22/08/2021
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है रक्षाबंधन - महात्मा समता बाई जी
मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में आज दीना नगर स्थित मां राजराजेश्वरी आश्रम में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर आश्रम में पधारे केंद्रीय रिजर्व पुलिस की 187 बटालियन के जबानों की कलाईयों पर आश्रम प्रभारी महात्मा समता बाई जी ने रक्षा सूत्र बांध कर उनके उज्जवल भविष्य और स्वस्थ जीवन और लम्बी आयु की कामना करते हुए उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं पेश कर आशीर्वचन दिए।
तत्पश्चात आश्रम में एकत्रित श्रद्धालुओं की कलाईयों पर भी बाई जी ने रक्षासूत्र बांधे और सबके सुखद भविष्य की मंगल कामनाएं प्रस्तुत की गई।
अपने संबोधन में बाई जी ने बताया कि रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन धूम-धाम से मनाया जाता है। हर साल बहन अपने भाई की कलाई में विधि अनुसार राखी बांधती है और अपनी रक्षा का वचन मांगती है परिणामस्वरूप भाई अपनी बहन को उपहार स्वरूप कुछ न कुछ देता है। रक्षा करने और करवाने के लिए बांधा जाने वाला पवित्र धागा रक्षा बंधन कहलाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनके कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
उनका कहना था कि सदियों से चली आ रही रीति के मुताबिक, बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है जिसे वृक्ष-रक्षाबंधन भी कहा जाता है जिसे पर्यावरण संरक्षण भी कहा जा सकता है। आज के दिन हम सबको मिलकर देश रक्षा का भी संकल्प लेना चाहिए।