तरह प्रसिद्धि पाने की होड़ में मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने देश के जाने माने न्यूज़ चैनल पर जो खुलासा किया है जिसमे बताया गया कि महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल को लेकर प्रतिदिन 20 से 80 लाख रुपये का भष्टाचार हो रहा था, इस ख़बर में कितनी सत्यता है हम तो सिद्ध नहीं कर सकते पर इस राष्ट्रीय चैनल पर जो बयान और व्यक्तव्य मंदिर प्रशासक सोनी द्वारा दिए गए इससे कई प्रश्न खड़े होते है ?

गोदी मीडिया में प्रकाशित समाचार के अनुसार-

1. इतना बड़ा घोटाला- भष्टाचार मंदिर में हो रहा था तो अधिकारियों ने इस पर क्या कार्यवाही की ?
2. ख़बर प्रसारित करने वाले न्यूज़ चैनल की मानें तो एक गिरोह-सिंडिकेट इसके पीछे काम कर रहा था । जब प्रशासक सोनी को इस बारे में पता चला तो उन्होंने कोई लिखित शिकायत कलेक्टर व पुलिस प्रशासन को क्यों नही की ?
3. रैकेट में तथाकथित कर्मचारियों-राजनैतिक दल के सदस्यों व कथित मीडियाकर्मियों का भी उल्लेख है, जो प्रोटोकॉल की आड़ में घोटाले को अंजाम दे रहे थे, इनके नामो का खुलासा प्रशासक सोनी ने क्यो नही किया ?
4. सोनी की मानें तो उक्त लोग जो इस प्रकार के सिंडिकेट में शामिल थे उनका पर्दाफाश होना आसान नहीं था। जब लोगो के नाम ही उजागर नहीं किये गए तो कौनसा पर्दाफाश ?

ऐसे कई प्रश्न है जो संदीप सोनी के बयान से खड़े होते है, विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के आय- व्यय में इस प्रकार का घोटाला हुआ है तो कलेक्टर क्यों नकार रहे घोटाले को ?

एक समाचार पत्र के पोर्टल की माने तो कलेक्टर ने घोटाले की बात को सिरे से नकार दिया है कहा है कि मंदिर में आय की वृद्धि हुई है कोई घोटाला नहीं हुआ पर यहां यह बात गौर करने लायक है कि कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम और प्रशासन संदीप सोनी दोनो के बयान विरोधाभासी है ।
कौन सही कौन गलत कह रहा है यह तो स्वयं महाकाल ही जाने पर अधिकारियों के इस प्रकार के बयान से मंदिर की व्यवस्थाओं छवि तो धूमिल हो रही है वहीं 2 दिन बाद शिवरात्रि का महापर्व है, शिवरात्रि पर देश- विदेश से श्रद्धालु बड़ी संख्या में राजाधिराज महाकाल के दर्शन के लिए आते है उन पर अधिकारियों के इस प्रकार के अनर्गल बयानों से क्या प्रभाव पड़ेगा ?

*ब्रेकिंग- आईएएस नियाज खान की नई पुस्तक "ब्राह्मण द ग्रेट" का कवर जारी*  ``` *CTTV NEWS DESK* ```भोपाल। मप्र के चर्चित आ...
16/02/2023

*ब्रेकिंग- आईएएस नियाज खान की नई पुस्तक "ब्राह्मण द ग्रेट" का कवर जारी*
``` *CTTV NEWS DESK* ```
भोपाल। मप्र के चर्चित आईएएस नियाज खान ने आज अपनी नई पुस्तक "ब्राह्मण द ग्रेट" का कवर पेज जारी करते हुए बताया है कि उपन्यास के रूप में लिखी गई उनकी *इस पुस्तक से ब्राह्मणों को गौरव का अनुभव होगा।*

नियाज खान ने आज ट्वीटर पर कवर जारी करते हुए लिखा है कि - मैं अपनी किताब का कवर पेज जारी कर रहा हूं। मेरी किताब के नायक, शुभेंद्र उर्फ ​​जूनियर कौटिल्य, एक ब्राह्मण, यूएसए में सीईओ की अपनी प्रतिष्ठित नौकरी से इस्तीफा दे देता है और ब्राह्मणों के लिए अपने परिवार के साथ अपने सभी संबंध समाप्त कर लेता है। एक ऋषि के रूप में वह हर ब्राह्मण का खोया हुआ गौरव वापस पाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

12/01/2023
नवनियुक्त अध्यक्ष के छलक पड़े आँसू अर्पण कुमारउज्जैन । यह वाक्या आज का है जब आज कॉंग्रेस के नवनियुक्त शहर अध्यक्ष की पदभा...
26/05/2022

नवनियुक्त अध्यक्ष के छलक पड़े आँसू

अर्पण कुमार

उज्जैन । यह वाक्या आज का है जब आज कॉंग्रेस के नवनियुक्त शहर अध्यक्ष की पदभार रैली थी । महाकाल मंदिर से शुरू हुई पदभार रैली के दौरान जब कांग्रेसियों व आम जनता ने जब रवि भदौरिया स्वागत किया तो वह भाव विभोर हो गए । रैली में बड़ी संख्या में कॉंग्रेस के नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे । भदौरिया की नियुक्ति से कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है । रैली के दौरान जनता व कार्यकर्ताओं का स्नेह पाकर शहर अध्यक्ष की आँख में खुशी के आँसू झलक पड़े । भदौरिया पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी माने जाते है । नगर निगम चुनाव के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भदौरिया की नियुक्ति से युवाओं में काफ़ी उत्साह है । काँग्रेस के युवाओं को अपने नवनियुक्त युवा शहर अध्यक्ष के काफ़ी उम्मीदे है । अब देखना है कि निगम चुनाव में भदौरिया क्या कमाल कर पाते है ।

महाकाल मंदिर के नाम पर "अनाथ लड़कियों की शादियों" का फर्जीवाड़ामहाकाल मंदिर प्रशासन ने की पुलिस में शिकायतठग रामपाल महाराज...
21/05/2022

महाकाल मंदिर के नाम पर "अनाथ लड़कियों की शादियों" का फर्जीवाड़ा
महाकाल मंदिर प्रशासन ने की पुलिस में शिकायत
ठग रामपाल महाराज का अभी भी कर रहा शादी के लिए लड़कियों की बुकिंग

अर्पण कुमार

उज्जैन । महाकाल मंदिर के नाम पर ठगी और फर्जीवाड़े की शिकायतें आये दिन आती रहती है, पिछले कुछ समय मे महाकाल भस्मार्ती बुकिंग, प्रसाद, दर्शन को लेकर सायबर ठगी की शिकायते आती रही है पर शादियों के नाम पर ठगी का यह पहला मामला है जिसमे अनाथ युवतियों की शादी को लेकर महाकाल मंदिर को आयोजक के रूप में प्रसारित कर लोगो को ठगा जा रहा है ।

हमारी पड़ताल में सामने आया कि उक्त पेम्पलेट कई राज्यो में बटवाई गई, अनाथ युवतियों से शादी कराने को लेकर कुँवारे लड़को से पैसे की मांग भी की जा रही है । खास बात तो यह है कि इस विज्ञापन में आने वाली 26 मई को विवाह स्थल भी महाकाल मंदिर छापा गया है । कई युवा या शादीशुदा-तलाकशुदा-विदुर इस झांसे में आ गए होंगे । विज्ञापन में रामपाल महाराज नामक व्यक्ति अपने मोबाइल नंबर (8602591563) से लोगो को ठग रहा है ।
जब महाकाल मंदिर प्रशासन से बात की गई तो उन्हें इस मामले की जानकारी पहले से ही थी, मंदिर समिति ने उक्त व्यक्ति की लिखित शिकायत महाकाल थाने में दर्ज की है।
खास बात यह है कि शिकायत करने के बाद भी उक्त व्यक्ति से जब हमारी टीम ने अपना परिचय दिए बिना बात की तो उसने हमें झांसे में लेने का प्रयास किया व क्या कहा यह आप आडियो में सुन सकते है । पुलिस को चाहिए कि उक्त व्यक्ति को तत्काल गिरफ्तार करे, जिससे अधिक लोगो को ठगी से बचाया जा सके व इस शादी रैकेट का खुलासा हो ।

9 लाख नगद, 9 मोबाईल सहित 90 लाख का हिसाब लिखी डायरी बरामद उज्जैन। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आईपीएल (IPL) क्रिकेट का सट...
19/05/2022

9 लाख नगद, 9 मोबाईल सहित 90 लाख का हिसाब लिखी डायरी बरामद

उज्जैन। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आईपीएल (IPL) क्रिकेट का सट्टा चला रहे भाजपा नेता के भतीजों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बड़ी संख्या में 9 लाख से अधिक नगदी राशि, 9 मोबाईल, सेटआप बाक्स, एलईडी टीवी सहित 90 लाख रूपये के हिसाब की डायरी मिली है। तीनों आरोपी भाजपा के पूर्व पार्षद के भजीते बताये जा रहे है।

कोतवाली थाना प्रभारी अमित सोलंकी ने बताया की बीती राज 12 बजे मुखबिर की सुचना पर मेट्रो टाकीज की गली स्थित एक मकान में आईपीएल (IPL) क्रिकेट का सट्टा चलने की सूचना मिली थी। जिस पर टीम द्वारा दबिश दी गई तो यहां से मयंक तिवारी, राज तिवारी व ललित तिवारी नामक युवकों को आईपीएल (IPL) क्रिकेट का सट्टा खेलते पकड़ा गया। पुलिस आरोपियों के पुराने रिकार्ड भी खंगाल रही है।

यह सामग्री पुलिस ने की जप्त
बताया जाता है कि पुलिस ने मयंक तिवारी, राज तिवारी और ललित तिवारी के पास से 9 लाख 97 हजार रूपये नगद, 9 मोबाईल, सेटटॉप बॉक्स, एक एलईडी टीवी सहित 90 लाख रूपये का हिसाब लिखे दस्तावेज भी जप्त किये है। तीनों युवकों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर पुलिस ने मामले को विवेचना में लिया है। आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय पेश किया जाएगा।

भाजपा नेता के भतीजे, खुद को बता रहे थे भाजयुमो से जुड़ा
बताया जाता है कि तीनों आरोपी भाजपा के पूर्व पार्षद के भतीजे है, जब पुलिस ने यहां पर दबिश दी तो पुलिस पर सत्ताधारी दल का दबाव बनाने के लिए एक युवक ने खुद को भाजयुमो नेता बताते हुए कार्यवाही नही करने की बात कहीं। वहीं इनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को रूकवाने के लिए भी कुछ भाजपा नेताओं के फोन लगातार पुलिस के पास पहुंच रहे थे, लेकिन मामला इतना बड़ा था कि पुलिस ने किसी के भी दबाव में ना आकर ईमानदारी से प्रकरण दर्ज किया। बताया जाता है कि ललित तिवारी वर्ष 2016 में हुए नकली नोट कांड में भी पकड़ाया था।

मध्य प्रदेश पंचायत/नगरीय निकाय चुनाव का रास्ता साफ : सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिए मध्य प्रदेश पंचायत एवं नगरी निकाय च...
18/05/2022

मध्य प्रदेश पंचायत/नगरीय निकाय चुनाव का रास्ता साफ : सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिए

मध्य प्रदेश पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव (MP Panchayat & Nagari Nikay Election 2022) का रास्ता साफ हो चुका है। चुनाव सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देश एवं आज दिए गए नवीन दिशा निर्देशों के अनुसार होंगे।

MP Panchayat & Nagari Nikay Election 2022 | मध्यप्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा है कि एक सप्ताह में आरक्षण नोटिफाई किया जाए। अगले एक सप्ताह में चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। एडवोकेट वरुण ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50% (OBC, SC/ST को मिलाकर) से अधिक नहीं होगा।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने OBC वर्ग को आरक्षण देने के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका (एप्लिकेशन फॉर मॉडिफिकेशन) दाखिल की थी। इस पर 17 मई को भी सुनवाई हुई। सरकार ने OBC आरक्षण देने के लिए 2011 जनसंख्या के आंकड़े प्रस्तुत किए थे। इसके अनुसार प्रदेश में OBC की 51% आबादी बताई गई है। सरकार का माना था कि इस आधार पर OBC को आरक्षण मिलता है तो उसके साथ न्याय हो सकेगा। वहीं, दूसरे पक्ष की ओर से कहा गया था कि सरकार की ओर से कोई लापरवाही भी होती है तो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को उसका संवैधानिक अधिकार (आरक्षण) मिलना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिए (MP Panchayat & Nagari Nikay Election 2022)

मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत तक ओबीसी आरक्षण के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने 15 दिन में चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश भी दिए। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कल हुई सुनवाई में सरकार की ओर से राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की ओबीसी आरक्षण संबंधी विस्तृत रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया। सरकार के वकीलों की ओर से लगभग दो घंटे तक ओबीसी आरक्षण के पक्ष में दलील दी गई।

कोर्ट ने ओबीसी के लिए आरक्षण तय करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में और जानकारी मांगी है। पिछड़ा वर्ग को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट कराया गया है। याचिकाकर्ता सैयद जाफर के वकील वरुण ठाकुर ने बताया कि आयोग की रिपोर्ट को लेकर सरकार का पक्ष सुना गया। अगली सुनवाई में सरकार की ओर से ट्रिपल टेस्ट के लिए अपनाई गई प्रक्रिया सहित अन्य जानकारी दी गई।

प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर मजबूती से रखा पक्ष

नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार ने कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखा है। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की वस्तृत रिपोर्ट रखी है। कोर्ट ने कुछ और जानकारी मांगी है। वह उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसा निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया जाएगा उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तरह तैयारी में जुटा

MP Panchayat & Nagari Nikay Election 2022 | नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने की तैयारी कर चुके राज्य निर्वाचन आयोग में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के परिणाम का इंतजार होता रहा। दरअसल, आयोग को 24 मई तक चुनाव की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए गए हैं। इसका पालन प्रतिवेदन भी दिया जाना है।

MP निकाय-पंचायत चुनाव पर बड़ी अपडेट, OBC आरक्षण पर सुनवाई पूरी, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने फैसला स...
17/05/2022

MP निकाय-पंचायत चुनाव पर बड़ी अपडेट, OBC आरक्षण पर सुनवाई पूरी, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, ऐसे में एमपी में निकाय और पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे या नहीं, इसके लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP Urban Bodies and Panchayat elections 2022. मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर है। आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा लगाई गई याचिका पर फैसला नहीं हो पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, ऐसे में एमपी में निकाय और पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे या नहीं, इसके लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

दरअसल, बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत और नगरीय निकाय 2022 में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा था कि बिना ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में चुनाव करवाएं जाएं और मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे कि 15 दिन के अंदर पंचायत चुनाव एवं नगर पालिका चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकीलों की टीम से मुलाकात की और देर शाम संशोधन याचिका पेश की है, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की ।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन में कोर्ट ने सारे तथ्यों को सुनने के राज्य सरकार से कुछ और जानकारी मांगी है। एक बार फिर से कल या परसों मामले पर सुनवाई होगी। कोर्ट से मांगी गई जानकारी को सरकार कराएगी मुहैया। सुत्रों की मानें तो सरकार के आवेदन पर यदि सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती है तो राज्य निर्वाचन आयोग इसी सप्ताह चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। आयोग ने इसके लिए सभी तैयारियां कर ली हैं।

इसके लिए शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की वार्डवार रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है और पुनर्विचार आवेदन में 2022 के परिसीमन से चुनाव कराने की अनुमति मांगी है। राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने की अनुशंसा सरकार से की है।वही राज्य निर्वाचन चुनाव आयोग को दो सप्ताह के बजाय 4 सप्ताह में चुनाव की सूचना जारी करने का आदेश दिया जाए। आयोग का दावा है कि प्रदेश में 48 प्रतिशत मतदाता ओबीसी है, इसलिए इस वर्ग को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए।

मध्यप्रदेश में जून में हो सकते है पंचायत और निकाय चुनाव, जल्द जारी होगी चुनावी अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रा...
11/05/2022

मध्यप्रदेश में जून में हो सकते है पंचायत और निकाय चुनाव, जल्द जारी होगी चुनावी अधिसूचना
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त बंसत प्रताप सिंह का बड़ा बयान

अर्पण कुमार

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मध्यप्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव कब होंगे, यह अब सबसे बड़ा सवाल बन गया है। सुप्रीम कोर्ट के दो सप्ताह में चुनावी अधिसूचना जारी करने के निर्देश देने के बाद आज राजधानी भोपाल में निर्वाचन आयोग की बड़ी बैठक हुई है। बैठक के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त बंसत प्रताप सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग पंचायत और निकाय चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है और 30 जून तक निकाय और पंचायत चुनाव करा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली है और आयोग आज की तारीख में चुनावी अधिसूचना जारी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और 23 या 24 मई तक चुनावी अधिसूचना जारी हो सकती है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त बंसत प्रताप सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव कराने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जो भी डेटा उपलब्ध है उसके आधार पर ही चुनाव कराए जाएंगे।

उज्जैन में एक ही परिवार के 3 लोगों की हुई हत्या के मामले में पुलिस का खुलासा, उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने कहा कि ब्या...
14/04/2022

उज्जैन में एक ही परिवार के 3 लोगों की हुई हत्या के मामले में पुलिस का खुलासा, उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने कहा कि ब्याज के रुपए के लेनदेन में व्यापारी और ऑटो चालक ने मिलकर दिया पूरे घटनाक्रम को अंजाम दोनों आरोपी गिरफ्तार

अर्पण कुमार

उज्जैन । एक ही परिवार के तीन लोगों की हुई नृशंस और अंधे कत्ल के मामले में पुलिस का खुलासा 11 अप्रैल को पुलिस ने इंगोरिया थाना अंतर्गत ग्राम बुरावदा जंगल से दो लाश बरामद की थी लाशों के पास मिले मोबाइल के आधार पर दोनों लाशों की पहचान 50 वर्षीय राजेश नागर और 20 वर्षीय उनके पुत्र पार्थ नागर की थी, जांच के बाद पुलिस जीवाजी गंज थाना अंतर्गत पिपली नाका स्थित कॉलोनी हरि नगर पहुंची थी मृतक राजेश के घर में पहुंचने के बाद राजेश की मां 75 वर्षीय सरोज नागर की लाश भी घर की पलंग पेटी से मिली थी उज्जैन उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने बताया कि ब्याज के रुपयों के लेनदेन के लिए दो लोगों ने मिलकर इन हत्याओं को कर घटनाक्रम को दिया अंजाम हत्या कर लाशें छुपा दी थी । मृतक राजेश ब्याज से दिए गए रुपयों के लिए करता था परेशान इसलिए की हत्या पुलिस ने एक आरोपी को किया सागर से गिरफ्तार एक आरोपी इंदौर से गिरफ्तार । पुलिस के अनुसार एक आरोपी दाल चांवल का व्यापारी है और दूसरा ऑटो चलाता है दोनों ही को राजेश नागर ने रुपए उधार दे रखे थे दाल चावल के व्यापारी को 4 लाख रुपए और ऑटो चालक को 20 हजार रुपए ब्याज पर दिए थे यही रुपए वापस मांगने पर आरोपियों ने घटनाक्रम को अंजाम दिया आरोपी दोनों पिता-पुत्र को ऑटो रिक्शा में बैठा कर बड़नगर में रुपए देने का कह कर ले गए और इंगोरिया के पास ले जाकर आंखों में मिर्ची का पाउडर डालकर दोनों की चाकू से हत्या कर दी उसके बाद हरि नगर स्थित राजेश नागर के घर पहुंचे और राजेश नागर की 75 वर्ष की मां सरोज नागर की भी गला घोंट कर हत्या कर दी पुलिस इस पूरे मामले में बहुत ही सूक्ष्मता से साक्ष्य जुटाकर सनसनीखेज और गंभीर प्रकरण के रूप में जांच कर न्यायालय में पेश करेगी ।

सिटीटीवी ब्रेकिंग
12/04/2022

सिटीटीवी ब्रेकिंग

Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन में शुरू हुआ युद्ध, फंसे भारत के 20 हजार से ज्यादा लोगरूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ गई...
24/02/2022

Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन में शुरू हुआ युद्ध, फंसे भारत के 20 हजार से ज्यादा लोग
रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ गई है। इससे पूरे विश्व के लोगों में भी टेंशन बढ़ गई है। क्योंकि यूक्रेन में भारत के कई छात्र-छात्राएं पढ़ाई व जॉब कर रहे हैं। ऐसे में उनके परिजनों में चिंता बढ़ गई है।

रूस-यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई बैठक, आज रात रूसी राष्ट्रपति से कर सकते हैं बात-

राष्ट्रपति पुतिन द्वारा सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद रूस ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले शुरू कर दिए हैं। इस हमले में कम से कम 50 लोगों की मौत हुई है। इनमें 10 आम नागरिकों के मारे जाने की बात सामने आई है। यूक्रेन ने भी रूस के 50 सैनिक मारने की बात कही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडाइमिर जेलेंस्की ने इस बीच रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का एलान किया। इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को कैसे रोका जाए, इसे लेकर यूरोपीय संघ के उच्चायुक्त ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की। फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन संकट को लेकर उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं। बताया गया है कि आज रात तक पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर सकते हैं।

Ukraine-Russia War Live: यूक्रेन में घुसी रूसी सेना, राजधानी कीव में मिसाइल अटैक, जानिए कौन से इलाके बने निशाना Ukraine-...
24/02/2022

Ukraine-Russia War Live: यूक्रेन में घुसी रूसी सेना, राजधानी कीव में मिसाइल अटैक, जानिए कौन से इलाके बने निशाना

Ukraine-Russia war: यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई शुरू हो गई है. इस बीच यूक्रेन की राजधानी कीव, शहर खार्किव में धमाके सुने गए हैं.

यूक्रेन में कई जगहों पर धमाके हुए हैं
पुतिन ने दी धमकी- कोई दखल ना दे
अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन का आया बयान

रूस ने यूक्रेन के साथ जंग की शुरुआत कर दी है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के ऐलान के बाद यूक्रेन में कई जगह धमाके सुनाई दिए हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव पर तो क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला होने की जानकारी मिली है. पुतिन ने सैन्य कार्रवाई का ऐलान करते हुए धमकी भी दी कि कोई इस मामले में दखल ना दे, वरना अंजाम बुरा होगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन-रूस के युद्ध को टाला नहीं जा सकता. इसलिए रूस स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन लॉन्च कर रहा है. इसका लक्ष्य यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है. पुतिन ने यूक्रेन की सेना को कहा है कि वह हथियार डालें और अपने घर जाएं.
Credit: aaj tak

अहमदाबाद ब्लास्ट के 49 दोषियों में 8 मध्यप्रदेश के निवासी, 3 उज्जैन शहर से.....इन्हें मिली फांसी उज्जैन। गुजरात के अहमदा...
19/02/2022

अहमदाबाद ब्लास्ट के 49 दोषियों में 8 मध्यप्रदेश के निवासी, 3 उज्जैन शहर से.....इन्हें मिली फांसी

उज्जैन। गुजरात के अहमदाबाद में सीरियल धमाकों के 49 आरोपियों में से 38 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि 11 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इन्हीं आरोपियों में से आठ आरोपी मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं।

जिन 49 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, उनमें से 8 आरोपी मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। इनमें से तीन भोपाल जेल में हैं। तीनों को ही फांसी की सजा सुनाई गई है। इनके अलावा फांसी की सजा पाने वाले दो आरोपी इंदौर के रहने वाले हैं। जिन तीन आरोपियों को आजीवन जेल में रहने की सजा मिली है, उनमें दो उज्जैन और एक जबलपुर का रहने वाला है।

गौरतलब है कि अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट के भीतर एक के बाद एक 21 बम धमाके हुए थे। 56 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। 13 साल बाद दोषियों को सजा मिली। पुलिस का दावा है कि यह आरोपी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं। इनपर आरोप था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए अहमदाबाद में बम धमाके किए थे।

सीरियल ब्लास्ट मामले में 2 फरवरी को कोर्ट फैसला सुनाने वाली थी। लेकिन, 30 जनवरी को ही स्पेशल कोर्ट के जज एआर पटले कोरोना पाजिटिव हो गए थे। इसके बाद फैसला 8 फरवरी तक टल गया था। इसी दिन कोर्ट ने 49 लोगों को दोषी करार दिया था और 28 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया। शुक्रवार 18 फरवरी को कोर्ट ने इन्हें सजा सुनाई है।

• फांसी की सजा वाले
1. कमरुद्दीन नागौरी भोपाल जेल निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश
2. आमिल परवाज भोपाल जेल निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश
3. सफदर नागौरी भोपाल जेल निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश
4. अमीन शेख निवासी इन्दौर मध्य प्रदेश
5. मोहम्मद मूवीन निवासी इन्दौर मध्य प्रदेश
Credit:patrika

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