25/11/2024
मेवाड़ पति श्री एकलिंग नाथ जी के दीवान की गादी पर महाराणा विश्वराज सिंह जी का गढ़ चितौड़ स्थित फ़तह प्रकाश महल में राजतिलक हुआ । वही चित्तौड़ क़िला जिसे विश्वराज सिंह जी के पड़ दादा महाराणा भूपाल सिंह जी ने भारत सरकार को दिया था …. मुफ़्त में .. ना बेचा था ना कोई युद्ध या जुआ में हारे थे । और वह सिर्फ़ मेवाड़ के महाराणा नहीं थे, स्वतंत्र राजस्थान के महा राज प्रमुख थे । जी हाँ । आज जिसे महामहिम राज्यपाल का पद कहा जाता है उस पर आजीवन मेवाड़ महाराणा भूपाल सिंह जी आसीन थे और प्रारंभिक मुख्यमंत्रियों और उनकी कैबिनेट की नियुक्ति पर उन्हीं की मौहर लगती थी, उन्हीं महाराणा भूपाल सिंह जी के पौत्र के निधन पर चित्तौड़ दुर्ग पर आयोजित कार्यक्रम पर आपत्ति उठाना बेहद शर्मनाक कृत्य है । राजपूताना आदि के महाराजाओं ने भारत सरकार के साथ जिस मान सम्मान और मर्यादा के विश्वास पर Instrument of Accession पर sign कर अपनी रियासतों का भारत में विलय किया था, उस विश्वास को हमारे देश की एक सरकार ने तोड़ा था । एक विश्वासघात पर शर्मिंदा होना चाहिए..शेखी नहीं बघारनी चाहिए ।
महाराणा साहब का राजतिलक चित्तौड़ दुर्ग में होने से इस आयोजन को महारानी पद्मिनी जी महारानी कर्णावती जी, रानी फूल कंवर जी, श्री वीरवर कल्ला जी जयमल जी पत्ता जी गौरा जी बादल जी रावत शाहीदास जी राजराणा सुरतन सिंह जी ईश्वरी दास जी डोडिया जी भैरों सोलंकी जी महारावत बाघ सिंह जी राणा लक्ष्मण सिंह जी सहित उन लाखों वीरों और वीरांगनाओं का दिव्य आशीष मिले, जिन्होंने इसी चित्तौड़ दुर्ग में मेवाड़ की आन के लिए सब कुछ बलिदान कर दिया था । श्री एकलिंग नाथ री जय । जय मेवाड़ ।